RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
भैया : मैं समझा दूंगा , तू फिक्र मत कर !
रमेश : क्या समझा देंगे भैया , आपको तो पता है कि मैं बाप नहीं बन सकता , मेरे अंदर कमज़ोरी है !
भैया : तू ठीक हो जायेगा मेरे भाई , दवा कर रहा हूँ ना मैं तेरी , बस 5 - 6 साल की बात है !
रमेश : कोई गारंटी तो नहीं है ना भैया कि मैं ठीक हो जाऊँगा , और माँ का क्या !भैया ये बेकार कि बातें हैं , आप वैसा ही करेंगे जैसा मैंने आपको कहा है !आप अपने भाई के बच्चे के बाप बनेंगे ! पिछले 8 महीने से मैं आपको समझा रहा हूँ , कि आप 'सोना' के साथ सेक्स कर लो और उसको माँ बना दो !
भैया : तू पागल हो गया है , वो मेरी बेटी कि तरह है , बहू है वो मेरी , मैं ये पाप नहीं कर सकता !मैं कोई और इंतज़ाम कर दूंगा , किसी भरोसे के आदमी का वीर्य उसके गर्भ में ट्रांसप्लांट करा दूंगा , या अगर वो तैयार हो गई तो सेक्स करा दूंगा !लेकिन मैं ये पाप नहीं करूँगा !
रमेश: वाह भैया , तीन भाई हैं हम और हमारा खानदान कोई और आगे बढ़ाएगा , मैं ये नहीं होने दूंगा ! आपको करना ही होगा सेक्स !
भैया : देख अगर ये बात है तो वीर्य मैं डोनेट कर दूंगा ! पर मैं उसको छू नहीं सकता , मुझे ये सोच कर भी अपने पर घिन आती है !
रमेश :भैया, आपका वीर्य अगर उसके गर्भ में जाता है , तो आपको अच्छा लगेगा लेकिन सेक्स नहीं , ये मेरी समझ में नहीं आया ! देखिये भैया , मैं उसे अपने जान से ज्यादा प्यार करता हूँ , मैंने उसे अधूरे सेक्स के बाद तड़पते हुए देखा है ! उसको हक़ है कि पति उसको पूरा संतुष्ट करे ! बदन कि भूख अगर उसे किसी और मर्द के पास ले गयी , तो मेरा क्या होगा !मैं खुद चाहता हूँ कि उसको पूरा सेक्स का आनंद मिले , और मुझे आपसे ज्यादा सही आदमी कोई नहीं लगता !घर कि बात घर में रहेगी , खानदान को वारिस भी मिल जायेगा , माँ भी खुश, मैं भी खुश ! और आपने भी तो शादी नहीं की, वो हम दोनों भाइयों की पत्नी रहेगी, आप भी पत्नी सुख ले पाएंगे !
भैया : फालतू बातें मत कर यार ! ये सब मुझसे नहीं होगा !
रमेश : भैया मैं नपुंसक का कलंक नहीं झेल सकता , माँ जिद करेगी तो मैं सुसाइड कर लूंगा , लेकिन शादी नहीं करूँगा !
भैया : (रोते हुए ) मत बोल भाई ऐसा , मैंने तुम दोनों भाइयों के लिए अपनी सारी खुशियां क़ुर्बान कर दी , अब तू ऐसा कुछ नहीं करेगा ! तू जैसे कहता है , मैं वैसे ही करूँगा ! तू क़सम खा मेरी की फिर कभी ऐसा सोचेगा भी नहीं !
रमेश: ठीक है , पर आप भी क़सम खाओ की मैं जैसा कहूँगा वैसा ही करेंगे ! देखिये भैया , मैंने आप की दी हुई दवा बदल दी है ! रात में जब आप मुझे स्टेशन छोड़ कर लौटेंगे ,वो गहरी नींद में होगी , फिर आप उसके साथ सेक्स कर लेना !
भैया : नहीं रमेश ! मैं सेक्स उसकी मर्ज़ी से ही करूँगा ! हाँ , मैं कोशिश करूँगा कि उसमे सेक्स कि भूख जगे , और वो खुद मेरे पास आये ! जहाँ तक मैं उसे जानता हूँ , वो मुझे जलील ही करेगी , पर तुम्हारे लिए और अपने परिवार के लिए मैं सब सह लूंगा !
रमेश :भैया , ये सारी बातें आपके मोबाइल में रिकॉर्ड हो रही है ! आगे से भी हमारी हर कॉल रिकॉर्ड होगी ,आपके मोबाइल में ! आपको जब सही लगे, आप उसे ये सुना देना !
5 सेकंड के बाद फिर रमेश बोले "सोनू ,मेरी जान , तुमको मेरी क़सम है , भैया के साथ मेरे जैसा ही व्यव्हार करना ! जब भी वो तुम्हारे साथ हों , समझना मैं तुम्हारे साथ हूँ !मैं तुम्हारे पांव पड़ता हूँ , इस नामर्द पति कि इज़्ज़त रखना , मुझे शर्मिंदगी का मौका मत देना !सच कहता हूँ ,जब मुझे तुम्हारे और भैया के सेक्स कि खबर मिलेगी,मैं दुनिया का सबसे खुस्किस्मत इंसान हूँगा ! प्लीज जानू , कसम है तुझे , पूरा एन्जॉय करो ज़िन्दगी , मैं भी तो हूँ तुम्हारे साथ !मैं ,भैया और तुम , मज़ा आ जायेगा ! कुछ मत सोचो !"
पुरे कमरे में सन्नाटा था !भैया कि आँखों से झड़ झड़ आंसू गिर रहे थे ! सच में , कित्तने महान थे भैया ! मैं अपने आप को बहुत छोटा महसूस कर रही थी ! मुझे अपने सारे गुनाहों कि माफ़ी मांगनी है भैया से ! मेरा पति खुद चाहता है , और भैया मज़बूर हैं , मेरा फ़र्ज़ बनता है कि मैं आगे बढूँ और इस टूटते परिवार को सम्हालूँ ! आज मुझमें बहुत हिम्मत आ गयी थी , मैं उठकर भैया के पास बैठ गयी !उनके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लिया और अपने होंठ उनके होंठों पर टिका दिए !धीरे धीरे उनका एक हाथ उठाकर अपनी एक चूची पर टिका दिया ! भैया ने मुंह खोल दिया था , दुसरे हाथ से मुझे बाँहों में ले लिया था ,और मैं उनका जीभ चूसने लगी,और भैया मेरी चूची सहलाने लगे
जेठ जी अब अलग ही रूप में नज़र आ रहे थे ! कल तक जो मज़े मैंने आँख मूँद कर लिए थे , अब आँखों में ऑंखें डाल कर ले रही थी ! धीरे धीरे उन्होंने मुझे अपने बाँहों में पूरी तरह से ले लिया ! हम बैठे थे दिवार के सहारे पलंग पर !मैं जैसे जेठ जी की गोदी में ही थी , वो मुझे चुम रहे थे ,और मैं भी बीच बीच में चुम कर जवाब देती थी ! कभी कभी तो हमारे चुम्बन की आवाज़ पूरे कमरे में फ़ैल जाती थी ! उनका एक हाथ मेरी दोनों चूचियों को बारी बारी से दबा रहा था ! प्योर सिल्क की ब्लाउज में इंतनी सलवटे पड़ गई थी , की लगता था अभी धो के निचोड़ा है ! भैया बोले , कपड़े ख़राब हो जायेंगे , उत्तर लो ! मैंने कहा जब आपका मन हो, उतार दीजियेगा , आज से ये आपका काम है !वो मेरी बात सुनकर और भी जोश में आकर चूमने लगे ! बोले ' अभी थोड़ी देर पहले तो गालियाँ दे रही थी , और अब इतना प्यार' ! भैया जो आपको गालियाँ दे रही थी , वो एक परायी व्याहता आदर्श नारी थी , और अब ये वही नारी अपने पति की आज्ञा का पालन कर रही है , जो मेरा धर्म है ! भैया बोल पड़े , सच में अगर तुम मुझसे शादी करती तो मैं मन नहीं करता , तुम दिल से भी बहुत खूबसूरत हो ! अब तो मैंने मन ही मन आपको भी पति मान लिया है , आखिर पति का असली सुख तो आपसे ही मिल रहा है !भैया बहुत भावुक हो गए , उन्होंने मुझे चूम चूम कर निहाल कर दिया ! अब भैया मेरा ब्लाउज खोल रहे थी ! सारे हुक खोलने के बाद ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगे ! फैंसी चिकनी ब्रा भैया को बहुत अच्छी लगी !उन्होंने साडी ऊपर कर के पैन्टी भी देखी , मैचिंग थी ! तुहारी ब्रा पैन्टी बहुत सेक्सी होती है , कपडे का तुम्हारे पसंद का जवाब नहीं ! तुम कई गुना सुन्दर लगने लगती हो ! पैन्टी को सहलाते हुए भैया बोले , तुम तो तैयार बैठी हो , गीली है तुम्हारी पैन्टी ! जो घडी आने वाली है , उसको सोचते ही , मैं गीली हो जाती हूँ ! भैया ने पैन्टी उतार दी , हाथ में लेकर सूँघा और चूम लिया ,मैं शर्मा गयी ! ब्लाउज को उतार दिया और मुझे लिटा कर खुद मेरे बगल में लेट गए !मेरे ब्रा के चारों तरफ चूमते रहे , जीभ से चाटते रहे, और धीरे धीरे उतारते रहे ! ऐसा ब्रा उतारना मुझे बहुत अच्छा लगा ! साड़ी उतार कर बिस्तर पर अलग रख दिया ! अब सिर्फ साटन की पेटीकोट रह गयी थी , जिसे भैया ने कमर तक उठा दिया और मेरे चूत को चूमने लगे ! चूत उन्होंने कल भी चूसा था पर मेरी ऑंखें बंद थी ! मैंने भैया का सर हिलाया ,बोली मैं देखना चाहती हूँ ! उन्होंने तकिये के सहारे मुझे थोड़ा उठा दिया ! भैया जीभ से मेरी चूत को चाट रहे थे और मेरा रोमांच बढ़ता जा रहा था ! अचानक भैया ने मेरी खास जगह मसल दी , चूत से फौवारा छूट गया , मैं रोक न सकी और , पीछे तकिये पर लेट गयी ! थोड़ा होश आने पर दुबारा देखा , भैया के पूरे मुंह पर पानी के छींटे थे , जैसे अभी भीग के आ रहे हों बरसात में ! मुझे बहुत शर्म आई , और भैया से नज़र मिलते ही शर्मा गयी ! भैया फिर से जीभ मेरी चूत में घुसा कर इधर उधर ऐसे घुमा रहे थे , जैसे कुछ ढूंढ रहें हों ! चपड़ चपड़ की आवाज़ से कमरा गूंज रहा था ! मैं तो जैसे सातवें आसमान पर थी ! फिर भैया मेरी चूचियो का जायजा लेने लगे ! चूस चूस कर लाल कर दिया , दबा दबा कर उसे मुलायम कर रहे थे ! घुंडी तो बिलकुल कड़क हो गयी थी ! सच में मैंने कभी अपने बदन को इतना कीमती नहीं समझा था ! भैया ने समझा दिया था की असली खज़ाना यही है ! भैया मेरे ऊपर लेट गए थे , मेरे दोनों हाथों में अपना हाथ फंसा लिया था , और मुझे गर्दन , कान , कान के पीछे चूमने चाटने लगे ! मैंने कहा की भैया आपका हाथ मुझे जांघ पर चुभ रहा है , उन्होंने कहा , हाथ तो दोनों तुम्हारे हाथ में है ! अचानक मेरे दिमाग में जैसे बिस्फोट हो गया , मुंह से निकला "बाप रे" ! वो हाथ जैसी चीज़ भैया का लण्ड था ! मेरे तो होश उड़ गए , इतना बड़ा , मैं कैसे ले सकूँगी अपने अंदर ! भैया शायद समझ गए , बोले 'पगली घबराती क्यों है ' सब कुछ आराम से हो जायेगा , तुम बस मेरा कहा करती जाओ ! भैया ने अपना कुरता पजामा उतारा , और अंडरवियर उतार दी ! काला, मोटा और डंडे सा लम्बा लण्ड हवा में लहरा रहा था ! मैं तो बेहोश हो जाती लण्ड देखते ही , पर भैया बोले , घबराओ मत , मैं पहले तुम्हें इसके लिए तैयार करूँगा , फिर थोड़ा थोड़ा कर के पूरा अंदर करूँगा ! देखो आज जीता ले सकती हो , ले लो ,फिर अगले बार थोड़ा और ले लेना !भैया ने मुझे लिटा कर , अपना लण्ड मेरे चूत पर सहलाना शुरू कर दिया , लण्ड से धागे की तरह लसलसा पानी चू रहा था ! भैया ने अपना लण्ड मेरे चूत के छेद पर रखा ! मेरी चूत काफी ढीली होकर फड़फड़ा रही थी !भैया ने जगह बनाते हुए अपने आप को मेरे ऊपर कर लिया , मेरे मुंह को अपने मुंह से बंद किया और हाथों को अपने हाथों से जकड लिया ! हल्का सा एक धक्का और भइया का सुपाड़ा अंदर लगा जैसे कोई दीवार गिरी थी चूत के अंदर , मेरी जान भी बाहर होने को थी ! मेरी चीख भैया के मुंह में रह गयी ! थोड़ा सा और अंदर गया लण्ड ,फिसलन की वज़ह से जो भैया ने चूस चूस कर बनाया था ! मुझे लगा किसी ने दो टुकड़े कर दिए मेरे ! जांघ के बीचों बीच कील ठोक दिया था भैया ने ! दो मिनट तक सब कुछ शांत रहा , मैं कुछ नार्मल हुई , और भैया ने आगे पीछे करना शुरू किया ! लग रहा था की चूत की दीवार ता चला गया है भैया का लण्ड ! एक बार उठकर देखना चाहा , भैया ने थोड़ा ऊपर उठकर दिखाया , अभी आधा लण्ड बाहर ही था ! अंदर बहुत जलन हो रही थी , लगता था चूत फैट गयी है और खून बह रहा है ! मैंने कहा , भैया आज इतना ही ! भैया समझ गए , उन्होंने उतने तक ही अपना लण्ड आगे पीछे करना जारी रखा ! हवा भी अंदर नहीं जा सकती थी, इतने टाइट होकर लण्ड अंदर बाहर हो रहा था ! मुझे मज़ा आने लगा था , अब भैया भी पूरी मस्ती में आ गए थे ! मैं बार बार पानी छोड़ रही थी चूत में, जिससे बहुत फिसलन हो गयी थी ! भैया ने स्पीड बढ़ा दी , मेरा अब तक का सबसे बड़ा झरना अब बह निकला ,तभी जैसे चूत में गरम पानी का नलका खोल दिया हो, भैया ने पिचकारी छोड़ दी ! कमरा वीर्य के खुसबू से भर गया ! भैया झड़ते रहे, लण्ड सिकुर्ने लगा , और भैया ने दवाब बना कर पूरा लण्ड अंदर ठोक दिया ! लण्ड में ढीलापन आ रहा था , लेकिन असली मर्द ने अपना जादू एक ब्याही बिनचुदी औरत को दिखा कर उसे अपना गुलाम बना लिया था ! एक जेठ ने अपने छोटे भाई की पत्नी के साथ मस्त सुहागरात मन ली थी ! हम लस्त पस्त लेटे थे , की भैया के फ़ोन की लाइट जल पड़ी , शायद फ़ोन साइलेंट पर था !.
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