Porn Hindi Kahani दिल दोस्ती और दारू
12-15-2018, 01:29 AM,
RE: Porn Hindi Kahani दिल दोस्ती और दारू
हमारे रिसेस यानी लंच का पूरा टाइम प्रिन्सिपल सर और छत्रपाल जी खा गये थे और इधर हम लोग बिना कुच्छ खाए-पिए वापस क्लास मे पहुँचे....हमारे क्लास मे कुच्छ लोग ऐसे थे जो अपने घर से टिफिन लाते थे ,जिनमे लड़के-लड़किया दोनो शामिल थे....अब कॅंटीन जाने का टाइम नही था और नेक्स्ट क्लास बड़ी इंपॉर्टेंट भी थी ,इसलिए मैने उन्ही कुच्छ लोगो पर हमला करने का सोचा,जो रोजाना अपने साथ अपना लंच बॉक्स लाते थे...लेकिन यहाँ भी एक दिक्कत थी ,वो ये कि लौन्डो की टिफिन हमारे क्लास मे आते तक सॉफ हो चुकी थी ,इसलिए मैने लड़कियो पर अपना जाल फेका...
लड़किया सच मे बड़ी भोली होती है,उनसे मैने दो-चार अच्छी बाते क्या कर ली, उन्होने मुझे अपना टिफिन दे दिया, ये सोचकर कि अरमान से उनकी दोस्ती हो गयी है .लेकिन उन्हे ये पता नही कि कल से मैं फिर उन्हे बत्ती देने लगूंगा.....
.
हर हफ्ते हमारी स्पोकन इंग्लीश जैसे ही एक, दो घंटे की क्लास लगा करती थी, जिसका टाइटल था'वॅल्यू एजुकेशन...' लास्ट वीक वीई के क्लास के टाइम मैं घर मे बैठा रोटिया तोड़ रहा था इसलिए आज की वीई की क्लास मेरी फर्स्ट क्लास थी... 
वीई के टीचर छत्रपाल जी थे और लौन्डो ने बताया था कि वीई की क्लास वो एक दम फ्रेंड्ली मूड मे लेते है....बोले तो छत्रपाल सिंग हमारे लिए एक टीचर कम फ्रेंड थे.
.
"यार मुझे ऐसा क्यूँ लग रहा है कि छत्रपाल गुरुदेव ने हमे कुच्छ होमवर्क दिया था..."अपना सर पर ज़ोर डालते हुए अरुण बोला...

"होम वर्क नही हॉस्टिल वर्क बोल..."

"हां...वही समझ...."एक बार फिर अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए अरुण ने कहा"मेरे ख़याल से कोई 2-3 टॉपिक दिया था उन्होने और कहा था कि नेक्स्ट क्लास मे प्रेज़ेंटेशन देना है..."

"तब तो आज मस्त बेज़्जती होगी...मैने तो बुक खोल कर भी नही देखा...."सौरभ थोड़ा घबराते हुए बोला और गेट की तरफ अपनी नज़र दौड़ाई की छत्रपाल सर आए या नही....

"डर मत...कोई ऐसा घिसा-पिटा टॉपिक ही मिलेगा...कुच्छ भी बक देना..."अपनी बाँहे उठाते हुए मैंने ताव मे कहा और इसी के साथ छत्रपाल जी ने क्लास मे एंट्री मारी....
.
"मैने कल कुच्छ टॉपिक दिया था...सॉरी मेरा मतलब लास्ट क्लास मे मैने कुच्छ टॉपिक दिया था , जिसपर सबको एक-एक करके यहाँ सामने आकर प्रेज़ेंटेशन देना है और जो-जो फर्स्ट ,सेकेंड, थर्ड आएगा...उसे मेरी तरफ से स्पेशल प्राइज़ मिलेगा....तो शुरू करते है...."पूरी क्लास की तरफ एक बार देखकर उन्होने अपनी उंगली सुलभ पर अटकाई और बोले"सुलभ आ जाओ और इसके बाद सौरभ तुम तैयार रहना..."
.
सुलभ ने एक दम भड़कते हुए फुल इंग्लीश मे प्रेज़ेंटेशन दिया और वापस लौटते वक़्त एक शेर भी मार दिया और यहाँ साला मुझे यही समझ नही आया कि टॉपिक क्या था 

सुलभ के प्रेज़ेंटेशन के बाद सौरभ सामने गया लेकिन बिना कुच्छ बोले...जैसे गया था,वैसे ही वापस आ गया और यही कुच्छ हाल अरुण का भी हुआ और अब अगली बारी मेरी थी.....
.
"शुरू हो जाओ...5 मिनिट है तुम्हारे पास...."छत्रपाल ने मेरी तरफ देखकर मुझे अपना प्रेज़ेंटेशन शुरू करने के लिए कहा....
"किस टॉपिक पर प्रेज़ेंटेशन देना है सर..."

"किस टॉपिक पर प्रेज़ेंटेशन दे सकते हो..."उन्होने पुछा...

"कोई सा भी टॉपिक दे दो..."जबर्जस्त कॉन्फिडेन्स के साथ मैने कहा...

"'एतिक्स इन बिज़्नेस आर जस्ट आ पासिंग फड़ ?'...इस पर शुरू हो जाओ..."
.
"ये कैसा भयंकर टॉपिक है जिसका एक वर्ड भी फेमिलियर नही लगता...साले ने पूरा कॉन्फिडेन्स ही डाउन कर दिया..."क्लास मे चल रहे फॅन की तरफ देखते हुए मैने बहुत सोचा, इंग्लीश के वर्ड्स को तोड़-मरोड़ कर कुच्छ समझना चाहा लेकिन मेरा दिमाग़ हर बार आउट ऑफ सिलबस चिल्ला रहा था...

"सर कोई दूसरा टॉपिक नही मिल सकता क्या..."रहम भरी आँखो से मैं छत्रपाल की तरफ देखा....

"कोई बात नही...दूसरा टॉपिक चूज़ कर लो..."

"दूसरा टॉपिक बोलिए..."

"'कॅपिटलिज़म ईज़ वेरी फ्लॉड सिस्टम बट दा अदर्स आर मच वर्स ?'....इस पर शुरू हो जाओ..."

प्रेज़ेंटेशन का दूसरा टॉपिक सुनकर अबकी मेरा हाल पहले से भी बदतर हो गया क्यूंकी छत्रपाल सिंग द्वारा पूरा टॉपिक बोलने से पहले ही मेरे 1400 ग्राम के दिमाग़ ने 'आउट ऑफ सिलबस' की बेल बजा दी और मैने तुरंत ना मे अपनी गर्दन हिलाई....

"क्या हुआ ,तीसरा टॉपिक चाहिए..."

"यस सर..."

"फिर ये लो तीसरा टॉपिक 'शुड दा पब्लिक सेक्टर बी प्राइवेटाइज़्ड ' "

"सर, दरअसल बात ये है कि मैं लास्ट वीक की क्लास मे आब्सेंट था..."तीसरे टॉपिक को सुनकर मैने तुरंत कहा"नेक्स्ट क्लास मे पक्का "

"वेरी गुड...ऐसे करोगे आंकरिंग..."

"आपके टॉपिक्स ही कुच्छ ज़्यादा ख़तरनाक थे...मुझे लगा कि कोई जनरल सा टॉपिक मिलेगा...वरना मैं प्रिपेर्ड होकर आता..."

"तुम्हे क्या लगा कि मैं यहाँ फ़ेसबुक वनाम. ट्विटर...अड्वॅंटेज आंड डिसड्वॅंटेज ऑफ फ़ेसबुक....जैसे बेहद ही बकवास टॉपिक पे डिस्कशन करवाउन्गा...बड़े भाई, इट'स वॅल्यू ईडक्षन विच ईज़ रिलेटेड टू और एकनॉमिक्स....इस सब्जेक्ट को ध्यान से पढ़ लो बेटा, ज़िंदगी सुधर जाएगी...चलो जाओ "
.
छत्रपाल जी के शब्दो के तीर से घायल हुआ मैं अपनी जगह पर पहुचा और उदास होकर बैठ गया, लेकिन जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया वहाँ मेरे जैसे 10-12 लड़के और निकल गये...इसलिए क्लास के ख़त्म होते तक छत्रपाल सिंग के शब्द रूपी बानो के ज़ख़्म भर गये और मैं खुशी-खुशी छुट्टी होने के बाद बाहर निकला.....
.
"यार ये अटॉनमस का मतलब तो अभी तक पता नही चला....."कॉलेज से निकलते वक़्त सौरभ ने नोटीस बोर्ड मे नज़र मारते हुए कहा और वही रुक कर अटॉनमस का मतलब देखने लगा...

" अटॉनमस का मतलब अब एग्ज़ॅम के पेपर हमारे ही कॉलेज मे बनेंगे, आन्सर शीट भी यही चेक होगी हमारे बकलंड टीचर के हाथो...अब चल..."सौरभ का कॉलर पकड़ कर मैने उसे खीचते हुए कहा"तू एक काम कर सौरभ...अरुण को लेकर चुप चाप हॉस्टिल निकल...मैं तेरी भाभी से बात करके आता हूँ...."

"तो जाना , अरुण से क्यूँ डर रहा है..."

"अबे वो एक नंबर का झाटु है,यदि मैने उसे ये बात बताई तो बोलेगा कि वो भी मेरे साथ जाएगा...इसलिए उसको लेकर तुम जाओ, हम थोड़ी देर मे आओ...."
.
सौरभ एक दम गऊ था और ऐसे मौको पर वो मेरे बहुत काम आता था...उस दिन सौरभ,अरुण को बहला-फुसलाकर मेरे बिना हॉस्टिल ले गया...लेकिन मुझे मालूम है कि अरुण ने कम से कम चार बार तो ज़रूर पुछा होगा कि 'अरमान कहाँ मरवा रहा है' 

क्या याराना है हमारा 
.
सौरभ को अरुण के साथ भेजकर मैं सीधे पार्किंग मे पहुचा, जहाँ इस वक़्त बहुत भीड़ थी . उस भीड़ मे मेरे क्लास के कयि लौन्डे थे और उन्ही मे से मैने एक का मोबाइल लेकर एश के आने का इंतज़ार करने लगा....

एश पार्किंग प्लेस मे अकेले आई क्यूंकी दिव्या के ड्राइवर ने उसे पार्किंग से बाहर ही पिक अप कर लिया था और यही मेरे लिए एसा से बात करने का एक सुनहरा मौका था....एसा को कार की तरफ बढ़ते देख मैने एक बार फिर उस अननोन नंबर को अपने दोस्त के मोबाइल से डाइयल किया...

"हेलो...कौन..."कार से थोड़ी दूर रुक कर एश ने अपने ड्राइवर को 5 मिनिट रुकने का इशारा किया और मुझे बोली"हू आर यू..."

"कभी सोचा नही था कि आप जैसी इज़्ज़तदार लड़की मुझे सवेरे-सवेरे कॉल करके परेशान करेगी..."

"आप कौन..."

"आज सुबह ही की बात है...याददाश्त अच्छी हो तो फ्लॅशबॅक मे जाकर याद करो कि आज सुबह किसे फोन किया था..."

"अरमान..."घबराते हुए एश पार्किंग की भीड़ मे इधर-उधर देखने लगी और तभिच मैने हवा मे अपना हाथ उठकर उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा.....

मुझे वहाँ पार्किंग मे दूर खड़ा देख एश की साँसे रुक गयी...उसके चेहरे का रंग अपनी चोरी पकड़े जाने का कारण और मुझे वहाँ देख कर अपना रंग बदल रहा था...किसी पल वो मुझे देखकर हँसने की कोशिश करती तो किसी पल वो एक दम सिन्सियर बनने की आक्टिंग करती थी ,इस बीच उसका मोबाइल उसके कान पर और उसकी आँखे मुझ पर कॉन्स्टेंट थी...
एश को ऐसे महा विलक्षद स्थिति मे देखकर मैने हल्की सी मुस्कान देकर उसे रिलॅक्स दिलाया कि वो इतना ना डरे...मैं उसकी जान नही लेने वाला हूँ और कमाल की बात है कि वो मेरे उस मुस्कान के पीछे के अर्थ को समझ गयी....
.
"मैं वहाँ आउ..."मोबाइल के ज़रिए एश से बात करते हुए मैने पुछा....

"नही...मतलब क्यूँ..हां, आ जाओ..."हड़बड़ाते हुए, शब्दो को तोड़-मरोड़ कर वो बोली"आ जाओ..."

"येस्स्स..."अंदर ही अंदर मैं खुशी के मारे 5 फीट उपर कूद गया और मोबाइल जिसका था,उसे देकर एश की तरफ हँसते-मुस्कुराते हुए चल दिया....
.
मुझे मेरे नेचर के हिसाब से इस वक़्त बिल्कुल भी नर्वस या हिचकिचाना नही चाहिए था, लेकिन मेरे कदम जैसे-जैसे एश की तरफ बढ़ रहे थे...वैसे-वैसे एश की तरह मुझपर भी शर्म की एक परत बैठती जा रही थी...जबकि इस वक़्त कही से भी मेरी ग़लती नही थी.

सुबह कॉल एश के मोबाइल से आया था,लेकिन चोरो की तरह शरमा मैं रहा था....उस वक़्त मेरी वैसी हालत का एग्ज़ॅक्ट रीज़न तो मुझे नही मालूम लेकिन मुझे जितना पल्ले पड़ा उसके हिसाब से एश और मेरी मुलाक़ात आज तक तकरार, लड़ाई,झगड़े के कारण हुई थी...लेकिन आज पहली बार मैं एश से बिना किसी तकरार ,बिना किसी लड़ाई-झगड़े के मिलने जा रहा था...इसीलिए आज, जब कॉलेज मे मेरे कुच्छ ही दिन बाकी थे ,तब मैं थोड़ा शरमा रहा था.
.
एश के पास जाकर मैं कुच्छ देर तक चुप खड़ा रहा और वो भी मेरे पास आने से अपने होंठ भीच रही थी....

"हाई...आइ आम अरमान..."

"आइ नो दट हू आर यू..."

"तो...मैं ये कहना चाहता था कि.....क्या कहना चाहता था "एश को देखकर मैं बोला"एक मिनिट रुकना...मैं सोचकर बताता हूँ..."

मुझे बहुत अच्छे से मालूम था कि मुझे ,एश से क्या बात करनी है..लेकिन मैं इस वक़्त घबरा रहा था कि कही एश बुरा ना मान जाए...क्यूंकी एश के अपने लिए ऐसी सिचुयेशन का इंतज़ार मैं पिछले चार सालो से कर रहा था और अब जाकर जब मेरे वो अरमान पूरे हो रहे है तो मैं नही चाहता था कि मेरा एक सवाल मेरे अरमानो को बिखेर दे....लेकिन वो कॉल वाली बात करनी तो ज़रूरी थी,वरना हमारी आगे बात ही नही होती...इसलिए थोड़ा लजाते हुए, थोड़ा घबराते हुए कि वो मेरे इस सवाल पर नाराज़ या उदास ना हो जाए मैने उससे कहा....

"सुबह ,तुम्हारे मोबाइल से एक कॉल आया था...जिसमे मेरे खिलाफ एफ.आइ.आर. करने की बात की जा रही थी..."

"हां...उसके लिए सॉरी..."

"सॉरी बोलने की कोई ज़रूरत नही है...ये सब हँसी मज़ाक तो चलता रहता है, मैं बुरा नही मानता...तुम चाहो तो रात को 1 बजे भी मुझे ऐसे धमकी भरे कॉल कर सकती हो...लेकिन मैं कुच्छ और ही पुच्छना चाहता हूँ..."

"पुछो..."

"मैं ये पुच्छना चाहता हूँ कि आज अचानक...इस तरह मुझे कॉल कैसे कर दिया...मतलब कि....ऐसे मुझे कॉल करके धमकी देने का खुरापाति ख़याल कैसे आया..."

"वो आक्च्युयली मेरी मामी की लड़की आई हुई है और आज सुबह उसी ने ऐसे ही मज़ाक मे तुम्हे कॉल कर दिया, फिर जब मैं कॉलेज आ रही थी तो उसने बताया कि उसने सुबह तुम्हे कॉल करके धमकी दी है...सॉरी अरमान..."

"तभी मैं सोचु कि तुम्हारी आवाज़ को क्या हो गया है...और सूनाओ, ज़िंदगी कैसे कट रही है..."मैने हमारे बीच चल रही बातचीत को सुबह वाले कॉल से आगे बढ़ते हुए कहा, इस आस मे कि एश की लाइफ के कुच्छ रीसेंट अपडेट्स मुझे जानने को मिल जाएँगे...लेकिन एश लेट होने का बहाना करके कार मे बैठ गयी...
.
एश के वहाँ से जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक वहाँ किसी भटकती आत्मा की तरह खड़ा होकर एश के साथ वाले पल को रिमाइंड करके मुस्कुराता रहा....लेकिन तभिच मेरे 1400 ग्राम के ब्रेन ने मुझसे पुछा कि"यदि वो कॉल एश की मामी की लड़की ने किया था ,तो फिर उसे मेरे बारे मे कैसे मालूम चला...क्यूंकी कोई भी इंसान किसी दूसरे इंसान का मोबाइल उठाकर यूँ ही कोई नंबर डाइयल करके मज़ाक नही करता....इसका मतलब मुझे कॉल करने वाली लड़की को मेरे बारे मे मालूम था .एक और सवाल जो मेरे अंदर उठा वो ये कि इतने भयंकर कांड हो जाने के बाद भी एश के मोबाइल पर मेरा नंबर कैसे सेव था और उसने मेरा नंबर सवे करके क्यूँ रखा था...."

"कोई बात नही बीड़ू...अब तो हर दिन एक घंटे एश के साथ रिहर्सल करना है,वही पुच्छ लिया जाएगा...अरमान, यू आर सो स्मार्ट "खुद की तारीफ करते हुए मैं हॉस्टिल के अंदर घुसा और सीधे वॉर्डन के रूम मे जाकर आज रात के प्रोग्राम के बारे मे डिसकस करने गया....
.
वॉर्डन के रूम मे इस वक़्त 2-3 लड़के घुसे हुए थे ,जो पीसी मे फ़ेसबुक चला रहा था...

"क्या कर रहे हो बे लवडो और सर कहाँ है..."

"प्रिन्सिपल सर राउंड पर आए थे अरमान भैया...उन्ही को बाहर तक छोड़ने गये है..."

"एक बात बताओ..."वहाँ बैठे लड़को मे से एक को उठाकर मैं उसकी चेयर पर बैठा और बोला"तुम लोगो को कोई काम-धंधा नही है क्या ,जो जब देखो तब फ़ेसबुक मे भिड़े रहते हो...लास्ट सेमेस्टर क्लियर है क्या..."

"अरे आप भी बैठो...चाइनीस लड़की से चॅट कर रहा हूँ..."

"चाइनीस लड़की से "

"ह्म ,कल ही मेरी फ्रेंड बनी है...एकतरफ़ा माल है..."

"फोटो दिखा उसकी..."अपनी चेयर पीसी की तरफ सरकते हुए मैने स्क्रीन पर नज़र मारी...
Reply


Messages In This Thread
RE: Porn Hindi Kahani दिल दोस्ती और दारू - by sexstories - 12-15-2018, 01:29 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,554,147 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,351 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,255,081 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 948,918 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,684,342 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,106,549 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,995,199 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,201,807 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,085,480 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,060 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)