RE: Porn Hindi Kahani दिल दोस्ती और दारू
"यही की गौतम मेरे जितना होशियार नही है ,ये अलग बात है कि वो खुद को आइनस्टाइन या न्यूटन की औलाद समझता है....अब तू सबको लेकर उस किनारे वाली टेबल पर बैठना...."
"क्यूँ तू कहाँ जा रहा है...याद है ना सबका बिल तुझे ही भरना है..."
"वो देख सामने ,एमबीबीएस वाली छम्मक छल्लो बैठी है...ज़रा उससे मिलकर आता हूँ..."मैने उस टेबल की तरफ आँखो से इशारा करते हुए कहा,जिस पर आंजेलीना अपने दोनो सहेलिया चीखी और पिंकी के साथ बैठी हुई थी....
"ठीक है मैं सबको लेकर दूसरी तरफ जाता हूँ और आंजेलीना से कहना कि वो यदि चाहे तो मेरी गर्ल फ्रेंड बन सकती है,मुझे कोई ऐतराज़ नही "
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अरुण और बाकी सबको कॉफी हाउस के दूसरे तरफ भेजकर मैने खुद का हुलिया सही किया और आंजेलीना की तरफ बढ़ा...जिस टेबल पर वो तीनो बैठी थी उसपर दो चेयर अब भी खाली थी और मेरे ख़याल से वो खाली ही रहने वाली थी क्यूंकी आंजेलीना को कल शाम से मैने सिर्फ़ दो लोगो के साथ देखा था जो उस समय वहाँ मौजूद थे...इसलिए मैं उनसे बिना पुछे कि'क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ', मैने एक चेर खींची और उसपर बैठ गया...आंजेलीना के ठीक सामने बैठने के बाद मैने एक वेटर को इशारा किया....
"एक कॉफी लाना..."
"किस तरह की कॉफी लेना आप पसंद करेंगे ,सर..."बड़े ही सहूलियत से उस वेटर ने मुझसे पुछा..
"पहली बात तो ये कि अपना ये घीसा-पिटा डाइलॉग बंद करो,बोले तो मुझे सर और इन तीनो ग़रीब लड़कियो को मेडम कहने की कोई ज़रूरत नही..."
"सच...."रिलॅक्स होते हुए वो वेटर तुरंत खड़ा हुआ और बोला"साला बहुत दिन से अपने जैसा कोई नही मिला था....पक्का तू इंजिनियरिंग स्टूडेंट होगा और ये बीच वाली तेरी आइटम होगी"
"नही यार,ऐसा कुच्छ भी नही है..."उन तीनो के चेहरे से जब मैने रंग उड़ते हुए देखा तो उस वेटर से ज़रा कड़क कर कहा"जा एक कप कॉफी ले आ..."
"कौन सी वाली लाउ..."
"कोई सी भी ले आ, कौन सा मुझे मालूम चलने वाला है कि मैं कौन सी कॉफी पी रहा हूँ, अपने को तो सब कुच्छ एक बराबर ही लगता है..."
"एक नही...चार लाना..."वेटर के पीछे मुड़ने से पहले ही आंजेलीना ने अपना ऑर्डर दे मारा"और बिल मेरे इस बाय्फ्रेंड के खाते मे एड कर लेना..."
"अपने को मालूम है, कॉलेज के दिनो मे मुझे भी इसी तरह लड़कियो ने लूटा है..."
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"तुमने ऐसा क्यूँ कहा कि मैं तुम्हारा बॉय फ्रेंड हूँ..."एक प्रोफेशनल स्माइल मारते हुए मैने दिव्या से पुछा और कॉफी हाउस का मेनू कार्ड देखने लगा....
"तेरी तो...एक कप कॉफी 60 की ,मतलब कि 4 कप कॉफी के 240 ,बीसी ये कॉफी है या लड़कियो का दूध,जो इतना महँगा मिल रहा है..."मेनू कार्ड को देखते ही मेरी आँख फटी की फटी रह गयी और जो ख़याल मेरे मन मे सबसे पहले आया वो ये कि मेरे जेब मे कितने पैसे है....
"1000 , पर मैं अपने हज़ार रुपये इन पर खर्च नही कर सकता..."मेनू कार्ड को देखते हुए मैने कुच्छ सोचा और फिर मुस्कुरा कर आंजेलीना से बोला...
"तो तुम एमबीबीएस की स्टूडेंट हो, पर इसका मतलब ये नही कि तुम किसी भी खूबसूरत और काबिल नौजवान को ऐसे पब्लिक प्लेस पर अपना बाय्फ्रेंड बना लो ,वो भी सिर्फ़ इसलिए ताकि वो तुम्हारे कॉफी का बिल पे कर सके..."
"मैने तुम्हे अपना बॉय फ्रेंड इसलिए नही कहा ताकि तुम मेरा बिल भरो बल्कि इसलिए क्यूंकी तुम यही चाहते थे...."
"कल शाम के वक़्त तुम कॅंप से भाग कर कहाँ गयी थी..."कॉफी का कप ख़त्म करने के बाद मैने पुछा...
"पास मे एक नाइट क्लब है,वही...."
"एक क्लब और यहाँ...इस जंगल मे..."
"बाहर निकल कर देखो इंजिनियर,बहुत कुच्छ है..."
"चलो मैं मान भी लेता हूँ कि यहाँ एक नाइट क्लब है पर गाड़ी यहाँ अटकती है कि ये कैसा क्लब है जो शाम के 5-6 बजे ही खुल जाता है..."
"वो तो तुम्हे क्लब के मालिक से पुच्छना चाहिए...मुझे कैसे पता होगा..."
"ये भी सही है...."
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मैं कुच्छ देर तक शांत ही रहा और इस दौरान आंजेलीना और उसकी सहेलियो ने बहुत कुच्छ ऑर्डर किया...
"लगता है हज़ार रुपये भी कम पड़ेंगे बिल देने मे, लगता है इन भुक्कडो ने जनमो जनम से कुच्छ नही ठूँसा..."
"तो शुरू करो अपना प्रोग्राम..."सब कुच्छ खाने पीने के बाद आंजेलीना बोली"अब ये मत बोलना कि कैसा प्रोग्राम ,क्यूंकी मुझे मालूम है कि तुम यहाँ मुझे नीचा दिखाने के लिए आए हो..."
"ये तुमसे किसने कहा.. "आंजेलीना की बात सुनकर मैं चौका ,क्यूंकी अभी तक तो मैने उसके सामने ऐसा कुच्छ भी नही किया था,जिसकी वजह से उसे मुझपर शक़ हो....
"एक लड़का, जिससे कल रात मेरी मुलाक़ात हुई और आज वो बिना जान-पहचान के 1500 का बिल भर रहा है ,इसका क्या मतलब हुआ..."
आंजेलीना के इस सवाल पर मैं कुच्छ देर तक सोचता रहा कि उसे क्या जवाब दूं ,जिससे मामला ना बिगड़े और जब मुझे सब समझ मे आया कि मुझे क्या कहना चाहिए तो मैं बोला....
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"मैं बहुत ही रहीस घराने से हूँ इसलिए ये हज़ार,दो हज़ार मेरे लिए कोई मायने नही लगते..."अपने दोस्तो की तरफ इशारा करते हुए मैने कहा"उन लोगो को देख रही हो,जो जानवरो की तरह खा -पी रहे है...उनमे से मैं कुच्छ के नाम नही जानता,लेकिन फिर भी उनका बिल मैं ही पे करूँगा...."
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"तू तो बड़ा सॉलिड अमीर लगता है यार...हाई मैं चींकी"आंजेलीना के लेफ्ट साइड वाली लड़की ने अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया...
"और मैं पिंकी..."आंजेलीना के राइट साइड मे बैठी हुई लड़की ने भी अपना हाथ मेरी तरफ किया...
"और मैं अरमान..."दोनो का हाथ ,अपने दोनो हाथो से थाम कर मैं बोला.
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"मैं अभी आती हूँ..."आंजेलीना अपनी जगह से उठी और चींकी ,पिंकी के साथ वॉशरूम की तरफ बढ़ गयी....
"ओये...बिल ला,जल्दी से..."बोलते हुए मैने उसी वेटर को बिल लाने के लिए कहा, जिससे मैने यहाँ आते ही बात की थी.
मेरे कहने पर उस वेटर ने दोनो टेबल का बिल ,मेरे हाथ मे सौंप दिया .
"5640 ...बीसी,तुम लोगो का बाप भरेगा ये बिल...सालो बाहर मिलो, एक-एक को चोदता हूँ." बिल को टेबल पर रखते हुए मैने उस वेटर से कहा"वो तीनो लड़की ,जो वॉशरूम की तरफ गयी है...उनसे बिल के पैसे ले लेना और कहना कि मैं उनका बाहर अपनी कार मे इंतज़ार कर रहा हूँ..."
"क्या सच मे वो तीनो बिल देंगी..."
"और नही तो क्या और मैं उन लड़को मे से हूँ जो लड़कियो के पीछे तेरी तरह चोदु बनकर अपनी जेब खाली नही करते,थोड़ा दिमाग़ का यूज करते है...चल बाइ."
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