RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
फिर जब मे उसके पास गया तो वह मुझे देख मुस्कराने लगी. मेने उससे कहा,
"शुमैला बोल क्या करवाएगी?"
"भाईजान जो चाहो करो, अब तो मे आपकी हूँ."
"तुम झूठ बोलती हो."
"नही भाई जान सच कह रही हूँ, मे अब सिर्फ़ आपकी हूँ."
"तो ठीक है पहले तो मे तुम्हारी चूत को चाटकार मज़ा लूँगा फिर आज तुमको
चोदुन्गा भी."
"नही भाई जान प्लीज़ चाट लो पर चोद्ना नही."
"क्यों? तुम तो कहती हो कि तुम सिर्फ़ मेरी हो तो क्या बात है?"
"मुझे डर लगता है."
मे अभी कुच्छ कहने ही वाला था कि बाहर से आहट की आवाज़ आई और फिर मम्मी
की आवाज़ आई, "आमिर बेटा तुम कहाँ हो?"
"मम्मी मे यहा हूँ शुमैला के पास."
मम्मी अंदर आई. हम दोनो ठीक से बैठे थे. मम्मी पास आ शुमैला के पास
बैठी और बोली, "आमिर बेटा तुम इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे हो?"
शुमैला कुच्छ घबरा रही थी. मे शुमैला को देखते बोला, "मम्मी नींद नही
आ रही थी सोचा शुमैला से बातें ही करूँ कुच्छ देर."
"हां हां बेटा ठीक है, तुम दोनो लोग बातें कर्लो मे तो सोने जा रही हूँ.
वैसे तुमलोग भी जल्दी सो जाना बाते करने के बाद."
"पर मम्मी यह मुझसे बात नही कर रही."
"अरे क्यों?"
"जो मे इससे कह रहा हूँ वह नही मान रही."
"अरे शुमैला बेटी क्या बात है. अपने बड़े भाई की बात मानलो, जो कह रहा वह
करो. बेटा मानेगी तुम्हारी बात."
शुमैला सब सुन घबरा सी रही थी. तभी मम्मी ने उसके गालों को पकड़ कहा,
"बेटी क्या कह रहा था यह?"
"ज्ज्ज..."
"क्यों तुम क्या कह रहे थे इससे?"
"मम्मी मे कह रहा था कि तुम मेरी छ्होटी और प्यारी बहन हो और मे तुमको
बहुत प्यार करता हूँ और मे इस वक़्त इससे कुच्छ प्यारी बातें करने आया
हूँ."
"अरे बेटी तुम अपने भाई को बहुत परेशान करती हो. तुमको समझाइया था दिन मे.
चलो अपने भाई को अपना माल दिखाओ."
वह मम्मी की खुली खुली बात सुन शर्मा गयी. मे खुश था. तभी मम्मी
मुझसे बोली, "बेटा तुम अपनी बहन का माल देख लो और इसे थोड़ा प्यार भी करना,
बेचारी को किसी के प्यार की बहुत ज़रूरत है."
फिर मम्मी ने उसका हाथ पकड़ कहा, "आओ बेटी मे तुमको प्यार करवा दूं भाई
से."
शुमैला घबराती और शरमाती सी बोली, "ज्ज्ज.. म्म्ममी आप जाइए मे....मे.."
"क्या मे मे कर रही है?"
"जी मे करवा लूँगी."
"क्या करवा लेगी, बोल अपने भाई को अपना माल दिखाई?"
"ज्जजई..."
"और उसे प्यार भी करने देना."
"ज्ज्ज.."
"ठीक है मे जा रही हूँ."
फिर मम्मी जैसे ही बाहर गयी मेने उसे पकड़ लिया और उसके होंठो को चूमते
कहा, "दिखाओ अपना माल."
"भाई जान दरवाज़ा तो बंद कर लो."
"पगली दरवाज़ा क्या बंद करना मम्मी तो खुद ही कह गयी हैं."
तब उसने मुस्कराते हुए अपने कपड़ो को अलग किया और फिर नंगी हो अपनी चूचियों
को पकड़ बोली, "लो भाई जान देखो अपनी बहन का माल."
मे उसकी चूचियों को पकड़ दबा दबा चूसने लगा. वह मुस्करती हुई मुझे
देखने लगी. कुच्छ देर बाद वह मेरे बालों मे हाथ फेरते बोली, "भाई जान
पहले मेरी चाटकार झाड़ दो फिर चूसना."
तब मेने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत के पास जा चूत को देखते कहा,
"हाई कितनी प्यारी चूत है, मज़ा आ जाएगा इसको चाटकार."
"तू चाटो ना इसे भाई आपकी ही है."
फिर मेने ज़ुबान निकाल उसकी चूत को 8-10 चाटा फिर अंदर तक जीभ पेल चाटने
लगा 50-55 बार चाटा तब उसकी चूत ने फुच से पानी फेंका. नमकीन पानी
निकलते ही मे अलग हुआ तो वह हाई हाई करती बोली, "मज़ा आ गया भाई जान."
क्रमशः………………………..
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