RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
तब उसने मुँह खोला और सुपाडे को अंदर लिया. फिर उसने केवल सुपाडे को तीन
चार बाद अंदर बाहर किया और शायद उसे अच्छा लगा था क्योंकि उसके बाद उसने
अपनी ज़बान बाहर निकाली और पुर लंड को चारो ओर से ज़बान लगा लगा चाटने
लगी.मे मस्त हो गया और आहह हाई करने लगा. कुच्छ देर तक उसने लंड को
ज़बान से ही चाटा.
फिर उसने लंड को अपने मुँह मे लिया और कसकर चूसने लगी. अब तो मे समझ
गया कि अब घर मे जन्नत हो गयी है. वह अपना मुँह तेज़ी से लंड पर ऊपर
नीचे चलाती चाट रही थी. मेने उसके सर को पकड़ा और अपनी गांद उच्छाल
उच्छाल उसके मुँह को ही चोद्ने लगा. वह भी तेज़ी से चाट रही थी.
10 मिनट बाद मे हांफता सा बोला, "हाहह बॅस बस्कर शुमैला अब निकाल दे
अपने मुँह से बाहर अब झडने वाला है. आहह हाई मे गया."
फिर उसने लंड को मुँह से बाहर किया और देखने लगी. मेरे लंड ने दो चार
झटके लिए और फ़च से झड़ने लगा. वह बहुत गौर से देख रही थी. मे
लेटा था इसलिए सारा पानी मेरे ऊपर ही गिर गया. दो मिनट बाद लंड एकदम
लूज हो गया और वह भी नॉर्मल हुई. तब मेने उसकी पैंटी से अपना लंड और
पानी को पोच्छा और पैंटी को अपने बेड के नीचे डाल दिया. मे मम्मी की बात सोच
रहा था कि शुमैला का कोई कपड़ा अपने रूम मे मम्मी को मिले तो वह उसे
फँसाए.
फिर शुमैला को अपनी बाँहों मे भर लिया और अपने ऊपर लिटा लिया. वह मेरे
ऊपर थी और उसकी चूचियाँ मेरे सीने से दब रही थी और चूत लंड के ज़रा
ऊपर पेट पर थी. मे उसके दोनो गुदाज़ चूतर पर हाथ लगा सहलाता हुआ उससे
बातें कर रहा था.
"शुमैला मेरी बहन कैसा लगा लंड चाटने?"
"भाई जान...."
"आए शर्मा मत बता ना अपने भाई जान का लंड कैसा लगा? अगर अच्छा नही लगा
तो फिर नही कहूँगा चाटने को."
"नही नही भाई जान."
"क्या नही नही?"
"व्व वो मेरा मतलब है भाई जान बहुत अच्छा लगा चाटने मे. भाई जान प्लीज़
अब मे रोज़ रात को आपके साथ ही लेटुंगी. आप प्लीज़ रोज़ मेरी चूत को
चाटियेगा और मे आपका लंड."
"ठीक है जान तुम्हारा हर तरह से मे ख्याल रखूँगा. अब बताओ क्या इरादा
है?"
"भाई जान जो आप चाहें."
"मैं तो तुमको अभी खूब मज़ा देना चाहता हूँ. बोलो लोगि मज़ा?"
"जी भाई जान बिल्कुल बोलिए क्या करेंगे?"
"अब तुम्हारी चूत को अपनी उंगली से चोद्कर तुमको मज़ा दूँगा."
"हाई भाई जान उंगली से कैसा लगता है?"
"उंगली से भी मज़ा आता है. तुमको लगेगा कि कोई तुम्हारी चूत को चोद रहा
है."
"हाई भाई जान कोई कौन, मेरे भाई जान क्यों नही?"
"हाई तुम मेरा लंड अपने अंदर लो तो ऐसा ही कहता."
"मुझे डर लगता है भाई जान प्लीज़ आप उंगली से करिए."
तब उसे एक कुर्सी पर बिठाया और उसके सामने बैठ उसकी चूत को खोल ज़ुबान लगा
चाटने लगा. वह अपने पैरों को मेरे कंधों पर रखे थी. मेने कुच्छ देर तक
चूत को चाटा फिर एक उंगली को उसकी चूत मे कच से पेल दिया. उसके मुँह से
हाई निकला. फिर उंगली को अंदर बाहर कर शुमैला की चूत को फिंगर फक करने
लगा. उसे मज़ा मिला और वह चूत को उचका उंगली से चुद्वाती रही. मे एक हाथ
से उसकी चूचियों को दबा दबा उसे फिंगर फक कर रहा था.
इस बार वह पहले से भी ज़्यादा झड़ी. जब वह झाड़ रही थी तो उसने मेरी उंगली
को अपनी चूत मे ही दबा लिया और होंठो को कसे झड़ती रही. उसने टाँगो को
मेरी गर्देन पर कस रखा था और मे उसकी रानो को चाट रहा था. उसकी गांद
बहुत तेज़ी से झटके ले रही थी.
जब वह झाड़ कर नॉर्मल हुई तो उसने आँखे खोल मुझे देखा. मे भी उसे ही
देख रहा था. उसने मुस्कराते हुए अपने पैर मेरे कंधे से हटाए और रानो को
चौड़ा किया तो मेने अपनी उंगली उसकी चूत से बाहर निकाली. वह उसकी चूत के
रस से सराबोर थी. मेने उंगली उसे दिखाई फिर अपने मुँह मे ले अपनी उंगली
चाट ली और बोला, "हम्म क्या मज़ेदार रस है मेरी बहन का."
वह यह देख मुस्काराई और बोली, "भाई जान मुझे भी चाटाओ रस."
तब मेने उसकी चूत मे उंगली डाल घुमाया और फिर उंगली निकाल उसके मुँह के
पास कि तो उसने मेरी उंगली मुँह मे ले चूसी और बोली, "हां भाई जान बहुत
प्यारा टेस्ट है."
|