RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
माँ बेटा ओर बहन-7
गतान्क से आगे…………………
फिर दो तीन बार चूमने के बाद जीभ निकाली और उसकी रानो को चाटा फिर जीभ
को उसके दोनो फांको पर ऊपर नीचे तक चला चला 4-5 मिनट चाटा. वह इतने
मे ही एकदम पागल सी हो गयी थी. दोनो फांकोंको चाट चाट्कर थूक से
भिगोने के बाद उसको देखने लगा. चूत से ज़ुबान हटी तो उसने आँखे खोल मुझे
देखा फिर मुस्कराती बोली, "भाई जान बहुत अच्छा लगा."
"अभी चाटूँगा तो और अच्छा लगेगा."
"हाई भाई जान अभी चाटा नही क्या?"
"कहाँ मेरी जान अभी तो ऊपर से मज़ा लिया है." और चूत की फाँक मे उंगली
चलाई.
वह अपने पैर कसकर फैलाती बोली, "हाई आह आज तो मज़े से पागल हो जाउन्गि,
भाई जान इसमे तो चूचियाँ चुसवाने से ज़्यादा मज़ा है."
फिर मेने उसकी फांको मे अपनी ज़ुबान ऊपर से नीचे चलाई और उसके क्लिट को
ज़ुबान से चाटा. क्लिट को ज़बान लगते ही वह एकदम बेहोश सी हो गयी थी. क्लिट को
चाटने के साथ ही उसके छेद मे ज़ुबान डाल डाल पूरी चूत को चूस्कर
चाटने लगा. अब वह मज़े से भारी चूटर को ऊपर की ओर उच्छाल सिसकती हुई
हाई हाई कर रही थी.
फिर हाथ ऊपर कर उसकी दोनो चूचियों को पकड़ दबा दबा चाटने लगा. 8-10
मिनट इसी तरह चाटा कि वह एक तेज़ सिसकारी ले हाई भाई जान बोलती झडने लगी.
मुँह पर उसकी चूत का नमकीन पानी लगा तो मुँह चूत से हटा उसकी चूत को
देखने लगा. चूत से धीरे धीरे नमकीन पानी रिस रहा था. झड़ती चूत बहुत
प्यारी लग रही थी. मे अभी भी उसकी चूचियों को पकड़े था और उसकी चूत
को भी होंठो से कभी कभी मसल देता था.
कुच्छ देर बाद वह जब नॉर्मल हुई तो मुझे देख मुस्काराई और मेरे चेहरे को
पकड़ ऊपर की ओर किया. मे उसके पास गया तो वह मेरे होंठो को चूम कर बोली,
"भाई जान यह कैसा मज़ा दिया आपने, मे तो आसमान पर उड़ रही हूँ."
"मज़ा आया ना चट्वाने मे?"
"हां भाई जान यह तो सबसे हसीन मज़ा था. चूचियों से ज़्यादा मज़ा चूत मे
है."
"हां शुमैला इसीलिए तो कह रहा था, मुझे भी बहुत मज़ा आया, देखो मेरा
लंड कैसा कड़क हो रहा है, हाई अब इसका पानी भी निकालना पड़ेगा वरना यह
मुझे सारी रात सोने नही देगा."
वह यह सुन मुझे देखने लगी. फिर धीरे से मुस्कराई और बोली, "भाई जान जैसे
दिन मे आपका पानी निकला था वैसे ही मेरा भी पानी निकला था अभी."
"हां जब मज़ा आता है तो पानी निकलता है और यही पानी निकलने पर ही असली
मज़ा आता है, मेने तुम्हारा पानी चाट कर निकाला है अब अपना पानी निकालूँगा तो
मुझे भी मज़ा आएगा."
"आप अपना पानी कैसे निकलेंगे?"
"कई तरीके होते है. जैसे मे अपने हाथ से अपना पानी निकालु या तुम अपने
हाथ से निकाल दो या तुम अपने मुँह मे लेकर चाटकार भी निकाल सकती हो और
सबसे प्यारा तरीका है कि तुम्हारी चूत मे इसे डालकर निकालु. सबसे ज़्यादा
मज़ा इसी मे आता है."
"हाई भाई जान कैसे?"
"इसमे तुम्हारा पानी भी निकल जाएगा और मेरा पानी तुम्हारी चूत मे निकलेगा तो
तुमको बहुत मज़ा आएगा. बोलो निकालें इस तरह से?"
"हाई नही भाई जान मुझे डर लगता है."
"ओह्ह तो कोई बात नही मे अपना पानी खुद निकालूँगा."
फिर अपना अंडरवेर उतार उसकी बगल मे लेटा और उसे देखते हुए मूठ मारने
लगा. वह कुच्छ देर बाद बोली, "भाई जान मे कर दूं?"
"हाई करो ना बहुत मज़ा आएगा तुम्हारे हाथ से."
तब वह उठी और मेरे लंड को पकड़ लिया फिर धीरे धीरे हाथ ऊपर नीचे करने
लगी. उसके हाथ मे लंड जाते ही मज़ा बढ़ा. 5-6 बार सहलाया तो मे बोला,
"हाई शुमैला अगर तुम इसे अपने मुँह मे लेकर देखो तो मज़ा आ जाएगा तुमको.
लंड चाटने मे लड़कियों को बहुत मज़ा आता है."
मेरी बात सुन उसने मुझे देखा. वह हिचकिचा रही थी. फिर उसने मुस्काराकार अपने
चेहरे को मेरे लंड पर झुकाया और होंठो को सूपदे के पास लाई. कुच्छ देर तक
रुकी फिर अपनी गरम ज़बान निकाल सूपदे पर लगाया और फिर मुझे देखा. वह कुच्छ
शरमाने सी लगी तो मे उसकी हिम्मत बढ़ाता बोला, "क्यः हुआ शुमैला लो ना
मुँह मे. लो बहुत मज़ा आता है चाटने मे. अगर अच्छा ना लगे तो मत
चाटना. अरे कोई ज़बरदस्ती नही है मे तो तुम्हारा भाई ही हूँ कोई बाहर वाला
या तुम्हारा शौहर नही जो बुरा मानूं."
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