RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
तब उसने कुच्छ सोचते हुए अपने स्कर्ट के अंदर हाथ डाला और फिर पैंटी उतारी
और मेरी ओर कर दी. मेने पैंटी पकड़ी और उसे सूंघते हुए उसे मस्त करने के
लिए कहा, "हाई शुमैला मेरी बहन कितनी मस्त और नशीली खुश्बू आ रही है
तुम्हारी पैंटी से हह आह अब तुम्हारी पैंटी को प्यार करूँगा तो मेरा निकलेगा.
फिर उसकी पैंटी को दो-चार बार नाक पर लगा सूँघा और फिर उसे दिखाते हुए
उस जगह को खोला जहाँ पर उसकी चूत होती है. उस जगह को देखा तो वह कुच्छ
पीली सी थी. मेने उस पीली जगह को उसे दिखाते कहा, "शुमैला देखो तुम्हारी
पैंटी यहाँ पीली है, शायद यहाँ पर तुम्हारा पेशाब लग जाता होगा."
वह शर्मकार नीचे देखने लगी तो मेने आगे कहा, "सच शुमैला तुम्हारी चूत
की खुश्बू इस पैंटी से कितनी प्यारी आ रही है. हाई इसे चाटने मे बहुत मज़ा
आएगा."
फिर मे उसकी पैंटी को मुँह मे ले चूसने और चाटने लगा तो वह हैरानी से
मुझे देखने लगी. कुच्छ देर चाट कर बोला, "शुमैला लग रहा है जैसे सच
मे तुम्हारी चूत चाट रहा हूँ."
वह और ज़्यादा शर्मा गयी तब मेने दो टीन बार और पैंटी को चाता फिर उसकी
पैंटी से अपने लंड को रगड़ते हुए कहने लगा, "ले हाई ले शुमैला की पैंटी पर
ही निकल जा हाई यह तो मेरी सग़ी और छ्होटी बहन है यह तुमको अपनी चूत नही
देगी. हाई जब यह मेरा पकड़ नही रही है और मुझे अपनी चटा नही रही है
तो तुझे कैसे देगी."
और फिर मे तेज़ी से झड़ने लगा. खूब पानी निकला था जिसे वह देख भी रही
थी और शर्मा भी रही थी. जब मे झाड़ गया तो उसे पकड़ उसके होंठ चूमकर
बोला, "थॅंक यू शुमैला अगर तुम अपनी पैंटी ना देती तो मेरा निकलता नही और
मुझे मज़ा नही आता. प्लीज़ अब तुम अपनी सभी गंदी पैंटी मुझे दे दिया करना."
वह कुच्छ बोल्ड हो बोली, "भाई जान गंदी क्यों?"
"अरे जो पहनी हुई होगी उसी मे तो तुम्हारी चूत की मस्त खुश्बू होगी ना."
वह फिर शर्मा गयी और धीरे से बोली, "हाय चलिए, भाई जान थोड़ा सा और
चूस दीजिए ना."
तब मेने फिर उसकी चूचियों को 10 मिनट तक और चूसा फिर उससे बोला, "जा
देखकर आ मम्मी सो रही हैं ना."
वह गयी और थोड़ी देर बाद आ बोली, "हां भाई जान सो रही हैं मम्मी."
"शुमैला मेरी जान तुम्हारी चूचियाँ बहुत अच्छी हैं, इनको चूस्कर मज़ा आ
गया यार ज़रा सा अपनी नीचे वाली भी चटा दो ना."
"हाई भाई जान नही नही यह ठीक नही है."
"अरे यार तुम डरो नही बस केवल देखूँगा और एक बार चाटूँगा फिर कुच्छ नही
करूँगा. प्लीज़ शुमैला."
"भाई जान आप नही मानते तो मे आपको केवल दिखा सकती हूँ लेकिन छूने नही
दूँगी, बोलिए?"
"ओके, ठीक है, दिखाओ हाई देखें तो मेरी बहन की चूत कैसी है हाई जिस
चूत की खुश्बू इतनी प्यारी है वह देखने मे कितनी खूबसूरत होगी?"
वह मेरी बात सुन शर्मा गयी और फिर धीरे से अपने स्कर्ट को पकड़ा और मेरे
सामने खड़ी हो स्कर्ट ऊपर उठाने लगी. मे उसकी चूत देख मस्त हो गया और
लंड तेज़ी से झटके लेने लगा. मे उसकी खूबसूरत चूत देख अपने होंठो पर
जीभ फेरता बोला, "आह शुमैला मेरी जान मेरी प्यारी बहन तुम्हारी चूत बहुत
खूबसूरत है, हाई कितनी प्यारी सी छ्होटी छ्होटी फाँक और कितनी गुलाबी सी
एकदम गुलाब की कली सी चूत है. हाई शुमैला वह कितना खुशनसीब होगा जो इस
कली को फूल बनाएगा. आअह उसे कितना मज़ा आएगा जब वह मेरी बहन की प्यारी सी
चूत पर अपनी जीभ लगा चाटेगा."
वह मेरी इस तरह की बात सुन मस्त हो और कुच्छ शरमाते हुए बोली, "ओह्ह
भाई जान आप कैसी बातें कर रहे हैं? अब देख लिया अब बस अब चलिए आराम से
टीवी देखते हैं."
फिर वह स्कर्ट नीचे कर सामने बेड पर करवट के बल लेट गयी तो मे भी उसके
पिछे लेट उसकी गांद पर लंड सटा उसे अपनी बाँहो मे दबोच लिया. वह
कसमसाई तो मेने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और दबाते हुए उसे मस्त करने
के लिए उसके कान मे फुसफुसाने लगा.
"शुमैला मेरी बहन तुम बहुत खूबसूरत हो, तुम्हारी चूचियाँ बहुत कड़क है
और तुम्हारी चूत का तो जवाब ही नही."
वह शरमाती सी बोली, "भाई जान टीवी देखिए ना?"
"ओह्ह देख तो रहा हूँ, हाई शुमैला अगर तुम इज़ाज़त दो तो तुम्हारी चूत को
हाथ से छू कर देख लूँ."
"ओह्ह भाई जान आप भी."
"प्लीज़ शुमैला."
"भाई जान देखिए आप ......ओके भाई जान लेकिन भाई जान अभी नही प्लीज़ अभी टीवी
देखिए रात को जब मम्मी सो जाए तब आप आ जाइएएगा मेरे रूम मे तब आप
देखिएगा भी और छू भी लीजिएगा."
"हाई ठीक है शुमैला, ऊहह हाई रात तक इंतेज़ार करना होगा इस प्यारी चूत
के लिए."
फिर मेने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और उसको मसलता रहा और टीवी देखता
रहा. 15-20 मिनट बाद वह अलग होते बोली, "भाई जान अब हटिए मम्मी उठने वाली
होंगी."
फिर वह उठकर टाय्लेट गयी और वापस आ ठीक से बैठ गयी. फिर मेने भी अपने
कपड़े सही किए और थोड़ी देर बाद मम्मी आ गयी.
मम्मी भी हमारे साथ टीवी देखने लगी. 10 मिनट बाद मम्मी बोली, "शुमैला बेटी
जा चाइ बना ला."
वह गयी तो मम्मी ने मुझसे कहा, "आमिर बेटे कुच्छ काम बना तुम्हारा?"
"मम्मी बहुत काम बन गया."
"अच्छा क्या क्या हुआ?"
"मम्मी आज तो शुमैला की दोनो चूचियों को चूस चूस्कर खूब मज़ा लेकर
झाड़ा और उसकी चूत को भी देखा लेकिन उसने छूने नही दिया."
"अरे तो केवल चूचियों का ही मज़ा लिया अपनी बहन की."
"हां मम्मी वैसे उसने कहा है कि रात को अपने रूम मे बुलाएगी."
"अच्छा ठीक है बेटा तुम उसके कमरे मे जाकर ही मज़ा देना. कोशिश करना कि
तुम उसे आज ही चोद लो, और अगर ना चोद पाओ तो एक काम ज़रूर करना."
"क्या मम्मी?"
"तुम अपनी अंडरवेर उसके रूम मे ही छोड़ देना और अपनी कोई और आइटम भी वही
छोड़ देना बाकी मे देख लूँगी."
"ठीक है मम्मी."
फिर शुमैला चाइ लेकर आ गयी. हम सब चाइ पीने लगे. फिर सब कुच्छ नॉर्मल हो
गया. मे बाहर चला गया.
क्रमशः…………………
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