RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"आर यू शुवर बेटा... आंड मैं क्या कहूँगा पोलीस को, हाउ डू आइ नो ऑल दिस...." राकेश के फरन्ड को टेन्षन सी होने लगी
"सर, यू जस्ट टेल देम यह शॅरन मर्डर केस का एक क्लू है.. अगर रूबी को वो ढूँढ लेंगे तो शॅरन मर्डर केस के आरोपी तक भी वो आसानी से पहुँच जाएँगे.. आंड अगर थोड़ी प्राब्लम होती है तो लेट मी नो... मेरा बॉस भी यूएस में ही है, ही विल टेक केर ऑफ यू.." भारत बड़े इतमीनान से बोल रहा था
"शुवर बेटा, आइ विल डू इट राइट अवे आंड कीप यू अपडेटेड...बाइ" कहके राकेश के दोस्त ने फोन रखा और भाग के वो पोलीस के पास पहुँचा और उन्हे सब बयान कर दिया
उधर राकेश और भारत चलते चलते बातें करने लगे और घर पहुँच के देखा तो सीमी और शालिनी उन दोनो का ही इंतेज़ार कर रहे थे..
"वेलकम, मिस्टर होने वाले दादा जी.." सीमी ने राकेश के गले लग के कहा... यह न्यूज़ पाकर राकेश को काफ़ी खुशी मिली... उसने शालिनी और भारत दोनो को गले लगाया...
"आंड भारत.. आइम वेरी अपसेट विद यू... निधि वाली बात तुमने शुरू से ही मुझसे छुपाई..... उससे प्यार करते थे तब भी नहीं बताया, और आज जब वो हमारे बीच नहीं रही, तब भी... कब तक अकेले रहना पसंद करोगे बेटा तुम.. दिस ईज़ व्हाट फॅमिलीस आर मेड फॉर ना.. शेअर दा जाय्स आंड सोर्रोव्स...." सीमी ने भारत को प्यार से समझाते हुए कहा
"कम ऑन मोम... डोंट बी एमोशनल नाउ... आंड रही निधि की बात, तो आइ मॅनेज्ड इट... " भारत ने सीमी से आँख चुराते हुए कहा जिसे सब ने देख लिया लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा...
"ओके, तो आज से निधि की फोटो यहाँ लिविंग रूम में ही लगेगी... आंड मुझे इस बात पे कोई प्राब्लम नहीं चाहिए.... शालिनी गेट मी दा फोटो बेटा" सीमी ने शालिनी से कहा, और शालिनी ने भी बिना कुछ कहे सीमी को पिक ला दी... सीमी ने आगे बढ़ के अपनी फॅमिली पिक के पास निधि की फ्रेम लगा दी...
"भारत.. शी ईज़ वेरी ब्यूटिफुल... लेकिन इसकी इस हालत के लिए भी ज़िम्मेदार तुम हो... जब तुम निधि को डेट कर रहे थे, और उसके अंकल की शर्त के बारे में हमे बताते, तो हम कुछ रास्ता निकलते बेटा.... हम से शेअर ना करके तुम्हे क्या मिला आख़िर..." सीमी आज खुल के भारत से बातें कर रही थी, उसे परवाह नहीं थी कि शालिनी वहाँ खड़ी है....
"मोम... ऐसा नहीं है... और आपको नहीं बताया, तभी तो मुझे मेरी यह स्वीटहार्ट मिली ना..." भारत ने शालिनी को पीछे से गले लगा के कहा... राकेश ने भारत का इशारा समझा, और इससे पहले सीमी कुछ बोलती, बीच में राकेश बोल पड़ा
"अरे भाई चलो अब.. जो बीत गयी, सो बात गयी... चलो अब आराम करते हैं थोड़ा,आइएम टाइयर्ड .... आंड भारत, यू ऑल्सो टेक रेस्ट.. कल काम है ना" राकेश यह कहके सीमी के साथ अपने रूम की ओर बढ़ गया
भारत ने शालिनी से सब बातें डिसकस की, जो उसने राकेश के साथ की थी..
"डोंट वरी शालिनी.. नतिंग विल हॅपन टू एनी ऑफ अस.. आंड रूबी के लिए भी आइ हॅव चेक्ड, लोकल पोलीस वहाँ की उसकी सर्च में लग गयी होगी अब तक.. इंतेज़ार बस कल का है अब, जब इन सब पर से परदा उठेगा और सब राज़ खुलेंगे..
"पर भारत.. आइ स्टिल फील, कल पोलीस की हेल्प लेनी ही पड़ेगी, आइ मीन... यू नेवेर नो, वो लोग कुछ भी कर सकते हैं.... आंड उनका मैं रिवेंज तो तुम से है... आइ मीन, अगर डॅड उन्हे अपनी प्रॉपर्टी दे भी देंगे, तो भी हाउ कॅन वी बी शुवर कि वो लोग तुम्हे कुछ नहीं करेंगे.... वी नीड टू बी कॉशियस ना.." शालिनी ने चिंता व्यक्त करे हुए कहा
"आइ हॅव ऑलरेडी टेकन केर ऑफ दट हनी.... मुझे बस कुछ छोटा सा समान चाहिए, जो मुझे सुबह को मिलेगा.. फिलहाल, तो यू नीड रेस्ट ओके... चलो सो जाओ आराम से अब.."
"वी नीड रेस्ट समझे.." कहके शालिनी ने भारत का हाथ पकड़ा, और दोनो अपने रूम की तरफ निकल गये....
भारत और राकेश की आँखों से नींद कोसों दूर थी, राकेश बार बार यह सोच रहा था कि कल क्या होगा.. भारत को बता के कहीं उसने अपने गुनाहों की सज़ा भारत को भी तो नहीं दे दी.. भारत के आगे तो अभी काफ़ी ज़िंदगी है, कल कुछ उपर नीचे हुआ तो वो क्या मूह दिखाएगा शालिनी और सीमी को... उधर भारत यह सोच रहा था, कि कल जब राकेश वहाँ जाएगा, तो क्या वो सीमी और शालिनी को साथ ले जाए..
"नई, मोम और शालिनी यहीं रहेंगे..." भारत ने धीरे से खुद से कहा और सोने की कोशिश करने लगा
सुबह सब कुछ नॉर्मल ही था, राकेश को अंदर ही अंदर काफ़ी चिंता थी, लेकिन वो अपनी चिंता व्यक्त नहीं करना चाहता था... सीमी और शालिनी ने भी यह देखा लेकिन दोनो ने राकेश से कुछ नहीं कहा.. सुबह के 8 बजे से लेकिन दोपहर के 12 बजे तक राकेश बस घर के चक्कर काट रहा था, कभी बाल्कनी में, कभी लिविंग रूम में...
"भारत भी नहीं दिख रहा, व्हेअर ईज़ ही.." फाइनली राकेश ने सीमी से पूछा.. सीमी कुछ जवाब देती इससे पहले घर की डोरबेल बजी.. सीमी ने दरवाज़ा खोल के देखा तो सामने भारत खड़ा था, और उसके हाथ में एक फेमस शर्ट की ब्रांड का बाग था
"हेलो डॅड.. हेलो लॅडीस..." भारत ने घर में आते हुए कहा
"कहाँ थे तुम सुबह से भारत.." राकेश ने भारत से कहा , और उसका फोन रिंग हुआ.. राकेश ने देखा तो एक जाना पहचाना नंबर देख कर उसके चेहरे पे शिकन सी आ गयी.. यह देख भारत के साथ सीमी और शालिनी भी उसके पास पहुँचे और राकेश खामोश खड़ा बस बजते हुए फोन को देख रहा था
"कम ऑन डॅड... वी ऑल आर हियर ना.. आन्सर इट नाउ...." कहके भारत ने फोन राकेश को हाथ में दिया, और राकेश ने काँपते हाथों से फोन को ग्रीन कलर की ओर स्वाइप किया और उसे स्पीकर पे रखा.. सुखी हुई हलक से आवाज़ निकाल के राकेश ने जवाब दिया
"हेलो..."
"हेलो पापा... कैसे हैं आप, और इतनी देर क्यूँ लगाई फोन उठाने में...आप ठीक तो हैं..." सामने से जवाब आया
"हां, सब ठीक है..." राकेश ने बस इतना ही कहा
"ग्रेट.. अच्छा मेरा भाई और भाभी कैसे हैं.. और मोम, आइ होप सब काफ़ी खुश हैं आपके इस फ़ैसले से.." सामने से फिर ऐसी बात सुन राकेश के चेहरे पे पसीना बढ़ता गया
"कैसे फ़ैसले से.." राकेश ने हैरान होके कहा
"कम ऑन डॅड, आपने ही तो फ़ैसला किया, के आपकी सारी प्रॉपर्टी आप मेरे नाम कर रहे हैं.. अब जब सारी प्रॉपर्टी, बॅंक बॅलेन्स और स्टॉक्स, सब मेरे नाम होगा तो आप तो रोड पे आ जाएँगे ना.. तो ऐसी हालत में मेरे भाई भाभी और मोम कहाँ सोएंगे.. इसलिए कहा, वो यह सब जान कर खुश हैं ना.... हाहहहहहहहाहा...." एक लंबी हँसी सुन के राकेश के साथ सीमी और शालिनी भी डर गयी... शालिनी ने कस के सीमी को पकड़ लिया, और सीमी ने भी उसे हौसला दिया
"पॉइंट की बात पे आओ..." राकेश ने फिर सुखी हुई आवाज़ में कहा
"क्या डॅड.. अच्छा चलिए, तो आप कितनी देर में आ रहे हैं आज यहाँ. जल्दी आइए तो काफ़ी सारी बातें भी करनी हैं आपके साथ.. और हां, आप अकेले मत आना... मोम और भाभी को तो लाना ही, पर भाई.. उसे तो बिल्कुल मत छोड़ना अकेला... भाई को काफ़ी मिस करती हूँ आज कल मैं...." कहके फोन कट हो गया... फोन के कट होते ही सीमी और शालिनी की आँखों में जहाँ डर था, वहीं राकेश भी एक ख़ौफ्फ में समा सा गया था..
"डॅड. चलिए, दीदी से मिलते हैं... और हां, आप यह वाली शर्ट पहनिए.. मैं ख़ास यह न्यू शर्ट लेने गया था आज के इस अवसर के लिए.." भारत ने राकेश के हाथ में बॅग पकड़ते हुए कहा
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