RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"हे शॅरन.. सिड हियर.. यस, शॅरन आइ वाज़ सेयिंग प्लीज़ डोंट डिस्टर्ब भारत नाउ.. यू नो हाउ ही ईज़. सो व्हाट वी विल डू, आइ विल मीट यू टुमॉरो आंड विल कॉल हिम जायंट्ली..."
"ओके सिड... आइ विल सी यू टुमॉरो.. "
"शॅरन से हुई इस बात के बाद, दूसरे दिन मैं ऑफीस गया ही नहीं और दिन ख़तम होने से पहले मैने रिज़ाइन रख दिया.. जब शॅरन को यह बात पता चली, तब उसी रात शॅरन ने भारत को दो तीन बार ट्राइ किया, बट हमारी किस्मत ने साथ दिया और भारत से उसकी बात नई हुई... तभी ही लोकल गुण्डों से बात करके मैने आस पास कॅमरास बंद करवाए और तीसरी सुबह शॅरन के घर के बाहर जाके देखा तो शॅरन के माँ बाप वॉक पे गये हुए थे.. मैं पीछे से उसके घर घुसा और शॅरन को भी सॉफ कर दिया.." सिड ने अपना स्पेक्स उतार के कहा
"यूएस में भी गुंडे होते हैं... वाह" मेहुल ने अपने पीले दाँत दिखाते हुए कहा
"हम जैसे लोग हर जगह हैं.. वैसे, इन सब का कुछ फाइनान्षियल बेनेफिट भी तो होना चाहिए" विक्रम ने बीच में कहा
"चिंता नहीं करो... राकेश की संपाति 500 करोड़ से उपर है. प्रॉपर्टीस, बॅंक बॅलेन्स, स्टॉक्स... और पुराना खिलाड़ी है हवाला के धंधे का.. हो सकता है शायद यह फिगर अब 4 डिजिट्स में चला गया हो... जो भी हो, मेरी बहेन और मेरा हिस्सा 75 % रहेगा.. तुम तीनो 25 % बाँट लो... और अगर हिस्सा कम लगे तो तुम इस प्लान से निकल जाओ.. जब तक बाहर जाके मूह खॉलोगे, तब तक तुम लोगों की लाश भी वॉरली सी लिंक पे मिल जाएगी.." उस लड़की ने कश खींच के कहा
"अगर 500 करोड़ भी हुआ तो मेरा हिस्सा 40 करोड़ होगा.. मुझे इससे ज़्यादा नहीं चाहिए, " मेहुल ने सिड और विक्रम को देख के कहा
"हां हां.. ठीक है... डन" सिड और मेहुल ने भी एक साथ कहा
.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अगली सुबह भारत जल्दी से तैयार होके निकला और जाते जाते उसने राकेश को भी फोन किया
"हाई डॅड.. एंजायिंग ना.." भारत ने अपना ब्लेज़र पहेन के कहा
"यस सन... कमिंग सून, मे बी 5 डेज़" राकेश ने जवाब दिया
"ग्रेट.. आंड मोम... व्हेअर ईज़ शी.." भारत मे जूस पीते हुए कहा
"ओह शी .. शी ईज़ फॅंटॅस्टिक हाहहहा" राकेश ने कहा
"कम ऑन यू ओल्डीस... सी यू सून.. टेक केर" कहके भारत ने फोन कट किया और शालिनी से अलविदा लेके ऑफीस के लिए निकल गया.. कोलाबा से निकल के, भारत खार की तरफ बढ़ने लगा... खार स्टेशन के बाहर ही एक बंदे को गाड़ी में बिठाया और काफ़ी लंबी ड्राइव के बाद वो पहुँच क्रॉफर्ड मार्केट ईरानी होटेल
"दो कटिंग ईरानी चाइ, और दो मस्का बन... " बंदे ने सीट पे बैठ के ऑर्डर दिया
"सर, यह रही लिस्ट... और मेरे पैसे दीजिए" उस बंदे ने लिस्ट देके भारत से कहा
"यह लो तुम्हारे 20 हज़ार..." भारत ने पैसे देके कहा
"20... बात तो 10 की हुई थी ना" उस बंदे ने कहा
"10 इस काम के.. अगर लिस्ट देख के कुछ और काम हुआ तो 10 उस काम के भी" भारत ने लिस्ट देख के कहा
शुरुआत से देखना भारत ने चालू किया, लिस्ट में इनकमिंग और आउटगोयिंग कॉल्स.. इनकमिंग और आउटगोयिंग स्मस के नंबर भी थे... धीरे धीरे जब लिस्ट में आगे जाने लगा, तब एक जाना पहचाना नंबर उसे दिखा.. उसने अपना आइ फोन निकाला और उसपे नंबर टाइप करने लगा.. जैसे जैसे नंबर टाइप किया, वैसे वैसे उसके कॉंटॅक्ट्स से सजेशन्स आते गये.. पूरा नंबर टाइप किया और बस एक ही सजेशन आया
"ह्म्म्म,... आइ शुड हॅव गेस्ड दिस..." कहके उसने अपनी पॉकेट से एक पेपर निकाला और उसपे कुछ नाम लिखना चालू किया
फिर वापस लिस्ट देखना चालू रखा... जब लोकल नंबर्स ख़तम हुए, तो इंटरनॅशनल आउटगोयिंग की तरफ लिस्ट गयी... उस लिस्ट में बस एक ही इंटरनॅशनल नंबर था.. हर दिन कम से कम 30 मिनिट्स तक की बातें थी.. भारत ने ध्यान से उस नंबर को देखा,
"इंटरनॅशनल नंबर इतने बड़े क्यूँ होते हैं यार.. अच्छा कोई जान पहचान है क्या वहाँ.. नंबर तो यूएस का है शायद" भारत ने एक बार फिर लिस्ट देख के कहा
"नहीं सर.. आज तक मुंबई के बाहर नही गया, इंटरनॅशनल कहाँ जाउन्गा..." उस बंदे ने अपनी चाइ लेके कहा
"हाहहहा.. बेटे, मेरे साथ रहोगे तो जहाँ बोलॉगे वहाँ भेजूँगा.. पहले रूको, मुझे यह नंबर नोट करने दो.." कहके भारत ने फिर अपना फोन निकाला और उस नंबर को टाइप करने लगा.. उस के डिजिट्स टाइप करते ही उसके सामने दो सजेस्टेड नंबर्स आए, एक तो शॅरन का था.. पर जल्दी जल्दी में उसने कुछ नहीं देखा और बस नंबर टाइप करने लगा. जैसे जैसे नंबर्स टाइप होते गये, वैसे वैसे सजेशन्स भी कम होते गये.. फाइनली उसके सामने था बस एक सजेशन.. वो नाम देख के उसकी आँखें और बड़ी हो गयी
"एह... यह इससे कैसे... " भारत ने बस इतना ही कहा, के उसके सामने बैठे बंदे ने उसे देखा
"सर, सब ठीक"
"उः.. हां..." कहके भारत ने तीसरा नाम लिखा पेपर पे... और फिर दोबारा लिस्ट देखने लगा.. जब पूरी लिस्ट ख़तम हुई, उसने फिर स्मस की तरफ देखा... स्मस' में एक और इंटरनॅशनल नंबर और एक दूसरा लोकल नंबर भी आया जिसपे एक दिन में काफ़ी स्मस गये थे और आए भी थे.. इस बार भी भारत ने सोचा के शायद यह नंबर्स उसके फोन में हो, पर टाइप करते करते उसे कोई सजेशन नहीं आया
"डॅम इट... अच्छा सुनो, यह एक लोकल नंबर है... मुझे इसकी डीटेल्स चाहिए, लाइक किसके नाम पे है और रेसिडेन्षियल अड्रेस.." भारत ने उसे नंबर दिखा के कहा
"ठीक है सर, अगर प्रीपेड हुआ तो इन्फ़ॉर्मेशन ग़लत भी हो सकती है, लेकिन पोस्टपैड हुआ तो इन्फो सही मिलेगी" उस बंदे ने नंबर नोट करके कहा
"अगर जो मैं सोच रहा हूँ वोही हुआ तो पोस्टपैड ही होगा..." कहके भारत ने लिस्ट अपनी जेब में डाली और उस बंदे के साथ बाहर निकला..
क्रॉफर्ड से लेके अपनी ऑफीस तक का सफ़र भारत के लिए काफ़ी तकलीफ़ वाला था, क्यूँ कि उसकी जान पहचान का एक नंबर मिला था उसे.. ऑफीस पहुँच के भारत ने रीना को बुलाया
|