RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
खुद के एमोशन्स पे काफ़ी कंट्रोल रख के, भारत ने निधि का अंतिम संस्कार सब रीति रिवाज़ो के हिसाब से करवाया... कुछ देर में शालिनी के माँ बाप भी पुणे के लिए निकल गया दोनो से बिदाई लेके.. भारत और शालिनी काफ़ी देर वहीं उस आग के पास बैठे रहे जिसमे निधि की बॉडी जल रही थी.. दोनो एक दूसरे से कुछ नहीं कह रहे थे, बस उस आग को देख रहे थे...
"लेट्स गो नाउ.. अंधेरा से तुम्हे दर्र भी लगता है, और यह जगह कुछ ज़्यादा डरावनी है.." शालिनी ने भारत से हल्के से मज़ाक में कहा... बिना कुछ कहे, भारत ने भी उसकी बात मानी और दोनो वहाँ से अपने घर चले गये...
"यू ड्राइव प्लीज़.." कहके भारत ने गाड़ी की चाबी शालिनी को दी और खुद उसके पास बैठ गया.... दोनो थोड़ा आगे ही निकले के भारत के मोबाइल पे फोन आया..
"हां मुन्ना.. क्या पता चला.." भारत ने अपनी रूखी सी आवाज़ में कहा
"साब वो जो क़ैदी है, उसको छूटे हुए कुछ 15 दिन हुए हैं.. और हन, मुझे यह भी पता चला है कि वो अभी मुंबई में है..." मुन्ना ने भारत से कहा
"ओके.. तुम कल मिलो, पैसे देता हूँ मैं तुम्हे.." कहके भारत ने फोन कट किया
"क्या बताया इसने.." शालिनी ने गाड़ी चलाते हुए ही पूछा
"मेहुल... ही ईज़ फ्री नाउ... मैं जानता हूँ निधि का खून उसने नहीं किया, पर ज़रूर उसी का हाथ होगा... " भारत ने पानी पीते हुए कहा
"भारत इतना शुवर कैसे है के निधि का मर्डर उसने नहीं किया... बट उसका हाथ है.." यही सोचते सोचते शालिनी बस गाड़ी चलाती रही और कुछ ही देर में दोनो घर पहुँच गये.. घर पहुँचते ही फिर भारत का फोन बजा,इस बार राज का फोन था..
"हां राज.. टेल मी." भारत ने घर के अंदर जाते हुए कहा
"बॉस... परसो मैं कोलकाता जा रहा हूँ... तो आइ वाज़ थिंकिंग के अगर आप और भाभी कल घर पे डिन्नर के लिए आ सकें तो वी विल बी वेरी हॅपी.."
"नहीं राज.. यह सब की ज़रूरत नहीं है, तुम डिज़र्व करते थे यह प्लेस तभी मैने तुम्हे भेजा है.. बस काम पे ध्यान दो, आंड डोंट लेट मी डाउन.." भारत ने जवाब में कहा
"आइ नो सर.. आइ इन्सिस्ट प्लीज़... एक बार हम आपके घर आए थे, इस बार प्लीज़ गिव अस आ चान्स टू बी होस्ट.. आइएम शुवर, आइ वोंट लेट यू डाउन हियर ऐज वेल..." राज ने ज़ोर देते हुए कहा
"राज यार..... ट्छ.. ठीक है चल, कल 8 बजे वी विल बी देअर... आंड कीप इट प्योर् वेज...आइ एम टाइयर्ड ऑफ एनवी नाउ... सी या" कहके भारत ने फोन रखा और शालिनी को भी सेम बात बताई... उस रात शालिनी और भारत दोनो जागते रहे, दोनो थे एक दूसरे की बाहों में, पर दिमाग़ से कहीं और... भारत के दिमाग़ में उस चैन को लेके सवाल थे, और शालिनी के दिमाग़ में भारत के उस वाक़्य को लेके जो उसने गाड़ी में कहा था... भारत शालिनी को चैन के बारे में बता देता तो शायद ज़्यादा स्ट्रेस ले लेगी इस हालत में, जो अच्छी बात नहीं है.. इसलिए वो खामोश रहा और रात का करीब 2 बजे दोनो की आँख लग गयी..
मुंबई से काफ़ी दूर, एक होटेल के रूम में राकेश काफ़ी परेशान सा लग रहा था... उसके एक हाथ में एक स्कॉच का ग्लास और दूसरे हाथ में वो अपने फोन से फिड्ल कर रहा था..
"क्यूँ परेशान हो रहे हो इतना... क्या सोच रहे हो.." पास बैठी सीमी ने राकेश से कहा
"सीमी, आइ थिंक अभी टाइम आ गया है.. भारत को सब चीज़े बताने का.. मेरे पास्ट के बारे में..." भारत ने ड्रिंक का एक घूँट भर के कहा
"नहीं... अभी नहीं, आज मेरी शालिनी से बात हुई, वो प्रेग्नेंट है.. इस बीच अगर कोई बात ऐसी हुई जिससे भारत को या शालिनी को परेशानी हुई, तो कुछ प्राब्लम ना हो जाए.. थोड़ा वक़्त जाने दो, उसके बाद बोलना.. आंड आइएम श्योर, भारत तुम्हारी बात को समझेगा..." सीमी ने राकेश से कहा और खुद भी उसके साथ ड्रिंक्स लेने लगी.
मुंबई में अगली सुबह, भारत ऑफीस जाने के लिए रेडी हुआ... शालिनी के साथ नाश्ता करते करते उसने कहा
"शालिनी...आइ एम सॉरी, मैं कुछ ज़्यादा ही रिएक्ट कर गया था.. यह भी भूल गया कि अब तुम्हारा ख़याल भी ज़रूरी है.. प्लीज़ फर्गिव मी"
"प्लीज़ डोंट वरी स्वीट हार्ट... आंड ऑफीस में जाके कुछ काम करो, फ्रेश हो.. आइएम शुवर यू विल बी फाइन ओके... आंड मेरा ख़याल तुम ही रखोगे ना, तोऔर कौन रखेगा.. आंड डोंट थिंक टू मच.. प्रॉमिस मी... " कहके शालिनी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और भारत ने भी उसका हाथ थाम के किस की... ऑफीस पहुँचते ही इट वाज़ आ रेग्युलर डे फॉर भारत.. टीम मीटिंग्स, प्रॉब्लम्स और सल्यूशन्स... हां, आज राज का फेरवेल भी था ऑफीस में.. इसलिए राज की फेरवेल स्पीच के बाद भारत ने उस टीम मेंबर का नाम भी अनाउन्स किया जो राज को रीप्लेस कर रहा था... ऑफीस में काफ़ी खुशी का माहॉल था आज, सब टीम मेंबर्ज़ काफ़ी खुश थे, क्यूँ कि उनको भारत का अप्रोच बहुत अच्छा लगा था.. भारत इंटर्नल टीम मेंबर्ज़ को ही प्रमोट कर रहा था, ना की कोई बाहर से न्यू बंदे ले रहा था... इसलिए सब मेंबर्ज़ काफ़ी मोटीवेटेड थे, क्यूँ कि वो जानते थे कि आज नहीं तो कल उनका काम देख के भारत भी उनका ख़याल रखेगा.. विक्रम कोहली के बंदे, अब भारत की टीम बनती जा रही थी.. शाम को ऑफीस में खुशी की ल़हेर सी दौड़ गयी.. उस से भारत के प्रमोशन का मैल आया था..
डियर ऑल,
दिस ईज़ टू इनफॉर्म यू तट भारत विल नाउ बी दा कंट्री हेड फॉर सेल्स इन इंडिया... भारत विल बी डाइरेक्ट्ली रिपोर्टिंग तो मे.. लास्ट फ्यू मंत्स वी हॅव विट्नेस्ड आ ट्रेमेंडस स्पाइक इन नंबर्स फॉर इंडिया आंड दिस ईज़ दा रिज़ल्ट ऑफ हार्ड वर्क ऑफ भारत आंड हिज़ एंटाइयर टीम.. वी होप टू सी दा सेम रिज़ल्ट्स इन दा कमिंग डेज़ ऐज वेल..
रीगार्ड्स,
मार्श तिम्मोती
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