RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"अहाहा चोदो ना अहहहः.. नीचे मेरे पति को धक्के महसूस कर्वाओ अहहहा.आ.आ भडवे को चोदना अहहहा सिख़ाओ ना अहाहहा उईईइ माहहाहहहा यॅ फक मी अहहहहा.. फक युवर बिच अहहहः"
"ओह यआःा अहहहहाः ठप्प्प ठप्प्प्प ठप्प्प्प ठप्प्प्प.. ओह्ह्ह अहहहाहा"
"अहहाहा बॉस.. बस अहहाहा.. मेरी शॉर्ट्स गीली हो गयी आहहहा..उम्म्म्म"
"अभी तो मेरा खड़ा भी नहीं हुआ ठीक से... और तुम थक गयी..... सामने छुड़वाने आओगी तो इतना जल्दी घुटने टेक दोगि"
"बस बॉस अहाहा..आइ एम गोयिंग बाइ.. सी यू इन ऑफीस" कहके रीना ने मोबाइल साइड में रखा और अपनी भीनी चूत को राज से छुपा के बाथरूम चली गयी
उधर भारत भी अपना पसीना पोछ के बाहर गया और फ्रेश होके शालिनी से बात करने लगा..
"मम्मी गयी कि नहीं" भारत ने नाश्ता खाते पूछा
"नहीं, अब तक सो रही हैं.. शी विल लीव अट 12 आइ गेस..." शालिनी ने नॉर्मल टोन में जवाब दिया
नाश्ता करके भारत ऑफीस के लिए निकला और पूरे रास्ते रीना के बारे में सोचता रहा.. आज पता नहीं क्यूँ किया ऐसा भारत ने, उसे खुद समझ नहीं आ रहा था कि वो रीना के आगे इतना सूबमीस्सीवे कैसे हुआ... जल्द ही बात को हवा कर के वो ऑफीस पहुँचा और जाके ज़ोनल रिपोर्ट्स देखने लगा...
"कॉल दा ज़ोनल मॅनेजर्स ऑन लाइन.... फिक्स आ कॉल अट 2..." भारत ने रीना से बुला के कहा
"ओके बॉस.. " कहके रीना भी अपनी गान्ड मटकाती मटकाती उसकी कॅबिन से निकली.. धीरे धीरे जैसे स्टाफ आने लगा, सब ने भारत को विश किया.. कुछ लोग तो भारत के लिए गिफ्ट भी लाए थे, लेकिन उसने किसी की गिफ्ट आक्सेप्ट नहीं की और सब को काम पे लगा दिया
दोपहर के करीब 1 बजे
"सो मिस्टर घोष.. क्या करें... ईस्ट और साउत के नंबर्स तो खराब हैं.. उन्हे ठीक कैसे किया जाए" भारत ने अपने साथ कॉल में जुड़े ज़ोनल मॅनेजर से कहा
"सिर, मैं तो ईस्ट का ही बोल सकता हूँ... फ्रॅंक्ली स्पीकिंग, थिंग्स आर वेरी मेसी हियर सर... आइ वुड बी वेरी थॅंकफुल अगर आप एक बार यहाँ आ जायें और टीम को मोटीवेट करें.. साथ ही हमारी स्ट्रॅटजी भी शेर कर दूँगा, आपके टिप्स मेरी काफ़ी मदद कर सकते हैं..." घोष ने अपने हथियार डालते हुए कहा
जेपीएम ईस्ट इंडिया में काफ़ी पीछे था, कोलकाता शहेर में पैसा तो था, लेकिन वहाँ के लोग आज भी पुरानी सोच में क़ैद थे... जेपीएम एक फोरेगिं ब्रांड थी, इसलिए स्वराज के नाम पे काफ़ी लोग उसका विरोध करते थे और लोकल चिट फंड्स कंपनीज़ में पैसा डालते थे... घोष को यह पता था, पर वो कुछ कर नहीं पाता था.. घोष की टीम के मेंबर्ज़ भी अपने काम पे ध्यान नहीं देते थे.. उल्टा जेपीएम की सॅलरी लेके वो लोग चिट फंड्स को प्रमोट करते थे और वहाँ से भी अपना हिस्सा लेते थे....
"ओके मिस्टर घोष... मैं कल और परसो वहाँ रहूँगा.. विल रीच टुमॉरो मॉर्निंग ओके..." कहके उसने कॉल कट किया और रीना से फ्लाइट के टिकेट्स बुक करने के लिए कहा
'सर आप अकेले जाएँगे.. वहाँ असिस्टेंट की ज़रूरत तो पड़ेगी ना." रीना ने अपने मूह में पेन डालते हुए कहा
"ज़रूरत तो पड़ेगी, पर तुम राज को क्या कहोगी... औड तुम्हारे लिए मैं कुछ रीज़न नहीं सोच पाउन्गा.. अगर आ सको तो साथ ही अपनी टिकेट भी बुक करवा देना.. और हां रिटर्न की मत करवाना..." कहके भारत अपनी सीट से उठा और घोड़ी पोज़िशन में खड़ी रीना की गान्ड पे एक थप्पड़ सा मार के आगे निकल गया
रीना ने अपनी और भारत की टिकेट तो बुक कर दी, पर साथ ही होटेल में एक ही रूम बुक करवाया... उधर भारत ऑफीस से जल्दी निकल गया और शालिनी के बताए हुए अड्रेस पे पहुँच गया.... शालिनी ने उसके लिए कॅंडल लाइट डिन्नर बुक करवाया था... ताज पूल के साइड , शालिनी ने सब टेबल्स बुक कर ली थी.. वो शाम बस अकेले में गुज़ारना चाहती थी भारत के साथ.. भारत ने जैसे ही यह देखा, वो काफ़ी खुश हुआ... रोमॅंटिक म्यूज़िक के साथ हर तरफ गुलाब की पत्तियाँ बिछी हुई और बस एक मोमबति की हल्की रोशनी.. इतना सब देख के भारत फ्लॅट सा हो गया... शालिनी और भारत ने पूल साइड में करीबन एक घंटा तक बॉल डॅन्स किया और उनकी फरमाइश के हिसाब से म्यूज़िक चलता गया.... जब दोनो डॅन्स करके थक गये, तब जाके अपनी टेबल पे बैठ गये और खाना खाने लगे...
"उम्म्म.. बीवी, कल कोलकाता जाना है मुझे, दे आर इन रियल मेस... तो मैं सोच रहा था तुम भी घर हो आओ अपने.. इधर अकेले बोर होगी, आंड बिसाइड्स, मैं अकेला नहीं छोड़ना चाहता तुम्हे"
"यार मुझे भी ले चलो ना प्लीज़.. आइ वान्ट टू स्टे वित यू..." शालिनी ने अपनी ड्रिंक लेते हुए कहा
"मैं ले जाता स्वीटहार्ट.. बट उधर भी तो पूरा दिन अकेली होगी ना.. मैं ऑफीस में रहूँगा... आंड शायद 4 दिन का काम होगा, तुम डॅड से भी मिल आओ, बिन आ लोंग उनसे बात भी नहीं हुई मेरी... इनफॅक्ट, तुम वहाँ जाओ, मैं कोलकाता से डाइरेक्ट पुणे आउन्गा, विल मीट युवर डॅड आंड वापस साथ आएँगे.. नाउ हॅपी माइ प्रिन्सेस" कहके भारत ने हवा में अपना ग्लास उठाया
"वेरी हॅपी हब्बीयी... चीरससस्स.." कहके शालिनी ने भी अपना ग्लास उठाया और दोनो ड्रिंक्स पे ड्रिंक्स पीने लगे..
दोपहर के करीब 12 बजे, इंडिगो एरलाइन्स की फ्लाइट ने कोलकाता की ज़मीन पे लॅंड किया.... कोलकाता, ईस्ट इंडिया के दिल की धड़कन.. देश की पुरानी राजधानी, कोलकाता.. एरपोर्ट से लेके होटेल तक का सफ़र, भारत के लिए काफ़ी रोचक था... कोलकाता काफ़ी कम शहरों में से एक था, जहाँ भारत कभी ना आया था... रास्ते में ट्राम, हाथ गाड़ी, मिठाइयों के दुकाने, धोती के उपर काले जॅकेट पहने हुए लोग.. यह सब भारत को काफ़ी आकर्षित कर रहा था... करीब एक घंटे के सफ़र के बाद, भारत जब होटेल पहुँचा, तो लॉबी में उसने रीना से कहा
"यू नो रीना.. कोलकाता में काफ़ी टॅलेंट है, इस शहर में मुंबई से आगे निकालने की क्षमता है, यह राजनीति ही है जिसने कोलकाता को अपने चंगुल में जकड रखा है... "
"सर, आप पहले यहाँ आ चुके हैं कभी ?" रीना ने सवालिया नज़रों से पूछा
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