RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"और एक चीज़ भारत.. राज को खुद जैसा मत बनाओ, ही ईज़ आ डेडिकेटेड पर्सन... तुमने उसके साथ अच्छा नहीं किया.. मैने तुम्हे कभी मना नहीं किया था उसके प्रमोशन के लिए, तुम अगर चाहते तो उसको यहाँ प्रमोशन दिलवाते और 4 महीने बाद जेपीएम ले जाते, बट यहाँ भी तुमने अपनी सोची.. नतीजा यह होगा के वो एक कदम पीछे रहेगा और तुम्हारे नीचे ही रहेगा.. इसकी क्या ज़रूरत थी, आइ वान्ट टू नो" आदि ने अपनी आवाज़ एक दम नॉर्मल रखी थी...
"आदि यू नो... इट्स लाइक...." भारत के पास शब्द नहीं थे आज आदि के सामने
"आइ नो भारत.. सब से पहले हमेशा याद रखना कि तुम्हारा बॉस हमेशा तुमसे दो कदम आगे रहेगा... मुझे तुमसे यह उम्मीद बिल्कुल नहीं थी... आंड बिवेर ऑफ विक्रम.. हॅव आ गुड डे" कहके आदि दूसरे लोगों से मिलने गया भारत को अकेला छोड़ के...
"बिवेर ऑफ विक्रम...." भारत के दिमाग़ में बार बार यह लाइन गूँज रही थी... आदि ने जो भी कहा सही कहा, बट यह लाइन पता नहीं क्यूँ भारत को कुछ समझ नही आई.. भारत अपने ख़यालों में ही था, कि उसकी टीम उसके पास आई और उससे बातें करने लगी.. अपनी टीम से एक घंटे बात करते करते भारत ने उन लोगों के नाम भी शॉर्टलिस्ट कर दिए, जिनको वो जेपीएम में ले जाएगा.. जेम्स ने उसे अपनी टीम का अप्रूवल तो दिया ही था, पर साथ ही उसे चाय्स दी थी कि जब वो चाहे, जिसे वो चाहे, विक्रम की टीम से ले सकता था...
"बट रिमेंबर भारत.. आइ वान्ट दा नंबर्स टू शो अप इन वन क्वॉर्टर.. इफ़ आइ लाइक दा नंबर्स, यू कॅन स्टे विद युवर टीम, बट इफ़ नोट, देन यू कॅन बीड़ गुड बाइ टू युवर टीम" जेम्स के यह शब्द भारत को काफ़ी खटक रहे थे.. भारत जिस्मानी तौर पे वहाँ था, लेकिन दिमागी तौर पे वो कहीं और ही था... तीन चीज़े थी उसके दिमाग़ में
"विक्रम से बच के रहना " आदि के शब्द
"नंबर्स इन वन क्वॉर्टर" जेम्स के शब्द
"34 28 26" राज की बीवी रीना के वाइटल स्टॅट्स
करीब एक घंटा बिताने के बाद, भारत ने सबसे अलविदा ली और आदि से भी एक आखरी बार गले लग के अपने घर की तरफ चल दिया.. घर पे शालिनी अकेली थी, राकेश और सिम्मी वर्ल्ड टूर पे गये हुए थे... घर जाते जाते भारत के दिमाग़ पे आदि का वाक्य छा गया था..
"बिवेर ऑफ विक्रम" आदि ने ऐसा क्यूँ कहा.... यह सोचते सोचते भारत अपने घर पहुँचा... घर का दरवाज़ा खोलते ही शालिनी उससे चिपक सी गयी..
"व्हाट हॅपंड बेबी... " कहके भारत शालिनी को अंदर लाया और उसके साथ बैठ गया
"डुन्नो... बस डर लग रहा था, पता नहीं क्यूँ आज काफ़ी ख़याल आ रहे थे दिमाग़ में.." शालिनी ने भारत के कंधे पे अपना सर रख के कहा
"ओह्ह्ह... चिल मार स्वीट हार्ट... लो यह, शायद अच्छा लगे" कहके भारत ने अपनी पानी की बॉटल उसको दी.. शालिनी को पानी पीके थोड़ा अच्छा लगा, पर वो वहाँ से उठी नहीं और ना ही भारत को उठने दिया
"ओके टेल मी, व्हाई आर यू सो लॉस्ट.." शालिनी ने फाइनली अपना सर उठा के कहा
"आइ आम फाइन स्वीटी..." भारत ने झूठ कहा
"अरे ई नो रे बाबा, अब बताओ, झूठ नही बोलो" शालिनी ने दबाव डाला
"ओके..." भारत ने कहा और उसे सारा किस्सा बताया, कि कैसे उसने जेपीएम से इन्फो निकलवाई, कैसे राज ने उस तक वो इन्फो पहुँचाई और कैसे उसने राज का प्रमोशन रुकवाया ताकि वो भी जेपीएम में भारत की टीम में आ सके...
"आर यू नट्स ओर व्हाट... तुमने एक जॉब के लिए क्या क्या किया....." शालिनी ने बस इतना ही कहा कि भारत ने उसे रोकना चाहा, लेकिन शालिनी खामोश नहीं हुई
"नो... लेट मी कंप्लीट ओके... जो भी तुमने किया वो ग़लत है, इन्फो निकलवाई... क्या हुआ तुम्हारी काबिलियत को, तुम्हे यह सब करने की क्या ज़रूरत है... और रही बात करियर में उपर जाने की, तो और कितना उपर जाना है.. यू आर आ फक्किंग टेरिटरी मॅनेजर अट एज ऑफ 29... कुछ दिन में एसएम सेल्स बनॉगे विद एंटाइयर जेपीएम इन युवर किटी... इससे ज़्यादा क्या करना चाहते हो..."
"शालिनी..." भारत ने फिर यह कहा लेकिन शालिनी इस बार भी नहीं रुकी
"नो.. दिस ईज़ अनॅक्सेप्टबल टू मी ओके.. दोस्त से ज़्यादा दुश्मन हैं तुम्हारे, कोई तुमसे बात तक नहीं करता.. गिने चुने एक या दो दोस्त हैं बस, उनके लिए भी तुम इतने श्रूड हो कि मुश्किल से वो तुमसे मिलते हैं... कौन से काम का ऐसा करियर या ऐसा पैसा.. पैसों की क्या ज़रूरत है तुम्हे, ज़िंदगी भर तुम कुछ नहीं करो तो भी आराम से बैठ के खा सकते हो, इतना बनाया है पापा ने... " शालिनी गुस्से से लाल हुए जा रही थी और भारत को काफ़ी खरा खोटा सुनाया.. भारत ने उसे सुना पर जवाब नहीं दिया, क्यूँ कि वो जानता था की शालिनी सही कह रही है.. कुछ देर में शालिनी ने भी खुद को शांत किया और कुछ कहे बिना अपने कमरे में चली गयी.... भारत वहीं बैठा रहा, काफ़ी देर तक सोफे पे बैठ के अपनी सिगरेट के धुएँ के साथ खेलता रहा और सोचता रहा
"मैं जानता हूँ जो मैं कर रहा हूँ वो ग़लत है.. पर सही मैं कर नहीं सकता, और ग़लत मुझसे छुटेगा नहीं..." भारत ने धीरे से खुद से कहा.. अपनी सिगरेट बुझा के भारत फ्रेश होके खाना खाने लगा और टीवी देखने लगा.. करीब 10 मिनट बाद उसके मोबाइल पे एसएमएस आया
"स्टे अवे फ्रॉम दा बिच... नो लव.. नो फक विद हर..." शालिनी ने भारत से रीना के लिए कहा
माया... ताक़त की माया... भारत के सर चढ़ के बोल रही थी.. जेपीएम में इतनी बड़ी डेसिग्नेशन तो पा ली , पर भारत आने वाले प्रेशर के बारे में सोच रहा था... अभी उसने जेपीएम जाय्न भी नहीं किया था और जेम्स उसके पीछे पड़ गया था.. शायद भारत ने यह कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दौर भी आएगा, एक और ग़लती कर ली थी उसने... जेम्स को वो कभी अपनी मुट्ठी में नहीं रख सकता था , क्यूँ कि जो फिगर्स उसने जेपीएम से निकलवाए थे, उसका कोई बॅक अप नहीं था उसके पास जिससे कभी वो जेम्स को ब्लॅकमेल कर सके...
कनेक्षन्स, ब्लॅकमेल, मिसयूज़ ऑफ डेसिग्नेशन,गॉसिप्स, इन्फर्मेशन्स, सब चीज़ पर भारत ने इतना ज़्यादा फोकस किया हुआ था, कि वो एक बेसिक चीज़ भूल गया... वो था पर्फॉर्मेन्स... एग्ज़िस्टिंग पोज़िशन पे भी उसका पर्फॉर्मेन्स कम होने लगा था... आदि की जगह पे उसका न्यू बॉस आया था, पर उसे भी सेट होने में टाइम लगने वाला था और भारत का पास्ट पर्फॉर्मेन्स देख उसने कभी उसे कुछ नहीं कहा.. जब भारत ने खुद अपने सेल्स फिगर्स देखे तो वो खुद शॉक हो गया था.. काफ़ी लोग सोच रहे थे कि शायद भारत एग्ज़िट मोड पे है इसलिए वो यहाँ ध्यान नहीं दे रहा, पर भारत खुद सच्चाई जानता था.. अंदर ही अंदर वो सोच रहा था इस के बारे में.. भारत किसी से भी झूठ बोलेगा, लेकिन वो खुद से कभी झूठ नहीं बोलेगा...
"लेट्स गो सम्वेर.. आइ नीड आ कपल डेज़ ऑफ फ्रॉम ऑल दिस.." भारत ने शालिनी को एसएमएस किया
"व्हेअर..." शालिनी का जवाब आया
"एनिवेर यू से. आइ जस्ट नीड पीस... अवे फ्रॉम ऑल दिस नॉनसेन्स... नीड टू इंट्रॉस्पेक्ट नाउ.. सी या सून" कहके भारत अपनी जगह से उठा और अपने नये बॉस से मिलने गया... भारत का नया बॉस नारायण.. नारायण साउत इंडियन था, हमेशा डिसिप्लिंड रहने वाला बंदा था... वो यहाँ काम करने के तौर तरीके से वाकिफ़ नहीं था, लेकिन उसने जल्द से जल्द नये तौर तरीके में खुद को अड्जस्ट किया.. वो कुछ फील्ड के बन्दो से मिलने में व्यस्त था, तभी बीच में उसके सेलफोन पे भारत का एसएमएस आया
"कॅन वी टॉक.. फॉर 5 मिन्स"
नारायण ने खुद को एक्सक्यूस किया और भारत से मिलने बाहर आया... जैसे ही नारायण आया भारत ने उसके साथ अपनी प्राब्लम डिसकस करना चालू किया, पर नारायण के पास वक़्त नहीं था
"भारत, बी स्ट्रेट.. मेरे पास वक़्त नहीं है" नारायण ने साउत इंडियन टोन में कहा
"कूल.. आइम ऑन लीव फॉर 3 डेज़, सी या आफ्टर दट..." कहके भारत ने नारायण के रेस्पॉन्स का वेट भी नहीं किया और वहाँ से निकल गया.. क्यूँ कि भारत के कुछ 10 दिन ही बाकी थे इधर, उसने भी कुछ ज़्यादा नहीं सोचा और अपनी मीटिंग के लिए वापस चला गया
रास्ते पे घर जाते जाते भारत को ख़याल आया कि शायद आदि उसे गाइड कर सके इस बारे में.. उसने फोन भी उठाया और फोन बुक आदि के नाम पे भी गया.. लेकिन पता नहीं क्या रोक रहा था उसे कॉल का बटन दबाने से.. करीब 10 मिनट तक उसने एक हाथ से ड्राइव की और कॉल के बटन पे हाथ रखा लेकिन बटन नहीं दबाया... जैसे ही उसका घर नज़दीक आया, उसने फोन फिर अपनी जेब में रख दिया और गाड़ी पार्क करके उपर गया...
"हेलो स्वीटहार्ट... व्हाट्स रॉंग टेल मी" शालिनी ने भारत के घर पे पेर रखते ही कहा
"पता नही यार, कुछ समझ नहीं आ रहा, पर्फॉर्मेन्स ईज़ गोयिंग डाउन, आंड मेरी स्वीटहार्ट भी मुझसे नाराज़ है.. ऐसे में कुछ समझ ही नहीं आ रहा" भारत ने अपने सिगरेट के बॉक्स को हाथ में लेके कहा
"कोई स्वीटहार्ट नाराज़ नहीं है.. और यह दो, अब तीन दिन नो स्मोकिंग, नो ड्रिंकिंग.. आंड नो सेक्स ओके... फर्गेट एवेरितिंग, इफ़ पासिबल, अपने दिमाग़ को फॉर्मॅट कर दो.. कोई सेल्स का फिगर नहीं, कोई कॉल नहीं..... मोबाइल यहाँ रख के चलेंगे तुम्हारा...." शालिनी ने भारत के हाथ से सिगरेट का बॉक्स छीना और उसे साइड में रख दिया
"ओक यार.. बट हम जा कहाँ रहे हैं वो तो सोचो..." भारत ने अपने पेर सोफा पे लंबे किए और शालिनी की गोद में सर रख के सोया
"सोचूँ क्या, टिकेट्स बुक कर ली, रिज़ॉर्ट्स बुक्ड... केरला... वहाँ की ग्रीनरी विल डेफनेट्ली हेल्प यू टू गेट ऑफ स्ट्रेस.. और एक सर्प्राइज़ है" शालिनी ने भारत से कहा
"सर्प्राइज़ क्या.." भारत ने बंद आँखों से ही कहा
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