RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
सीमी की चूत करीब आधे घंटे तक मारने के बाद भारत के सीने से जान ही निकल गयी थी.. उसको चोद चोद के, भारत बेड पे गिर ही गया और आँखें बंद करके ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगा.. उधर शालिनी और सीमी ने भी एक दूसरे को चूमना बंद किया और सीमी अपने कमरे की ओर निकल गयी कपड़े पहेन के...
"व्हाट हॅपन बेबी... काफ़ी थक गये हाँ.." शालिनी ने भारत की छाती पे बैठ के कहा
"व्हाट .." भारत इसके आगे कुछ कह ही नहीं पाया.. उसकी साँसें उखाड़ने लगी....
यह देख शालिनी हल्की सी हँसी, और उठ के अपने कपड़े पहने और भारत के पास आके फिर लेट गयी... 10 मिनट बाद जब भारत की साँसें सम्भल्ने लगी, तब उसने कहा
"व्हाट वाज़ तीस... मैं इसके लिए तैयार ही नहीं था"
"व्हाट दा हेल... तुम्हारे साथ मुझे मोम का भी ख़याल रखना है.. और तैयार नहीं थे, तो आधा घंटा कैसे चोदा इनको.. उन्होने ना तो मेरे जितना लंबा ब्लोवजोब दिया, ना ही 69... मैने वक़्त देखा, पूरी पूरी चुदाई की तुमने उनकी 25 मिनट तक.. इतना स्टॅमिना कहाँ से आया अगर रेडी नहीं थे तो..." कहके शालिनी ने भारत को अपनी चुचों की आड़ में
छुपा लिया और दोनो पूरी रात यूही सोते रहे..
उधर सीमी ने जाके अपने कमरे में देखा तो राकेश पर अभी भी नींद की दवाई का असर चालू था.. वो धीरे से अपने कमरे के बाथरूम में गयी और नहाने लगी.. आज सीमी की उतेज्ना देखने जैसी थी... सीमी ने कपड़े उतारे बिना ही शवर ऑन किया और उसके नीचे खड़ी हो गयी.. जैसे ही पानी की पहली बूँद उसकी चूत पे गेरी
"आहाहहा सीसिसीसिसीसिस" उसकी सिसकारी निकली
सीमी ने जब नीचे कर देखा, तो उसकी चूत का काफ़ी बुरा हाल हो चुका था... उसने धीरे से उसे टच किया तो ज़रा सूजी हुई लगी उससे... और हो भी क्यूँ ना, सीमी को राकेश से चुदे हुए 2 महीने हो गये थे.. सीमी इन 2 महीनो में जंगली बिल्ली बन चुकी थी.. यह तो शालिनी ने उसे वादा किया था कि उनकी सुहाग रात पे शालिनी नहीं, सीमी चुदेगि भारत से, नहीं
तो इन 2 महीनो में सीमी ने बाहर के जिगलो के लंड के बारे में भी सोच रखा था.. पिछले आधे घंटे में हुई चुदाई के बारे में सोच सोच के सीमी और भी गीली होती जा रही थी... करीब आधे घंटे तक सीमी शवर के नीचे ही खड़ी रही.. जब उसे लगा कि वो अब ठीक है, आराम से बाथरोब पहेन के वो राकेश के पास आई और उससे लिपट के सो गयी...
सुबह जब भारत उठा तो पास में शालिनी नहीं थी.. फ्रेश होके वो बाहर गया तो शालिनी और सीमी दोनो किचन में थे.. दोनो नॉर्मल थे, हँस हँस कर बतिया रहे थे... सीमी को विश करना आज पहली बार, भारत को थोड़ा ऑक्वर्ड लगा.. इसलिए किचन से आगे बढ़ के वो राकेश के साथ बिता और दोनो मार्केट की बातें करने लगे.. कुछ ही देर में सीमी और शालिनी चाइ नाश्ता लेकर आ गये... सीमी को सामने देख भारत उससे आँख नहीं मिला पा रहा था... इसलिए उसने चुप चाप कुछ बात किए बिना चाइ ली और फिर राकेश के साथ बातें करने लगा.... राकेश के साथ वो बात ही कर रहा था, तभी उसके मोबाइल पे एसएमएस आया
"स्टॉप बिहेविंग लाइक आ चाइल्ड नाउ... डोंट इग्नोर मोम... " शालिनी ने भारत को मसेज किया था...
कुछ देर तक वहीं बैठ के भारत ने अपनी चाइ और नाश्ता ख़तम किया और फिर किचन में जाके सीमी से चिपक गया
"गुड मॉर्निंग मोम.. स्लेप्ट वेल" भारत ने पीछे से चिपक के कहा...
"ओफ़कौर्स बेटे... " कहके सीमी ने भी उसे गला लगाया और दोनो बहू बेटे को फोर्हेड पे चूम लिया
"मोम, कल हम घूमने जाएँगे इसलिए थोड़ी शॉपिंग करनी है.. एक काम करते हैं, आप और डॅड भी चलिए हमारे साथ, शॉपिंग के साथ मूवी भी देख लेंगे" भारत ने सीमी से कहा
"अस्क युवर डॅड.. वो रेडी तो मी टू" कहके सीमी ने भारत को बाहर भेजा और शालिनी के साथ अपने काम में लग गयी.. भारत ने राकेश के साथ जाके प्लान डिसकस किया
"अरे वाह.. वेरी गुड आइडिया, काफ़ी दिन हुए यार मूवी देखे.. चलो लेट्स गेट रेडी आंड गो... आंड हम मेरी न्यू कार में आएँगे.. दा BMW आइ8.. " राकेश ने गर्व से कहा
"यह कब खरीदी आपने" भारत ने सर्प्राइज़ होके कहा
"ओये, तेरे लिए मँगवाई थी.. बट जैसे ही देखी, मुझसे रहा नहीं गया.. इसलिए अब मैं चलाउन्गा, तू अपनी खुद ले ले" कहके राकेश हँसने लगा और सब लोग तैयार होने चले गये
चारो लोग, तैयार होके निकल लिए मौज मस्ती करने.. राकेश सीमी अपनी गाड़ी में, और भारत शालिनी अपनी में...
"थॅंक्स स्वीट हार्ट,.." शालिनी ने भारत से कहा और उसके कंधे पे अपना सर रख दिया
"क्यूँ बेबी.." भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा
"बस.. ऐसे ही.. अब कुछ डिसकस नही करो.." शालिनी ने भारत से कहा और वो चल दिए माल की तरफ
शालिनी और सीमी एक एक कर हर स्टोर में जाते और खाली हाथ निकलते... राकेश और भारत माल में घूम घूम के काफ़ी थक चुके थे...
"यार कुछ ले क्यूँ नहीं रही हो तुम.." राकेश ने सीमी से कहा
'अरे कुछ समझ आए तो.. सब कुछ ओल्ड फॅशंड है इधर.. " सीमी ने शिकायती अंदाज़ में कहा
"मोम, आप एक काम करो, आप डॅड को लेके घूमाओ.. तब तक मैं और शालिनी कुछ खाते हैं और आपके लिए भी लाते हैं, ओके ना"
"हां यह सही है, तू अपनी बीवी के साथ घूम, मैं अपनी वाली के साथ" कहके राकेश ने सीमी का हाथ पकड़ा और दोनो आगे बढ़ने लगे..
भारत और शालिनी जाके कॉर्नर में बने एक रेस्तरो में जा बैठे और अपने लिए कुछ खाना ऑर्डर कर दिया... वहीं बैठे बैठे भारत और शालिनी बातें कर रहे थे, तभी भारत की नज़र भीड़ में खड़े एक शक्स पे पड़ी जो कोने में खड़ा अख़बार पढ़ रहा था.. भारत ने जब ध्यान से उसे देखा, तो उससे रहा नहीं गया...
"वेट शालिनी आइ विल बी बॅक..." कहके भारत उस शक्स के पीछे दौड़ा, जिसे देख वो शक्स भी वहाँ से भागा.. भारत उसके पीछे, वो उसके आगे.. माल के एक फ्लोर से दूसरे पे , दूसरे से तीसरे पे.. भारत बस उस शक़स के पीछे दौड़ता गया... जब वो शक़्स तीसरे फ्लोर पे गया , तब लिफ्ट पकड़ के वो बेसमेंट की तरफ भागा.. जब तक भारत लिफ्ट पे पहुँचता, तब तक वो निकल चुका था... भारत वापस स्टेर्स पे आया और जल्दी से नीचे भागने लगा.. भारत को वापस फर्स्ट फ्लोर पे देख शालिनी भी उसके पीछे भागने लगी
"भारत, वेट.. भारत .." चिल्लाके शालिनी उसके पीछे जाने लगी...
भारत को कुछ भी सुनाई नही दे रहा था, वो बस उस शक़स को पकड़ना चाहता था.. हानफते हानफते भारत जैसे ही नीचे पहुँचा, तो देखा वो शक़्स एक बिना नंबर की गाड़ी में भाग निकला...
"भारत.. व्हाट ईज़ इट.. व्हाट्स रॉंग.. व्हाट हॅपंड" पीछे से परेशान शालिनी ने चिल्ला के पूछा
"लुक अट यू.... आओ बैठो, बताओ क्या हुआ.... " शालिनी ने भारत को बिठाया और पूछा
"शालिनी... वो.... वो......" भारत की साँसें उखड़ने लगी
"हाउ कॅन यू बी श्योर भारत कि यह वोही है.. आइ मीन कोई और भी तो.." शालिनी ने इतना ही कहा कि भारत ने उसे अपनी आँखें दिखा के चुप करवाया
माल में हुए हादसे के बाद, भारत का बिल्कुल मन नहीं लगा लेकिन राकेश और सीमी की वजह से बे दिली वो उनके साथ रहा और मूवी देख के घर आ गये... घर आके भारत सीधा अपने कमरे में आ गया जिससे सीमी को कुछ ठीक नहीं लगा, पर उसने कुछ कहा नहीं और इग्नोर करके राकेश के साथ अपने काम में लग गयी..
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