RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"शालिनी.. फिकर मत करो, भारत जैसा प्यार करने वाला किसी को नहीं मिल सकता... मेरे नसीब में नहीं था सो मुझे नहीं मिला, पर तुम अब ज़्यादा मत सोचो.. तुमने भारत का विश्वास हासिल किया है, जो कोई छोटी बात नहीं है... अब इसे टूटने मत दो.. और रही मेरी बात, मैं यहाँ से दूर जाने वाली हूँ... मैने ज़िंदगी में ऐसा वक़्त देखा है जिसके बारे में सोच के भी मेरी रूह काँप जाती है.. मेरे अंकल मेरे साथ ऐसा करेंगे मैने सोचा नहीं था, शुरू में मैने उनका साथ दिया था पैसों की वजह से.. लेकिन जब मुझे पता चला उस दिन कि भारत अब तक मेरे बारे में सोचता है, मेरे दिल ने मुझे आवाज़ दी के मैं किसी के साथ ऐसा कैसे कर सकती हूँ...." कहके निधि ने शालिनी और भारत से आख़िरी अलविदा कहा और अपने पैसे लेके वहाँ से दूर चली गयी.. निधि के जाने के बाद एक खामोशी थी भारत और शालिनी के बीच में.. भारत यह सोच रहा था कि कहीं शालिनी उससे दूर ना चली जाए... कुछ देर बाद शालिनी ने भारत से कहा
"प्रीति को 2, इसको 5 और मुन्ना को 2.5... बाकी तुम्हारे पास क्या रहा..." शालिनी ने भारत से कहा
"मुझे तुम मिली ना स्वीटहार्ट.. इससे ज़्यादा और क्या चाहिए..." कहके भारत शालिनी के पास गया और उसे गले लगा लिया... शालिनी भी काफ़ी देर तक उससे अलग नहीं हुई...
"यह 50 लाख में से भी कुछ नहीं बचा, इतने लोगों को पैसे बाँटे, और दूसरे खर्चे.. मुझे 0 मिला है...0" कहके भारत फिर हँसने लगा
"तो फिर हँस क्यूँ रहे हो... कुछ भी नहीं मिला बताओ, तो फिर यह सब किया क्यूँ तुमने..." शालिनी ने भारत से कहा
"मेरे दुश्मन को हमेशा याद रखना चाहिए.. कि मैं दुश्मनी में भले अपना फ़ायदा ना करूँ, लेकिन उसका नुकसान पहले करूँगा..." कहके उसने सुबह का न्यूसपेपर शालिनी को पकड़ाया जिसकी हेडलाइन्स थी
"ए मान अरेस्टेड फॉर ऑपरेटिंग अन एटीएम स्कॅम ऑफ **** बॅंक..." जिसमे मेहुल का फोटो भी था...
कुछ दिनो बाद, प्रीति यूएस चली गयी और अब वो वहाँ आइटी कंपनी में अच्छी ख़ासी पोज़िशन पे जॉब करती है... मुन्ना ने भी सब को हिस्सा दिया और खुद भी कुछ दिनो के लिए अंडरग्राउंड हो गया... निधि, मलेशिया जाके बस गयी.. वहाँ जाके उसने अपना एक बुटीक ओपन किया जिसका नाम रखा "भारत'स"
मेहुल को 20 साल की जैल हुई.... एसीपी ने जब पता लगाया कि कामदार को वो एसएमएस किसने किया, तब पता चला यह नंबर किसी रूबी का है.. ज़्यादा छान बीन करने पे पता चला कि रूबी तो पिछले 6 महीने से यूएस में है... एसीपी ने भी उस केस को बंद कर दिया, क्यूँ कि वो जानता था कि अगर वो कुछ करने भी जाएगा, तो भारत ने उसका सल्यूशन निकाल रखा होगा.....
"लेकिन यह कहानी है भारत की.... भारत अभी भी वहीं है.. मुंबई में... जैसे जैसे भारत जीवन में और करियर में आगे बढ़ेगा, वैसे वैसे बढ़ेगा इस कहानी का रोमांच और भरपूर वासना..."
आज 6 महीने हो चुके हे उस किस्से को.. मेहुल जैल मे सड़ रहा था, उसके वकील ने भी हाथ खड़े कर दिए थे.. भारत ने कहीं कोई सबूत नहीं छोड़ा था, और निधि के गायब होने से भी मेहुल को यकीन हुआ कि निधि भी कहीं ना कहीं भारत के साथ ही थी इन सब में.. रोज़ की तरह मेहुल जैल में सोया हुआ था, कि अचानक उसके शरीर पे किसी का साया पड़ा... आँख घुमा के उसने देखा, तो उसकी आँखों में खून दौड़ने लगा.. मेहुल जल्दी से खड़ा हुआ और जाके सलाखों से हाथ निकाल के सामने खड़े शक्स का कॉलर पकड़ के चिल्लाने लगा....
"हरामज़ादे, तेरी वजह से मैं आज यहाँ हूँ... बाहर निकलते ही मैं तेरी लाश बिछा दूँगा कुत्ते.. मेरी उंगली पकड़ के तू उपर आया और आज मेरा यह हाल कर दिया"
"हाहहहहहहहहहा हा अहहहा... मेहुल, देखो अपने आप को... और मुझे देखो.... इससे एक सीख ले लेना, मज़दूर को खोदना और बाप को चोदना , कभी नहीं सिखाते बेटा.. और रही दुश्मनी की बात, तो यह ले.. यह मेरा फोटो रख तेरे पास, ताकि 20 साल तक तुझे याद रहे मेरी शकल.. ताकि जब तू यहाँ से बाहर निकले, तभी तुझे याद आए किससे दुश्मनी करनी है और किससे नहीं.." कहके भारत वहाँ से निकल गया और मेहुल पीछे चिल्लाता रह गया...
जैल से निकल के भारत सीधे ऑफीस गया.. भारत आज क्लस्टर हेड बन चुका था.. रीजनल मॅनेजर से टेरिटरी मॅनेजर और फिर क्लस्टर हेड.. कोई छोटी बात नहीं थी.. ऑफीस जाय्न किए हुए 9 महीने और 2 प्रमोशन.. इन 9 महीनो में कंपनी के लिए कम से कम 550 करोड़ का धंधा ला चुका था भारत.. आदि उसका नाम लेते थकता नहीं था.. कुछ दिनो में भारत की शादी की डेट थी शालिनी से.. इसलिए उसके घर पे तो माहॉल एक दम बदला हुआ था, लेकिन भारत के पास इन सब के लिए टाइम नहीं था.. वो बस अपने काम में उलझा रहता था.. किसी को अगर तरक्की जल्दी मिल जाए, तो वो उसे ठीक तरह से संभाल नहीं पाता... लेकिन भारत के लिए इसका मतलब था ताकतवर होने की निशानी... वो इस बॅंक में सबसे ताकतवर आदमी बनना चाहता था.. बॅंक की कोई भी न्यूज़, कोई भी डिपार्टमेंट में क्या चल रहा है क्या नहीं.. कौन नया आया, कौन बाहर गया.. किसकी जगह वो ले सकता है, किसको अपनी जगह पे बिठा सकता है.. भारत हर वक़्त इन चीज़ों की तलाश में रहता था.. वो एक भी मौका नहीं गवाना चाहता था आगे बढ़ने का.. इस बात से शालिनी भी अब परेशान रहने लगी थी.. जैसे जैसे शादी की तारीख नज़दीक आ रही थी, वैसे वैसे इन दोनो में फ़ासले बढ़ने लगे थे.. कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ था, भारत जब भी शालिनी से मिलता तब अच्छी तारह बातें करता, लेकिन शालिनी जानती थी कि भारत बस उसे खुश करने के लिए मिलता है.. पूरा वक़्त वो अपने काम में लगाता था... शादी के 3 दिन पहले की सुबह थी, जब भारत सुबह सुबह अपनी कॅबिन में बैठा बिज़्नेस सम्मरी देख रहा था, तभी उसके खबरी का फोन आया. यह कोई खबरी नहीं है, बस उसका कोई रिपॉर्टी था जो प्रमोशन्स के लिए भारत के तलवे चाटा करता था और उसके इर्द गिर्द घूमता रहता था..
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