RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"मैं जिसको जो दिखाना चाहता हूँ वोही दिखाता हूँ स्वीटहार्ट.. तुम्हारे पति ने इतनी उमर में काफ़ी कुछ देख लिया है..." इससे पहले भारत आगे कुछ बोलता, शालिनी ने अपनी उंगली उसके होंठों पे रख दी
"ष्हसस... बस, अब बीती बातों पे ध्यान नहीं दो.. जो बीत गयी, सो बात गयी... तुम्हारे पेरेंट्स और मेरे पेरेंट्स ने काफ़ी कुछ डन कर लिया है. तुम्हारा इरादा तो नहीं बदलने वाला ना" शालिनी ने फिर मज़ाक में कहा
"बेबी... जो विश्वास तुमने मुझ पे दिखाया है, उसको मैं कभी तोड़ नही सकूँगा... इतनी हिम्मत नहीं है मुझ में.. तुम्हारा प्यार और विश्वास ही मेरी ताक़त है.." कहके भारत और शालिनी फिर एक किस में डूब गये... जैसे ही दोनो ने एक दूसरे को छोड़ा, भारत का फोन रिंग हुआ.. भारत ने वक़्त देखा तो रात के करीन 2 बज रहे थे.. प्रीति का नाम देख वो थोड़ा चौंका, लेकिन फिर उसे याद आया कि वो क्यूँ फोन कर रही है
"हेलो स्वीटहार्ट.. अभी तक सोई नहीं" भारत ने हँस के कहा
"नॉनसेन्स.. कल क्या होने वाला है जानते हो..." प्रीति ने गुस्से में कहा
"हां जानता हूँ, कार्ड्स डेसपॅच होने वाले हैं.. सो व्हाट, परसो तक यह चॅप्टर क्लोज़ है डार्लिंग.. व्हाट्स रॉंग.." भारत आज काफ़ी मज़ाक कर रहा था
"ईडियट.. कार्ड्स स्किम कब करोगे, और उनके पासवर्ड्स... जल्दी मेरे फ्लॅट पे आओ.. मेक इट क्विक ओके" प्रीति ने कहके फोन रखा और भारत को होश आया, कि यह तो मैन काम है जो उसका ट्रिप की वजह से रह गया था.. शालिनी से बात करके भारत वहाँ से जल्दी निकला और गाड़ी बढ़ा दी प्रीति के अप्पर्टमेंट की तरफ.. जैसे जैसे भारत प्रीति के अप्पर्टमेंट के नज़दीक पहुँच रहा था एक अलग सी बेचैनी उसके मन में बढ़ती जा रही थी.. कह सकते हैं कि यह वो पल था, जहाँ से भारत अब दो राहे में खड़ा था.. अगर भारत यहाँ से वापस पीछे हटेगा तो सब सीधा ही रहेगा.. ना तो उसे निधि मिलेगी और ना ही मेहुल को पैसा.. अगर भारत यह फ़ैसला लेगा, तो इसमे सिर्फ़ और सिर्फ़ मेहुल का नुकसान था.. लेकिन अगर भारत आगे बढ़ेगा, तो उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा रिस्क होगा.. अगर वो अपने प्लान को कामयाबी से अंजाम तक नहीं पहुँचा सकता, उसका करियर तो एक बात है, लेकिन उसकी ज़िंदगी सलाखों के पीछे निकल सकती है. और इसमे मेहुल का कोई नुकसान नहीं होगा.. खैर, यह सब सोचते सोचते भारत प्रीति के अप्पर्टमेंट के नीचे पहुँचा..
"अपने फ्लॅट का दरवाज़ा खोलो, मैं बाहर वेट कर रहा हूँ" भारत ने प्रीति को फोन करके कहा..
"इतनी रात गये तुम यहाँ.. तुम्हारी बीवी मेरे बारे में क्या सोचेगी, मैं तुम्हारी बहेन हूँ , कोई सौतन नहीं" प्रीति ने भारत के लिए रास्ता बनाते हुए कहा
"सौतन से नहीं, मेरे प्लान की भागीदार से मिलने आया हूँ.. अपना मैल चेक करो ऑफीस का जल्दी से" भारत ने अंदर आते हुए कहा और जाके बेड पे लेट गया और दो सिगरेट जला दी.. भारत की इतनी अर्जेन्सी देख प्रीति ने भी अपना रुख़ थोड़ा गंभीर किया और लॅपटॉप स्टार्ट किया.. रूम में प्रीति और भारत की आवाज़ के अलावा बस सिगरेट के सुलगने की आवाज़ थी.. धीरे धीरे प्रीति का मेलबॉक्स अपडेट हुआ.. जैसे ही अपडेशन ख़तम हुई, आखरी मैल पे प्रीति ने नज़र डाली जो उसके बॉस समीर का था.. प्रीति ने उस मैल को ओपन करके पढ़ना स्टार्ट किया.. जैसे जैसे प्रीति मैल पढ़ती गयी, उसकी आँखें बड़ी और उसके हाथ पाँव ठंडे होते गये...
"भारत.. यह कैसे किया तुमने" प्रीति ने एक दम धीमी आवाज़ में मैल पढ़ना ख़तम किया और उससे पूछा
"वो सोचना तुम्हारा काम नहीं है.. अब बस, कल इस मैल के हिसाब से तुम अपना काम करना और रही समीर की बात, मैं कोशिश करूँगा वो कुछ नये काम में व्यस्त रहे ताकि तुम्हारे काम में वो इंटर्फियर ना करे.. और हां एक बात, परसो ही यह सारा कांड होगा इसलिए तुम अब अगले 10 दिन तक छुट्टी नहीं लोगि समझी, और ना ही ओवर टाइम करोगी.. अपना काम करके, बस ऑफीस में एक दम नॉर्मल बिहेव करो.. तुम्हे रिज़ाइन कब डालना है और उसका रीज़न क्या होगा वो मैं तुम्हे बताउन्गा समझी..." भारत ने प्रीति को हिदायत देते हुए कहा... प्रीति के दिमाग़ में सारी बातें घूमने लगी, उसे याद आया कैसे कुछ महीने पहले भारत ने उसे यह प्लान के लिए मनाया था और वो मान भी गयी थी.. लेकिन यह नहीं जानती थी कि भारत उसके प्लान को इतना जल्दी अंजाम तक पहुँचाएगा....
"क्या हुआ.. अब तुम पलट नहीं सकती समझी" भारत ने उसे चेतावनी देते हुए कहा
"मैं नहीं पलट रही, बट तुम्हे तुम्हारे रेफ्यूजी मिले जो यह काम करेंगे.. और कल जो डेबिट कार्ड्स इश्यू होने वाले हैं उनके लिए मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्किम्मर तो है, लेकिन उसका इस्तेमाल कैसे करेंगे.. कल शाम को हमारा कौरीएर डेसपॅच होगा, और पासवर्ड इश्यू हो गये हैं, उन सब को कॉपी कैसे करोगे.." प्रीति ने भारत से ऐसा सवाल पूछा जिसकी भारत को बिल्कुल उम्मीद नहीं थी
"प्रीति.. आरपीसी में तुम हो, तुम्हारे पास इसका जवाब होना चाहिए ना कि मेरे पास... अब मुझे बताओ पासवर्ड्स का क्या रास्ता ढूँढा है और मुझे नाराज़ बिल्कुल नहीं करना, वरना आज की रात तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल कर दूँगा मैं" भारत ने प्रीति की गर्दन पे हाथ फेरते हुए कहा
"उम्म्म.. कैसे मुश्किल करोगे, ज़रा बताओ तो" प्रीति ने एक दम बहेकते हुए अंदाज़ में कहा
"सबसे पहले मैं तुम्हारा टॅंक टॉप निकालूँगा"
"ऐसे क्या.."प्रीति ने अपने हाथ उपर किए और टॉप उतार फेंका जिससे उसके नंगे चुचे भारत की नशीली आँखों के सामने आ गये
"ह्म्म्मा..... फिर तुम्हारे चुचों को मसल मसल के लाल करूँगा.."भारत ने अपने पॅंट के उपर से लंड पे हाथ फेरते हुए कहा
"आआहाहहहह... ऐसे ना अहहहहाहाहा" प्रीति ने धीरे से अपने निपल्स हाथ में लिए और उन्हे मसल्ने लगी
"उः हुह....." कहके भारत बेड से उठा और प्रीति के पीछे जा खड़ा हुआ.. प्रीति के पीछे आते ही उसने प्रीति को कमर से पकड़ा.. प्रीति की कमर पे एक हल्की सी गोल्डन चैन बँधी थी जो उसकी कमर को और भी मादक बना रही थी..
"आहहाहा... फिर क्या करोगे मेरे भाई अहहहाहा" कहके प्रीति ने अपनी गान्ड हल्की पीछे की जिससे भारत का लोहे जैसा लंड उसकी दरार पे दस्तक देने लगा
"फिर मैं बेहेन्चोद बन जाउन्गा मेरी बहना..." कहके भारत ने अपने हाथ आगे कर शॉर्ट्स के बटन पे रखे और उसकी शॉर्ट्स को उतार दिया.. शॉर्ट्स के उतरते ही प्रीति ने अपनी मखमल सी गान्ड भारत के हुंकार मारते हुए लंड पे रगड़ना चालू किया.. जैसे बार डॅन्सर्स पोले डॅन्स करती हैं, वैसे भारत को पोले बनाकर प्रीति उसके इर्द गिर्द मंडराने लगी, कभी अपनी गान्ड उसके लंड से, तो कभी अपनी चूत उसकी गान्ड से रगड़ती.. भारत के पीछे जाके प्रीति ने पहले भारत की शर्ट उतारी.. शर्ट उतरते ही भारत ने अपने हाथों को उपर उठाया.. प्रीति तुरंत उसकी बगल जे पास जाके उसे सूंघने लगी... पसीना और देव, इनका मिश्रण से एक अलग ही खुश्बू आ रही थी जिसे प्रीति किसी कुतिया की तरह सूंघ रही थी.. सूंघते सूंघते प्रीति ने अपनी जीभ बाहर निकाली और भारत की बगल को चाटने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जाके भारत के पॅंट की ज़िप पे रख दिया... पॅंट की ज़िप खोलते ही भारत का कला साँप जैसा लंड बाहर आ गया और प्रीति उसे धीरे धीरे हिलाने लगी...
|