RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"आप.. अभी.. प्लीज़ आइए ना आंटी" शालिनी ने सीमी के लिए जगह बनाई
"शालिनी..तुम अभी भारत के रूम में क्या कर रही थी.." सीमी ने अंदर आते ही सीधा सवाल किया
"कुछ नही आंटी..बस यूही थोड़ा ऑफीस का डिस्कशन था..उससे ज़्यादा नही" शालिनी ने घबरा के जवाब दिया
"शालिनी..अफीशियल डिस्कशन इन कपड़ों में" सीमी ने शालिनी के लूज टॅंक टॉप और उसके शॉर्ट्स की तरफ इशारा करके कहा
"आंटी..रात को मैं इसी मे सोती हूँ..आंड यह ऑफीस का डिस्कशन वाज़ अनप्लॅन्न्ड..इसीलिए"
"शालिनी..जब तक तुम शादी नहीं कर लेते, तब तक कंट्रोल युवरसेल्फ..मैं जानती हूँ छुप छुप के क्या हो रहा है" सीमी ने दबे लफ़ज़ो में कहा
"आंटी..सॉरी बट क्या हुआ, मैं कुछ समझी नहीं" शालिनी ने मासूम बनके सवाल पूछा
यह सुनके सीमी ने शालिनी के कमरे का दरवाज़ा बंद किया और स्टॉपर लगा दिया.. आगे बढ़ते हुए उसने अपना नाइट गाउन भी उतार दिया.. सीमी सिर्फ़ एक ट्रॅन्स्परेंट लाइनाये में थी जो देख शालिनी को भी एक झटका लगा.. सीमी ने अपने होंठ शालिनी के होंठों के एक दम पास ले जाके कहा
"कल रात तुमने जो तूफान भारत के कमरे में लाया था, मैं उसकी बात कर रही हूँ बहू रानी"
"आंटी..वो..." शालिनी के पास शब्द नहीं थे..सीमी ने उनकी सब कर्तुते देख ली थी, सुन ली थी..शालिनी फस चुकी थी..उसने जो सोचा था वो सब नहीं हो रहा था.. शालिनी की खामोशी का फ़ायदा उठना चाहती थी सीमी.. सीमी कुछ ना कुछ सोच के बस यह चाहती थी कि शालिनी इस घर में बहू बनके ना आए.. जैसे ही सीमी ने कुछ और बोलने क लिए अपना मूह खोला, शालिनी के रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ..वो सुनके शालिनी की साँस में साँस आई..शालिनी ने सीमी से दूर होके दरवाज़े की तरफ कदम उठाए, लेकिन उससे पहले उसने सीमी को उसका नाइट गाउन थमा दिया..
"हाई..." शालिनी दरवाज़ा खोलके सिर्फ़ इतना ही कह पाई सामने खड़े भारत से
"इतनी देर क्यूँ दरवाज़ा खोलने में..." भारत ने अंदर आते हुए कहा, जब उसकी नज़र सीमी पे पड़ी
"मोम..आप यहाँ, इस वक़्त.."
"तुम क्या कर रहे हो मुझे पूछना चाहिए यह" सीमी ने सवाल के जवाब में सवाल दिया
"मोम..मैं तो काम के लिए आया हूँ, कल हमारा इंडक्षन है ना..इसलिए"भारत ने अपने हाथ में पेपर्स दिखाते हुए कहा
"..चलो जल्दी अपने रूम में जाना..." कहके सीमी निकल गयी , वो भारत के और किसी सवाल का सामना नही करना चाहती थी..
इससे पहले भारत कुछ और बोलता, शालिनी ने उसे कहा
"भारत, जब तुम नये कार्ड्स डेसपॅच करने का प्लान कर रहे हो, तो व्हाट ईज़ दा यूज़, पुराने कार्ड्स की क्या ज़रूरत पड़ेगी तुम्हे
यह बात सुनके भारत कुछ देर वहीं खड़े शालिनी को देखता रहा, शालिनी भी उसे देख रही थी जैसे कुछ जवाब माँग रही हो
"राइट...यह बात दिमाग़ में क्यू नही आई.. कूल बेबी..गुड, सही सोचा तुमने" इतना कहके भारत ने उसका दरवाज़ा बंद किया और शालिनी के बेड पे जा बैठा
"तुम यहाँ क्यूँ आए हो..सोना नहीं है क्या" शालिनी भी उसके पास जाके बैठी और उसके बालों में हाथ घुमाने लगी
"उम्म्म...नही, पहले बताओ मोम यहाँ क्यूँ आई थी.."भारत ने शालिनी को अपनी बाहों में खींच के पूछा
शालिनी कुछ देर सोचती रही, के वो भारत को सच्चाई बताए कि नहीं, फिर उसके दिमाग़ में आया कि सीमी शायद अभी भी उनकी बातें सुन रही हो, इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा उसे सीमी और भारत के जिस्मो का मेलाप करवाने का...
"मोम तो यहीं है ना बेटा...कहाँ गयी है मेरे स्वीटहार्ट बेटे.."शालिनी ने जवाब दिया और भारत की गर्दन में अपनी गरम साँसें छोड़ने लगी...भारत को अंदाज़ा आ गया कि शालिनी क्या कह रही है और यही वो भी चाहता था
"उम्म्म आहहा बीवी...मेरी माँ को तेरे पास आते देखा आज..उफ़फ्फ़ उम्म्म..क्या गान्ड है उनकी उम्म्म्मम...अहाहाहाहा..."कहके भारत ने शालिनी को जल्द अपनी बाहों की गिरफ़्त में लिया जिससे शालिनी घोड़ी की पोज़िशन में आके भारत की गोद में बैठी..भारत और शालिनी का चेहरा आमने सामने था..भारत के मज़बूत हाथ शालिनी की मुलायम गान्ड पे थे और शालिनी ने भी आने हाथ भारत के मज़बूत कंधों पे रखे हुए थे...
"अहहाहा...मेरे मदर्चोद सैयाँ आहाहाहा..कितने बेशरम हो, अपनी बीवी के सामने अपनी माँ की गान्ड की बातें कर रहे हो आहाहः..."कहके शालिनी ने अपना एक हाथ आगे लिया और उंगलियाँ भारत के होंठों पे घुमाने लगी...भारत भी एक एक कर उसकी उंगलियों को चाट रहा था..
"उम्म्म अहाहाः मोम उफफफफ्फ़ क्या स्वाद है आपका आ आहा...आपके होंठ दो ना आहाहहहूंम्म्म अहाहा यूम्मम्म यूम्मम्मममममुंम्म अहहः" शालिनी और भारत एक दूसरे के होंठ चूसने लगे और जन्गलियो की तरह एक दूसरे पे टूट पड़े..
बाहर, जैसा इन दोनो का अंदाज़ा था, सीमी खड़ी थी और इन दोनो की बातों को सुन रही थी..सुनाई तो देगी ही बातें, शालिनी अंदर जान बुझ के चिल्ला रही थी और उसकी गर्मी देख भारत भी कंट्रोल नही कर पा रहा था... सीमी उनकी आवाज़ें सुन, बेचैन हुए जा रही थी...शालिनी और भारत का माँ बेटे का रॉल्प्ले उसे गरम तो कर ही रहा था लेकिन वो बस अब किसी भी तरह अंदर देखना चाहती थी..
"आआहहाहा..फक ना बेटे अहाहा..मम्मा को चोद ना आहहाहा..उनकी चूत में खुजली बढ़ गयी है, प्लीज़ मिटाओ ना आहाहः" अंदर से शालिनी ने भारत को कहा, जिसे सुन सीमी के माथे पे पसीना सा आ गया..सीमी समझ नहीं पा रही थी कि यह चीज़ उसे अच्छी नही लग रही, या उसे अनकंफर्टबल कर रही है...अपने मन को मार के सीमी ने हिम्मत जुटाई और नीचे झुकी ताकि वो के होल से कुछ देख सके..जैसे ही अंदर का नज़ारा सॉफ हुआ सीमी का हाथ खुद ब खुद अपने मूह पे आ गया...अंदर शालिनी भारत के लंड पे कूद कूद के चुदवा रही थी..भारत बेड के किनारे पे था और शालिनी पूरी नंगी होके उसके लंड पर जंप दे देके चुदवा रही थी और पूरी चुदाई को अश्लील कर रहे थे शालिनी और भारत के संवाद
"अहहहः यआहबहा अहाहा मोम आहाहाब....क्या गान्ड है आपकी अहाहाः...जब चलती हो तो लंड पे वार करती हो अहाहाहा...उपर से आपके चुचे अहाहाहा...कैसे मेनटेन किया है आपने आहाहः...यह चूत चुचे और चूतड़ आहाहा..किसी भी मर्द को आपका गुलाम बना दे"
"उ महाहहः धीरे चोद ना बेटे अहहा..यह चूत चुचे और चूतड़ तेरे लिए ही हैं मेरे बेटे अहाहाहाहा..मैं तो तेरी रांड़ हूँ ना आहाहाहा..रांड़ का फ़र्ज़ बनता है कि वो अपने ग्राहक को खुश रखे अहहहाहा...यह ले ना बेटा आहाहा..इसकी खुजली भी मिटा..." कहके शालिनी ने अपनी चूत से भारत का लंड निकाला और अपनी गान्ड के छेद को उसके लंड पे सेट किया और चुदवाने लगी..उसकी गान्ड में लंड आसानी से फिसल गया और सिम्मी को पक्का हो गया कि शालिनी की गान्ड इससे पहले भी कई बार चुद चुकी है...इन दोनो की चुदाई और बातें सुनके, सीमी भी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी...हो भी क्यूँ ना, इतना तगड़ा मुस्सल और उपर से उसकी बहू उसके बेटे से उसकी माँ बनके चुदवा रही हो, किसी को भी गर्मी हो सकती है.. ना चाहते हुए भी सीमी का एक हाथ अपनी पैंटी के अंदर घुसा और धीरे धीरे अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगी..ऐसा नहीं था कि राकेश उसका ख़याल नही रखता था, एक हफ्ते में राकेश और सीमी भी कम से कम 2 बार चुदाई करते थे...पर सीमी को सेक्स की भूख कुछ ज़्यादा थी...जिस दिन राकेश उसे ना चोदे, वो अपने हाथ से ही चूत का ख़याल रखती थी और आज वो दिन था...सीमी शालिनी के पास आई तो थी अपने जिस्म की आग को मिटाने, पर वो कर ना सकी...शालिनी जैसी बहू उसे मिलेगी तो सबसे ज़्यादा खुश सीमी ही होगी, क्यूँ कि शालिनी जैसी ओपन माइंडेड लड़की ही उसकी सेक्स की भूख का रास्ता निकाल सकती थी.. शालिनी के साथ दो दिन बिताना बस एक बहाना था सीमी का...अपनी चूत को रगड़ते रगड़ते सीमी ने एक बार फिर अपनी नज़र की होल में डाली, और डालते ही उसकी चूत से पानी की नादिया बहने लगी..अंदर भारत शालिनी को खड़े खड़े ही चोद रहा था, शालिनी ने अपने एक पैर को टेबल के भरोसे उँचा किया था और उसकी चूत में भारत का लंड घुसा हुआ था
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