RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"तुम्हे शरम नहीं आती... तुम अपने बॉस के सामने ऐसे कपड़ों में शराब पी रही हो... मिस वेर्मा, यूआर फाइयर्ड ऑलराइट" भारत ने सामने बैठी शालिनी को कहा.. कुछ देर तो शालिनी भी शॉक हो गयी, लेकिन जैसे ही उसे ख़याल आया वो खुशी से चिल्ला के भारत से गले मिलने लगी..
"ओह माइ गोद्द्द्दद्ड.... यू गॉट दा जॉब..आइ म सो हॅपी.. येस्स्स्स्स्स्स" कहके शालिनी भारत से झपट पड़ी
"हहहहा, यस स्वीटी.. अभी श्रीवास्तव का ही फोन था... मुझे तेरी बॅंक ने क्लस्टर हेड की डेसिग्नेशन पे रेक्रूट किया है.. उसका मतलब समझती है तू... 10 मुंबई ब्रॅंचस विल रिपोर्ट टू मी.. आंड सॅलरी गेस कर ?" भारत ने शालिनी से कहा जो अब तक विश्वास नहीं कर पा रही थी
"आइ डोंट नो.. यू टेल मी.." शालिनी ने अपनी उंगली दाँत तले दबाते हुए कहा
"20 लॅक्स पर" भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा कि शालिनी के पैर के नीचे ज़मीन खिसकने लगी
"ओह येस्स्स्स्स्स...... लव यू आ लॉट बेबी... वेरी हॅपी टुडे..... लॅडीस आंड जेंटल्मेन... ड्रिंक्स आर ऑन दा हाउस टुडे... एंजाय युवर ईव्निंग" शालिनी ने लीयपोल्ड में बैठे हर शक्स से कहा
"पागल हो गयी है क्या, सब का बिल पे करेगी.. " भारत ने उसे चुप करवाते हुए कहा..
"नो... उससे भी ज़्यादा... लेट्स गो आउट.. सेलेब्रेट करते हैं... क्या बोलता है" शालिनी ने भारत को अपने पास खींचते हुए कहा
"शालिनी.. उससे ज़्यादा किकी प्लान है मेरे पास. एंजाय करना चाहेगी तू ?"
"हाई मोम... सेलेब्रेट करते हैं, इंटरव्यू ईज़ डन, जॉब मिल गयी है.. क्या कर रहे हो आप और डॅड" भारत ने अपनी मोम से कहा और शालिनी उसकी गाड़ी ड्राइव कर रही थी
"कुछ नहीं बेटा.. हम बहुत थक चुके हैं, तुम लोग जाओ, और हो सके तो प्रीति और नताशा को भी ले जाओ ना अपने साथ" सीमी ने भारत से कहा
"ओके मोम.. उनको बोलो रेडी हो जायें.. हम 10 मिनट में पहुँच रहे हैं. बबी" कहके भारत ने फोन कट किया
"सडन्ली इन्सेस्ट का चस्का चढ़ा है तुझे बेबी... आइ लव इट" शालिनी ने अपनी जीभ अपने होंठों पे फेरते हुए कहा
"आइ लव यू स्वीटहार्ट.. अब तेज़ी से चल.. " भारत ने शालिनी के गाल चूमते हुए कहा और दोनो तेज़ी से घर पहुँचना चाहते थे.. उधर प्रीति को बहुत अजीब लग रहा था कि भारत मान गया उसकी माँ के साथ बाहर जाने को..
"डॉग... लगता है आज माँ को भी चोदेगा मेरी.. हरामी साला" प्रीति तैयार होते हुए खुद को बोलने लगी... उधर नताशा भी अच्छी तरह तैयार हो रही थी, तीन जवानों के बीच वो खुद को बूढ़ा नहीं दिखाना चाहती थी.. हर एक चीज़ का वो ख़याल रख रही थी.. जैसे ही भारत और शालिनी घर पहुँचे, सीमी और राकेश ने दोनो को बारी बारी गले लगाया
"फाइनली.. तुम दोनो को मिला जो तुम्हे चाहिए था हाँ.. प्राउड ऑफ यू गाइस बेटा... कोंग्रथस" राकेश ने शालिनी और भारत से कहा
"ओफ़कौर्स अंकल... भला ऐसा कभी हो सकता है कि भारत और मैं अलग रहें.. यह तो बस शुरुआत है , आगे आगे देखते जाइए आप.. " शालिनी ने भारत से सट के कहा, सीमी के लिए यह दृश्य नॉर्मल था, लेकिन राकेश को कुछ गड़बड़ लगी लेकिन वो खामोश रहा.. कुछ ही देर में नताशा और प्रीति बाहर आई मैं रूम में जहाँ सब लोग खड़े थे.. दोनो को देख भारत और शालिनी के साथ साथ सीमी और राकेश भी चौंक गये....
"नताशा.. यह क्या पहना है, प्रीति का तो ठीक है, पर तुम यह उमर में भी" सीमी ने नताशा से कहा
"कम ऑन दीदी.. अब जवान बच्चो के साथ जाउन्गि तो उनके जैसी ही बनूँगी ना.. आप इतने बूढ़े मत बनो अब..." नताशा ने भारत और शालिनी को देख कहा
"आंटी, शी ईज़ ब्यूटिफुल.. वैसे नताशा आंटी, आपकी और प्रीति की एक पिक्चर हो जाए.. यू बोथ लुक गॉर्जियस" शालिनी ने अपने फोन की कॅमरा ऑन करके कहा और प्रीति और नताशा को साथ खड़ा करके उनका फोटो निकाला
"अब चलें.. मूवी स्टार्ट हो गयी तो वापस इधर आना पड़ेगा" भारत ने अपनी नज़र प्रीति और नताशा से हटा के कहा...
"हां हां चलिए.. " प्रीति ने अपनी माँ को कहा और चारो नीचे चले गये... उनके जाते ही राकेश ने सीमी से कहा
"सीमी... शालिनी शायद भारत को पसंद करती है.."
"नहीं ऐसा नहीं है.. वो दोस्त हैं, और आप ज़्यादा मत सोचिए.. चलिए आराम करते हैं... मैं जूस लेके आती हूँ" कहके सीमी किचन में चली गयी और उसके मन में फिर सवाल उठा निधि का... उधर चारो लोग एक दूसरे के साथ बातें करते हुए जा रहे थे.. भारत बार बार पीछे बैठी प्रीति को आईने से देख रहा था.. वो चाहता था कि नताशा को यह लगे कि भारत की गंदी नज़र प्रीति पर है और नताशा यह समझ भी रही थी.. मूवी हॉल में पहुँच के
"आप लोग पार्किंग में वेट कीजिए.. टिकेट नहीं मिली तो खमा खाँ सब को नीचे आना पड़ेगा फिर.. मैं टिकेट्स लेके कॉल करता हूँ" कहके भारत गाड़ी से निकला और उपर की तरफ चल पड़ा.. शालिनी भली भाँति जानती थी कि वो क्या करना चाहता है... उसके जाते ही फिर नताशा और शालिनी में बात चीत चालू हो गयी... 10 मिनट बाद भारत नीचे आता दिखा
"टिकेट्स नहीं मिली.. चलिए कहीं और ट्राइ करते हैं" भारत ने गाड़ी में बैठ के कहा
"अरे नहीं भारत.. डिन्नर करके चलते हैं. मूवी हर जगह फुल ही होगी... ओके ना नताशा आंटी" शालिनी ने भारत का साथ दिया
"ओके बेटे चलो... " नताशा ने हामी भरी और तीनो डिन्नर करने निकल पड़े कोलाबा ताज की तरफ.. जैसे ही गाड़ी ताज के पास पहुँची, भारत ने वलेट को चाबी पकड़ाई और शालिनी को आँखों में कुछ कहा.. शालिनी सब से नज़र चुरा के रिसेप्षन के पास पहुँची और अपने नाम पे एक सूयीट बुक कर लिया.. साथ ही रेस्टोरेंट मॅनेजर को 1000 का नोट पकड़ा दिया. जैसे ही भारत , नताशा और प्रीति के साथ अंदर आया
'हाई.. टेबल फॉर 4 प्लीज़" भारत ने मॅनेजर से कहा
"सॉरी सर.. टेबल्स आर फुल, वेटिंग टाइम 30 मिनिट्स मिनिमम" मॅनेजर ने शालिनी का कहा हुआ जवाब दिया
"ओह यार.. यह क्या है, आज हर जगह ऐसा.. चलो लेट्स गो" प्रीति ने भारत से कहा
"नहीं.. वेट प्लीज़... नताशा आंटी, और प्रीति.. इफ़ यू डोंट माइंड.. मेरे डॅड का एक रूम इधर बुक्ड ही रहता है उन के क्लाइंट्स के लिए.. तो हम उधर चलके खाना और ड्रिंक्स ऑर्डर कर सकते हैं" शालिनी ने प्लान के मुताबिक कहा
"हां ठीक है, नहीं तो ट्रॅफिक में ही घूमते रहेंगे.. चलो मोम, भाई, चलें" प्रीति ने कहा और चारो निकल पड़े शालिनी के बुक किए हुए रूम में... रूम में पहुँच के चारो थोड़े रिलॅक्स हुए और खाना ऑर्डर करने लगे.. जहाँ शालिनी, नताशा के साथ लगी हुई थी बातों में, वहीं भारत और प्रीति एक दूसरे को बस घुरे ही जा रहे थे.. दोनो के अंदर एक आग जल रही थी, प्रीति आज बहुत ज़्यादा जल रही थी.. वो जानती थी कि भारत का इरादा क्या है..
"आंटी, इधर के बुटीक में काफ़ी अच्छा कलेक्षन है ड्रेसस का. आप चलेंगे देखने मेरे साथ, " शालिनी ने नताशा से कहा
"हां चलो, चलो प्रीति, कुछ शॉपिंग भी कर लेते हैं" नताशा ने प्रीति से कहा और अपना बॅग उठाया शालिनी के साथ जाने को
"नहीं मोम...आप जाओ,आइ एम वेरी हंग्री.."
नताशा और शालिनी पाँच मिनिट में रूम से बाहर निकले बुटीक में जाने को... उनके जाते ही भारत ने रूम सर्विस में दिया हुआ ऑर्डर कॅन्सल करने को कहा
"खाना क्यूँ कॅन्सल किया तूने.." प्रीति ने भारत से पूछा
"ताकि हमे कोई डिस्टर्ब ना करे जानेमन" भारत ने प्रीति को उसकी कमर से खींच के कहा
"झुटे.. यहाँ क्यूँ लाया है जानती हूँ मैं. " प्रीति ने भारत का साथ नही दिया, पर उसको दूर भी नही किया
"जानती है ना.. तेरी माँ चोदने आया हूँ आज.. मेरी रखैल है ना तू तो, कैसे मना कर सकती है तू मुझे हाँ" भारत ने प्रीति से कहा और उसके चुतडो पे अपने हाथ फेरने लगा और दोनो एक दूसरे को चूमने में लग गये... उधर नताशा और शालिनी बुटीक में थे ड्रेस लेने..
"आंटी. यह लाइनाये कैसी लगेगी मुझ पे" शालिनी ने नताशा को ब्रा का सेट दिखाते हुए कहा.. नताशा को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन जवान लड़की के साथ अब कुछ तो अड्जस्ट करना होगा..
"वेरी नाइस बेटे.. कलर अच्छा है.." नताशा ने बस इतना ही कहा
"ओके आंटी.. मैं ट्राइ कर लेती हूँ.. " कहके शालिनी ने 4 लाइनाये के सेट्स ले लिए और ट्राइ करने चली गयी.. नताशा थोड़ा ऑक्वर्ड फील कर रही थी, पर उसने फिर अपना ध्यान दूसरे कपड़ों में लगाया और उन्हे देखना शुरू किया.. कुछ 5 मिनिट में शालिनी ने ट्राइयल रूम से आवाज़ दिया
"आंटी.. इधर आइए प्लीज़"
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