RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"क्या हाल है भाई.. मौसी को ऐसे देख रहा है जैसे कभी देखा नहीं हो.. कैसे हो" नताशा भारत के सामने बैठी
"नहीं, देखा तो है पर याद नहीं आ रहा.. एनीवेस, आप बहुत सुंदर हैं" भारत ने एक मुस्कान से कहा
जैसे ही प्रीति दरवाज़ा बंद कर रही थी, उसे सामने से सीमी और राकेश आते हुए दिखाई दिए..
"अरे प्रीति बेटे, व्हाट आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़...हाउ आर यू" सीमी ने अंदर आके कहा
"मोम भी आई है मासी.. वेलकम मासा जी, " कहके प्रीति ने दरवाज़ा बंद कर दिया.. कुछ देर तक नताशा से सीमी और राकेश ने बातें की फिर सीमी ने कहा
"अच्छा अब सुनो... नताशा तुम्हे जिस काम के लिए बुलाया है, वो बात यह है कि हम ने भारत के लिए एक लड़की देखी है.. वेरी स्वीट गर्ल, आंड वो इंजिनियर भी है..." सीमी ने भारत को देखते हुए कहा के शायद वो भी कुछ बोले, पर प्रीति ने इशारे से चुप रहने को कहा था..
"दीदी, वो सब ठीक है.. पर क्या करते हैं उसके पिता, क्या बिज़्नेस है.. यह सब भी तो बताओ, पैसे में कैसे हैं" नताशा ने अपना जूस का ग्लास लेते हुए कहा
"नही.. वो सब मॅटर नही करता, हमे लड़की चाहिए.. हां पैसे में वो हमारे जितने नहीं है. पर लड़की एक नज़र में भा गयी मुझे.. बहुत ही संस्कारी, और घर पे सब का ख़याल रखेगी मुझे यकीन है. उनका बिज़्नेस है ड्राइ फ्रूट्स का.. जितनी ज़रूरत है उनकी उसके हिसाब से कमाते हैं.. और वैसे भी हम उनकी लड़की इधर ला रहे हैं, हमारा लड़का उधर नहीं जा रहा जो हम उनके पैसे देखें.. " सीमी ने सबसे कहा, लेकिन अब तक भारत खामोश
"नाम क्या है लड़की का मासी.." प्रीति ने सीमी से पूछा
"दीपा नाम है... और वो आज शाम को ही भारत से मिलना चाहते हैं.." सीमी ने भारत को फिर देखा.. इस बार भारत ने जवाब दिया
"मोम, वो सब ठीक है.. आज शाम को मेरा इंटरव्यू है और शालिनी से मिलना है.. तो आज शाम को नहीं मिल पाउन्गा मैं. इनफॅक्ट मैं अभी निकल रहा हूँ इंटरव्यू के लिए.. विश मी लक" कहके भारत वहाँ से उठा और सीमी के गालों को चूम के वहाँ से निकल गया.. तैयार होके भारत जाते जाते एक बार फिर नताशा को अपनी आँखों से स्कॅन करने लगा, जिसे नताशा और प्रीति दोनो ने छुपी हुई नज़रों से देखा.. करीब एक घंटे में भारत इंटरव्यू के लिए वहाँ पहुँचा जहाँ उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था.. बांद्रा कुर्ला कॉंप्लेक्स में लॅविश ऑफीस, देश की नंबर वन प्राइवेट बॅंक.. भारत ने बिल्डिंग को करीब 10 सेकेंड देखा और खुद से कहा
"एक दिन मैं धुएँ की तरह गायब हो जाउन्गा और तुम कुछ नहीं कर पाओगे". बिल्डिंग के अंदर जाते ही भारत श्रीवास्तव से मिला
"सर.. भारत हियर, वी हॅड आ मीटिंग टुडे" भारत ने श्रीवास्तव से हाथ मिलते कहा
"ओफ़कौर्स यंग मॅन.. कम इन माइ कॅबिन" कहके भारत श्रीवास्तव के पीछे चलने लगा
"शो मी युवर फाइल प्लीज़.." श्रीवास्तव ने भारत के हाथ से फाइल लेते हुए कहा.. जैसे ही श्रीवास्तव ने फाइल ओपन की, 30 सेकेंड्स में उसके मूह से एक हल्की सी चीख निकली\\
"व्हाट.. आर यू सीरीयस...."
"व्हाट हॅपंड सर... कुछ ग़लत है क्या" भारत ने चिंता जताते हुए कहा, हालाकी वो यह बात जानता था कि श्रीवास्तवा ने ऐसा क्यूँ कहा
"यंग मॅन.. सबसे पहले मुझे बताओ, तुमने गोल्ड्मन सॅक्स का इतना ल्यूकरेटिव ऑफर क्यूँ छोड़ा.. तुम तो डॉलर्स में कमा सकते थे, फिर हमारी बॅंक में क्यूँ.. हम तुम्हे डॉलर्स में सॅलरी नहीं दे पाएँगे" श्रीवास्तव ने भारत से हल्के मज़ाक में कहा
"सिर्फ़ पैसे की बात नहीं है सर.. जो मेहनत में उस के लिए करूँगा, उतनी ही मेहनत यहाँ करूँगा तो मैं अपने देश की नंबर वन बॅंक को और भी उँचे मुकाम पे ले जाउन्गा.. बस यही रीज़न है.. "
भारत के इस जवाब से श्रीवास्तव ऑलमोस्ट फ्लॅट हो गया.. होता भी क्यूँ नहीं, उसके सामने ऐसा बंदा था जो सिर्फ़ पैसों को महत्व नहीं देता.. इससे ज़्यादा किसी कंपनी को क्या चाहिए.. भारत के मुताबिक, उसके सामने था एक ऐसा गधा जो उसके डाले हुए घास के आगे झुक गया.. करीब एक घंटे तक चले इंटरव्यू में, सवाल जवाब कम , डेसिग्नेशन पे नेगोशियेशन ज़्यादा हुआ.. भारत कोई भी सॅलरी पे काम चला लेता, बस उसे डेसिग्नेशन उपर वाली चाहिए थी..
"भारत , आइ अंडरस्टॅंड.. पर मैं तुम्हे ब्रांच मॅनेजर से उपर कुछ नहीं दे सकता.. प्लीज़ डोंट बी सो हार्ड... गोल्ड्मन के बाद, तुम्हारे कॉलेज के डीन का पर्सनल रेकमेंडेशन भी है तुम्हारे लिए... नहीं तो मेरे पास बन्दो की कमी नहीं है" श्रीवास्तव ने ज़्यादा होशयारी दिखाना चाही
"नो प्राब्लम सर.. आप उन बन्दो को लीजिए, पर उन बन्दो में भारत नहीं मिलेगा.. थॅंक्स आ लॉट... प्लेषर मीटिंग यू" कहके भारत वहाँ से उठा और बाहर निकल गया.. लेकिन 2 सेकेंड्स में वो फिर अंदर झाँक के बोला
"आंड सर.. अगर मैं डॉलर्स छोड़ के आपके पास आ सकता हूँ, तो आपको छोड़ के नंबर 2 बॅंक के पास भी जा सकता हूँ.. उन्हे नंबर 1 बनाने में टाइम लगेगा, बट दट विल बी आ बिग्गर फन फॉर मी.. गुड डे" कहके भारत बाहर निकला और शालिनी से कॉंटॅक्ट करके मिलने का टाइम फिक्स किया.. करीब एक घंटे में भारत शालिनी से मिलने पहुँचा लीयपोल्ड केफे. भारत ने अपनी गाड़ी पार्क की ही, के उसकी नज़र सामने से आती शालिनी पे पड़ी.. शालिनी आज कुछ ज़्यादा ही क़यामत लग रही थी..
भारत को शालिनी का ड्रेसिंग सेन्स तो भाता था, पर आज उसका पहनावा देख भारत खुद दंग रह गया था.. उसकी ग्रीन कलर की मिडी, उसकी टाँगों को बहुत ही कातिलाना तरीके से एक्सपोज़ कर रही थी.. रास्ते पे खड़ा हर शख्स शालिनी की मटकती गान्ड से अपने लंड को बचाने की कोशिश कर रहा था... उपर से उसके चुचे के उभार, प्रीति के हर कदम से उसके चुचे उपर नीचे हो रहे थे जैसे की कोई रब्बर बॉल पड़े हो अंदर
"आज कितनो के खून करेगी डार्लिंग" भारत ने शालिनी को गले लगा के कहा, जैसे ही शालिनी उसके नज़दीक आई
"हाहाहा.. तू ही मेरा डार्लिंग है बेबी.. आइ मिस्ड यू सो मच, चल अंदर, बियर पीनी है बहुत सारी" कहके भारत और प्रीति अंदर जाके बैठ गये..
"ह्म्म्म0.. तो तू मेरा बॉस बनना चाहता है ऐसा..." शालिनी ने भारत की इंटरव्यू की बात सुनके उसको जवाब दिया
"हहहहा.. तेरे करीब रहना चाहता हूँ बेबी.. और गोल्ड्मन इसलिए नहीं गया.. ठीक है आइ डोंट नो इफ़ आइ लव यू ओर नोट.. बट तेरे बिना कुछ अच्छा नहीं लगेगा वहाँ.. इसलिए अगर जाएँगे तो साथ उस जाएँगे, वरना नहीं.. समझी" कहके भारत ने शालिनी को उसका बियर का ग्लास पकड़ा दिया और दोनो बातें करने लगा. 3 घंटे हो गये पर उन दोनो की बातें ख़तम नहीं हो रही थी, 2 पिचर खाली हो गये थे.. बार टेंडर भी यकीन नहीं कर पा रहा था शालिनी की बियर पीने की केपॅसिटी देख के.. अचानक भारत का फोन बजा
"वेट आ सेकेंड..." कहके भारत ने फोन देखा.. नंबर देख के भारत के चेहरे पे हल्की स्माइल आई.. "एक्सक्यूस मी स्वीटी, विल बी बॅक इन आ मिनिट" कहके भारत वहाँ से बाहर चला गया और पीछे शालिनी भी अपनी बियर ख़तम करने लगी... करीब 2 मिनिट के बाद भारत अंदर आया..
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