RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"रूबी, शालिनी. मुझे घर जाना है कुछ काम से, विल कम लेट नाइट.. तो कल मिलते हैं, आंड पार्टी पेंडिंग है ओके.." भारत ने शालिनी और रूबी को कहा..
"अभी क्यूँ जाना है तुझे.. रुक ना, शाम को घूमने चलेंगे..." शालिनी ने भारत से कहा
"हाहहाहा... 3 घंटे में तुझे घर जाना है.. देल्ही जाना है,. भूल गई.." भारत ने उसे याद दिलाया
"या राइट... शिट यार... चल मैं वहाँ से आके मिलती हूँ, आंड मैं तेरी गाड़ी कुछ दिन घर पे ही रखूँगी... आके देती हूँ, तू दूसरी में जा.. चल बाइ, बाइ रूबी सी यू" कहके शालिनी वहाँ से निकली और भारत भी रूबी से दो चार एमोशनल बातें करके घर की तरफ निकला.. रास्ते में भारत ने अपने मोम डॅड से बात की..
"मोम.. एक और चीज़, प्रीति का नंबर देंगे प्लीज़... मुझे कुछ काम है उससे.." भारत ने अपनी मोम से कहा
"एसएमएस करती हूँ बेटे. शी ईज़ इन मुंबई, आज सुबह ही आई थी फिर... एनितिंग एल्स.." सीमी ने पूछा
"ना मोम.. लव यू.. बबी" कहके भारत ने फोन कट किया
"कंप्यूटर प्रोग्रामर को तो मुझे सब बताना पड़ेगा... रूबी को मैं भटका सकता हूँ कुछ भी बोलके, बट कंप्यूटर प्रोग्रामर तो साला मैन है.. उससे अगर झूठ बोलना भी चाहूं तो भी नहीं बोल सकता... फक मॅन...." भारत खुद से बोलने लगा ड्राइव करते करते. कुछ सेकेंड्स में उसके मोबाइल पे सीमी ने प्रीति का नंबर स्मस किया.. भारत ने तुरंत ही उसे कॉल लगाया...
"हाई भारत हियर... मिलना चाहता हूँ तुमसे... किधर हो तुम"
"मैं तुम्हारे घर के नीचे ही हूँ.. उपर जा रही हूँ, क्यूँ" सामने से प्रीति ने जवाब दिया
"घर के सामने केफे शॉप है, वहाँ वेट करो.. घर पे कोई नहीं है.. मिलके बताता हूँ.. ओके बाइ" कहके भारत ने फोन कट किया और तेज़ी से अपने घर की ओर बढ़ने लगा.. उधर प्रीति भी कुछ देर तक चिंता में आ गयी, यूँ अचानक भारत को क्या हुआ.. खैर वो सामने वाली कॉफी शॉप में जाके भारत का वेट करने लगी... करीब आधे घंटे में भारत ने घर के नीचे गाड़ी पार्की और सामने वाले कॉफी शॉप में गया... इधर उधर नज़र घुमाने के बाद उसकी नज़र प्रीति पे पड़ी तो वो उसे देखता रह गया.. प्रीति उसे देख अपनी सीट से उठी और उसके पास जाने लगी. प्रीति ने उस वक़्त एक स्पगेटी टाइप ड्रेस पहनी हुई थी, जो उसकी जांघों को पीछे से ढक रही थी और आगे से उसकी नंगी टाँगें सॉफ दिख रही थी.. उपर से उसकी छाती दूधिया सफेद कई लोड़ों पे वार कर रही थी..
उसे देख भारत का लंड उसके ट्रॅक पेंट में ही कूदने लगा.. यह देख प्रीति के चेहरे पे एक हरामी मुस्कान आ गयी....
"हमेशा तुम्हारा लंड खड़ा ही रहता है क्या.." प्रीति ने उसके पास जाके उसके कान में कहा
"तुम हमेशा ऐसे ही कपड़े पहनती हो क्या.." भारत ने जवाब में कहा
"हाहहा.. चलो, घर चलते हैं..." कहके प्रीति और भारत बिल भरके घर की तरफ निकल पड़े... घर जाते जाते दोनो में से किसी ने कोई बात नहीं की.. प्रीति के दिमाग़ में चल रहा था कि अचानक भारत ने उसे क्यूँ बुलाया और भारत सोच रहा था सच जानने के बाद कहीं प्रीति किसी को कुछ बता ना दे.... घर को अनलॉक करके प्रीति और भारत आमने सामने बैठ गये.. दोनो में से कोई कुछ नहीं बोल रहा था... भारत शब्द खोज रहा था जिससे बात शुरू की जाए और प्रीति बस उसे ही घुरे जा रही थी..
"तुम पैसों के लिए क्या कर सकती हो..." भारत ने पहले शब्द कहे प्रीति से
"क्या मतलब है तुम्हारा..." प्रीति ने अस्चर्य में पूछा
"मेरा मतलब है... तुम्हारी ज़िंदगी में पैसों की अहमियत क्या है..." भारत ने इस बार बिना लड़खड़ाए कहा
"देखो... यह क्या पूछ रहे हो तुम" प्रीति अब भी कन्फ्यूज़्ड थी
"जवाब दोगि कि नहीं.. और अगर नहीं बताना चाहती तो प्लीज़ तुम जा सकती हो.. मुझे कोई काम नहीं" भारत ने इरिटेट होते कहा
"तुम ऐसे बात नहीं कर सकते... और सुनो, अब जब तुम पूछ ही रहे हो, पैसा बहुत कुछ है मेरे लिए.. पैसों के लिए मैं रंडी नहीं बन सकती बस.. उसके अलावा जो हो सकता है वो मैं कर सकती हूँ.." प्रीति ने आराम से जवाब दिया और अपने बॅग से अपने लिए सिगरेट जलाने लगी
"गुड.. मेरे पास एक प्लान है... जिससे हम मिनिमम 6 महीने में 50 करोड़ रुपीज़ बना सकते हैं... 20 % तुम्हारा. मतलब 10 करोड़... आर यू इन" भारत ने प्रीति से कहा
"तुम मज़ाक कर रहे हो... क्या प्लान है पहले बताओ..." प्रीति ने सिगरेट का कश लगते हुए कहा
भारत ने उसे पूरा प्लान बताया जो वो यूएस में जाके एक्सेक्यूट करना चाहता था...
"भारत.. अगर एक भी ग़लती हुई इसमे तो करियर छोड़ो, पर्सनली भी हमें सज़ा होगी और पूरी ज़िंदगी हमें जैल में गान्ड मर्वानी पड़ेगी... आइ आम नोट इन" प्रीति ने अपनी सिगरेट भुजा के कहा
"कोई गान्ड मरवाने के 10 करोड़ नहीं देता प्रीति.. जितनी बड़ी रिस्क, उतना बड़ा अमाउंट. और यह सिर्फ़ मिनिमम अमाउंट है.. अगर उससे ज़्यादा हुआ तो तुम्हारा 20 % तो फिक्स है ही..." भारत ने अपनी बात पे ज़ोर डाला. भारत की बात सुन के प्रीति कुछ सोचने लगी...
"बट मैं यूएस कैसे आउन्गि.. आइ मीन टूरिस्ट वीसा भी इतने टाइम का नहीं मिलेगा, ना ही मेरे पास जॉब है... " प्रीति ने सवाल रखा
"टूरिस्ट वीसा पे आने की नो नीड.. जॉब के लिए मेरे पास रेफरेन्स है... उधर ट्राइ करना. कल डीटेल्स देता हूँ , ईज़ इट ओके..." भारत ने प्रीति की तरफ हाथ बढ़ा के कहा
"आइ अम इन ब्रदर... मैं जानती थी तू हरामी तो है ही... पर इतना हरामी, मैने कभी नहीं सोचा था... आंड इसमे रूबी का क्या होगा.. उसका सोचा है तूने कुछ" प्रीति ने अपनी चेअर से खड़े होते पूछा
"नहीं.. वो देख लेंगे... वैसे भी मुझे कोई फरक नहीं पड़ता इसमे शालिनी या रूबी कोई भी हो..." भारत ने मूह फेर के जवाब दिया
"और मेरा... मैं फस गयी तो मुझे कौन निकालेगा... रिमेंबर, मैं फसि तो तू भी गया.." प्रीति ने थोड़ा सीरीयस होके कहा
"जानता हूँ... मैं तेरा उतना ही ध्यान रखूँगा जितना मैं खुद का रखने वाला हूँ उधर..." भारत ने धीरे से उसे जवाब दिया
"ओके... रेफरेन्स की डीटेल्स तो दे.. कौनसी कंपनी में जाना है" प्रीति ने फिर पूछा.. प्रीति के इस सवाल से, भारत ने अपना मोबाइल बाहर निकाला और भार्गव को फोन किया..
"भारत, प्लीज़ स्टॉप कॉलिंग मी.... बता चुका हूँ कि रेकमेंडेशन तुम्हारे नाम का गया है.. अब गोल्ड्मन की मर्ज़ी है, उसमे मैं कुछ नहीं कर सकता.... और क्या चाहिए तुम्हे... आंड मेरी क्लिप कब दोगे मुझे... आंड याद रहे, मोबाइल के साथ मैं तुम्हारे सब गॅडजेट्स चेक करूँगा ताकि तुम झूठ ना बोल सको..." भार्गव ने भारत का फोन उठा के कहा
"सर.. चिल चिल... मैने यह पूछने के लिए फोन किया है, आपको बताया था ना वो मेरी सिस है आइटी की, उसकी जॉब के बारे में... आपने कुछ सोचा क्या..." भारत ने हल्की सी स्माइल के साथ कहा
"हां.. वो मैने आइबीएम में बात की है, पुणे इंटरव्यू है, और प्लेसमेंट यूएस में अगर कॅंडिडेट अच्छा हुआ तो... आंड इसके बाद तुम मुझे ब्लॅकमेल करोगे तो याद रहे.. अगर मैं डीन ना बनूँ तो ना बनूँ.. पर तुम्हारी शालिनी भी किसी को मूह दिखाने लायक नहीं रहेगी समझे.. कल मुझे वो क्लिप चाहिए... आंड कल रिज़ल्ट है, तुम्हारा नाम अनाउन्स करेंगे.. टाइम पे आ जाना" कहके भार्गव ने फोन कट किया और भारत को डीटेल्स एसएमएस कर दी... भारत ने एसएमएस प्रीति को फॉर्वर्ड कर दिया..
"यह क्या है...." प्रीति कुछ बोलती उससे पहले भारत ने उसे काट दिया
"यह डीटेल्स हैं.. कल आइबीएम पुणे जाना है... तैयार हो जाओ इंटरव्यू के लिए" कहके भारत ने प्रीति को चुप करवा दिया, और प्रीति भी अपने रूम में जाके तैयारी करने लगी... करीब एक दो घंटे बाद भारत अपने रूम में जाने लगा.. रास्ते में उसे प्रीति के कमरे का दरवाज़ा खुला दिखाई दिया.. भारत ने अंदर झाँका तो प्रीति सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी और अपना मूह भारत की तरफ करके ही खड़ी थी
"तुम हमेशा रूम में ब्रा पैंटी में ही रहती हो क्या..." भारत ने प्रीति से कहा, लेकिन उसकी नज़रें उसके चुचों पे ही गढ़ी थी और यह प्रीति भी बखूबी जानती थी..
"तुम्हे क्या प्राब्लम है इससे... तुम्हे यह अच्छा नहीं लगा क्या.." प्रीति ने दो कदम आगे आके कहा
"ह्म्मे क... अछा तो तब लगता है स्वीटहार्ट जब शरीर पे कुछ ना हो.. तुम्हारा शरीर ढकने के लिए नहीं बनाया गया..." भारत ने प्रीति से कहा और अपने रूम की तरफ निकल गया..
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