RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"प्रीति, मेरी मौसी की बेटी... ताज लॅंड्स एंड में रूम बुक्ड है हमारा.. हम वहाँ पहुँचेंगे तो तुम कुछ बहाना करके रूम नंबर 2022 में जाना, मैं कुछ देर मैं आ जाउन्गा इसको टाल के, समझी" भारत ने रूबी से कहा, और पीछे से प्रीति भी आके बैठ गयी..
"क्या बातें हो रही है.." प्रीति ने खुश होके पूछा
"हाई प्रीति, कुछ नहीं, बस भारत तुम्हारे बारे में ही बता रहा था..." रूबी ने प्रीति से कहा, और वो लोग निकल पड़े ताज जाने के लिए.. रास्ते में प्रीति और रूबी ने काफ़ी बातें की और काफ़ी अच्छी जमने लगी दोनो की..
"प्रीति, पहले हम खाना खाते हैं, फिर मूवी और शॉपिंग.. ओके ना" भारत ने प्रीति से कहा..
"ओके.. नो प्राब्लम" कहके तीनो गाड़ी से उतरे और रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ गये.... जैसे ही वो लोग रेस्टोरेंट में बैठे,
"एक्सक्यूस मी.. मैं अभी आई.." कहके रूबी वहाँ से चली गयी, जैसे उसको भारत ने कहा था.. रूबी के जाते ही
"तुम्हारे बाकी के दोस्त कहाँ है भारत" प्रीति ने तीखी आवाज़ में पूछा
"होंगे यहीं , क्यूँ क्या हुआ" भारत ने नज़रें चुरा के कहा
"फुद्दु किसी और को बनाना.. तुम्हारा कोई दोस्त यहाँ नहीं है.. इसके साथ यहीं सब करोगे, या कहीं और जाने वाले हो तुम दोनो.." प्रीति ने मुद्दे की बात पे आते हुए कहा
उधर रूबी छुप छुप के रिसेप्षन के पास गयी....
"उः हाई.. वी हॅव आ बुकिंग हियर, इन दा नेम ऑफ भारत" रूबी ने रिसेप्षन पे कहा
"फुल नेम मॅम.." रिसेप्षनिस्ट ने रूबी से पूछा
"इट्स रूम नंबर 2022 आइ थिंक" रूबी ने रिसेप्षनिस्ट से कहा
"उः... यस मॅम... देअर युवर कीस... एंजाय युवर स्टे" रिसेप्षनिस्ट ने रूबी को चाबियाँ देते हुए कहा...
उधर, रेस्टोरेंट में..
"ओह.. तो यह बात है... एक बात कहूँ, तुम सही में हरामी बन गये हो.. एनीवेस, मुझे तुम यूएस ले चलो अपने साथ, मैं इस काम में तुम्हारा साथ दूँगी" प्रीति ने अपनी ड्रिंक ख़तम करके कहा
"मैं क्या यूएस ले चलूं... मेरे बाप की शादी है क्या... मैं प्लेसमेंट में जाउन्गा, और पक्का नहीं है मुझे नौकरी मिलेगी के नहीं.. क्या सेम बात की रट लगा रखी है तूने" भारत ने झल्ला के कहा
"जिस तरह से तुम्हारा दिमाग़ चल रहा है, नौकरी मिलना क्या, तुम बहुत ही कम टाइम में उपर बढ़ते रहोगे... और चिंता मत करो, यूएस ले चलो मतलब, तुम यूएस पहुँचो, फिर जो मैं कहूँ तुम उसमे मेरी मदद करना... अगर मंज़ूर है तो बोलो, नहीं तो मैं रूबी के पास जाती हूँ" प्रीति ने भारत को धमकाते हुए कहा
"धमकी मत दो मुझे समझी... ठीक है, पहले नौकरी मिलने दो... तब तक तुम क्या करोगी इधर..." भारत ने टेबल से उठके कहा
"आइ विल जाय्न यू गाइस... ...." प्रीति ने भारत का हाथ पकड़ के कहा और लिफ्ट की तरफ बढ़ने लगे... लिफ्ट से उतर के भारत और प्रीति बुक्ड रूम की तरफ बढ़ने लगे जिसमे रूबी पहले से मौजूद थी... रूम की तरफ बढ़ते बढ़ते प्रीति के दिमाग़ में काफ़ी बातें चल रही थी... वो जो करने जा रही है, क्या वो सही है या नहीं, पर हर सवाल को वो बस यह कहके शांत करती, कि यूएस जाना है बस.. उधर भारत यह सोच रहा था, कि प्रीति यूएस तो खुद भी जा सकती है, फिर प्रीति बार बार इसे क्यूँ बोल रही है.. पर शालिनी की वजह से उसने कुछ नहीं कहा नहीं तो आज की प्लॅनिंग फैल हो जाती... यह सब सोचते सोचते भारत और प्रीति रूम के बाहर पहुँच गये... कुछ देर तक प्रीति और भारत एक दूसरे को देखते रहे, और फिर दरवाज़ा नॉक किया..
"रूबी.. इट्स मी भारत.." भारत ने दरवाज़ा नॉक करके धीमे से कहा
"इट्स ओपन फॉर यू डार्लिंग..." अंदर से रूबी ने नशीली आवाज़ में कहा..
दरवाज़ा खोलके भारत और प्रीति दोनो अंदर आए, और सामने बेड पे रूबी को देख के एक पल के लिए भारत और प्रीति के मूह खुले के खुले रह गये... रूबी बेड पे पेट के बल लेटी हुई थी, उसका मूह एंट्री दरवाज़े के उल्टी दिशा में था जिससे वो देख नहीं पाई के भारत के साथ प्रीति भी है.. रूबी बेड पे सिर्फ़ ब्लू कलर की ब्रा पैंटी में लेटी हुई थी... उसके चूतड़ सुडोल, एक दम सफेद थे, रोशनी में उसके चूतड़ किसी हीरे की तरह चमक रहे थे.. उसके चूतड़ देख जहाँ भारत अपने लंड पे हाथ फेरने लगा, प्रीति ने भी अपने हाथ अपनी चूत पे लिए और कपड़ों के उपर से ही उसे रगड़ने लगी...
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