RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
उसकी चूत और गान्ड देख भारत की हालत और खराब हो गयी... भारत भी जाके बेड पे लेट गया, उसके पैर अब प्रीति के चुचों के ठीक नीचे थे.. ये देख प्रीति मुस्कुराने लगी... भारत ने अपनी पॉर्न मूवी स्टार्ट की और अपने लंड को हिलाने लगा... नीचे से उसके पैर प्रीति के चुचों को टच कर रहे थे... प्रीति जान बुझ के एक बार भारत के लंड को देखती और फिर अपनी आँखें टीवी में डालती... उधर भारत, अपने पैर की उंगलियों से प्रीति के चुचों को टच करने लगा जिसे प्रीति ने महसूस किया और उसने अपनी पोज़िशन बदली नहीं.. वो अब भी घोड़ी बनी हुई थी और भारत की टच को एंजाय कर रही थी... धीरे धीरे जब प्रीति से सहन करना मुश्किल हुआ, वो थोड़ी झुकी और भारत के पैर की उंगलियों को सक करने लगी..
"उम्म्म्मम आहहहहहा सीईईई ममवाहाहहहहा..." प्रीति सक करते करते सिसकारियाँ लेने लगी.. जब भारत ने देखा ये, वो अपनी आँखें बंद करने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा, इस बार धीरे धीरे..
"उम्म्म अहहहहः... यू आर आ बिच प्रीति आहहसिईई.." भारत बोलने लगा... ये सुनके प्रीति ने भी अपने कपड़े उतार दिए और एक दम नंगी हो गयी... कपड़े उतार के प्रीति ने भारत के पैर को छोड़ के उसके लंड को हाथ में पकड़ा और उसे सहलाने लगी...
"उम्म्म आहाहहा... क्या लंड है तेरा भारत आहहाहहा....उम्म्म्म, आँखें खोल ना अहहहः.. देख तेरी रंडी है तेरे सामने आहहहः..." कहके प्रीति अब अपनी एक उंगली से भारत के लंड के टोपे को उपर नीचे करने लगी.. भारत ने आँखें खोली, और अपन हाथ माथे के पीछे ले जाके उस पल का मज़ा लेने लगा...
"अहहहहः... भारत अहहहहहा... रंडी बनाओ ना अपनी मुझे अहहः सीईइ.." प्रीति भारत से गुज़ारिश करने लगी
"उम्म्म.. अहहा, क्यूँ..." भारत ने सिर्फ़ इतना ही जवाब दिया
"अहहहः क्यूँ नहीं अहहाहा.... बहेन नहीं मानता ना तू उम्म्म मुझे अहहहहः... तो रंडी बना ले ना अहाहहा... मुझे भी यूएस ले चल ना अपने साथ अहहहहा.... ओह्ह्ह येस्स अहहाहहहहा" प्रीति अब अपनी मैन बात पे आ गयी..
"उम्म्म... अहहहहहा..कीप डूयिंग दिस बेबी यआःहाहा" भारत ने इस बार प्रीति के माथे को पकड़ा और झुका दिया उसे अपने लंड पे.. प्रीति ने तुरंत भारत के लंड को अपने मूह में लिया और उसे ब्लो जॉब देने लगी...
"अहहाहा.. यआःहा उहह.. क्या मर्द है तू अहहहहः... ले चल ना भारत आहाहहा सीसीसीसी..... इधर मेरी लाइफ नहीं है अहहहहहहा.....यॅ बेबी अहहहहहा..." प्रीति अपनी बात पे ज़ोर देने लगी..
"उम्म्म अहहहः यॅ...." भारत सिर्फ़ इतना ही जवाब दे रहा था...
जब प्रीति ने देखा, भारत उसे जवाब नहीं दे रहा, उसने उसके लंड को छोड़ा, और अपनी जीभ को उसके लंड के साथ उसके टट्टों पे घुमाने लगी...
ऐसा होते ही, भारत से कंट्रोल नहीं हुआ
"अहहहहा.. यआः आइ एम कमिंग अहहहहाहा ओह..." कहके भारत ने अपना सारा पानी प्रीति के चेहरे पे छोड़ दिया और प्रीति उसका सारा पानी सॉफ करने लगी अपनी जीभ से...
"उफ्फ..... दट वाज़ गुड...उम्म्म अहहहहा..." भारत लेटे लेटे ही बोलने लगा
"मुझे यूएस ले चलोगे ना" प्रीति भारत के चेहरे के पास जाती हुई बोली, उसके चुचे भारत की छाती से सटे हुए थे....
"हुहम... बेब, देखते हैं... थॅंक्स फॉर दा ब्लो जॉब..." कहके भारत बेड से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा... प्रीति वहीं की वहीं बैठी रही, वो अभी भी नंगी ही थी...
"चलो, आइ एम गोयिंग आउट नाउ.. मेरा रूम लॉक कर देना ओके.. सी या" कहके भारत बाहर चला गया...
भारत जैसे ही बाहर गया, प्रीति ने दरवाज़ा लॉक किया.. बाथरूम में जाके खुद को सॉफ किया, फ्रेश होके कपड़े पहने और भारत के कपबोर्ड में कुछ ढूँढने लगी.. जैसे ही उसे वो चीज़ मिली जो उसे चाहिए थी, उसने तुरंत अपना फोन उठाया
"मासी.. आइए, मिल गया है हमे जो चाहिए" प्रीति ने फोन पे कहा
2 मिनट में सीमी भारत के रूम में आई और अंदर से लॉक कर दिया..
"क्या है दिखाओ..."सीमी ने बेड पे बैठी हुई प्रीति से पूछा
"क्या है प्रीति, मुझे दिखाओ.." सीमी ने बेड पे बैठते हुए कहा
"मासी, कल जब मैं भारत के रूम में आई थी रात को, वो बहुत टेन्स्ड था... शायद रो भी रहा था, मुझे यकीन नहीं हुआ कि वो रो भी सकता है, इसलिए मैं बाहर आ गयी, बट दरवाज़ा बंद करके कीहोल से देखती रही.. भारत ने इस डाइयरी में कुछ लिखा, फिर 10 मिनट तक पेज पलट पलट के पढ़ता रहा, उसका रोना बढ़ गया और फिर डाइयरी वापस रख के सो गया.." प्रीति ने सीमी को भारत की डाइयरी देते हुए कहा
"लाइफ ईज़ ब्यूटिफुल"... "भारत डाइयरी लिखता है... कभी इस बात का पता नहीं चला हमे" सीमी ने डाइयरी का कवर पेज देख के कहा
"मासी, लिखता है नहीं , लिखता था.. इसके आधे पेजस ब्लॅंक हैं" प्रीति ने सीमी को कहा
"थॅंक यू बेटा.. आंड आइएम सॉरी, मेरे कहने पे तुमने जॉब का नाटक किया और ये सब करना पड़ा तुमको.." सीमी ने प्रीति से कहा
"मासी ठीक है, बट आपने मुझे ही क्यूँ चूज़ किया इस काम के लिए.. आइ मीन, कोई दूसरी लड़की.." प्रीति ने सिर्फ़ इतना ही कहा
"नहीं बेटे, तुम घर की हो, एक वो सेफ्टी है, बिसाइड्स भारत आज तक किसी गैर लड़की के पास इतना जल्दी नहीं जाएगा.. तुम्हे जानता था शायद इसलिए तुम उसके पास जल्दी आ गयी.. उसके कॉलेज की फ्रेंड्स है एक दो, बट पराई लड़की पे मैं ट्रस्ट नहीं कर सकती.." सीमी ने जवाब दिया
"मासी, आपने ये क्यूँ करवाया, मुझे कोई दिक्कत नही है, एनितिंग फॉर यू, बट रीज़न" प्रीति ने अपनी आँखें सीमी की आँखों से मिला के पूछा
"पिछले तीन सालों से भारत में जो बदलाव आए हैं, वो अच्छे नहीं है. सबसे दूर हो गया है वो, मुझसे और राकेश से नहीं, पर बाकी सब से. उसे ये तक याद नहीं कि उसकी कोई बुआ भी है.. जब मैने उसे कहा कि बुआ की लड़की की शादी है, उसको उसका नाम तक नहीं याद.. भारत कभी ऐसा नहीं था.. मुझे याद है, जब हम एक दूर के रिलेटिव वेड्डिंग में गये थे, भारत बहुत खुश था, सब से मिला, डॅन्स किया, एंजाय किया.. बट सडन्ली ये चेंज, मुझे बहुत ही टेन्षन होता रहा.. 4 दिन पहले मैं मेरी फ्रेंड से डिसकस कर रही थी, उसने मुझे कहा ज़रूर उसके पास्ट में कुछ हुआ होगा जो उसने किसी को नहीं बताया.. मैं उससे डाइरेक्ट पूछती तो वो मना कर देता, इसलिए तुमसे ये सब करवाना पड़ा मुझे...." सीमी ने अपनी उदास आवाज़ में कहा
"कोई बात नहीं मासी... देखिए, इसमे हमें कुछ पता चलेगा..." प्रीति ने सीमी से कहा और दोनो ने डाइयरी खोल दी
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