RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"इनवेस्टमेंट बाँक्स... उसमे क्या करेंगे यार, तू क्यूँ इतना एग्ज़ाइट हो रहा है" शालिनी ने आगे बढ़ते हुए भारत से पूछा
"तू क्या करने का सोच रही है" भारत ने शालिनी से पूछा
"डोंट नो यार, पढ़ाई ख़तम, अब सोच रही हूँ अपनी मौसी के पास उस जाउ, और वहीं कुछ जॉब सर्च करूँ.. यहाँ फाइनान्स में तो कुछ आता है नहीं, तेरे चक्कर में फाइनान्स लिया और अब बेरोज़गार हो जाउन्गि मैं" शालिनी ने हंसते हुए भारत से कहा
"अरे फिकर नोट जानेमन.. अगर सब कुछ सही हुआ तो तू और मैं साथ ही जाएँगे एक कंपनी मैं.. बट उसके लिए तुझे मेरा साथ देना पड़ेगा, बोल रेडी है" भारत और शालिनी अब कॅंटीन के कॉर्नर सीट में बैठे हुए थे..
"हां बोल ना, मैं तो रेडी ही हूँ यार" शालिनी ने भारत का जवाब दिया
"डेम्पो... दो पेप्सी ला और ग्रिल्ड चिकन सॅंडविच... और सुन अब, सबसे पहले प्लेसमेंट फॉर्म जब भरेगी, उसमे डिज़ाइयर्ड प्रोफाइल एचआर का लिखना... दूसरी बात, यहाँ की लोकल आइटी कंपनीज़ के नाम दे मुझे, वहाँ से तेरे फ़र्ज़ी एचआर एक्सपीरियेन्स सर्टिफिकेट अरेंज करेंगे... तीसरी बात, अपना भार्गव जो है, वो तो अब तेरा है ही. उसको बोलके तेरा नाम एचआर वाली लिस्ट में डाल देंगे" भारत ने सामने बैठी शालिनी को कहा
"भारत.. फ़र्ज़ी सेरटी... आइ मीन, कुछ गड़बड़ हुई तो..." शालिनी ने डरते हुए पूछा
"बेब, दिस ईज़ दा ओन्ली वे आउट... और एक बात तेरी किस्मत पे डिपेंड है, जो कंपनी मुझे ले जाएगी, वहाँ एचआर की ज़रूरत है कि नहीं वो तो कैसे कहें.. इसलिए 4 बातों में से 3 बातें हमारे हाथ में हैं, तो वो तो हम कर दें, आगे तेरी किस्मत" भारत ने शालिनी को जवाब दिया
"ठीक है भारत... मेरे डॅड की कन्स्ट्रक्षन कंपनी में से आइ विल अरेंज आ सेरटी आंड मेरा भाई लोकल आइटी कंपनी में इंजिनियर है, इसलिए उसको बोल दूँगी.. टोटल कितने साल का एक्सपीरियेन्स चाहिए" शालिनी ने भारत से पूछा
"5 साल का मंगवा ले.. बट मेक शुवर सब सील आंड स्टंप आर इन प्लेस... आंड अगर इंक्वाइरी हो तो यू हॅव आ बॅकप रेडी.." भारत ने अपना ऑर्डर लेते हुए कहा
"ओके भारत.. मैं कर लूँगी चल.. अब ख़ाके चल देखते हैं, क्या है लिस्ट में, और किस किस का नाम है" शालिनी ने जवाब दिया
आधे घंटे में शालिनी और भारत अपना अपना खाना ख़ाके प्लेसमेंट सेल की तरफ दौड़े, जहाँ लिस्ट ऑलरेडी लग चुकी थी.. जैसे ही वो वहाँ पहुँचने वाले थे, सामने उनको भार्गव आता हुआ दिखा...
"सर... एक रिक्वेस्ट प्लीज़" शालिनी ने भार्गव से कहा
"हां शालिनी, बोलो" भार्गव ने कहा
"सर, मैं एचआर के लिए ऑप्ट करना चाहती हूँ.. फाइनान्स में नहीं" शालिनी ने सीधी बात कही अपनी
"दट ईज़ नोट पासिबल माइ डियर.. तुम्हारा नाम फाइनान्स की लिस्ट में आ चुका है.. अब एचआर की लिस्ट रेडी हो गई है, उसमे चेंज करना ईज़ आ वेरी टफ थिंग.." भार्गव ने भारत और शालिनी दोनो को देखते हुए कहा
"नतिंग ईज़ टफ फॉर यू सर... आप का जितना रुतबा है, उतना कहाँ है किसी का इस कॉलेज में, आप चाहें तो लिस्ट क्या, पोज़िशन्स बदल जाती हैं यहाँ " भारत ने अपनी श्रेवड़ आवाज़ में कहा
"हाहहहा... नोट अन ईज़ी टास्क.. बट नोट इंपॉसिबल थॉट.. आइ नीड टू मॅनेज प्लेसमेंट ऑफीसर ऑल्सो, आइ होप तुम समझ सकती हो शालिनी" भार्गव ने अपनी हरामी स्माइल देते हुए कहा
"आइ नो सर... चलिए बाद में बात करते हैं" भारत ने भार्गव को जवाब दिया और शालिनी का हाथ पकड़ के वहाँ से निकल गया
"तुझे क्या हुआ अचानक.." शालिनी ने भारत से कहा
"क्यूँ" भारत ने उसका हाथ छोड़ते हुए कहा
"आज अचानक हाथ पकड़ा, ऐसा तो पहले कभी नहीं किया" शालिनी ने भारत की बाहों में अपने हाथ डालते हुए कहा
"पता नही यार, तू फाइनान्स में ही अप्लाइ कर.. एचआर के लिए फिर ऑल शिट.. आइ डोंट नो" भारत पहली बार अपने जवाब में कन्विन्स्ड नहीं लग रहा था
"डोंट वरी यार... चल पहले लिस्ट तो देखें" शालिनी ने भारत को आगे ले जाते हुए कहा
शालिनी और भारत जैसे ही प्लेसमेंट लिस्ट के पास पहुँचे , काफ़ी भीड़ देख स्टूडेंट्स की वो लोग दूरी पे ही रुक गये.. कुछ देर में सब की निराशा देख उनको पता चल गया कि लिस्ट काफ़ी ड्रिल्ड डाउन हुई है.. जैसे जैसे भीड़ कम हुई, वो लोग आगे बढ़ने लगे चेक करने के लिए लिस्ट. लिस्ट में टोटल 10 नाम थे, जिनमे से 4 लोगों को भारत बहुत अच्छे से जनता था... सिद्धार्थ, भारत, शालिनी, रूबी.... ये 4 नाम थे जो भारत ने सबसे पहले देखे... जब कि उसे सिद्धार्थ के नाम पे कोई शक नहीं था, उसे रूबी और शालिनी का नाम पढ़ के थोड़ा सर्प्राइज़ लगा... शालिनी अपना नाम देख खुश भी हुई, और उदास भी हुई.. खुशी उसे इस बात की थी कि उसका नाम लिस्ट में आया, पर दुख इस बात का था, कि अगर वो यहाँ रिजेक्ट हुई तो फिर कोई दूसरी कंपनी में अपीयर नहीं कर पाएगी
"क्या हुआ अब तुझे.. शॉक्ड क्यूँ लग रहा है" शालिनी ने भारत को ऐसे देख पूछा
"बेब, तेरा तो आइ नो... बट रूबी का नेम कैसे आया" भारत अभी भी शॉक्ड था
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