RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
शालिनी वर्मा:-
पुणे की रहने वाली थी.. घर पे बैठना उसे अच्छा नही लगता, वो तो बस अपने दोस्तों के सहारे ज़िंदगी गुज़ारने के सपने देखती.. उसका बाप भी पुणे के फेमस बिल्डर्स में से एक था... शालिनी दोस्तों के लिए ही एमबीए करने यहाँ आई और यहीं के हॉस्टिल में रहने लगी.. शालिनी का फिगर, किल्लर था.. नॅचुरल ब्यूटी थी वो, उसके 34बी के चुचे हर लड़के के मूह में पानी ला देते, 26 की कमर उसकी, लो वेस्ट जीन्स जब पहनती, तब अपनी कमर पे एक पतली सी चैन बाँध देती... 34 की जांघें उसकी, हर किसी लंड पे वार करती.. जब वो चलती, उसकी मटकती गान्ड और उछलते चुचे लड़कों के दिल पे बिजलियाँ गिराती... कॉलेज के ज़्यादातर लड़के शालिनी पे चान्स मार चुके थे पर उसने किसी को घास नहीं डाली.. शालिनी की घायलों की लिस्ट में था भारत का सो कॉल्ड कॉंपिटिटर सिद्धार्थ... सिड उसे अपना जीवन साथी बनाना चाहता था, पर शालिनी कभी उसकी बात का जवाब नहीं देती..
"सिड, प्लीज़ ग्रो अप यार... मैं यहाँ से उस जाने वाली हूँ, और तुमसे शादी करके मैं अपनी लाइफ को स्लो नहीं करना चाहती" शालिनी ने सिड को कहा था जब सिड ने उसे दबे लफ़्ज़ों में प्रपोज़ किया था...
आईने के सामने खड़े शालिनी को 15 मिनिट के करीब हो चुके थे, एक हाथ से अपने चुचे सहलाती और एक हाथ अपनी चूत पे रगड़ने लगी थी...
"उम्म्म्म...आहह यअहह आहमम्म्म.... ओह्ह्ह.... नूऊऊओ" शालिनी ने अपनी चूत और चुचे से हाथ हटाते हुए घड़ी पे नज़र डालते हुए कहा
"यह ईको, ना तो दिमाग़ में जाती है, ना तो चूत में कुछ करने देती है" शालिनी झल्ला के शीशे के सामने से हटी और जाके बेड पे बैठ के किताब पढ़ने लगी... कपड़ों के नाम पे शालिनी ने एक लोंग टी-शर्ट पहनी थी जो उसके घुटनो के थोड़ा उपर तक आ रहा था.. अंदर ब्लॅक ब्रा और पैंटी... नीचे उसकी चिकनी सफेद टाँगें नंगी थी... वक़्त शाम के 7 बजने वाला था, भारत के साथ की हुई चुदाई को एक घंटा गुज़र चुका था... शालिनी को धीरे धीरे अब दिमाग़ में पढ़ाई घुस रही थी, उसका पूरा ध्यान अब बुक में था, तभी..
"नॉक नॉक" दरवाज़े पे हुए इस आवाज़ से उसका ध्यान टूटा
"व्हाट दा फक.. अब कौन आ गया" शालिनी गुस्से में बेड से उठके दरवाज़े के पास जाने लगी..
"हू ईज़...." शालिनी दरवाज़ा खोलके सिर्फ़ इतना ही बोली, तभी सामने खड़े शक़्स को देख के चौंक सी गयी
"सर, आप... इस वक़्त.... यहाँ ?" शालिनी सामने खड़े भार्गव सर को देख के बोली
"हेलो मिस शालिनी..." भार्गव सर ने अंदर आते हुए कहा... "वो , भारत ने मुझे बताया कि तुम्हे एकनॉमिक्स समझ नही आ रही... इसलिए उसने मुझे रिक्वेस्ट की कि मैं पर्सनली यहाँ आके तुम्हे थोड़ा गाइड करूँ" भार्गव सर चेर पे बैठ कर बुक देखने लगे...
"सो, क्या बॉदर कर रहा है शालिनी तुम्हे ईको में ?" भार्गव सर ने अपने रीडिंग ग्लासस पहेन के शालिनी से पूछा..
शालिनी, भार्गव सर के आने से शॉक्ड तो थी ही, पर उससे ज़्यादा शरम उसे अपने कपड़ों की वजह से आ रही थी...
"नतिंग'स गॉना चेंज माइ लव फॉर यू..." इस आवाज़ से शालिनी की नज़र कोने में पड़े अपने फोन पे गयी
"सर, एक्सक्यूस मी फॉर आ सेक प्लीज़ " कहके शालिनी ने फोन लिया और कमरे से बाहर चली गयी
"बेब... दिस ईज़ व्हाट आइ हॅव अरेंज्ड फॉर यू.. नाउ यू नो व्हाट टू डू" भारत ने उसे सामने से फोन पे कहा
"बट, हाउ... आइ मीन , व्हाट" शालिनी अपनी लड़खड़ाती हुई ज़बान से बोली
"कम ऑन डार्लिंग , ही ईज़ दा इंचार्ज फॉर टुमॉरो'स एग्ज़ॅम... आइ नीड नोट से एनितिंग एल्स आइ गेस..." कहके भारत ने फोन कट कर दिया
शालिनी ने तुरंत भारत कॉल्लबॅक किया
"व्हेर आर यू" शालिनी ने भारत को पूछा
"व्हाई.." भारत अपनी नूडल्स ख़ाता हुआ बोला
"थॅंक्स आ टोन डार्लिंग.. " शालिनी ने दबी आवाज़ में कहा
"नो थॅंक्स बेब, कल इसकी फीस देना, आइ हंग्री नाउ, बाय " कहके भारत ने फोन कट किया
"यह ऐसा क्यूँ है" शालिनी मन में यह सवाल लेके अपने रूम में चली गयी
"मिस शालिनी, वेस्टिंग लॉट ऑफ टाइम नाउ... कॅन वी प्लीज़ स्टार्ट, टेल मी व्हाट'स युवर प्राब्लम इन दिस सब्जेक्ट" भार्गव ने अपनी कड़क आवाज़ में अंदर आती शालिनी से पूछा
"उः सर.. दिस टॉपिक ईज़ दा प्राब्लम..." शालिनी ने भार्गव के आगे झुक के कहा, जिससे उसकी लूस टी-शर्ट का गला खुल गया, और उसके दो चुचे भार्गव की आँखों के सामने आ गये... भार्गव का ध्यान जो अब तक बुक में था, शालिनी के चुचों पे उसका ध्यान पड़ते ही, भार्गव के लंड में अकड़न चालू हो गयी.. शालीन जैसी युवती का ऐसा रूप देख तो बूढ़ों के मरे हुए लंड में भी जान आ जाए, भार्गव तो फिर भी 48 साल का हॅटा कट्टा आदमी था... शौकीन आदमी, हमेशा शराब और शबाब के ख़यालों में रहता, कॅंपस में रहके यह शौंक उसका कभी पूरा नही हुआ था, पर भारत ने आज उसका ध्यान रखा, इसके लिए शालिनी का यह रूप देख वो अंदर ही अंदर खुश हो रहा था.
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