Porn Hindi Kahani रश्मि एक सेक्स मशीन
12-10-2018, 01:54 PM,
#9
RE: Porn Hindi Kahani रश्मि एक सेक्स मशीन
रश्मि एक सेक्स मशीन पार्ट -8
गतान्क से आगे....


“लो….डाल दो मेरी इस फटी चूत मे अपना लंड. मुझे चोद चोद कर मार डालो. अब ये गर्मी सहन नही हो रही है. उफफफफ्फ़ मेरी चूत मे जबरदस्त खुजली हो रही है. इसे अपने लंड से रगड़ रगड़ कर शांत करो.” मैने उसके लंड को अपनी चूत के मुँह पर रख कर अपने नितंबों को पीछे धकेला. उसके लिंग का टोपा वापस मेरी योनि मे घुस गया. अब हम दोनो इतने गीले हो गये थे कि इस बार जब उसका लंड पूरा अंदर तक घुसा तो मुझे दर्द नही हुआ.



अब वो मुझे पीछे की ओर से ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. हर धक्के के साथ मेरे दोनो स्तन बुरी तरह हिल रहे थे. मैने आगे खिसक कर सामने लगे उसके बिस्तर के उपर अपना आधा बदन रख दिया. अब भी मेरे घुटने ज़मीन पर ही टिके हुए थे मगर अब मेरे स्तन बिस्तर से चिपके हुए थे. वो उसी अवस्था मे मेरी चूत मे बिना किसी रुकावट, बिना किसी थकान के धक्के पर धक्के मारे जा रहा था.



डूस मिनिट से उपर मुझे इसी तरह चोदा फिर मुझे किसी बिना हाड़ मास की गुड़िया की तरह उठा कर बिस्तर पर पटक दिया. उसने वापस मुझे मुँह के बल बिस्तर पर गिरा कर सिर्फ़ मेरे नितंबों को हवा मे उँचा कर दिया और अपने घुटनो को कुच्छ मोड़ कर पीछे से मेरी योनि पर इतनी ज़ोर का झटका मारा कि मैं “ऊऊओह” कर उठी और बिस्तर चरमरा कर टूट गया. हम वापस ज़मीन पर थे मगर उसने एक पल को भी मुझे साँस लेने नही दिया. वो भूखे शेर की तरह मेरी चुदाई मे ही व्यस्त था. मेरा अनगिनत बार रस छ्छूट चुका था. अब मेरा पूरा बदन दुखने लगा था. जी कर रहा था जितनी जल्दी हो सके उसका वीर्य निकल जाए.



पंद्रह मिनूट बाद जब वो अचानक रुका तो मैं बिस्तर पर वैसी हुई पड़ी हुई थी.



“चल…. अब तू मुझे चोद….मेरे उपर आ जा.” उसने अपना लंड बाहर निकालते हुए कहा.



“नही….नही….मुझे माफ़ करो….मेरे जिस्म मे अब ताक़त नही बची कि तुम्हारे उपर आकर तुम्हे चोद सकूँ.” मैने उससे हारते हुए कहा, “तुम्हारी जैसी मर्ज़ी उसी तरह चोद कर खल्लास हो जाओ. मगर मुझे माफ़ करो.”



उसने वापस मुझे बिस्तर पर पीठ के बल पटक दिया और मेरे टाँगों को अपने कंधे पर रख कर मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसका लंड वापस मेरी योनि मे घुसा कर मेरी खाल खींचने लगा. कुच्छ देर तक मुझे इस तरह चोदने के बाद मेरी टाँगों को अपने कंधे पर से उतार दिया और मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए मेरे स्तनो को अपनी मुट्ठी मे थाम लिया और मेरे उपर पसर गया. उस पहाड़ सरीखे आदमी का वजन अपने उपर आया तो मेरे फेफड़ों से सारी हवा निकल गयी. मुझे लगा कि वजन से मेरी एक दो पसलियां आज ज़रूर चटक जाएँगी. तभी उसने मेरे एक स्तन को बुरी तरह से काट लिया. मैं दर्द से च्चटपटाने लगी. और उसी वक़्त इसके लंड से पिचकारी के रूप मे रस की धारा बह निकली. मेरी चूत मे गर्म गर्म लावा बहने लगा.



जब तक उसका सारा वीर्य निकलने के बाद लंड सिकुड कर मेरी चूत से बाहर नही निकल आया तब तक वो मेरे उपर ही पसरा रहा. मैं दुआएँ दे रही थी कि अब वो मुझे छ्चोड़ दे. एक घंटे से उपर की चुदाई मे मेरा एक एक अंग टूट रहा था.



मैं निढाल हो कर वहीं लेट गयी. मैने अपनी आँखें बंद कर ली और अपनी सांसो को नियंत्रित करने लगी. पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था. बदन पर कुच्छ जगह वीर्य भी लगा था. मेरी खुली चूत से वीर्य बाहर रिस रहा था. मेरे नितंब, जंघें सब तंगराजन के वीर्य से गीली थी.



मैं कुच्छ देर बाद उठ कर नाहकार अपने बदन को सॉफ करना चाहती थी की तभी अचानक किसी ने गले पर लगे पट्टे की चैन को खींच कर एक झटका दिया. मैने हड़बड़ा कर अपनी आँखें खोली. सामने किसी दैत्य की तरह तंगराजन खड़ा था.



“चल उठ यहाँ से मेरे सोने का वक़्त हो गया है.” कह कर वो मुझे लगभग खींचता हुआ ले जा कर कमरे की एक दीवार पर बने खूँटे से बाँध दिया. तभी एक आदमी कमरे मे आया.



“डॉक्टर चलो इसको दवाई दे दो.” तंगराजन ने उससे कहा. मैं समझ गयी कि वो वहाँ का कोई डॉक्टर है.



वो मेरी टाँगों के पास घुटने मोड़ कर बैठ गया. उसने एक हाथ से मेरी एक नंगी टांग पकड़ी तो मैने शर्मा कर अपनी टाँग को सिकोड ली.



“घबराओ मत ये अक्सर होता है. जो भी औरत पहली बार तंगराजन से सेक्स करती उसकी योनि फट ही जाती है. इसका है ही इतना मोटा. मैने कई बार इसको कहा भी कि थोड़ा सम्हल कर किया करो मगर ये मानता ही नही. इसलिए जब भी कोई औरत इसके बेडरूम मे घुसती है तो मैं दरवाजे के बाहर संभोग ख़तम होने का इंतेज़ार करता हूँ.” कह कर उसने मेरी टाँगों को फैला कर मेरी योनि का मुआयना किया. मैं शर्म से लाल हो रही थी. उसने अपने हाथ मे ग्लव्स पहन कर मेरी योनि को दो उंगलियों से खोला फिर दोनो उंगलियाँ अंदर डाल कर उन्हे अंदर अच्छि तरह फिराया. दोनो उंगलियों को जब बाहर निकाला और उन्हे अच्छि तरह देखा. उंगलियों पर खून के कुच्छ कतरे लगे हुए थे.



“घबराओ नही…..जखम ज़्यादा नही है. दवाई लगा देता हूँ और खाने के लिए भी कुच्छ दवाई दे दूँगा सुबह तक दम चुस्त हो जाओगी. और दोबारा तांगा के साथ सेक्स के लिए तैयार हो जाओगी.” कहते कहते वो मुस्कुरा दिया तो मैं भी एक दर्दीली मुस्कान को होंठों पर आने से नही रोक सकी.



डॉक्टर ने अपनी उंगलियों से चूत के अंदर कुच्छ दवा लगाई और फिर दो टॅबलेट मुझे खाने को दी. मैने वो खा ली. डॉक्टर उठ कर बाहर चला गया. जाते जाते मेरे एक नग्न स्तन को मुट्ठी मे पकड़ कर दबाता हुया कह गया,



“नाउ यू आर रेडी बेब फॉर अनदर हार्ड फक. एंजाय युवर स्टे.”



तंगराजन ने दरवाजा बंद कर दिया और टूटे बेड को ठीक कर उस पर पसर गया. वो लेटा हुआ भी किसी पहाड़ से कम नही लग रहा था. मैं कुच्छ देर तो यही सोचती रही कि महिलाएँ कितनी पॉवेरफ़ुल्ल होती हैं जो ऐसे राक्षासो को भी अपनी नाक रगड़ने पर मजबूर कर देती हैं.



अगले ही पल उसकी नाक बजने लगी. मैं अपने आप को किसी पालतू जानवर की तरह चैन से बँधा हुआ पा रही थी. वहीं दीवार से सॅट कर लेट जाने के अलावा और कोई चारा नही था. मैं इतनी थॅकी हुई थी की लेटते ही नींद लग गयी. मैं वहीं ठंडी ज़मीन पर नंगी ही सो गयी.



सुबह तंगराजन के उठाने पर आँख खुली. वो मुझे उसी तरह चैन थामे हुए उन मकानो के एक साइड पर बने एक तालाब तक ले गया. उसने वहाँ मेरी जंजीर छ्चोड़ दी. उसका इशारा समझ कर मैं उस तलब मे प्रवेश कर अपने बदन को रगड़ रगड़ कर नहाई.



“मुझे कुच्छ तो पहनने दो. मुझे इस हालत मे इतने आदमियों मे शर्म आती है.” मैने तालाब के अंदर से ही उससे विनती की.



“ तू मेरी गुलाम बनने को राज़ी हुई है. अब तो तीन दिन बाद ही कुच्छ पहनने को मिलेगा तुझे. तू ऐसे ही अच्छि लगती है. और इस हालत मे तू यहाँ से भागने का भी नही सोचेगी. वैसे तुझे शरमाने की ज़रूरत नही है. मेरे आदमियों मे इतनी जुर्रत नही है कि मेरी पर्मिशन के बिना एक बार तुझे आँख उठा कर भी देख लें.”



बाहर आने के बाद वो मुझे उसी हालत मे साथ लेकर उन लोगों मे घूमता रहा. वो हर जगह मुझे किसी गुलाम की तरह नंगी हालत मे घूमता रहा. चाहे वो उनका शूटिंग रंगे हो या व्यायामशाला. वो किसी मीटिंग मे भी जाता तो मुझे नंगी हालत मे सब लोगों के बीच ले जाता. जब वो सबके साथ कोई मीटिंग कर रहा होता तो मेरा काम होता कि उसके पैरों के पास बैठ कर उसके लंड को चूसना. लेकिन ये बात तो मैने अच्छि तरह महसूस कि की वहाँ के लोग उसे किसी देवता से कम नही मानते थे और किसी की क्या जुर्रत जो मुझे नज़र भर भी देख ले.



मैने अपनी शर्म हया बिल्कुल छ्चोड़ दी थी. अख़बार मे च्चापने के लिए तंगराजन ने अपनी कई तस्वीर मुझसे खिंचवाई और मेरी कुच्छ नंगी तस्वीरे अपने पास रखने के लिए खींची. मुझे अपने साथ वॉकमॅन ले जाने की छ्छूट थी. जिसमे मैं उसके साथ अपने कॉन्वर्सेशन टेप करती. जिसे बाद मे कलम बद्ध करने का इरादा था. मैं तीन दिन उनके साथ थी. उनके काम उनके तौर तरीके और उनके मीटिंग्स सब मे मैं बे रोकटोक जाती थी. मैने काफ़ी कुच्छ समझा उनके और उनके संगठन के बारे मे. मैं ये जान कर हैरान थी कि ये जंगली जानवरों से दिखने वाले असल जिंदगी मे कितने बुद्धिमान और सॉफ विचारों वाले थे.



उसके बाद उसने कई बार मुझे चोदा. तीन दिन मे मैं उसके लिंग की आदि बन गयी थी. हर वक़्त मेरी योनि मे उसके लंड को पाने के लिए खुजली मचती रहती थी. मैने भी उससे जम कर चुडवाया. यहाँ तक की तीन दिन बाद जब मैं अपने शहर वापस लौटी तो मैं प्रेग्नेंट थी. मेरे पेट मे तंगराजन का बीज था.



टीन दिन बाद जब तंगराजन ने आकर मेरे कपड़े मुझे दिए और मेरे गले पर बँधे पट्टे को खोल दिया तो मेरी आँखों मे आँसू आ गये. सच तो ये था की इन तीन दिनो मे मैं तंगराजन की मर्दानगी पर मर मिटी थी. मैं तंगराजन के चौड़े सीने से लिपट कर रोने लगी. उसने मेरे आँसुओं से भरे चेहरे को उठाया और मेरे होंठों पर एक प्यारी सी किस दी.



“ नही मैं इतनी जल्दी यहाँ से नही जाना चाहती. मैं यहीं कुच्छ दिन और रहना चाहती हूँ.” मैने रोते हुए उससे कहा.



“नही रश्मि तुम यहाँ नही रह सकती. ये हमारी ऑर्गनाइज़ेशन के नियमो के खिलाफ है. तुम्हे जो चाहिए था मिल गया. मुझे जो चाहिए था मिल गया. अब बाइ कह देने मे ही हमारी भलाई है.” तंगराजन ने मेरे पूरे बदन पर अपना हाथ फिराते हुए कहा.



“मैं तुम्हे नही भूल सकती. अब दोबारा कब मिलोगे? वादा करो दोबारा मुझसे मिलोगे.” मैने उसके हाथ को अपनी हथेलियों मे थाम लिया. उसने धीरे से अपने हाथ मेरी पकड़ से आज़ाद कर लिए.



“ अब हम कभी नही मिलेंगे. मैं भी तुम्हे कभी नही भूलूंगा. मगर तुमसे भी पहले मेरे लिए कुच्छ है जो मैं नही छ्चोड़ सकता.” तंगराजन के आवाज़ मे पहले तो काफ़ी नर्मी थी मगर अपनी बात ख़तम करते करते उसमे सख्ती आ गयी.



“ठीक है मुझे अलविदा कहने से पहले प्लीज़ एक बार अच्छे से प्यार करो.” वो मेरे निवेदन को सुन कर मुस्कुरा दिया. मैं उसके सीने से लिपट गयी. दोस्तो कहानी अभी बाकी आपका दोस्त राज शर्मा 
क्रमशः....
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