Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जायज़ है
12-10-2018, 01:51 PM,
#25
RE: Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जाय�...
में अपने मम्मो पर अपने भाई की ज़ुबान के लामास को महसूस कर के मदहोश होने लगी. और मदहोशी के आलम में ही अपने भाई को अपने मम्मो को प्यार करती देखती रही.

सुल्तान भाई मेरे मम्मो की गली को और मम्मो के दरमियाँ वाले हिस्से को अपनी ज़ुबान से चूमता रहा.

मेरा दिल चाह रहा था कि भाई मेरे निपल्स को भी अपने मुँह में ले कर उन को चूसे.

भाई मेरे मम्मो के गोश्त पर अपनी ज़ुबान फेरते फेरते काफ़ी दफ़ा मेरे निपल्स के नज़दीक तो पहुँचा. लेकिन उस ने मेरे निपल्स को अपने मुँह में नही लिया.



मुझे ऐसे लग रहा था. जैसे सुल्तान भाई जान भूज कर मेरे लंबे और तने हुए निपल्स को नज़र अंदाज़ कर रहा है.

जब कुछ देर के तक भाई ने मेरे निपल्स को नज़र अंदाज़ किया तो मेरे सबर का पेमाना लबरेज हो गया.

और मैने अपने दोनो हाथों से भाई के चेहरे को पकड़ा और उस के मुँह को अपने लंबे और तने हुए निपल पर रखते हुए सुल्तान भाई से कहा” मेरे निपल्स को भी मुँह में भर कर चूसो भाईईईईईईईईईईई”

भाई ने अपनी आँखें उपर उठा कर मेरी आँखों में देखा और फिर बिना कोई बात किए मेरे बाए निपल को मुँह में ले कर उसे अपने दांतो में दबा और शुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रर्प शुर्र्ररर्प" कर के मेरे निपल पर अपनी जीभ फेरने लगा. और साथ ही साथ मेरे दूसरे मम्मे को अपने हाथ में ले कर बेदर्दी से दबाने लगा.

ज्यूँ ही मेरे निपल को भाई ने अपने दाँत से काटा तो में चिल्ला पड़ी, "आआआआआ..... काटो नही…आराम से चूसो, नाअ भाई"..

सुल्तान भाई बिल्कुल एक बच्चे की तरह मेरे निपल को चूसने लगा.वो बारी बारी मेरे दोनो निपल्स को चूस रहा था.

इस दौरान जब कभी वो अपनी जीभ से मेरे निपल्स को हिलाता तो उस का असर सीधा मुझ मेरी चूत में महसूस होता और बस मुझ ऐसा लगता जैसे अभी मेरी चूत अपना पानी छोड़ दे गी और में फारिग हो जाउन्गी.

फिर तो जैसे सुल्तान भाई पर पागल पन का एक दौड़ा ही पड़ गया. और उस ने मेरे मम्मे चूसने, दबाने ऑर मेरे मना करने के बावजूद उन पे दाँत से काटने शुरू कर दिए.

सुल्तान भाई मेरे मम्मो को मुँह में ले कर चूस रहा था और साथ ही साथ अपने दोनो हाथों से मेरे जिस्म के हर हिस्से को छू बी रहा था.

सुल्तान भाई की हरकतें मुझे भी पागल बना रही थीं.और मेरे जिस्म की हवस भी बढ़ती जा रही थी.

मैने भी अपने हाथ को बढ़ा के अपने भाई की शलवार के नाडे को खोला और भाई की शलवार को उस की गान्ड से नीचे करते हुए भाई का लंड अपने हाथ में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया.

और फिर आहिस्ता आहिस्ता अपने हाथ को भाई के लंड पर उपर नीचे फेरते हुए अपने भाई की मूठ मारने लगी.

सुल्तान भाई अपनी बहन को अपनी मूठ मारता देख कर और भी गरम हो गया और कहने लगा “तुम तो मुझे मेरी बीवी नुसरत से भी ज़्यादा मज़ा दे रही हो मेरी बहन”.

मैने रात के अंधेरे में अपने भाई का लंड को दो दफ़ा अपनी फुद्दी में डलवाया तो ज़रूर था. मगर में भी अभी तक भाई के लंड के दीदार से महरूम ही थी.

इस लिए अब मेरी दिली ख्वाहिश थी. कि जिस तरह सुल्तान भाई ने थोड़ी देर पहले मेरे जिस्म का दीदार किया है. उसी तरह में भी अपने भाई के लंड का दिन की रोशनी में दीदार करूँ.

इस ख्वाहिश की तकमील के लिए मैने अपने जिस्म से चिमटे हुए अपने भाई को अपने बदन से अलग किया.

और फिर सुल्तान भाई के पास से उठ कर में अपने भाई के सामने जा खड़ी हुई.

मेरे बिस्तर से उठ ते ही सुल्तान भाई ने अपनी शलवार को अपने जिस्म से अलग कर दिया. इस तरह अब सुल्तान भाई बिस्तर पर पूरा नंगा बैठा हुआ था.

मैने सुल्तान भाई के सामने खड़े हो कर अपने भाई के जिस्म पर अपनी निगाह दौड़ाई. तो देखा कि सुल्तान भाई का लंबा,मोटा और सख़्त लंड किसी शेष नाग की तरह अपना फन फैलाए भाई की टाँगों के दरमियाँ अकड़ा खड़ा है.

अपने भाई के लंड को इस तरह खड़ा देख कर मेरी फुद्दी तो जैसे किसी अब्शर की तरह बरसने लगी.

मेरे भाई का लंड लंबाई में तो मेरे शोहर गुल नवाज़ जितना ही था. मगर सुल्तान भाई के लंड की मोटाई मेरे शोहर गुल नवाज़ के लंड से ज़्यादा थी. खास तौर पार सुल्तान भाई के लंड की टोपी बहुत मोटी और फूली हुई थी.

“तिर्छी टोपी वाले
लंबे मोटे काले”

और ये ही वजह थी कि जब सुल्तान भाई का लंड पहली दफ़ा मेरी तंग फुद्दी की दीवारों को चीरता हुआ मेरे अंदर दाखिल हुआ था.

तो शादी शुदा होने के बावजूद मुझे पता चल गया था कि असली लंड किसे कहते हैं.

नुसरत फ़तेह अली के एक गाने .

“की वेन लौडे तूँ नज़राण हटवाँ
नही तेरे जिया हूर दिस्दा
दिल कारदा तेरे तू चूड़ी जा वाँ
नही तेरे जिया हूर मिल्दा”

मेरा दिल भी अपने भाई के सख़्त लंड से अपनी नज़रें हटाने को नही चाह रहा था.

में आँखे फाड़ फाड़ कर अपने भाई के मोटे सख़्त लंड को देखने लगी.क्यो कि ये कोई मामूली लंड नही था. बल्कि ये तो मेरे लिए बहुत ही अज़ीम और आला लंड था.

क्यों कि ये ही वो लंड था . जिस ने अपना पानी मेरी बच्चे दानी में छोड़ कर मुझे एक माँ बन ने का मोका फ़ेरहम किया है था.

इस लिए अब मुझ पर लाज़ाम था कि एक सच्ची दासी की तरह में इस लंड की पूजा करती.

चूंकि एक दफ़ा पहले अंजाने में मेरे साथ जबर्जस्ती करते हुए सुल्तान भाई मुझ से अपने लंड का चूसा लगवा कर मुझे लंड चुसाइ का स्वाद दे चुका था.

और उस पहली लंड चुसाइ का ज़ायक़ा अभी तक मेरे मुँह में माजूद था. इस लिए अब भाई के लंड को पूरी तरह नगा अपने सामने देख कर मेरी मुँह में पानी भर आया.

मेरी चूत अपने भाई के लंड के लिए तडप रही थी. और मेरा दिल चाह रहा था कि में बेशर्मी की हर हद पार कर दूं.

मैने अपने होठों को दाँत से काटते हुए सुल्तान भाई से कहा, " भाई अगर आप बुरा ना मानो तो में आप के लंड को चूसना चाहती हूँ."

सुल्तान भाई मेरी इस फरमाइश पर खुश होते हुए बोला, "इस में इजाज़त की क्या बात है, ये लंड तो अब सिर्फ़ तुम्हारा ही है मेरी जान."

में सुल्तान भाई का जवाब सुन कर ख़ुसी से झूमती आई. और आ कर घुटनों के बल भाई की टाँगों के दरमियाँ बैठ गई.

इस पोज़िशन में सुल्तान भाई का लंड अब मेरे मूँह के बिल्कुल सामने था.

मैने दोनो हाथों से भाई के लंड को पकड़ा और लंड की टोपी पर आहिस्ता से किस किया.

मेरी इस हरकत से भाई तो तड़प कर रह गया.और “ओह” करते हुए सुल्तान भाई को ऐसा जोश आया कि उस के लंड से एक दम सफेद रंग की मलाई उमड़ पड़ी.

जिस को देखते ही देखते मैने अपनी ज़ुबान से चाटते हुए अपने मुँह में निगल लिया.

अपने भाई के लंड के पानी का नमकीन नमकीन ज़ायक़ा मुझ बहुत मजेदार लगा.

मैने अपने भाई के पानी छोड़ते लंड को मुँह में ले कर उपर भाई की तरफ देखा.तो सिसकियाँ भरते सुल्तान भाई मुझे बड़े प्यार से अपना लंड चूसते हुए देख रहा था.

“उूुुुुुुउउ हाएएययी कितना मोटा है तुम्हारा लंड. देखो अब कभी भी मुझे इस लंड से दूर मत रखना. भाईईईईईई”

मैने भाई की आँखों में आँखे डाल कर देखते हुए भाई से कहा.और पागलों की तरह अपने भाई का लंड का चोसा लगाने लगी.

में भाई के लंड की टोपी को अपनी ज़ुबान से गीला कर देती ऑर फिर उसे मुँह में ले कर चुस्ती.

साथ ही साथ में अपने हाथों से सुल्तान भाई के टट्टो को मसल्ति रही और ज़ुबान से उस के टट्टो को चाटा ऑर चूसा.

और फिर भाई के टट्टो को मूँह में ले कर सक करने लगी ऑर अपने हाथ से उस के लंड की मूठ लगाने लगी.

मेरे इस तरह लंड चूसने से भाई मज़े से बेहाल हो रहा था. उस के मुँह से निकलने वाली सिसकारियाँ रुकने का नाम नही ले रही थीं.

सुल्तान भाई की साँसे तेज हो गईं. और मेरे कानो में गूँजती हुई भाई की सिसकारियाँ मुझे और जोश दिला कर पागल बना रही थी.

इसी जोश में आ कर में अपने हाथ को नीचे अपनी चूत पर ले गई.

और भाई का लौडा चूसने के साथ साथ अपनी चूत के दाने को अपनी उंगली से मसलने लगी.

साथ ही साथ सुल्तान भाई के लंड को अपने मुँह में ले कर में अपने मुँह को उपर नीचे करने लगी. जिस से भाई का लंड बिल्कुल किसी लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था.

मैने अब भाई के लंड को कुलफी की तरह चाटना शुरू कर दिया. सच में मुझे लंड चूस ने में बहुत मज़ा आ रहा था..

इस मस्ती में आते हुए मैने सुल्तान भाई के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला. भाई का लंड मेरे थूक से बहुत ज़्यादा गीला हो चुका था.

उधर मेरी टाँगो के दरमियाँ मेरी चूत भी बिल्कुल इस तरह मेरी चूत के पानी से गीली हो कर पिच पिच कर रही थी.

“भाई उस रात मैने जिंदगी में पहली दफ़ा चूत चटवाने का स्वाद आप से पाया था. और उसी स्वाद का ये असर है कि अब आप की बहन आप की दीवानी हो गई है. इस लिए आज में भी बदले में आप को एक एक नया स्वाद देना चाहती हूँ” मैने भाई की तरफ देखते हुए कहा.

फिर देखते ही देखते मैने अपने दोनो बड़े बड़े मम्मो को सुल्तान भाई के लंड के इर्द गिर्द ले जा कर अपने हाथों से अपने दोनो मम्मो को एक साथ मिलाया.

जिस की वजह से मेरे भाई का लंड अब मेरे मोटे और बड़े मम्मो की क़ैद में जकड गया था.

थूक से भरपूर सुल्तान भाई का लंड मेरी गुदाज छातियों के दरमियाँ फँसा हुआ था. अब मैने अपने मम्मो को अपने हाथ से पकड़ कर अपने मम्मो को अपने भाई के के उपर नीचे रगड़ने लगी.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ रुखसाना क्या मज़े दार चीज़ हो तुम,तुम्हारे इन्ही मजेदार अंदाज़ ए चुदाई ने मुझे तुम्हारा आशिक़ बना दिया है मेरी बहननंनननननननननणणन्”. मेरे इस अंदाज़ से सुल्तान भाई को बहुत मज़ा आने लगा और उस के मुँह से तेज सिसकारियाँ निकलने लगी.

सुल्तान भाई ने आज से पहले मेरी चूत को तो चोदा ही था. मगर आज वो पहली बार अपने लंड के साथ मेरे मोटे मम्मो की चुदाई भी कर रहा था.
कुछ देर तक अपने मम्मो में इस तरह अपने भाई के लंड फिरवाने के बाद मैने सुल्तान भाई के लंड को फिर अपने मुँह में ले कर उस को सक करना शुरू कर दिया.

अब में भाई की टाँगों के बीच बैठी मज़े से अपने भाई का लंड अपने मुँह में ले कर चूस रही थी.

और वो मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड को एक जोश के साथ मेरे मुँह में डाल कर मेरे मुँह को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था.
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RE: Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जाय�... - by sexstories - 12-10-2018, 01:51 PM

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