RE: Desi Sex Kahani मुहब्बत और जंग में सब जाय�...
सुल्तान भाई की शलवार के उपर से मेरा हाथ अब आहिस्ता आहिस्ता सरकता हुआ भाई के लंड की तरफ जा रहा था.
मेरे हाथ की इस हरकत को शायद भाई ने भी महसूस कर लिया था. जिस की वजह से शायद भाई का सोया हुआ लंड उस की शलवार में अपनी नींद से जागने लग गया.
साथ ही साथ ना चाहने के बावजूद अपने लंड को यूँ अपनी शलवार में खड़ा होता हुआ महसूस कर के सुल्तान भाई का जिस्म अब बेचैनी के आलम में थोड़ा थोड़ा टेन्स हो कर अकड़ने सा लगा था.
दूसरी तरफ मेरी इस हरकत से महज़ोज़ होते हुए मेरी अपनी फुद्दी भी अपना पानी छोड़ने लगी.
“रुखसाना ठीक है कि तुम ने ये कदम बहुत मजबूरी की हालत में उठाया है, मगर ये तो सोचो कि हम दोनो बहन भाई हैं और ये बहुत बड़ा गुनाह है जो तुम ने किया है”भाई अपनी फूलती हुआ सांस को संभालते हुए बोला.
अब मेरा हाथ सुल्तान भाई की शलवार के उपर से भाई के खड़े होते हुए लंड के बिल्कुल नज़दीक पहुँच चुका था.
“वो तो ठीक है मगर आप ये तो सोचो कि हम भाई बहन होने से पहले एक औरत और मर्द हैं.अगर मेरा शोहर मुझे एक बच्चा देने के क़ाबिल नही तो आप तो मुझे दे सकते हो ना”इस के साथ ही मैने हिम्मत की और भाई के लंड के नज़दीक पहुँचे हुए हाथ को आगे बढ़ा कर भाई के लंड पर रख दिया.
ज्यूँ ही मेरे हाथ ने शलवार के उपर से सुल्तान भाई के तने हुए लंड को अपनी गिरफ़्त में लिया भाई के मुँह से एक सिसकी भरी आवाज़ निकल गई’ हाईईईईईईईईईईईईईईईई” " उफफफफ्फ़ ये मत भूलो कि हम बहन भाई हैं और ये सब कुछ जो तुम कर रही हो ये ग़लत है. पागल मत बनो रुक जाऊओ रुखसानाआआआआआआआ”.सुल्तान भाई मुझे आगे बढ़ने से रोकने की नाकाम कॉसिश कर रहा था.
“अच्छा भाई में ये सब नही करती मगर ये बता दो कि किया आप को अच्छा लगे गा कि में बाहर के किसी मर्द के साथ ये सब करू “?
मैने सुल्तान भाई के लंड को अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए पीछे हटने की कोशिस की.
मेरा इस तरह करने की दो वजह थीं. एक तो मैने ये बात कह कर भाई की गैरत को ललकारा था.
दूसरा ये कि में देखना चाहती थी. कि मैने अपनी बातों और हरकत से जो शोला अपने भाई के तन बदन में सुलगाया है. उस ने भड़क कर आग की शकल इकतियार की है कि नही.
वैसे सयाने सही कहते हैं. कि मर्द आख़िर मर्द ही होता है.
उस को चोदने के लिए एक मोरी (चूत) की ज़रूरत होती है. और जब उस का लंड अकड कर खड़ा हो जाता है तो फिर वो कोई परवाह नही करता कि ये मोरी बीवी की है या बहन की.
सुल्तान भाई ने एक लम्हे के लिए मेरी आँखों में आँखें डाल कर कुछ सोचा.
शायद वो ये सोच रहा था. कि जब वो अंधेरे में दो दफ़ा अपनी बहन की चूत को हर अंदाज़ में चोद चोद कर अपना बीज अपनी बहन की कोख में पहले ही डाल चुका है. तो अब क्यों फरिश्ता बनने का नाटक और तकल्लूफ किया जाय.
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