Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
12-09-2018, 02:52 PM,
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
अब तो उसने भी मेरी गंद मे अपनी उंगली डाल दी थी. मैने महसूस किया कि उसको मेरी गंद के छेद मे उंगली घुसने मे ज़्यादा परेशानी नही हुई क्यों कि मेरी गंद का छेद उसकी गंद के छेद से बड़ा था. शायद अपने पति से नियमित रूप से गंद मरवाने के कारण मेरी गान्ड का छेद थोड़ा खुला हुआ था और मेरी गंद को मरवाने की आदत थी. उसकी गंद का छेद बहुत छ्होटा और टाइट था. मेरी उंगली का केवल अगला हिस्सा ही उसकी गंद मे घुसा था और उसने अपनी गंद भींच ली थी. मैने नीता से कहा कि वो अपनी गंद का छेद ढीला छोड़े ताकि मेरी उंगली आराम से उसकी गंद मे आ जा सके. उसने जब अपनी गंद को थोड़ा ढीला किया तो मेरी उंगली उसकी गंद के अंदर तक घुस गई और मैं अपनी उंगली को उसकी गंद मे अंदर बाहर करते हुए उसकी रेशमी गंद को चोद्ने लगी, उसकी गुलाबी गंद मारने लगी. मुझे तो गंद मरवाने का पहले से ही काफ़ी अनुभव था, इसलिए मैने तो अपनी गंद ढीली छोड़ी हुई थी और नीता आराम से अपनी उंगली से मेरी गंद मार रही थी. नीता जिस तरह मेरी गंद मे अपनी उंगली डाल कर मेरी गंद मार रही थी, मुझे लग रहा था जैसे कोई बच्चा अपने पतले लंड से मेरी गंद मार रहा हो. उसकी गंद मे अपनी बीच की उंगली घुमाते हुए मैने अपने अंगूठे को उसकी गीली चूत के बीच मे रखा. अब मेरे लिए उसकी गंद मे उंगली डाल कर उसकी गंद मारना और अपनी अंगूठे से उसके चूत के दाने को मसलना बहुत आसान था. नीता को दोहरा मज़ा आने लगा था जो उसके हिलने डुलने से सॉफ सॉफ पता चल रहा था. उसने भी मेरी नकल करते हुए ऐसा ही किया. वो भी अपनी उंगली से मेरी गंद मार रही थी और अपने अंगूठे से मेरी चूत का दाना मसल रही थी. मुझे भी चूत चुद्वाने और गंद मरवाने का दोहरा मज़ा एक साथ आने लगा. हम दोनो की चूत से फिर एक बार रस की नदी बहने लगी.

इस तरह हम दोनो ही एक दूसरी से चुद्वाती हुई और एक दूसरी को चोद्ति हुई, चूत और गंद मे उंगली लेती हुई तथा चूत और गंद मे उंगली देती हुई अपने अपने झड़ने की तरफ बढ़ने लगी. जैसे जैसे हम अपने अपने झड़ने के करीब आने लगी, वैसे वैसे हमारी उंगली की रफ़्तार गंद मे, और हमारे अंगूठे की रफ़्तार चूत का दाना मसल्ने मे बढ़ती गई. मेरी उंगली तेज़ी से नीता की रेशमी गंद मे तूफ़ानी रफ़्तार से अंदर बाहर हो रही थी और साथ ही साथ उसी रफ़्तार से मैं अपने अंगूठे से उसकी चूत का दाना मसल रही थी. नीता भी मेरी चूत और गंद के साथ ऐसा ही कर रही थी और जल्दी ही हम दोनो एक बार फिर झाड़ गई. इस बार हम दोनो ही जोरदार तरीके से झड़ी थी, शायद दोहरी चुदाई की वजह से.

हम दोनो दो बार जोरदार तरीके से झाड़ कर पास पास लेटी हुई एक दूसरी की आँखों मे देखने लगी और हम दोनो ही संतुष्ट हो कर मुस्करा रही थी.

उसने मुझे बताया कि मेरा अपनी उंगली से उसकी गंद मारना उसको बहुत पसंद आया, क्यों कि आज से पहले वो नही जानती थी कि गंद मरवाने मे भी इतना मज़ा आता है. उसने मुझ से पुछा कि क्या उसके साथ लेज़्बीयन चुदाई मे मुझे मज़ा आया? मैने उसको सच सच बताया कि मुझे भी उसके साथ बहुत मज़ा आया.

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि वो मूतने के लिए बाथरूम जाना चाहती है. मुझे भी मूतना था, इसलिए हम साथ साथ बाथरूम गये और हम ने साथ साथ मूता. फिर हमने एक दूसरे का बदन साबुन और पानी से सॉफ किया ताकि हम फ्रेश हो जाएँ. हम दोनो ने अपने अपने सेक्सी बदन पर खुसबू लगाई.

एक दूसरी को बाहों मे लिए हम वापस बेडरूम मे आ गये. हम दोनो ही एक बार और इस लेज़्बीयन चुदाई के खेल को खेलना चाहते थे. मेरी रोज़ चुद्वाने वाली चूत के लिए नीता की जीभ थोड़ी कम पड़ रही थी. मैं रसोई मे गई और फ्रिड्ज से एक ककड़ी ले आई. ये ककड़ी करीब एक फुट लंबी और 3 इंच मोटी थी. नीता की आँखें उस ककड़ी को देखते ही चौड़ी हो गई क्यों कि वो जानती थी कि इस का क्या इस्तेमाल होने वाला है.

मैने ककड़ी का एक हिस्सा उसकी चूत मे धीरे धीरे घुसाया और दूसरा हिस्सा मेरी अपनी चूत मे डाला. अपनी अपनी चूत मे उस ककड़ी के दोनो हिस्से डाले हमारी चूत पास पास आ गई. हम ने एक दूसरी को पकड़ा और आपस मे चुंबन लेते हुए अपनी अपनी गंद हिलाने लगी. ह्म ने कई बार एक दूसरी की चुचियों को भी दबाया और मसला. हम दोनो की गंद आगे पीछे होने लगी और ककड़ी हम दोनो की चूत मे अंदर बाहर होने लगी. वो ककड़ी हम दोनो का ही लॉडा बन गई. नीता जैसे अपनी लौडे से मेरी चूत चोद रही थी और मैं अपने लौडे से नीता की चूत चोद रही थी. ह्म एक दूसरी को चोद रही थी और साथ ही साथ एक दूसरी से चुद्वा भी रही थी. हमारी दोनो की गंद हिलती जा रही थी और ककड़ी हम दोनो की चूत मे अंदर बाहर हो रही थी. ककड़ी से चुद्वाने मे लंड से चुद्वाने का मज़ा आ रहा था. इसी तरह चोद्ति और चुद्वाती हुई हम दोनो एक बार फिर अपनी चुदाई की मंज़िल पर पहुँच गई. काफ़ी देर तक हम आपस मे लिपटी हुई, ककड़ी को अपनी चूत मे घुसाए बैठी रही.

फिर हमने अपनी अपनी चूत से ककड़ी बाहर निकाली और खड़ी हो गई. हम दोनो ही बहुत थक चुकी थी और हम दोनो को ही एक एक कप कॉफी की ज़रूरत थी.
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