Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
12-09-2018, 02:36 PM,
#14
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
अगले दिन से ही हमारे बर्ताव मे परिवर्तन आ गया था. हम दोनो आपस मे खुल कर बातें करने लगे थे. उस ने कई बार मेरी गंद पर हाथ फिराया था और कई बार मेरी चुचियों को भी दबाया था. जब मौका मिलता, हम चुंबन भी करते थे. जब भी वो मुझे हाथ लगता, मुझे अच्छा लगता था. आंजेलीना हमेशा हम को अकेले रहने का मौका देती थी. मैने रमेश को अपने घर भी बुलाया और अपने मा - बाप और चाचा से मिलवाया था. मेरे चाचा ने कहा कि लड़का बहुत अच्छा है. मेरे चाचा ने कहा कि वो कभी भी शादी नही करेंगे और मरते दम तक मुझ से प्यार करते रहेंगे. मगर मेरे सामने मेरी पूरी जिंदगी है और उन्होने मेरी आने वाली जिंदगी के लिए सूभकामनाएँ दी. उन्होने मुझ से ये भी कहा कि जिंदगी मे खुस रहने के लिए मौका देख कर उसको अपने बारे मे सब सच सच बता दूं. अपने लाइफ पार्ट्नर से कुछ भी च्छुपाना अच्छी बात नही है.

मैं भी रमेश के घर पर गई थी और उस के पेरेंट्स से मिली थी. उस के पापा रिटाइर्ड आर्मी ऑफीसर है और एक सेक्यूरिटी एजेन्सी चलाते थे. उस की मा बहुत ही अच्छी लगी मुझे. स्वीट, बिल्कुल मेरी अपनी मा की तरह.

अब तो कॉलेज मैं भी सब को पता चल चुका था क्यों कि हम हमेशा साथ साथ रहते थे. इसी तरह हमारे दिन प्यार मे गुजरने लगे थे. यहाँ मैं एक बात बताना चाहूँगी कि अब तक हम दोनो ने एक दूसरे को पकड़ा था, दबाया था, चुंबन लिया था पर कभी भी चुदाई नही की थी. चुदाई के लिए ना उस ने कभी कहा ना कभी मैने कहा.

हम कॉलेज की ट्रिप पर करीब 40 स्टूडेंट्स मनाली जा रहे थे. ट्रेन मे हमारा रिज़र्वेशन 3 टीर ए/सी मे था. हम ने ट्रेन मे डिन्नर किया और ग्रूप बना कर बातें कर रहे थे. ए/सी की वजह से डब्बे मैं थोड़ी सी ठंडी थी. मैं और रमेश पास पास मे एक ही कंबल ओढ़ कर बैठे हुए थे. आंजेलीना हमारे सामने की सीट पर बैठी थी. रमेश ने कंबल के अंदर से कई बार मेरी चुचियों को दबाया था. कुछ देर बाद एक एक कर के सब लोग अपनी अपनी बर्थ पर सोने चले गये. सिर्फ़ मैं और रमेश ही कंबल ओढ़ कर बैठे थे. मुझे नीचे की बर्थ पर सोना था और रमेश को बीच की बर्थ पर. आंजेलीना उपर की बर्थ पर सोने चली गई. क्यों कि हम ने बीच की बर्थ नही खोली थी इस लिए हम आराम से बैठ सकते थे नीचे की बर्थ पर और धीरे धीरे बातें कर रहे थे. लाइट्स बंद हो गई थी और डब्बे मे नाइट बल्ब की रोशनी थी.

रमेश ने कंबल के अंदर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मेरी दोनो चुचियों को पकड़ लिया और धीरे धीरे उनको दबाने लगा. वो बड़े प्यार से मेरी चुचियों को दबा रहा था और मालिश कर रहा था. मुझे उस को चूमने का बहुत मन हुआ पर मैं ऐसा कर नही सकी क्यों कि नाइट बल्ब की रोशनी मे किसी के देख लेने का डर था. मैं जीन्स और टी-शर्ट पहने हुए थी. वो भी जीन्स और टी-शर्ट पहने हुए था. उस ने धीरे से मेरे कान मे मुझे अपनी टी-शर्ट उतारने को कहा. मैने भी धीरे से जवाब दिया " नही, कोई देख लेगा. हमारे बारे मे सब को पता है. क्या पता कोई देख ही रहा हो हम को."

वो अपना एक हाथ मेरे पीछे ले गया, नीचे से मेरी टी-शर्ट मे हाथ डाला और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया. फिर उसने अपना हाथ आगे से मेरी टी-शर्ट मे डाला और मेरी नंगी चुचियों को पकड़ लिया. मेरी चुचियों के निपल्स टाइट हो गये और वो मेरी चुचियों को, मेरी निपल्स को दबाने लगा. पहले तो धीरे धीरे दबाया लेकिन फिर ज़रा ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मैं गरम होने लगी थी और मेरी चूत गीली होना सुरू हो गयी थी. मैने भी अपना हाथ उस के पैरों के बीच की तरफ बढ़ाया. उसने अपने पैर थोड़े चौड़े कर्लिये और मैने उस की पॅंट की ज़िप खोल दी. मैने अपना हाथ और आगे बढ़ाया और उसके खड़े हुए, तने हुए गरम लंड को उसकी चड्डी के होल से बाहर निकाल लिया. ये पहली बार था की मैने अपने चाचा के सिवाय किसी और का लंड पकड़ा था. वो 21 साल का जवान था और मुझे उसका लंड अपने चाचा के लंड से थोड़ा मजबूत लगा. उस के लंड के आगे का भाग भी गीला था. ना तो वो मेरी चुचियों को ही देख पा रहा था और ना मैं उसके तने हुए लंड को ही देख पा रही थी, क्यों कि सिर्फ़ हमारा सिर ही कंबल के बाहर था, मेरी नंगी चुचियाँ और उसका नंगा लंड कंबल के अंदर थे. मैने उस के लंड की आगे की चॅम्डी नीचे की और उसके लंड को पकड़ कर आगे पीछे.... उपर नीचे करने लगी. मैं उसके लंड पर मूठ मार रही थी और मज़े मे उसकी आँखें बंद होने लगी और उसने मेरी चुचियाँ ज़ोर ज़ोर से दबानी सुरू करदी.

अपना एक हाथ उसने मेरी जीन की ज़िप की तरफ बढ़ाया और मेरी ज़िप खोल दी. मैने अंदर चड्डी पहन रखी थी इसलिए उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चड्डी के उपर से ही मेरी चिकनी और गीली चूत पर घुमाई. मेरी चड्डी मेरी चूत के उपर मेरी चूत के रस से गीली थी. उसने मेरी चूत की मालिश मेरी चड्डी के उपर से ही की और फिर मेरी चड्डी की साइड से अपनी उंगली मेरी चूत के मूह तक ले गया. वो मुझसे बोला कि बाथरूम चलते है, आगे का काम वहीं करेंगे आराम से. पर मैने ये कहते हुए मना कर्दिया की हम आपस मे चुदाई पूरे अकेलेपन मे करेंगे फिर कभी जब भी मौका मिलेगा. इस वक़्त तो मैने उस से कहा कि हम एक दूसरे के लंड और चूत पर हाथ से ही मज़ा देंगे और लेंगे, हाथ से ही एक दूसरे की चुदाई करेंगे, ये ही ठीक रहेगा. वो थोड़ा सा उदास हुआ लेकिन मेरी बात मान गया.

अपनी उंगली से उसने मेरी चूत के मूह मे डाली तो मैने अपने पैर थोड़े चौड़े कर लिए ताकि वो मेरी चूत मे अच्छी तरह से उंगली कर सके. उसने अपनी उंगली मेरी चूत के बीच मे उपर नीचे घुमानी चालू करदी मेरे दाने को टच करते हुए. मैं भी उसका लंड टाइट पकड़े हुए उसके लंड पर मूठ मार रही थी. उपर नीचे........ उपर नीचे. वो भी मेरी चूत मे उंगली घुमा रहा था. उपर नीचे..... उपर नीचे. थोड़ी देर बाद उसने अपनी जेब से अपनी रुमाल निकाल कर मुझे दी और कहा कि इसको उसके लंड के मूह पर रखूं. मैं समझ गई कि जब उसका पानी निकलेगा तो सिर्फ़ रुमाल मे ही गिरेगा, कंबल खराब नही होगी क्यों कि वो तो रात को ओढनी थी. मैने उसकी रुमाल उसके लंड के मूह पर कवर की और उसको पकड़ कर फिर से मूठ मारने लगी. मैने उसको भी अपनी चूत मे ज़ोर ज़ोर से, स्पीड मे उंगली घुमाने को कहा. उसने ऐसा ही किया. मेरी चूत का दाना कड़क हो गया था और मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. मेरी गंद भी मज़े के मारे आगे पीछे होने लगी थी. वो समझ गया कि मैं झरने वाली हूँ, और वो जल्दी जल्दी मेरी चूत मे उंगली घुमाने लगा. मेरे बदन मे तनाव आने लगा और.....और मैं झार गई. मैने अपने दोनो पैर टाइट कर्लिये. उसकी उंगकी अभी भी मेरी चूत के अंदर थी. वो समझ गया था की मैं झर चुकी हूँ और शायद मेरी चूत के पानी से उसकी उंगली भी बहुत गीली हो चुकी थी. अब वो बहुत धीरे धीरे मेरी चूत मे अपनी उंगली घुमा रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. आज पहली बार मेरे प्रेमी ने मेरी चूत को हाथ लगाया था और मैने भी पहली बार उसका लंड पकड़ा था. मैं भी जल्दी जल्दी.... ज़ोर ज़ोर से उसके लंड पर मूठ मार रही थी उसके लंड को टाइट पकड़ कर. मैं भी उसके लंड से पानी निकाल कर उसको पूरा मज़ा देना चाहती थी. मैने महसूस किया की अब उसने मेरी झर चुकी चूत मे उंगली घुमाना बंद कर दिया है और उसकी आँखें फिर से बंद होने लगी थी. वो भी अपनी गंद को उपर करने लगा था. मैं समझ गई कि उसका भी होने वाला है. उसके लंड से पानी निकलने वाला है. मैं और ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को हिलाती हुई मूठ मारने लगी. अचानक उसके लंड मे हुलचल हुई और उसके लंड से रस का फव्वारा निकला जो कि उसके लंड पर लपेटे हुए रुमाल मे आया. मैने मूठ मारना बंद कर दिया और उसके लंड को टाइट पकड़े रही. उसका लंड नाच नाच कर रस निकाल रहा था और मैने उस के चेहरे पर पूरा सॅटिस्फॅक्षन देखा.
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