RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
शाज़िया ने तेज तेज सांस लेते हुए कहा हां यासिर को भी मेरे मम्मे बहुत पसंद है, वह उन्हें बहुत शौक से चूसता है ... यह कहते हुए शाज़िया की नजरें अपने मम्मों पर थीं। मैंने कहा शाज़िया जी में भी चुसूँ आपके मम्मे ??? शाज़िया ने कोई जवाब नहीं दिया बस अपने निचले होंठ को दांतों में लेकर काटने लगी और उसकी पिटी पिटी साँसों से उसका सीना धौंकनी की तरह चलने लगा। वो कहते हैं ना कि लड़की की चुप्पी में हां होती है।
तो मैंने भी शाज़िया की चुप्पी को उसकी हां समझा और उसके मम्मों पर झुक कर उसके एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर उस पर धीरे धीरे अपनी ज़ुबान फेरने लगा जिससे शाज़िया की सिसकियाँ शुरू हो गई थीं। अब मैंने शाज़िया के चूतड़ पर एक हाथ रख कर उसे अपनी ओर खींच लिया और उसका मम्मा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। जब मैंने शाज़िया को अपनी तरफ किया तो उसका लंड मुझे अपने शरीर में चुभता लगा और मेरा लंड शाज़िया की जांघों पर लगने लगा जिसको उसने तुरंत ही अपने पैर के साथ मिलाकर जांघों में दबा लिया। कुछ देर शाज़िया के मम्मे चूसने के बाद मैंने अब शाज़िया के गुलाबी होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया तो शाज़िया ने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन के आसपास डाल दिए और मुझे भरपूर रिस्पांस देने लगी। कुछ देर होंठ चूसने के बाद शाज़िया ने खुद ही अपनी जीभ बाहर निकाली और मेरी होंठों पर रखी तो मैंने अपना मुंह खोल कर उसको रास्ता दिया, मेरा मुंह खुलते ही शाज़िया ने अपनी जीभ मेरे मुँह में प्रवेश करा दी और उसको गोल गोल घुमाने लगी जबकि मेरे दोनों हाथ शाज़िया के चूतड़ों को दबाने में लगे हुए थे। फिर मैंने अचानक शाज़िया को चूतड़ों से पकड़ कर अपनी गोद में उठा लिया तो शाज़िया ने तुरंत ही अपने पैर मेरी कमर के आसपास लपेट लें और अब उसका चेहरा मेरे चेहरे से थोड़ा ऊपर हो गया मगर वह तुरंत ही अपना चेहरा मेरे चेहरे के ऊपर झुकाकर चुम्मा चाटी को जारी रखे हुए थी, वह लगातार मेरे होंठों को चूस रही थी और अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल कर मेरी जीभ अपनी ज़ुबान टकरा रही थी।
कुछ देर में भी अपनी ज़ुबान शाज़िया के मुंह में डाल कर उसकी ज़ुबान को चूसा। उसके बाद मैंने शाज़िया को अपनी गोद से उतारा तो वह खुद ही मेरी कमीज के बटन खोलने शुरू कर दिए और देखते ही देखते उसने मेरी कमीज उतार दी। कमीज उतारने के बाद शाज़िया ने खुद ही मेरी बनियान भी उतार दी। शाज़िया ने जिस तेजी से मेरी कमीज और बनियान उतारी इससे मुझे पता चल गया था कि शाज़िया की चूत में बहुत आग लगी हुई है। मेरी बनियान उतारने के बाद शाज़िया ने तुरंत अपनी ज़ुबान निकाली और मेरे सीने में मेरे सख्त हुए निपल्स पर फेरना शुरू कर दी जिससे मुझे मज़ा आने लगा। शाज़िया ने कुछ देर बारी बारी मेरे दोनों निपल्स पर अपनी जीभ फेरी और उन्हें मुंह में लेकर चूसा, उसके बाद वह नीचे बैठ गई और एक ही झटके में मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर मेरी सलवार नीचे कर दी। आदत के अनुसार मैंने अंडरवेअर नहीं पहना था मेरा 8 इंच का लंड स्प्रिंग की तरह शाज़िया के सामने आ गया। लंड देखते ही शाज़िया की आंखों में एक चमक आ गई और वह बोली, वाह ........ शानदार है तुम्हारा लंड .... मैंने कहा शाज़िया जी, बस आपकी चूत की आग बुझ जाए तो तब मानूंगा कि मेरा लंड जबरदस्त है ...
शाज़िया ने मेरी ओर देखा और बोली, यह मेरी ही नहीं नीलोफर की चूत की प्यास भी बुझा सकता है .... वाह ..... बहुत अच्छा है। लंबा और मोटा। मैंने कहा आपके प्रेमी का लंड कैसा है ??? तो उसने कहा लंबाई में तो वह तुम्हारे लंड से थोड़ा ही कम है, लेकिन इतना मोटा नहीं है वे जितना मोटा तुम्हारा लंड है। यह कह कर शाज़िया ने मेरे लंड की टोपी पर अपने होंठ रख कर उसको चूमा और फिर धीरे धीरे उसने मेरे पूरे लंड पर अपने होंठों से चूमना शुरू कर दिया। कुछ देर मेरे लंड को अपने होठों से चूसने के बाद शाज़िया मेरे आंडो को अपने हाथ में पकड़ कर मसला और उसे भी एक बार अपने मुँह में लेकर चूस कर छोड़ दिया और फिर खड़ी होने लगी।
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