vasna kahani आँचल की अय्याशियां
12-08-2018, 01:11 PM,
#53
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
चेंजिंग रूम का दरवाज़ा बंद करने के बाद सेल्सगर्ल ने आँचल की शर्ट के बटन खोल दिए और शर्ट उतार दी. उस सेल्सगर्ल ने जब ब्रा में क़ैद आँचल की बड़ी चूचियाँ देखी तो उन्हे छूने को उसका जी मचल उठा. आँचल ने देखा ये लड़की तो मेरी चूचियों को देखे जा रही है. उसकी आँखो में आँचल को तारीफ और प्रशंसा के भाव दिखे. उसके ऐसे देखने से आँचल को भी कुछ कुछ होने लगा.

सेल्सगर्ल ने आँचल से कहा,” मैडम, मैं आपकी ब्रा उतार लूँ ? साहब को ऐसी ही मैचिंग ब्रा चाहिए.”

आँचल सोचने लगी , ब्रा का डिज़ाइन तो ऐसे ही दिख रहा है , फिर ये उतारने को क्यूँ बोल रही है ? ज़रूर ये ब्रा उतारने के बहाने मेरी चूचियों को छूना चाह रही है.

अब आँचल भी एक्साइट होने लगी, “ठीक है, उतार के देख लो…….”

आँचल के मान जाने से सेल्सगर्ल खुश हो गयी , वो समझ गयी आँचल भी गरम हो रही है , वरना ब्रा उतारने में ना नुकुर करती.

सेल्सगर्ल ने आँचल के पीछे जाकर ब्रा का हुक खोला फिर उसके मांसल कंधों पर हाथ फिराते हुए ब्रा के स्ट्रॅप्स को कंधों से नीचे उतारा. फिर पीछे से ही हाथ आगे ले जाकर आँचल की चूचियों को हाथ से मसलते हुए ब्रा को उतार दिया. सिर्फ़ एक ब्रा उतारने में देर लगाते हुए आँचल के बदन को सहलाते हुए सेल्सगर्ल ने उसकी उत्तेजना बढ़ा दी. चूचियों पर सेल्सगर्ल का हाथ लगने से आँचल ने सिसकारी ली.

अब सेल्सगर्ल आगे आ गयी और आँचल की आँखो में झाँका. आँचल के होंठ खुले हुए थे , उस पर मदहोशी छाने लगी थी. सेल्सगर्ल आँचल की नंगी चूचियों पर अपने हाथ फिराने लगी. उसके मुँह से भी सिसकारी निकल गयी.

उत्तेजना से आँचल से बोला भी नही जा रहा था. गहरी साँसे लेते हुए उसने कहा,” तुम्हें अच्छे लगे मेरे बूब्स ….?”

“हाँ मैडम, आपके बूब्स परफेक्ट हैं, सो ब्यूटीफुल …………..उन्न्ह…….” उत्तेजना से सेल्सगर्ल का गला भी भर्रा गया. वो अब दोनों हाथों में भरकर आँचल की चूचियों को मसलने लगी.

आँचल सिसकारियाँ लेने लगी, उसकी चूचियों पर निपल कड़े होकर तन गये. उसकी इच्छा हुई की सेल्सगर्ल निपल को मुँह में भरकर चूसे. लेकिन वो लड़की सिर्फ़ हाथों से ही चूचियों को सहला रही थी , दबा रही थी. 

अब आँचल से सहन नही हुआ उसने सेल्सगर्ल का सर पकड़ा और अपनी चूचियों पर उसका मुँह दबा दिया, “ ऊओ…….. ओह्ह ……प्लीज़ चूसो इन्हें ………..प्लीज़……………ऊहह…...”

सेल्सगर्ल ने सोचा, ये औरत तो बहुत कामुक है , इतनी जल्दी एक्साइटेड हो गयी. उसने अपने मुँह में आँचल की चूचियों को भर लिया और एक बच्चे की तरह चूसने लगी. फिर निपल के चारों और हल्के भूरे रंग के ऐरोला को जीभ से चाटने लगी. उत्तेजना में भरकर उस सेल्सगर्ल ने आँचल की गोरी चूचियों पर दाँत गड़ा दिए.

“ऊओ………ओह्ह ……….आआहह………...उफफफ्फ़……….उनन्नगज्गघह…..” आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. उसकी चूत से रस बहने लगा और उसकी वाइट पैंटी रस से गीली हो गयी.

सेल्सगर्ल उसकी चूचियों को चूसती और चाटती रही. 

तभी किसी ने ज़ोर से दरवाज़ा खटखटा दिया.

“ एक ब्रा को चेक करने में इतना टाइम क्यूँ लग रहा है ? जल्दी करो …….क्या बात है ?” बाहर से रवि की आवाज़ आई.

रवि की आवाज़ सुनते ही सेल्सगर्ल घबरा गयी और तुरंत , सिसकती हुई आँचल से अलग हो गयी. लेकिन आँचल तो मदहोश थी अब उसे ओर्गास्म निकालना ही था. एक बार वो गरम हो गयी तो फिर उसको ओर्गास्म चाहिए ही चाहिए.

रवि की बात को नज़रअंदाज़ करके आँचल ने अपना ट्राउज़र उतार दिया और फिर अपनी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. 

सेल्सगर्ल सोचने लगी, बाहर इसका साथी कह रहा है जल्दी करो. और ये जल्दी करना छोड़कर अपने बाकी कपड़े भी उतार रही है.

लेकिन आँचल को तो फुल मस्ती चढ़ चुकी थी उसने सेल्सगर्ल का सर पकड़ा और उसका मुँह अपनी तड़पती हुई चूत में लगा दिया , “ ईट मी…..ओह गॉड ………...ईट मी प्लीज़…….”

आँचल के चूतरस की खुशबू सेल्सगर्ल की नाक में आई. अब उसने भी घबराना छोड़कर आँचल की चूत में जीभ घुसा दी और उसे चाटना शुरू कर दिया. फिर आँचल फर्श पर लेट गयी और टाँगें मोड़ ली. सेल्सगर्ल भी फर्श पर लेटकर उसकी चूत चाटने लगी. आँचल सेल्सगर्ल के बालों में हाथ फिराने लगी. 

वो सेल्सगर्ल लेस्बियन थी और दूसरी औरतों को कामसुख देने में माहिर हो चुकी थी. उस लिंजरी स्टोर में काम करते हुए बहुत सारी औरतों से उसके संबंध बन चुके थे, इसलिए वहाँ काम करना उसे अच्छा लगता था. बड़े ही एक्सपर्ट तरीके से उसने आँचल की चूत को चाटा और चूत में उंगली की , जिससे जल्दी ही आँचल को ओर्गास्म आ गया.

“आअहह……...ओह………………ओइईई……………....” ज़ोर से सिसकते हुए आँचल झड़ गयी.

आँचल की तेज़ सिसकारियों को दबाने के लिए सेल्सगर्ल ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. लेकिन कामोन्माद में आँचल ने उसकी उंगलियों पर दाँत गड़ा दिए. दर्द से सेल्सगर्ल ने अपना हाथ पीछे खींच लिया.

सिसकारियाँ कम होने के बाद आँचल को होश आया तो पाया की बाहर से रवि दरवाज़ा खटखटा रहा है.

“ कितना टाइम लोगे आप लोग ? हो क्या रहा है यहाँ ?” बाहर से रवि परेशान था.

आँचल ने सेल्सगर्ल की मदद से फटाफट कपड़े पहने और चेंजिंग रूम का दरवाज़ा खोलकर बाहर आ गयी.

“क्या हुआ ? इतनी देर क्यूँ लगा दी ? और वो चिल्लाने की आवाज़ क्या थी ?” आँचल के बाहर आते ही रवि ने सवालों की झड़ी लगा दी. 

कोई जवाब देने की बजाय आँचल मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गयी.

अब रवि ने सेल्सगर्ल को रोककर वही सवाल पूछ दिए. सेल्सगर्ल ने बताया की मैडम चेंजिंग रूम में फिसल के गिर गयी तभी चिल्लाई थी. 

“लेकिन इतनी देर क्यूँ लगा दी ?” रवि को चिल्लाने का जवाब तो मिल गया , तो फिर उसने देर लगाने के लिए सेल्सगर्ल से पूछा.

जवाब में मुस्कुराते हुए सेल्सगर्ल भी आगे बढ़ गयी. 

रवि को कुछ समझ नही आया . फिर काउंटर में बिल पे करके और अपना खरीदा हुआ समान लेकर वो शॉप से बाहर आ गया. बाहर आँचल उसका इंतज़ार कर रही थी. रवि को आता देखकर वो कार की तरफ जाने लगी. उसके पीछे चलते हुए रवि ने गौर किया , पहले तो पैंटी लाइन दिख रही थी लेकिन अब नही दिख रही. पैंटी कहाँ गयी ? लेकिन सपने में भी वो नही सोच सकता था की चेंजिंग रूम में हुआ क्या था.

कार में बैठते हुए आँचल सोचने लगी , क्या मस्त चूत चूसी उस सेल्सगर्ल ने. बहुत ही मस्त मज़ा दिलाया. तभी उसको ध्यान आया जल्दबाज़ी में पैंटी पहनना तो वो भूल ही गयी.

“एक मिनट हाँ. मैं अभी आती हूँ.” रवि को कार में छोड़कर आँचल फिर से शॉप में चली गयी.

चेंजिंग रूम के फर्श में पड़ी हुई गीली पैंटी को उसने अपनी पॉकेट में डाल लिया. फिर उस सेल्सगर्ल के पास गयी और अपना नंबर देते हुए बोली, “मुझे फोन करना , ठीक है ?” , फिर सेल्सगर्ल के होठों पर चुंबन लेकर ‘बाय’ बोलकर शॉप से बाहर आ गयी.

अपने होठों पर जीभ फिराकर आँचल के होठों के गीलेपन का स्वाद लेती हुई वो सेल्सगर्ल सोचने लगी, क्या मस्त औरत है, गजब की मादक और कामुक है. फोन करके दुबारा ज़रूर मिलूंगी इससे.

कार में रवि ने देखा आँचल के चेहरे पर मुस्कान है. चेहरा भी दमक रहा है , लगता है अच्छे मूड में है. यही मौका है , इससे चान्स लेता हूँ.

कार चलाती हुई आँचल के कंधों पर रवि ने हाथ रख दिया. आँचल ने एक नज़र रवि को देखा लेकिन कुछ बोली नही.

आँचल के कुछ ना बोलने से रवि की हिम्मत बढ़ गयी और वो कंधे पर अपनी उंगलियाँ फिराने लगा.आँचल चुपचाप कार चलाती रही.

रवि खुश हो गया. आज तो किस्मत साथ दे रही है. आँचल के कंधों पर हाथ फिराने से उसका लंड खड़ा हो गया. आँचल ने देखा रवि के पैंट में तंबू बन गया है. रवि को टीज़ करने के लिए आँचल ने उसकी तरफ देखते हुए अपने होठों पर जीभ फिरा दी.

आज तो आँचल बड़ी लाइन दे रही है , फुल मूड में लगती है. रवि और भी एक्साइटेड हो गया.

तभी एक खाली पड़े पार्क के पास आँचल ने कार रोक दी और रवि को देखकर मुस्कुराने लगी.

“यू वांट टू फक मी रवि…..? ” रवि के बालों में उंगलियाँ फिराते हुए धीमी आवाज़ में आँचल बोली.

रवि को अपने कानो में विश्वास ही नही हुआ. क्या उसने जो सुना वो सच में आँचल ने कहा या ये सिर्फ़ उसका वहम है ? आँचल खुद अपने मुँह से कह रही है की तुम मुझे चोदना चाहते हो.

एक्साइट्मेंट से रवि की आवाज़ ही बंद हो गयी. वो अपना सर हिलाकर हाँ कहने लगा.

आँचल ने देखा ये तो पूरा सम्मोहित हो गया है , इसकी तो आवाज़ ही नही निकल रही. 

अब आँचल ने जो किया उससे तो रवि बिल्कुल ही अवाक रह गया.

आँचल ने हाथ बढ़ाकर रवि की पैंट की ज़िप खोल दी और अंदर हाथ डालकर उसका तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया. 

फिर उसने रवि के लंड को खुला छोड़ दिया और मुस्कुराने लगी. आँचल ने देखा रवि का लंड भी सुनील का जैसा ही छोटा और पतला है. उसको निराशा हुई. सोचने लगी, हैंडसम मर्द होने से इस बात की गारंटी नही होती की उसका लंड भी बड़ा होगा. सुनील भी तो लंबा चौड़ा अच्छा दिखता है , ऐसे ही रवि भी कितना हैंडसम दिखता है. रिया तो हर समय तारीफ करती है. लेकिन दोनों के ही लंड कितने छोटे हैं.

फिर आँचल ने अपनी शर्ट के बटन खोल दिए . रवि ने देखा आँचल की बड़ी चूचियाँ ब्रा से बाहर आने को मचल रही हैं. रवि के होंठ सूख गये. अपनी जीभ को होठों पर फिराकर उसने होंठ गीले किए.

फिर आँचल ने अपनी ब्रा भी खोल दी और उसकी बड़ी गोरी चूचियाँ रवि के सामने नंगी हो गयीं.

रवि के मुँह से सिसकारी निकल गयी. आँचल ने देखा , रवि का पानी निकल गया है. आँचल की चूचियों को नंगी देखकर ही रवि झड़ गया , उसके लंड से निकली वीर्य की धार उसकी शर्ट और पैंट पर जा गिरी. झड़ने के बाद उसका लंड सिकुड़कर और छोटा हो गया. बिना कुछ किए झड़ने से रवि शरमा गया. और झेंपते हुए उसने अपने सिकुड़े हुए छोटे लंड को पैंट के अंदर डालकर ज़िप लगा दी.

मादक आँचल को रवि झेल नही पाया , जबकि उसकी बड़ी इच्छा थी आँचल को चोदने की. जब औरत खुद पहल करने लगती है तो अच्छे अच्छे मर्दों के लंड सिकुड जाते हैं और इरेक्शन गायब हो जाता है. ये रवि के लिए पहला मौका था जब किसी औरत ने उसके सामने पहल की थी वरना तो सब ना नुकुर वाली ही होती हैं. शायद इसीलिए वो बर्दाश्त नही कर पाया और तुरंत ही झड़ गया.

सिर्फ़ चूचियाँ देखकर ही झड़ जाने से आँचल को बहुत निराशा हुई. 

रवि को अपने छोटे लंड को पैंट के अंदर डालते हुए देखकर आँचल बोली,” रवि, यू आर स्टिल ए बॉय, यू नीड टू ग्रो अप….”

आँचल की बात सुनकर तो रवि ऐसा झेंप गया की आँचल से आँख मिलाने की उसकी हिम्मत ही नही हुई. शरम से उसका चेहरा लाल हो गया . उसने अपनी नज़रें झुका ली. 

आँचल ने अपनी शर्ट के बटन बंद कर दिए. ब्रा अभी भी उसकी गोद में ही पड़ी थी. फिर आँचल ने कार घर की तरफ दौड़ा दी. शरम से रवि चुपचाप बैठा रहा. इस सेक्सी कुतिया ने मेरी बड़ी बेइज़्ज़ती कर दी. साली को चोदने का कितना मन था मेरा. और जब चोदने का वक़्त आया तो बिना छुए ही मेरा पानी निकल गया. शिट …….कितनी बड़ी बेइज़्ज़ती हुई मेरी…….... ‘यू आर स्टिल ए बॉय' कहती है मुझसे. एक ना एक दिन मैं इस मादक बिच को दिखाऊँगा की मैं बच्चा नही हूँ.

निराशा और हताशा से भरे इन ख़यालों में रवि डूबा हुआ था. तभी उसके कानो में आँचल की आवाज़ पड़ी.

“ रवि, तुम्हारी शर्ट और पैंट गंदे हो गये हैं. तुम ऑटो लेकर अपने कमरे में जाओ और कपड़े चेंज करके फिर हमारे घर आ जाना.” आँचल ने रास्ते में कार रोक दी.

बिना आँचल से नज़रें मिलाए रवि चुपचाप कार से उतर गया. रवि के कार से उतरने के बाद आँचल ने फिर से कार घर की तरफ दौड़ा दी. लेकिन कार स्टार्ट करते हुए उसकी हँसी रवि ने सुन ली. रवि और भी ज़्यादा झेंप गया. आज तो बहुत ही बेइज़्ज़ती हो गयी ………….

जब आँचल घर पहुँची तो उसको अकेली देखकर रिया ने पूछा, रवि कहाँ गया ?

आँचल ने जवाब दिया की अभी रवि अपने कमरे में गया है. एक घंटे बाद यहाँ आ जाएगा.

रिया ज़ोर देने लगी की तुम कल मेरे साथ ज़रूर चंडीगढ़ आओगी. आँचल नखरे दिखाती रही. लेकिन रिया नही मानी. फिर उसकी ज़िद देखकर आँचल बोली, ठीक है दो तीन दिन के लिए आ जाऊँगी.

शाम को सुनील और ससुरजी भी फैक्ट्री से घर आ गये. पर रवि नही आया. 

“आँचल तुम तो कह रही थी की रवि एक घंटे में आ जाएगा. पर उसका तो अभी तक कोई पता नही है. फोन भी नही लग रहा.” रिया कुछ परेशान सी हुई.

फिर काफ़ी ट्राइ करने के बाद रवि का फोन लगा तो वो बोला,” रिया, मैं कार से आज चंडीगढ़ जा रहा हूँ . अब तुमसे वहीं मिलूँगा.”

असल बात ये थी की वो आँचल से नज़रें नही मिला पा रहा था, इसलिए उनके घर आया ही नही. एक तो वो बिना कुछ किए झड़ गया, ऊपर से आँचल के अपने ऊपर हंसने से उसे और ज़्यादा झेंप हो गयी थी.

रात में उन्होने थोड़ी जल्दी डिनर किया फिर आँचल और रिया चंडीगढ़ जाने के लिए सामान पैक करने लगीं . क्यूंकी उन्हें सुबह की ट्रेन पकड़नी थी.

सुनील ने आँचल से कहा की एक दो दिन बाद मैं तुम्हे लेने चंडीगढ़ आ जाऊँगा.

उनका प्लान सुनकर ससुर चुपचाप ही रहा. मन ही मन सोचने लगा , आँचल को लेने चंडीगढ़ मैं चला जाऊँगा. सुनील को किसी बहाने से यहीं रोक दूँगा.

अगली सुबह आँचल और रिया ट्रेन से चंडीगढ़ के लिए निकल गयीं.
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