vasna kahani आँचल की अय्याशियां
12-08-2018, 01:11 PM,
#51
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
सुनील और आँचल नाश्ता करने डाइनिंग रूम में आ गये. आँचल ने नाइटगाउन पहना हुआ था. 

वहाँ रवि और रिया बैठे हुए इंतज़ार कर रहे थे. रवि अपने कज़िन के घर से सुबह जल्दी ही आ गया था. रवि, रिया ने सुनील , आँचल को गुडमॉर्निंग विश की. फिर आँचल सबको नाश्ता सर्व करने लगी. 

अपने बेडरूम के दरवाज़े पर ससुर की हरकत से आँचल अभी भी पूरी तरह से उबर नही पाई थी. सेक्सुअल एक्साइट्मेंट से उसका चेहरा अभी भी लाल हो रखा था. पतले नाइटगाउन के अंदर उसने सिर्फ़ पैंटी पहन रखी थी. उसकी बड़ी चूचियाँ ब्रा ना होने से नाश्ता सर्व करते समय हिल डुल रही थीं. आँचल की मांसल जांघों का शेप भी उस पतले नाइटगाउन में साफ दिख रहा था. 

रिया ने देखा , नाश्ता सर्व करने के लिए किचन से डाइनिंग टेबल तक घूम रही आँचल को उसका मंगेतर रवि ललचाई नज़रों से घूर रहा है. रिया को जलन महसूस हुई और रवि पे बहुत गुस्सा आया. रिया ध्यान से देख रही थी, आँचल रवि को नाश्ता सर्व करते समय मुस्कुरा रही है और देखो तो रवि से कितना चिपक के खड़ी है . रवि की प्लेट में नाश्ता डालते समय जानबूझकर झुक रही है और उसको नाइटगाउन से अपना क्लीवेज दिखा रही है. नाइटगाउन भी कैसा पहन के आई है , फीते वाला, खुला खुला , टाँगें भी दिखा रही है. रिया को आँचल पर भी गुस्सा आया.

सुनील की नज़रें भी अपनी मादक बीवी पर ही थी. जो रिया ने देखा वो सुनील ने भी देखा. रवि भी मेरी बीवी को बहुत घूर रहा है. ये देखकर उसके मुरझाए लंड में हरकत हुई. दूसरे मर्द जब उसकी बीवी को घूरते हैं तो सुनील को एक्साइट्मेंट होती है . लेकिन पहले ऐसा नही था. ये तबसे शुरू हुआ जबसे चुदाई करते समय आँचल ने दूसरे लोगों द्वारा अपने बदन से छेड़खानी के किस्से सुनील को सुनाने शुरू किए. तभी से सुनील ने महसूस किया की ऐसी बातों से उसे बड़ी उत्तेजना आती है. अब उसे दूसरे मर्दों से जलन नही होती थी. ये बात आँचल भी जान गयी थी और बढ़ा चढ़ाकर छेड़खानी के किस्से सुनील को सुनाती थी. पर सुनील के मन में क्या है, वो अपनी बीवी को दूसरे मर्दों के साथ किस हद तक देखना स्वीकार करेगा , ये किसी को मालूम नही. आँचल यही सोचती है की सुनील ऐसी बातों से एक्साइट होता है , मगर सिर्फ़ बातें. सुनील के सामने किसी मर्द के साथ कुछ करने की तो वो सोच भी नही सकती. लेकिन उसे मालूम नही था की कुछ देर पहले बेडरूम के दरवाज़े पर ससुर का लंड पकड़े हुए सुनील ने उसे देख लिया है और ये देखकर सुनील को ज़रा भी ईर्ष्या या जलन नही हुई थी बल्कि उसे तो एक अजीब सा रोमांच हुआ था. जो क्यूँ हुआ था वो तो सुनील भी नही जानता. पर उसकी बॉडी अपनेआप ऐसे रेस्पॉन्ड कर रही थी. अपनी खूबसूरत बीवी को दूसरों के सामने शोऑफ तो वो पहले से ही करता था पर वो अलग बात थी. अब कुछ अलग ही हो रहा था. 

यहाँ नाश्ते के दौरान भी यही हो रहा था. रवि आँचल को घूर रहा था और आँचल उसको देखकर मुस्करा रही थी. ये देखकर रिया गुस्सा हो रही थी लेकिन सुनील को इसमें मज़ा आ रहा था.

नाश्ते की टेबल पर ससुर भी अपने ख्यालों में डूबा हुआ था. आज बहू ने मेरा लंड पकड़ लिया था , मुझसे चुदने को तैयार थी , अगर सुनील वहाँ पर नही होता तो आज चुद ही जाती. एक और मौका हाथ से निकल गया. हर बार मछली हाथ से फिसल जाती है. पता नही अब कब मौका मिलेगा. ये खूबसूरत जवान छोकरी रिया कुछ ही दिन पहले हमारे घर आई और ये भी मुझसे चुद गयी और आँचल को एक साल से ज़्यादा हो गया हमारे घर आए बहू बनकर और अभी तक मुझे निराशा ही हाथ लगी है.

नाश्ते की टेबल पर आँचल की सास नही थी क्यूंकी वो पड़ोस में सतसंग में गयी थी. 

इस तरह नाश्ता करते समय बातें कम ही हुई , सब अपने अपने ख्यालों में डूबे हुए थे.

रिया बोली, “मैं नहाने जा रही हूँ फिर तैयार भी होना है ” और टेबल से उठकर चली गयी.

सुनील भी अपने बेडरूम में चला गया. वो दोनो जल्दी नाश्ता करके उठ गये.

अब टेबल पर आँचल के साथ रवि और ससुर रह गये. आँचल दूसरों को सर्व कर रही थी इसलिए उसका नाश्ता अभी बचा हुआ था. लेकिन रवि और ससुर जानबूझकर धीरे धीरे नाश्ता कर रहे थे. सुनील और रिया के जाने के बाद, नाश्ता करते हुए दोनो आदमी अब खुलेआम आँचल पर नजरें गड़ाए हुए थे. 

आँचल ने ससुर और रवि की ललचाई नज़रों को महसूस किया और सर झुकाकर चुपचाप नाश्ता करने लगी. जब भी नज़रें उठाती तो पाती , वो दोनो उसको ही देख रहे हैं.

तभी रिया ने रवि को आवाज़ दी ,” कितना टाइम लगा रहे हो नाश्ता करने में ? यहाँ आओ जल्दी.”

रिया समझ गयी थी की रवि जानबूझकर धीरे धीरे नाश्ता कर रहा है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा देर तक आँचल के साथ बैठने का मौका मिले. इसलिए उसने रवि को डाँट कर बुला लिया और अपने बेडरूम में बैठने को कहा. ताकि रवि को आँचल को ताकने का मौका ना मिले.

रवि का मन नही हो रहा था वहाँ से जाने का. लेकिन रिया के डाँटने से उसने बचा हुआ नाश्ता फटाफट खत्म किया और वहाँ से उठ गया. लेकिन जाते जाते आँचल के गले लगकर थैंक्स कह गया, “ भाभीजी , बढ़िया नाश्ता कराने के लिए , थैंक्स.”

थैंक्स का तो बहाना था , इसके बहाने रवि ने आँचल के गालों से अपने गाल रगड़ दिए और उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया.

उसके बाद वो रिया के पास उसके बेडरूम चला गया.

मिस्टर आलोक जोशी (ससुर) अभी भी खाने में ही थे. 

“बहू , मेरी प्लेट में थोड़ी सब्ज़ी और डाल दो.”

आँचल उठी और ससुर के पास जाकर उसकी प्लेट पर सब्ज़ी डालने लगी.

सब्ज़ी का डोंगा पकड़े हुए आँचल ने अपनी पैंटी के ऊपर हाथ महसूस किया. 

ससुर ने आँचल के नाइटगाउन के अंदर हाथ डाल दिया था और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को पकड़ लिया. फिर पैंटी को थोड़ा खिसकाकर आँचल की चूत में अपनी मोटी उंगली डाल दी.

आँचल ससुर की हरकत से एकदम चौंक गयी .

“उउउऊहह…...” उसके मुँह से हल्की सिसकी निकल गयी.

अब ससुर आँचल की चूत में उंगली करने लगा और अंगूठे से उसकी क्लिट को रगड़ने लगा. 

आँचल सब्ज़ी का डोंगा हाथ में पकड़े वहीं पर खड़ी रही और उसने ससुर को रोकने का कोई प्रयास नही किया.

“ओह्ह ……….ससुरजी……..” आँचल धीरे से सिसकी. उसके पाँव वहीं पर ज़म गये. 

ससुर तेज़ी से उसकी चूत में उंगली घुमाने लगा.

“उनन्नज्ज्ग…………...बस कीजिए……...कोई आ जाएगा……... ओह्ह ….” आँचल की सिसकारियाँ बढ़ गयीं.

उसने सब्ज़ी का डोंगा टेबल पर रख दिया. उसकी टाँगें उत्तेजना से काँपने लगी. सपोर्ट के लिए उसने टेबल को पकड़ लिया.

लेकिन ससुर रुका ही नही. वो एक्सपीरियेन्स्ड आदमी था. एक्सपर्ट तरीके से आँचल की चूत और क्लिट को छेड़ते रहा. शायद सब्ज़ी माँगने का भी उसका बहाना था. उसने पहले ही सोच लिया होगा की आँचल सब्ज़ी डालने मेरे पास आएगी तो………...

ससुर उंगली करते रहा और टेबल पर हाथ टेककर आँचल सिसकते रही. 

उन दोनो को पता ही नही चला की बुड्ढा रसोइया रामलाल किचन के दरवाज़े पे आ खड़ा हुआ है और वहीं से उन दोनो को देख रहा है. अच्छा तो ये ससुर बहूरानी मेमसाब के अंगुली कर रहा है टेबल के नीचे से , और बहूरानी मस्त हुई जा रही है. 

रामलाल पहले एक बार आँचल को चोद चुका था. आँचल की कामुक सिसकारियों से उसका लंड खड़ा होने लगा. एक बार और मिल जाए मेमसाब चोदने को. कितनी कामुक है मेमसाब. ससुर भी पगला गया है इसके चक्कर में.

तभी बेडरूम से सुनील ने आवाज़ दी,” आँचल, मेरी शर्ट नही मिल रही है. कहाँ रख दी तुमने ?”

ससुर ने तुरंत आँचल की चूत से अपनी मोटी उंगली निकाल ली, उंगली चूतरस से भीगी हुई थी. आँचल सुनील के पास बेडरूम जाने लगी लेकिन ससुर ने उसे पकड़ लिया और अपनी गोद में बिठा दिया. आँचल को अपने नितंबों पर ससुर का खंभे जैसा लंड चुभा , जो पैजामे के अंदर फनफना रहा था. फिर ससुर ने चूतरस से भीगी अंगुली आँचल के मुँह में डाल दी और उससे चाटकर साफ करने को कहा. आँचल को ससुर की उंगली से अपना ही चूतरस चाटना पड़ा. 

ससुर के चूत में ऊँगली करने से उसको ओर्गास्म आने ही वाला था लेकिन सुनील ने डिस्टर्ब कर दिया. अब अपने नितंबों के नीचे दबे हुए ससुर के बड़े लंड से उसकी उत्तेजना और बढ़ गयी. उसने ससुर की उंगली को चाटकर साफ कर दिया. और लंड के जैसे ही वो मोटी उंगली चूस डाली. और ससुर की गोद में बैठे हुए ही उसके फनफनाते लंड के ऊपर अपने नितंबों को हिला हिलाकर रगड़ दिया.

आँचल की मचलती जवानी ससुर के लिए गरम लावा जैसी साबित हुई. अपने लंड पर आँचल के बड़े बड़े सुडौल लेकिन मुलायम नितंबों की रगड़ से उसके लंड ने पानी छोड़ दिया. छल- छलाकर निकले वीर्य ने ससुर का पैजामा खराब कर दिया. ससुर को भी हैरानी हुई , इतना वीर्य तो मेरा कभी नही निकला. ये मादक बहू ने बाहर से ही नितंबों को रगड़कर मेरा इतना माल निकाल दिया की गोलियाँ सिकुड गयी , तो फिर जब मैं इसको चोदूँगा सोचो तब कितना निकलेगा. 

तभी सुनील ने फिर से आँचल को आवाज़ दी, लेकिन इस बार वो आवाज़ उनके नज़दीक़ से आई थी. 

आँचल जल्दी से ससुर की गोद से उठी और अपने बेडरूम में चली गयी. ससुर चेयर पे बैठा हुआ झड़ते हुए गहरी साँसे ले रहा था. उसके लंड से अभी भी वीर्य की बूंदे निकल रही थी.

बेडरूम में पहुँचकर आँचल बोली,” इतना क्यूँ चिल्ला रहे हो सुनील. आ तो रही हूँ. नाश्ता कर रही थी.”

ससुर की गोद में आँचल को मज़ा आ रहा था. और सुनील के डिस्टर्ब करने से उसका ओर्गास्म भी अधूरा रह गया था. इसलिए वो थोड़ी चिड़चिड़ा गयी थी.

“यहाँ तो आओ…..” बाथरूम से सुनील ने आवाज़ दी.

जैसे ही आँचल बाथरूम में घुसी , सुनील ने उसको पीछे से पकड़ लिया . बिना संभलने का मौका दिए सुनील ने आँचल को वॉश बेसिन पर झुका दिया. फिर पीछे से उसका गाउन ऊपर उठाकर पैंटी नीचे कर दी और आँचल की टाँगें थोड़ी फैलाकर अपना तना हुआ लंड उसकी गीली चूत में घुसा दिया. 

आँचल जब तक कुछ समझ पाती की क्या हो रहा है तब तक उसकी चूत में पीछे से सुनील का लंड घुस चुका था.

आँचल ने सपोर्ट के लिए वॉश बेसिन को पकड़ा हुआ था और सुनील उसकी चूत पर दनादन धक्के मारे जा रहा था.

वॉश बेसिन पर झुकी हुई आँचल सुनील के उतावलेपन से हैरान थी. आज तक सुनील ने उसे ऐसे झुकाकर पीछे से नही चोदा था और बाथरूम में तो कभी भी नही चोदा था. 

[लेकिन एक बात पर आँचल ने गौर नहीं किया की सुनील ने जब दुबारा उसे आवाज़ दी थी तो वो आवाज़ नज़दीक से आयी थी . क्या उस बात पर और सुनील के उत्तेजित होकर आँचल को बाथरूम में चोदने के बीच कुछ सम्बन्ध था. कहीं सुनील ने......]

फिर सुनील ने आँचल की कमर को पकड़ा और आँचल को वॉश बेसिन पर थोड़ा और ज़्यादा झुका दिया. ऐसे ही झुकाकर आँचल की चूत में धक्के मारने लगा.

“ओह्ह ……....धीरे ……सुनील धीरे…… …उफफफ्फ़………....प्लीज़ सुनील धीरे धीरे से करो………….प्लीज़……....उफफफ्फ़…….”, आँचल ज़ोर से चिल्लाई.

असल में आँचल को सुनील के लंड से तकलीफ़ नही हो रही थी. सुनील का पतला लंड करीब 4.5 इंच का था. सुनील ने उसे वॉश बेसिन पर झुकाया हुआ था. उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ ठंडे मार्बल से दब कर दर्द कर रही थीं. तब वो चिल्लाई थी.

लेकिन सुनील ने उसकी बात अनसुनी कर दी. उसने आँचल को नीचे झुकाकर दबाए रखा और पीछे से और ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब आँचल का पेट और जांघों का जोड़ वाला भाग भी वॉश बेसिन से टकराने लगा.

“आऐईयईईईई…....ओह……....नही करो…. ..सुनील…..…प्लीज़……..” आँचल दर्द से चिल्लाई.

सुनील ने आँचल की चूत में अपना वीर्य निकाल दिया और उसके बदन के ऊपर ही झुक गया. फिर सीधा हुआ तो देखा , झुकी हुई आँचल धीमे धीमे रो रही है. 

सुनील ने आँचल को सीधा किया और उसे बेडरूम में ले गया और बेड पे लिटा दिया. खुद बाथरूम में नहाने चला गया.

आँचल बेड में लेटी हुई धीमे धीमे रोती रही. उसकी चूचियों पर मार्बल से रगड़ने के लाल निशान पड गये थे. और पेट के निचले हिस्से पर भी स्लैब पर टकराने से खरोंच के निशान थे. सुनील ने बेरहमी दिखाई थी और रगड़ खाने से तकलीफ़ हो रही है बताने के बावजूद उसने अनसुना कर दिया था. आँचल ने हर्ट फील किया और उसे रोना आ गया. सोचने लगी , ये मर्द ऐसे ही होते हैं , चोदते समय ऐसे बेरहम हो जाते हैं , जैसे औरत के जिस्म में जान ही न हो . उसके दर्द की बिलकुल परवाह ही नहीं करते .
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RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां - by sexstories - 12-08-2018, 01:11 PM

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