RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
ख़ान और सना के साथ थ्रीसम के बाद रात में आँचल को सेक्सी सपने आए. सपने में उसने देखा ख़ान उसे और सना को चोद रहा है. लेकिन फिर सपना बदल गया और आँचल ने देखा उसका ससुर उसे और सना दोनो को चोद रहा है. आँचल जब सुबह उठी तो उसे रात का सपना याद आया. आज उसका ससुर आने वाला था. ससुर से मुलाकात को लेकर आँचल को डर के साथ एक्साइट्मेंट भी हुआ. आँचल को पूरा यकीन था सुनील के लौटकर आने से पहले घर में उसे अकेला पाकर ससुरजी चोदने में बिल्कुल भी देर नही करेंगे. ससुर से चुदवाने के ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी, लेकिन उसका दिमाग़ कह रहा था ये ग़लत है.
“क्या करूँ ?” आँचल सोच में डूब गयी.
आँचल एक खूबसूरत और जवान औरत थी. एक बार जब उसने खुलकर सेक्स के मज़े ले लिए , जब उसे पता लगा की असली चुदाई क्या होती है तो अब वो अपने को चुदाई का मज़ा लेने से रोक नही पाती थी. उसकी कामइच्छाएँ उसके दिमाग़ पर भारी पड़ जाती थी. अगर शादी के कुछ महीने बाद समीर और किमी ने आँचल को सिड्यूस करके जबरदस्त चुदाई के मज़े नही दिलवाए होते तो शायद वो आज एक पतिव्रता औरत होती और सुनील के साथ जैसे तैसे गुजारा कर लेती. शायद वो अपनी कामइच्छाओं को दबा लेती या फिर मूठ मारकर काम चला लेती. लेकिन समीर और किमी के साथ उस घटना के बाद उसको पता चल गया की अगर मर्द अच्छे से चोदे तो औरत को बहुत मज़ा दे सकता है. बड़े लंड से अपनी टाइट चूत के स्ट्रेच होने की फीलिंग ही कुछ और थी. अब आँचल को जब भी चुदाई का मौका मिलता था तो वो अपने को रोक नही पाती थी और चुदवा लेती थी.
आँचल को एक दो बार ससुर ने पैंट के बाहर से अपना लंड पकड़वाया था , ससुरजी का भी तो बड़ा लंड था, आँचल को ससुर के साथ हुई वो घटना याद आई , उसको उत्तेजना आई. फिर आँचल सोचने लगी, एक बार ससुरजी ने उसे चोद दिया तो वो बार बार उसे चोदेंगे. कभी ना कभी उसकी सास या पति सुनील उन्हे पकड़ ही लेगा. फिर क्या होगा ? घर में बाप बेटे के बीच झगड़ा हो जाएगा , वो अपने मम्मी पापा को क्या मुँह दिखाएगी. बाहर तो कभी कभार चुदवाने में पकड़े जाने के चांस कम हैं पर घर में ससुर के साथ तो वो ज़रूर पकड़ी जाएगी. नहाते समय आँचल के मन में यही सब विचार आ रहे थे. कुल मिलाकर वो उलझन में थी , ससुर से चुदाई में उसे कोई ऐतराज़ नही था पर दिमाग़ कह रहा था की इसमे बहुत रिस्क है , ससुर से बच के रहो.
नहाकर फैक्ट्री जाने के लिए तैयार होकर आँचल अपने मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. वो परोठा खा रही थी तभी उसके ससुर का फोन आ गया.
“आज तुम अपना बैग पैक करके रखना. फैक्ट्री से हम साथ साथ तुम्हारे पापा के घर जाएँगे और तुम हमारे साथ अपने घर वापस आओगी. आज की रात तो बहुत रंगीन होगी, तेरी बाँहों में…” ससुर मस्ती में बोला.
ससुर का प्लान सुनकर आँचल को डर लगा , पर उसे उत्तेजना भी हुई, वो केवल “उनन्ं…जी …” ही बोल पाई.
“बस तुम जल्दी से फैक्ट्री आ जाओ, तुम्हें देखने और चूमने का दिल कर रहा है.” ठरकी ससुर ने कहा.
“ज्ज्ज…जी..” आँचल ने धीरे से कहा.
“ये क्या जी… जी लगा रखा है . जल्दी आओ मेरा लंड बहुत तड़प रहा है.” उत्तेजित होते हुए ससुर ने कहा.
“उम्म्म…हाँ, बस अभी आ रही हूँ…” आँचल ने धीरे से जवाब दिया.
“क्यूँ तुझे भी तड़पन हो रही है ? बोलो ना…” ससुर मस्ती में था.
“ज्ज…जी हाँ …” आँचल धीरे से बोली. टेबल पर सामने परोठे खाते हुए उसके मम्मी पापा उसको ही देख रहे थे. आँचल का मुँह शरम से लाल हो गया , उसने सोचा ससुरजी तो फोन रखेंगे नही, ऐसी ही कामुक बातें बोलते रहेंगे. आँचल ने फोन काट दिया.
आँचल की मम्मी ने पूछा , तो आँचल ने बताया की वो दोपहर में फैक्ट्री से लौटते वक़्त ससुरजी के साथ आएगी और फिर अपना सामान पैक करके वापस ससुराल चली जाएगी.
आँचल के पापा बोले, बेटा ये तो अच्छी बात है . तुम बहुत दिनों से मायके में हो. आज अपने घर चली जाओगी.
अब आँचल से परोठा निगला ही नही जा रहा था. वो सोचने लगी , ससुरजी तो कह रहे थे , तेरी बाँहों में आज की रात बहुत रंगीन होगी. आज तो मैं किसी हाल में नही बच सकती. धीरे धीरे उसने नाश्ता खत्म किया और कार लेकर फैक्ट्री आ गयी.
फैक्ट्री पहुँचकर आँचल ने देखा उसका ऑफिस अंदर से बंद था. नॉक किया तो बंसल ने दरवाज़ा खोला और आँचल के अंदर आने के बाद फिर से लॉक कर दिया.
आँचल ने देखा टेबल पर बहुत सारी नोटो की गड्डियां पड़ी हुई हैं और बंसल उनको गिन रहा है.
आँचल ने पूछा तो बंसल ने बताया की ससुरजी अभी कहीं बाहर गये हैं एक दो घंटे में वापस आ जाएँगे.
फिर बंसल रुपये गिनना छोड़कर आँचल की कमर में हाथ डालकर उसको अपनी तरफ खींचते हुए बोला,”कल ख़ान और सना के साथ बहुत मज़े किए तुमने ? ”
ब्लाउज के नीचे नंगी कमर पर बंसल के हाथ घूमने लगे. आँचल ने बंसल को धक्का देकर हटाने की कोशिश की लेकिन बंसल ने उसकी कमर और टाइट पकड़ ली और सोफे पर आँचल को खींच लिया.
“ये क्या कर रहे हो तुम बंसल ? छोड़ो मुझे …” आँचल ने रूखेपन से बंसल को झिड़कते हुए कहा.
“छोडूं या चोदूँ ..” बंसल ज़ोर से हंसते हुए बोला.
फिर एक हाथ से आँचल के खूबसूरत चेहरे को ज़ोर से दबाते हुए बोला,” भूल गयी क्या ? मेरे पास टेप है. तेरी चुदाई का सबूत, तेरे नौकर के साथ….”
फिर उसने और भी ज़ोर से आँचल के गालों को अपने हाथ से पकड़कर दबाया , आँचल दर्द से कसमसाई.
“मेरे साथ अच्छे से पेश आओ मैडम. नही तो मैं वो टेप तुम्हारे ससुर को दे दूँगा. समझी ?”
“ओइईई…….बंसल , प्लीज़ ….दर्द हो रही है ……..मेरा चेहरा तो छोड़ दो ” दर्द से चिल्लाते हुए आँचल बोली.
“प्लीज़ …बंसल जी…ओके ओके , मैं अच्छा व्यवहार करूँगी तुम्हारे साथ…..”
आँचल को दर्द से कसमसाते देखकर बंसल ने उसका चेहरा छोड़ दिया. फिर उसके कंधे में हाथ डालकर उसको अपने पास खींचते हुए बोला,” अब बताओ आँचल जी , मज़ा किया कल तुमने ?”
“हाँ..” आँचल ने धीरे से कहा.
बंसल फुसफुसाया,” बस हाँ ? ये क्या जवाब है आँचल जी ? ज़रा खुलकर बताओ , क्या क्या मस्ती की तुमने ख़ान और सना के साथ ?
“हाँ , बहुत मज़ा आया..” आँचल भी फुसफुसाते हुए बोली.
“क्या तुम दोनो को चोदा ख़ान ने ?” बंसल फिर फुसफुसाया. बंसल ने अब पीछे से आँचल का ब्लाउज खोल दिया था और फिर लेस वाली ब्रा भी उतार दी. ब्लाउज और ब्रा को एक तरफ फेंक दिया. आँचल चुपचाप बैठी रही. बंसल उसको टेप का डर दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा था.
मादक आँचल को ऊपर से नंगा करके बंसल उसकी गोरी गोरी बड़ी चूचियों का हाथ लगाकर वजन तौलने लगा. फिर उसने ज़ोर से चूची का निपल उंगलियों से दबा दिया.
“ओइईई……आआहह..” आँचल दर्द से चिल्लाई.
“बोलो आँचल जी , सारी की सारी कहानी बताओ . चुप मत रहो , नही तो ..” कहते हुए बंसल ने फिर से उसके निपल को ज़ोर से दबाकर दर्द कर दी.
“अच्छा अच्छा ….प्लीज़ ऐसे दर्द मत करो. सब कुछ बताती हूँ प्लीज़…” बेचारी आँचल अपनी चुदाई का किस्सा बंसल को बताने लगी.
बंसल उसकी बात सुनते हुए उसकी चूचियों और निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा.
आँचल अपना किस्सा सुना रही थी और बंसल उसकी चूचियों को मसल रहा था , चूस रहा था. अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी और किस्सा सुनाते हुए बीच बीच में सिसकारियाँ लेने लगी. बंसल समझ गया , साली गरम कुतिया उत्तेजित होने लगी है.
उसने आँचल को सोफे से खड़ा कर दिया और बोला,” फटाफट साड़ी पेटीकोट उतार दो.”
“कोई आ जाएगा बंसल जी..” आँचल उत्तेजना से काँपती आवाज़ में बोली , लेकिन कपड़े उतारने लगी.
“दरवाजा बंद है. घबराओ नही.” बंसल भी फटाफट अपने कपड़े उतारते हुए बोला.
नंगी आँचल को डेस्क के पास ले जाकर बंसल ने झुका दिया और एक हाथ से उसकी पीठ को नीचे दबाते हुए पीछे से उसकी चूत में उंगली घुसा दी.
“सना की चूत चाटने में तुझे बहुत मज़ा आया लगता है …”
आँचल की चूत गीली देखकर बंसल खुश हो गया. सोचने लगा , ये साली गरम कुतिया हमेशा चुदाई को तैयार रहती है. साली बहुत कामुक है.
बंसल ने अपना छोटा लेकिन मोटा लंड पीछे से आँचल की चूत में पेल दिया. और धक्के मारने लगा.
“आह ओह्ह …ऊऊ……” आँचल सिसकने लगी.
आँचल की बड़ी चूचियां डेस्क के उपर लगे ठंडे ग्लास में दबी हुई थी और उसकी बड़ी गांड ऊपर को उठी हुई थी.
बंसल आँचल को धीरे धीरे चोदने लगा और आँचल से अपना किस्सा जारी रखने को कहा.
आँचल चुदते हुए किस्सा सुनाने लगी. तभी उसको लगा की ओर्गास्म आने वाला है.
“आअहह…..बंसल जी……..ओइईईईईईई………..”
बंसल धीरे धीरे इसलिए चोद रहा था ताकि चुदाई का मज़ा देर तक आए .
जब वो दोनो ही झड़ने को हुए तो किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटा दिया.
“दरवाजा खोलो बंसल ”, मिस्टर जोशी (आँचल का ससुर ) तेज आवाज़ में बोला.
बंसल का लंड तुरंत मुरझाकर आँचल की चूत से बाहर आ गया. वो फटाफट अपने कपड़े पहनने लगा.
आँचल डेस्क पर झुकी हुई चुदाई की मदहोशी में थी लेकिन ससुरजी की कड़क आवाज़ सुनकर उसका ओर्गास्म गायब हो गया . वो सीधी खड़ी हो गयी और फटाफट पेटीकोट पहनने लगी.
बंसल ने तो फटाफट पैंट कमीज़ पहन ली पर आँचल को तो साड़ी ब्लाउज पहनना था. उसने बिना ब्रा के ही ब्लाउज पहन लिया और बंसल की मदद से साड़ी बाँध ली.
बंसल ने फर्श पर पड़ी ब्रा को अपनी जेब में छुपा लिया और टेबल से बहुत सारे नोट फर्श पर गिरा कर बिखेर दिए.
फिर वो दरवाजा खोलने लगा और आँचल से कहा फर्श पर पड़े नोट उठाने का नाटक करे.
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