RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
ऑफिस से लौटते समय आँचल ब्यूटी पार्लर गयी. वहाँ उसने वैक्सिंग और फेशियल करवाया. और अपनी कांख भी शेव करवाई. कल ख़ान को वो अपनी खूबसूरती से और भी इंप्रेस करना चाहती थी.
रात में अपने बेडरूम में लेटे हुए उसने सुनील को फोन किया और उसे बताया की कल साजिद ने उसे लोन डॉक्युमेंट्स साइन करने के लिए अपने ऑफिस बुलाया है. एक्साइट्मेंट में उसने ख़ान की तारीफ भी कर दी की वो कितना हैंडसम और आकर्षक़ पर्सनालिटी वाला है और कितने लोग उससे अपायंटमेंट लेने के लिए उसके ऑफिस में घंटो वेट करते हैं.
सुनील लोन मिलने की बात से खुश हुआ. लेकिन उसने महसूस किया की आँचल ख़ान से बहुत प्रभावित लग रही है और उसकी बड़ी तारीफ किए जा रही है. अपनी बीवी को दूसरे आदमी की तारीफ करते देखकर सुनील को ख़ान से जलन हुई. सुनील ने ये भी गौर किया की पहले तो आँचल मिस्टर ख़ान कहती थी , आज साजिद कह रही है. उसे अच्छा नही लगा , लेकिन उसने आँचल के उत्साह को देखते हुए उससे इस बारे में कुछ नही कहा. सुनील ने कहा की लोन का चेक मिलते ही मुझे फोन कर देना फिर मैं वापस आने की तैयारी करूँगा.
रात में आँचल को ठीक से नींद नही आई. वो ख़ान के ख़यालो में ही डूबी रही. ख़ान जैसे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े आदमी से वो बहुत प्रभावित हो गयी थी. आँचल ख़ान की तरफ आकर्षित थी. ख़ान पैसेवला था, अच्छी पर्सनालिटी थी, रोबदार आवाज़ थी और सबसे बड़ी बात आँचल को उसने जी भरकर कामतृप्त किया था. आँचल की चूत ख़ान का लंड एक बार फिर लेने के लिए तड़प रही थी. ख़ान के मजबूत हाथों का अपने बूब्स पर स्पर्श, उसके चूत पर पड़ते जोरदार धक्के और आँचल के नितंबों पर उसका थप्पड़ मारना , ये सब आँचल को याद आता रहा. वो कब रात खत्म हो और सुबह आए इसका इंतज़ार करने लगी.
सुबह उठकर आँचल ने बाथटब में सुगंधित साबुन से नहाया और फिर तौलिए से बदन पोछकर बेडरूम में आई. फिर उसने गुलाबी ब्लाउज के साथ जीन्स पहनी. उसने ब्रा नही पहनी थी. गुलाबी ब्लाउज में उसके निपल साफ़ साफ़ दिख रहे थे. आँचल ने मिरर में अपने को देखा , उसे लगा ये कुछ ज़्यादा हो गया. उसके मम्मी पापा क्या सोचेंगे , ऑफिस को ऐसे जा रही है.
उसने ब्लाउज उतारकर एक लेसी ब्रा पहाँ ली जो उसके बड़े बूब्स को आधा ढक रही थी. फिर उसने एक गुलाबी लो नेक वाली टीशर्ट पहाँ ली जिससे उसकी अच्छे से क्लीवेज दिख रही थी. इन सब में उसे देर हो गयी और वो फटाफट कार चलाकर ऑफिस पहुँच गयी. ऑफिस के रुटीन काम में आज उसका बिल्कुल मन नही लग रहा था. वो बार बार टाइम देख रही थी.
बंसल आँचल के केबिन में आया. आँचल को टीशर्ट और जीन्स में देखकर बोला,” मैडम आज तो आप बहुत ही खिली खिली लग रही हो , बहुत ही खूबसूरत.”
फिर उसका ध्यान आँचल के बूब्स पर गया और उसने देखा की मना करने के बावजूद आँचल ने ब्रा पहनी है.
“मैडम , मैने आपको कहा था ना की ख़ान भाई आपको बिना ब्रा के देखकर खुश हो जाएँगे, फिर क्यों आप अपने इतने मस्त मुममे बाँधकर रखती हैं.”
फिर वो आँचल के पास आकर एक हाथ से उसका खूबसूरत चेहरा सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका एक बूब दबाने लगा.
आँचल बंसल की बात का कोई जवाब देती उससे पहले ही उसके फोन की घंटी बजने लगी. उसके ससुर का फोन था. सुनील ने उसे बता दिया था की आँचल ने ख़ान से लोन निकलवा लिया है. ससुर ने आँचल को बधाई देने के लिए फोन किया था.
“थैंक यू ससुरजी , लेकिन चेक अभी मिला नही है, आज मिलने वाला है.” आँचल ने शरमाते हुए जवाब दिया. बंसल अब उसकी चेयर के पीछे खड़ा था और उसके बूब्स दबाते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था.
ससुर ने आँचल की शारीरिक ज़रूरतों की तरफ इशारा किया,” और तू तो पति के बिना तड़प रही होगी.”
“”ओह्ह …हाँ, सुनील कह रहा था की वो एक दो दिन में वापस आ जाएगा.” ससुर की बात में छिपे मतलब को नज़रअंदाज़ करते हुए आँचल ने जवाब दिया.
“अरे मेरी जान, मैं कल आ रहा हूँ, तेरी प्यास बुझाने. सुनील तो दो दिन बाद आएगा . मुझे तेरी बहुत याद आ रही है.” ठरकी ससुर बोला.
“उम्म्म्म…….हाँ ससुरजी ठीक है, तो कल मिलेंगे.” आँचल ने जवाब दिया. अब बंसल ने उसकी टीशर्ट उतार दी थी और ब्रा को उतारने की कोशिश कर रहा था.
ससुर : “बोल सच बोल, तुझे भी मेरी याद आ रही है ?”
“उम्म्म्म…..हाँ ससुरजी….मैं फोन रख रही हूँ …ओह्ह …” आँचल के मुँह से सिसकी निकल गयी. क्यूंकी बंसल ने अब उसकी ब्रा भी उतारकर , उसके बड़े बूब्स को नंगा कर दिया था और उसके निपल्स को मसलने में लगा हुआ था.
ससुर : “ क्या……क्या ? फोन मत रख , अभी तो तेरे से बहुत बातें करनी है, और कल आते ही मैं तुझे दिखाऊँगा की औरत को असली मर्द कैसे चोदता है.”
“ओह…..क्या…आआअहह….?” आँचल ने सिसकी ली , बंसल अब उसके आगे आकर उसके निपल को मुँह में भरकर चूस रहा था.
ससुर : “ देख मैं ठीक बोलता था, तू कितनी तड़प रही है. तेरी तड़पन सुनकर तो मेरा लंड खड़ा हो गया है, मेरी जान” . ससुर सोच रहा था की उसकी बहू कल उसके साथ चुदाई को लेकर एक्साइट हो रही है और तभी फोन पर सिसकारियाँ ले रही है.
ससुर की बातों से आँचल भी समझ गयी की ससुर उसकी सिसकारियों को अपने लिए समझ रहा है. बंसल की हरकतों और ससुर की ठरकी बातों से उत्तेजित होकर आँचल की चूत गीली हो गयी. उसने फोन पर ज़ोर से सिसकारी ली.
…आआअहह……………..ऊऊहह……उन्न्नननगगगगगगग……………..
बंसल भी फोन पर ससुर की बातें सुन रहा था. आँचल के बूब्स को चूसते हुए उसने सुना की ससुर भी आँचल के पीछे पड़ा है और उसे चोदना चाहता है.
आँचल को फोन पर ज़ोर से सिसकारी लेते देखकर ससुर बोला,” साली , तू तो बड़ी मस्त चीज़ है रे…मेरा लंड तो तेरी सिसकारी सुनकर तड़प रहा है, तेरी चूत में घुसने के लिए. पर पहले तो मैं तेरे से चुसवाऊँगा …..चूसेगी ना मेरा लंड ?”
“हाँ……उउउऊऊहह…..उम्म्म्मम….” आँचल ने फोन पर सिसकारी ली.
ससुर की लंड चूसने की बात से अब वो पूरी उत्तेजित हो चुकी थी. उसने फोन बंद कर दिया. और बंसल के पैंट की ज़िप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
बंसल आँचल की हरकत से आश्चर्यचकित रह गया. फिर मादक आँचल को अपना लंड चूसते देखकर वो मज़े से सातवे आसमान में उड़ने लगा.
आँचल ने बंसल के लंड को चूसते हुए उसकी गोलियों को हाथ से सहलाया. बंसल जल्दी ही झड़ गया और उसने आँचल के मुँह में वीर्य गिरा दिया. आँचल सब वीर्य निगल गयी.
होश में आने के बाद आँचल को अपनी हरकत पर खुद भी आश्चर्य हुआ लेकिन उत्तेजित होकर वो अपने ऊपर काबू नही रख पाती थी. उत्तेजित होने पर उसे कैसे भी हो, लंड चाहिए होता था.
झड़ने के बाद खुश होकर बंसल ने अपना पैंट ऊपर किया. आँचल ने भी अपनी टीशर्ट पहन ली लेकिन अबकी बार ब्रा नही पहनी.
ख़ान उसके बड़े बूब्स को बिना ब्रा के टीशर्ट में बाउन्स करते देखेगा और उसके निपल भी टीशर्ट में बाहर को तने हुए दिख रहे थे , ये सोचकर आँचल रोमांचित हो गयी.
आँचल बंसल से बोली,” अब चलते हैं. बंसल जी मैं अब और इंतज़ार नही कर सकती.”
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