RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
आँचल अगली सुबह 8 बजे फैक्ट्री पहुँच गयी. बंसल वहाँ पहले से ही मौजूद था. वो आँचल के केबिन में विश करने आया. फिर उसको कल बैंक से पैसा निकालने में आई परेशानी के बारे में बताने लगा. बात करते हुए आँचल के बदन को ललचाई नज़रों से घूर भी रहा था. उसे मालूम था कल ये सेक्सी औरत अपने नौकर से चुदाई के मज़े ले रही थी. वो अब खुद भी मैडम को चोदना चाहता था.
आँचल ने हल्के नीले कलर की शिफ्फॉन साड़ी और एक पतला स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था , जिसके अंदर उसकी ब्लैक ब्रा दिख रही थी. उसके बड़े बूब्स उस छोटे ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे , उससे बंसल को आँचल की काफ़ी क्लीवेज दिख जा रही थी. आँचल को मालूम था बंसल की नज़रें कहाँ कहाँ हैं, उसे अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन वो चुप रही. कल फोन पर बंसल ने सब सुन लिया था , इस बात से वो वैसे भी अपसेट थी.
फिर बंसल बोला,” फैक्ट्री के कुछ बिल जैसे इलेक्ट्रिसिटी वगैरह भी देने हैं और कुछ लोन देने वाले भी परेशान कर रहे हैं. सुनील साहब पैसा लेकर कब तक आएँगे.”
आँचल ने बताया,” उनको तो अभी कम से कम 2 हफ्ते और लगेंगे वापस आने में.”
बंसल बोला,” तब तक बिना पैसे के कैसे काम चलेगा?”
फिर बंसल ने अकाउंट्स लेजर आँचल की टेबल में रख दिया और खुद आँचल की चेयर के पीछे आकर जो जो भी पेमेंट्स तुरंत करने हैं, उनके बारे में बताने लगा. बहाने से आँचल की बाँहों को छूने लगा और उंगली को फाइल में लगाकर बताने के बहाने अपने गाल उसके गाल के पास ले आया. आँचल का ध्यान उसकी हरकतों से फाइल से हट जा रहा था. फिर जब वो अपना चेहरा पीछे से उसके चेहरे के पास ले आया तो वो सोचने लगी , कमीना अपना चेहरा मुझसे चिपका रहा है.
अब बंसल ने अपना हाथ आँचल की पीठ में रख दिया और उसको अकाउंट्स समझाते रहा. कुछ देर बाद ब्लाउज के उपर नीचे की नंगी पीठ पर वो अपने हाथ फिराने लगा. आँचल सोचने लगी, आज इसकी हिम्मत कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी है.
आज क्रेडिटर्स के साथ आँचल की मीटिंग थी. आँचल के केबिन में एक एक करके क्रेडिटर्स को बुलाया गया. बंसल भी वहीं बैठा था. आँचल के लिए वो मीटिंग बहुत ही अपमानजनक साबित हुई. लोन देने वाले , पेमेंट ना होने से गुस्से में थे. सुनील की जगह उसकी जवान बीवी को देखकर वो उस पर हावी हो गये और उसे खूब खरी खोटी सुना दी. आँचल ने उन्हे शांत करने का प्रयास किया , लेकिन वो जानती थी की पैसों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. मीटिंग में सबकी डांट खाने से आँचल का मूड ऑफ हो गया. सुनील होता तो थोड़ा संभाल लेता पर आँचल को इन सब चीज़ों का अनुभव नही था.
तभी बैंक से फोन आ गया कि तुरंत 5 लाख अकाउंट में जमा कराओ , जो सैलरी चेक क्लियर नही हुआ था उसके. सब जगह से पैसों की डिमांड से परेशान होकर आँचल की आँखों में आँसू आ गये.
बंसल बोला,” बैंक मैनेजर मिस्टर सेठी आजकल छुट्टी पर हैं, इसलिए कोई राहत की उम्मीद भी नही की जा सकती . बैंक में किसी भी हालत में आज ही पैसा जमा करना होगा.”
आँचल को रुआंसी देखकर अपना हाथ उसकी पीठ के पीछे से दूसरी बाँह तक डालकर बंसल बोला,” मैडम आप परेशान मत हो. मेरा एक पुराना बॉस है मिस्टर साजिद ख़ान जो पैसा उधार देता है. ये फैक्ट्री ज्वाइन करने से पहले मैं उसी के यहाँ काम करता था. शायद हमें उससे बात करनी चाहिए पैसों के लिए.”
आँचल को जैसे उम्मीद की किरण दिखाई दी, वो तुरंत राज़ी हो गयी.
आँचल ने सुनील को फोन किया और उसे फैक्ट्री के हालात के बारे में बताया,” तुम तो चले गये और यहाँ मुझे लोन वाले खाने को आ रहे हैं. हर तरफ से पैसों की डिमांड आ रही है. दुनिया भर के बिल भरने हैं. एक कोई बंसल का पुराना बॉस है मिस्टर ख़ान, जो पैसा उधार देता है. उससे बात करूँ क्या ?”
सुनील बोला,” अभी तक हम यहाँ डिसट्रिब्युटर्स से सिर्फ़ थोड़ा बहुत ही पैसा निकलवा पाए हैं. हो सके तो तुम मिस्टर ख़ान से 20 लाख रुपये माँग लेना , अभी के लिए काम चल जाएगा.”
आँचल अपने पति से फोन पर बात कर रही थी और बंसल उसके कंधों और पीठ पर हाथ फिरा रहा था. अब उसकी हिम्मत बढ़ते जा रही थी.
आँचल अनकंफर्टबल फील कर रही थी , मोटा मुझसे मज़े ले रहा है. लेकिन वो पैसों की समस्या से परेशान थी इसलिए बंसल की हरकतों को इग्नोर करके फोन पे बात करते रही.
बंसल के लिए अपने पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था. मादक आँचल की गोरी चिकनी पीठ पर हाथ फिराते हुए उसका मन कर रहा था यहीं केबिन में इसे चोद डालूं.
सुनील से बात करने के बाद आँचल ने बंसल से मिस्टर ख़ान से कांटेक्ट करने को कहा. बंसल ने आँचल की पीठ से मजबूरी में हाथ हटाया और अपने केबिन में जाकर ख़ान का नंबर ढूंढने लगा.
आधे घंटे बाद बंसल बुझे मन से आँचल के केबिन में आया और बोला,” मिस्टर ख़ान के पास आज हमारे साथ मुलाकात के लिए वक़्त नही है, कल दोपहर को ही वो हमसे मिल सकता है.”
फिर बोला,” अब मिस्टर ख़ान बहुत बड़ा फिनांसर बन गया है. आजकल फिल्म फाइनान्स करने में उसका ज़्यादा इंटेरेस्ट है. वैसे फैक्ट्री के लिए भी लोन देता है. आप उससे खुद बात करो तो ज़्यादा ठीक रहेगा क्यूंकी अभी तो यहाँ की बॉस आप ही हो.”
आँचल बोली,” ठीक है. आप मिस्टर ख़ान का नंबर मुझे दे दो. मैं सीधे उनसे ही बात कर लेती हूँ.”
आँचल ने ख़ान को फोन करके रिक्वेस्ट करी की 5 लाख आज ही दे दीजिए , पेपरवर्क कल कर लेंगे. और ये भी बताया की 20 लाख और भी चाहिए.
ख़ान बड़ा फिनांसर था सबको मुँह नही लगाता था. लेकिन आँचल की मादक आवाज़ सुनकर और उसके मिन्नतें करने से वो मान गया .
आँचल ने बंसल से कहा कि ख़ान से 5 लाख लेकर बैंक में तुरंत जमा करा दो.
लेकिन ख़ान ने कहा कि 20 लाख देने के लिए तो वो उनकी फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स देखेगा और ब्याज़ और पैसा लौटाने की शर्तों के बारे में बात करने के लिए उससे अपने ऑफिस में मुलाकात करेगा. तभी डिसाइड करेगा कि रूपिया देना है की नही.
आँचल ने कहा,” मैं फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स आज शाम को ही भिजवा दूँगी और पर्सनल मीटिंग के लिए जब भी आपको टाइम होगा मैं आ जाऊँगी.”
खान बोला ,” मेरे ऑफिस से कॉल आ जाएगी मीटिंग के लिए .”
तब तक दोपहर के 1 बज गये थे. आँचल फैक्ट्री से घर चली गयी. वो थोड़ा सॅटिस्फाइड फील कर रही थी की चलो सैलरी का पैसा तो बैंक में आ जाएगा. अब मुझे कैसे भी ख़ान को कन्विंस करके 20 लाख निकलवाने हैं. वो सोचने लगी ख़ान कैसा आदमी होगा ? वो फिल्म फाइनान्स करता है तो फिल्म स्टार्स से उसके कांटेक्ट होंगे. फिल्म इंडस्ट्री का ग्लैमर आँचल को आकर्षित करता था और वो सोचने लगी , थैंक गॉड मुझे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े फिनांसर से मिलने का मौका मिल रहा है.
अपने मम्मी पापा के साथ लंच करने के बाद आँचल ने सुनील को फोन किया और ख़ान के साथ जो कुछ बातें हुई उसके बारे में बताया. सुनील ने राहत की सांस ली और बोला की जब तुम ख़ान से पैसों का इंतज़ाम कर लोगी तो मैं वापस आ जाऊंगा क्यूंकी डिसट्रिब्युटर्स तो पैसा दे नही रहे हैं. फिर आँचल को समझाने लगा की ख़ान की लोन देने की शर्तों को मान लेना क्यूंकी हमारे पास अभी कोई और चारा नही है.
उसके बाद आँचल ने बंसल को फोन किया की ख़ान के पास आज शाम को फैक्ट्री के फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स ले जाओ.
आँचल अपने बेडरूम मे आराम करने लगी. उसके मम्मी पापा रोज़ की तरह कार्ड्स खेलने क्लब चले गये. अब वो रामू के साथ घर में अकेली थी लेकिन आज उसका चुदाई का मन नही था. पैसों की समस्या से वो परेशान थी और उसको बिल्कुल भी उत्तेजना नही आ रही थी. इसीलिए जब उसको ऑफिस में बंसल पीठ पर हाथ फेरकर परेशान कर रहा था तो उसको बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था.
अब आँचल के दिमाग़ में एक ही बात थी की कैसे भी ख़ान से 20 लाख लोन मिल जाए तो सुनील घर वापस आ जाए और फिलहाल के लिए तो उनकी पैसों की समस्या हल हो जाए. सुनील उसे बिस्तर पर शीघ्र पतन की बीमारी की वजह से खुश नही रख पाता था लेकिन था तो वो अच्छा इंसान और आँचल का पूरा ख़याल रखता था. आँचल भी उसे पसंद करती थी और उसके बिना अकेलापन महसूस करने लगी थी.
आँचल सोचने लगी इस बार तो मैं सुनील से बात करूँगी और उसे पक्का किसी डॉक्टर को दिखाऊंगी ताकि उसकी बीमारी का इलाज़ हो सके. आँचल एक स्वस्थ और जवान औरत थी और उसका पति उसकी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा नही कर पा रहा था. अगर आँचल को नॉर्मल सेक्सुअल लाइफ चाहिए तो उसके पति का ठीक होना ज़रूरी था. वो अपनी शारीरिक ज़रूरतों को कब तक दूसरे मर्दों से पूरा करते रहेगी.
अगले दिन आँचल फैक्ट्री पहुँची. उसने अपने केबिन में बंसल को बुलाया और उससे पूछा , “ख़ान से लोन मिलने के क्या चान्सेस हैं ? कैसा आदमी है वो ? इतना लोन देगा की नही ?”
बंसल ने देखा की आँचल लोन के लिए बहुत उतावली है. वो बोला,” मैडम , मिस्टर ख़ान बहुत बड़ा आदमी है . मुझे नही मालूम की वो आपको लोन देगा की नही. आजकल वो फिल्म इंडस्ट्री में बिज़ी है. हमें उसकी कॉल का इंतज़ार नही करना चाहिए क्यूंकी पता नही इसमे कितने दिन लग जाए . इससे बढ़िया ये है की हम सीधे उसके ऑफिस चलते हैं , क्या पता वहाँ उससे मुलाकात हो जाए. चान्स लेने में हर्ज़ ही क्या है ?”
आँचल को बंसल की बात ठीक लगी , ख़ान बिज़ी आदमी है , हम कब तक उसकी कॉल का वेट करेंगे सीधे ही मिलने की कोशिश करते हैं.
फिर वो दोनो ख़ान के ऑफिस चले गये.
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