vasna kahani आँचल की अय्याशियां
12-08-2018, 01:02 PM,
#23
RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
मुंबई ट्रिप से लौटे हुए आँचल को 2 महीने बीत चुके थे. इस बीच बहुत कुछ ऐसा हुआ जो उसकी फैमिली के लिए बुरा साबित हुआ. सुनील का बिज़नेस काफ़ी खराब चलने लगा था. और ये सब मुंबई से लौटने के बाद शुरू हुआ.

मुंबई से तो वो दोनो खुशी खुशी लौटे थे. सुनील इसलिए खुश था क्यूंकी उसको अपने डिसट्रिब्युटर्स गुल्मोहर और अंकुर से बकाया 85 लाख का चेक मिला था और आँचल इसलिए खुश थी की मुंबई में दोनो भाइयों के साथ होटेल में उसने जमकर चुदाई का लुत्फ़ उठाया था, हालाँकि गुल्मोहर के मोटे लंड की रगड़ से उसकी चूत में थोड़ी सूजन आ गयी थी.

लेकिन उनकी खुशी ज़्यादा दिन नही टिकी. 85 लाख का चेक बाउन्स हो गया . आँचल का ससुर गुस्से से पागल हो गया. एक तो वो अपनी मादक बहू को चोद नही पा रहा था उससे फ्रस्टरेट हो गया था. अब उसके बेटे सुनील को डिसट्रिब्युटर्स ने बेवकूफ़ बना दिया था. उसने बेटे को डांटा की तुमसे इतना काम भी नही हो पाया.

ससुर तुरंत मुंबई गया और चेक पेमेंट ना होने पर , गुल्मोहर और अंकुर दोनो भाइयों के खिलाफ FIR करवा दी.

ऑटो इंडस्ट्री रिसेशन में चल रही थी , इससे सुनील की ऑटो पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री में भी काम काफ़ी कम हो गया. पैसों की तंगी हुई तो सुनील ने अपना मकान गिरवी रखकर बैंक से फैक्ट्री के लिए बहुत लोन ले लिया. जैसे जैसे दिन गुज़रते गये बिज़नेस के खराब हालात के टेंशन से सुनील का कॉन्फिडेन्स और उसकी सेक्स की इच्छा दोनो ही ख़तम होते गये.

आँचल अपने परिवार की बिगड़ती आर्थिक हालत से चिंतित थी. उसके अपने खर्चे भी कम हो गये और घर में नौकर भी सब हटाने पड़े सिर्फ़ एक आया ही रह गयी. आँचल को ही खाना पकाने और घर के बाकी काम करने पड़ते थे. ऊपर से सुनील तो अब बेड में उसके साथ कुछ करता ही नही था. उसके सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन बढ़ने लगे. आँचल अंगुली करके थोड़ा काम चला रहा थी लेकिन असली चुदाई के लिए उसका मन तड़प रहा था , मन को शांति तो अच्छी चुदाई से ही मिलती है.

घर के बिगड़े हालात से आँचल की सास टेंशन से बीमार पड़ गयी और उसने बिस्तर पकड़ लिया. आँचल के ऊपर बहुत बोझ पड़ गया. सास को भी देखना है, घर के सारे काम जो उसने पहले कभी किए नही थे वो भी करने पड़ रहे हैं, और अपनी सेक्सुअल फ़्रस्ट्रेशन अलग से. उसे लगा ऐसा ही ज़्यादा दिन चला तो मैं तो पागल हो जाऊँगी.

घर के दमघोंटू माहौल से निकलने के लिए आँचल ने रोज़ शाम को बैडमिंटन खेलने के लिए क्लब जाना शुरू कर दिया. आजकल सुनील शाम को जल्दी घर आ जाता था. उसके घर आने के बाद आँचल को 2 घंटे के लिए खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल जाता था क्यूंकी आँचल के क्लब से लौटने तक माँ की देखभाल सुनील कर लेता था. आँचल का ससुर मुंबई में ही रहकर कोर्ट केस अटेंड कर रहा था इसलिए सुनील या आँचल में से किसी एक का बीमार सास के पास रहना ज़रूरी था.

आँचल को क्लब जाते हुए एक हफ़्ता हो गया था , वहाँ विकी और उसके टीन ग्रूप से (अपडेट 15) आँचल घुलमिल गयी थी. वो चार टीनएजर्स थे, विकी की GF करिश्मा और अनिल और सैफ. आँचल रोज़ उनके साथ बैडमिंटन खेलती थी और उनके साथ हँसी मज़ाक से उसका टेंशन दूर हो जाता था. मादक आँचल को अपने साथ वाइट टीशर्ट और स्कर्ट में खेलते देखकर वो टीनएजर्स भी खुश रहते थे और उसकी तारीफ करने का कोई मौका नही गँवाते थे. आँचल उनके बीच अपने को रानी की तरह महसूस करती थी क्यूंकी वो उससे 6-7 साल छोटे थे और उसके आगे पलक पावडे बिछाए रहते थे. विकी उनमे सबसे लंबा और हैंडसम था , आँचल को भी वो अच्छा लगता था लेकिन उसकी GF करिश्मा की वजह से आँचल अपने को कंट्रोल में रखती थी. आँचल को हँसमुख और सुंदर करिश्मा भी अच्छी लगती थी.

सेक्सी आँचल को करिश्मा भी बहुत पसंद करती थी. करिश्मा अभी टीनएजर थी और उसकी बॉडी अभी डेवेलप हो रही थी. चेंजिंग रूम में नहाकर कपड़े बदलते समय आँचल की बड़ी बड़ी गोरी चूचियों की तरफ वो आकर्षित रहती थी. करिश्मा ने ये भी गौर किया था की उसका BF विकी आँचल को इंप्रेस करने की कोशिश में लगा रहता है और डबल्स गेम खेलते समय आँचल की जाँघ या साइड से चूचियों को छूने का कोई मौका नही छोड़ता है. इससे कभी कभी करिश्मा को जलन भी होती थी पर हँसमुख स्वभाव की होने से वो ज़्यादा बुरा नही मानती थी. वैसे भी वो खुद ही आँचल की तरफ आकर्षण महसूस करती थी.

एक दिन बैडमिंटन खेलने के बाद आँचल ने चेंजिंग रूम मे कपड़े उतारे और शावर में नहाने लगी. वो अपनी छाती और कांख में साबुन लगा रही थी , तभी उसने करिश्मा को घूरते पाया.

थोड़ी देर नज़रअंदाज़ करने के बाद आँचल ने पूछ ही लिया,” क्या हुआ करिश्मा ? ऐसे क्या देख रही हो ?”

पकड़े जाने से करिश्मा घबरा गयी और उसने सच सच बोल दिया,” वो …वो ..मैं तुम्हारे बूब्स देख रही थी , कितने बड़े बड़े और सुडोल हैं…”

करिश्मा की फ्रैंक बात से आँचल शरमा गयी और बोली,” उम्म, थैंक्स करिश्मा. तुम भी तो बहुत सुंदर हो.”

आँचल से अपनी तारीफ सुनकर करिश्मा भी खुश हो गयी. उसने अपने कपड़े उतारे और आँचल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए उसके बगल के शावर में नहाने लगी. आँचल ने नहाती हुए करिश्मा का गोरा क्यूट बदन देखा , उभरे हुए उरोज़ , छरहरी कमर , कसे हुए नितम्ब , लम्बी गोरी चिकनी टाँगें. वो सोचने लगी ये तो सिर्फ़ 18 साल की है , पता नही इसने विकी के साथ सेक्स का मज़ा लिया भी है या नही. दोनो एक दूसरे की तरफ देखते हुए नहा रही थीं. सेक्स के बारे में सोचने से आँचल की उत्तेजना बढ़ने लगी. उसके निपल सख़्त होकर तन गये और चूत में गीलापन बढ़ने लगा.

आँचल अपनी चूत में साबुन लगाने लगी, करिश्मा अभी भी आँचल की तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी.
फिर आँचल अपनी पीठ में साबुन लगाने लगी. 

तभी करिश्मा उसके पीछे आ गयी और बोली,” लाओ मैं तुम्हारी पीठ में साबुन लगा दूं” और आँचल के हाथ से साबुन लेकर उसकी पीठ में लगाने लगी.

आँचल इधर उधर देखने लगी की कोई देख तो नही रहा. आँचल को नर्वस देखकर करिश्मा बोली, “ जब मैं तुम्हारी पीठ में साबुन लगा लूँगी तो फिर तुम भी मेरी पीठ में साबुन लगा देना.”

करिश्मा ने पहले आँचल की पीठ के उपरी हिस्से, गर्दन और कंधों में साबुन लगाया . करिश्मा के पीठ मलने से आँचल के मुँह से हल्की सिसकारी निकल गयी. करिश्मा समझ गयी की आँचल एग्ज़ाइटेड हो रही है , वो खुद भी गरम हो रही थी. 

पहले करिश्मा गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल में पड़ती थी . वहाँ हॉस्टिल में लड़कियों के साथ उसने बहुत मज़े किए थे. उसका पहला और एकलौता BF विकी था और उसी के साथ वो सेक्स का मज़ा ले चुकी थी.

जबसे करिश्मा ने आँचल को शावर में नहाते हुए देखा था वो तभी से उसके नंगे बदन को छूना चाहती थी. आज कई महीनो बाद ये मौका हाथ लगा था क्यूंकी बीच में आँचल ने क्लब आना छोड़ दिया था. हॉस्टिल में लड़कियों के साथ करिश्मा को अच्छा ख़ासा एक्सपीरियेन्स हो गया था. 

आँचल को हल्की हल्की सिसकारियाँ लेते देखकर करिश्मा अब पीठ में नीचे की तरफ साबुन लगाने लगी. आँचल के बड़े बड़े नितंबों में साबुन लगाते हुए वो नितंबों को पकड़कर दबा भी दे रही थी. फिर उसने एक हाथ से आँचल के बायें नितंब को पकड़ा और नितंबों के बीच की दरार में उंगलियाँ डालकर उसकी गांड के छेद और चूत में साबुन लगाने लगी.

अब आँचल अपने ऊपर काबू नही रख पाई और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी. 

“अच्छा लग रहा है ?” करिश्मा ने मासूमियत से पूछा.

करिश्मा अब पीछे से ही हाथ डालकर आँचल की क्लिट मसल रही थी और एक उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी.

“उम्म्म्म…..ह…” आँचल ने जवाब दिया. 

आँचल को लगा अब ओर्गास्म आने ही वाला है , वो आँखे बंद करके मज़े लेने लगी. करिश्मा बड़े प्यार से उसे मज़े दे रही थी. तभी किसी के चलने की आवाज़ आई. 

करिश्मा आँचल की चूत से अपनी उंगली निकालकर झट से बगल के अपने शावर में चली गयी.

उस चेंजिंग रूम की इंचार्ज वहाँ आ गयी. आँचल का मज़ा खराब हो गया , उसने करिश्मा की तरफ हैरानी से देखा , क्या हुआ ? . करिश्मा ने उसको इशारे से बताया कोई आ गया है. 

आँचल ने पीछे मुड़कर इंचार्ज को देखा. ओर्गास्म ना आ पाने से उसको बहुत फ्रस्ट्रेशन फील हुआ. 
आँचल को फ़्रस्ट्रेटेड देखकर करिश्मा बोली,” जानू , कल दोपहर के बाद मेरे घर आओ. उस समय कोई नही होगा वहाँ.” 

नहाकर कपड़े बदलने के बाद करिश्मा आँचल के पास आई और उसके चेहरे को अपने दोनो हाथों में पकड़कर बोली,” जानू , सॉरी आज तुम्हारा मज़ा खराब हो गया. लेकिन कल बहुत मज़ा आएगा तुम्हें , प्रॉमिस.”

फिर उसने आँचल को अपना फोन नंबर दिया और कल दोपहर के बाद फोन करने को कहा.
आँचल जब घर पहुँची तो बहुत हॉर्नी फील कर रही थी. क्यूंकी उसका ओर्गास्म बाहर नही निकल पाया था. 

आँचल को करिश्मा का टच करना बहुत अच्छा लगा था और वो फिर से करिश्मा का साथ चाह रही थी पर कल दोपहर तक इंतज़ार करना था.

डिनर के बाद आँचल ने सुनील के लंड को मलते हुए सेक्स के लिए कहा. 

सुनील बोला,” आज नही डार्लिंग, आज मैं बहुत थका हुआ हूँ.” और वो उसकी तरफ पीठ करके करवट लेकर सो गया. धन्य हो ! शादी ही क्यूँ की थी इस आदमी ने .

आँचल थोड़ी देर सुनील को खर्राटे लेते देखकर कुढ़ती रही. फिर उठकर बाथरूम चली गयी . बाथटब में गरम पानी में लेटकर करिश्मा के बारे में सोचते हुए उसने मूठ मारी और ओर्गास्म आने से उसकी सेक्सुअल टेंशन रिलीज़ हो गयी.

अगली सुबह आँचल ने सुनील से कहा की दोपहर के बाद उसको कुछ काम से बाहर जाना है तो आया को सास की देखभाल के लिए बोल दूँगी. सुनील के जाने के बाद आँचल से इंतज़ार बर्दाश्त नही हुआ और वो करिश्मा को फोन करने लगी पर कोई फोन नही उठा रहा था. उसने दो तीन बार ट्राइ किया पर कोई फायदा नही हुआ.
आँचल बहुत फ़्रस्ट्रेटेड हो गयी, कैसी है ये करिश्मा , फोन भी नही उठा रही है.

आख़िरकार दोपहर बाद 1 pm पर आँचल ने फिर से करिश्मा को फोन किया , इस बार करिश्मा ने मीठी आवाज़ में हेलो बोला. 

आँचल बोली, यार कबसे फोन कर रही हूँ , फोन नही उठा रही हो.

करिश्मा ने उसे अपने घर का एड्रेस बताया और कहा अभी घर में कोई नही है.

आँचल ने तुरंत ऑटो पकड़ा और करिश्मा के बताए एड्रेस पर पहुँच गयी.

आँचल को अपने घर देखकर करिश्मा खुश हो गयी और उसने आँचल के होठों पर किस करके विश किया.
आँचल ने भी जवाब में करिश्मा के होठों को किस किया और अपनी जीभ उसके होठों के बीच से मुँह में घुसा दी. मादक आँचल को पूरे मूड में देखकर करिश्मा मुस्कुरायी और अपने बेडरूम में ले गयी. 

करिश्मा मन ही मन सोचने लगी आँचल को टीज़ कर करके मज़ा दूँगी , इस सेक्सी औरत को तड़पकर सिसकारियाँ लेते हुए देखने में ज़्यादा मज़ा आएगा.
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