RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
मैनेजर ने आँचल की बड़ी बड़ी चूचियां देखी , फिर उसे घूरते हुए सेठी से पूछा,” कितने में सौदा हुआ ?”
उसकी बात पर सेठी हंसा और आँचल को सीढ़ियों से ऊपर कमरे में ले गया.
कमरे में पहुचने के बाद बैंक मैनेजर सेठी ने फटाफट आँचल की साड़ी उतार दी. अब आँचल सिर्फ़ पेटीकोट और एक पतले ब्लाउज में थी. उस पतले ब्लाउज में आँचल की बड़ी बड़ी चूचियां बाहर आने को मचल रही थी. सेठी ने ब्लाउज के बाहर से ही निपल को मुँह में भर लिया और चूसने लगा फिर ऐसे ही उसने दूसरे निपल को भी चूसा. सेठी के मुँह की लार से वो पतले कपड़े का ब्लाउज पारदर्शी हो गया और ब्लाउज के बाहर से ही चूचियां दिखने लगी.
सेठी के चूचियों को चूसने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी,”..उनन्नज्ग्घह….आअहह….”
फिर सेठी ने आँचल का पेटीकोट उतार दिया और ब्लाउज खींचकर निकाल फेंका. आँचल ने ब्रा और पैंटी नही पहनी थी. उसकी बिना बालों की चिकनी चूत देखकर सेठी के मुँह में पानी आ गया. उसने आँचल को बेड में लिटा दिया और उसकी चूत में जीभ लगाकर चाटने लगा. आँचल की गुलाबी चूत के फूले होठों को देखकर सेठी कामवसना से पागल हो उठा. वो आँचल की क्लिट को जीभ से छेड़ने लगा.
“आअहह.......आअहह” सेठी की जीभ अपनी चूत पर रगड़ने से आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. अपनी चूत चटवाना उसको बहुत पसंद था. सेठी के चूत चाटने से आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी . उसकी चूत से रस निकलने लगा. आँचल उत्तेजना में भरकर अपने नितंबों को सेठी के मुँह पर उछालने लगी. जल्द ही उसको पहला ओर्गास्म आ गया और चूत से रस बहाते हुए वो झड़ गयी.
सेठी आँचल की कामुकता से हैरान रह गया और सोचने लगा ये तो बहुत ही मज़े ले रही है. उसने जीभ लगाकर आँचल की चूत से बहते रस को चाट लिया.
फिर सेठी ने अपने कपड़े उतार दिए. सेठी कद काठी में कोई खास नही था.
आँचल को उसका शरीर देखकर थोड़ी निराशा हुई. लेकिन जब उसने अपना पैंट और अंडरवियर उतारा तो उसके बड़े और मोटे तने हुए लंड को देखकर आँचल का मुँह खुला का खुला रह गया. उसकी आँखे सेठी के लंड पर ही जम गयी.
सेठी ने आँचल के चेहरे के भाव देखे. उसे इसकी आदत थी. जो भी औरत उसके लंड को देखती थी ऐसा ही रिएक्शन देती थी. सेठी बहुत अनुभवी चोदू था. कुछ औरतें उसके बड़े लंड को देखकर घबरा जाती थी और घबराहट से उनकी चूत बिल्कुल सूख जाती थी. सेठी उनको धैर्य से बहला फुसलाकर धीरे धीरे चोदता था और जब औरत की चूत से रस निकलना शुरू हो जाता था तब वो उनको अच्छी तरह से चोदता था. आँचल को देखकर सेठी समझ गया इसकी हालत भी वैसी ही हो रही है. उसने आगे बढ़कर आँचल का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया.
अपने हाथ से बड़े लंड को महसूस करके आँचल डर गयी,” नही नही….मिस्टर सेठी….मैं मर जाऊंगी , इतना बड़ा…”
उसके और कुछ कहने से पहले ही सेठी ने अपने लंड के सुपाड़े को उसके होठों के बीच रख दिया. धीमे धीमे आँचल के गाल और बाल सहलाते हुए बोला,” घबराओ नही मिसेज जोशी, तुम बस इसे चूसो. सिर्फ़ चूसो और कुछ मत सोचो.”
आँचल सुपाड़े को चूसने लगी . सेठी ने धीरे धीरे अपना आधे से ज़्यादा लंड उसके मुँह में घुसा दिया. कुछ पल बाद सेठी को लगा की आँचल का दम घुट रहा है तो उसने लंड मुँह से बाहर निकाल लिया और लार से सने हुए लंड को आँचल के चेहरे पर रगड़ने लगा. कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने फिर से लंड आँचल के मुँह में घुसा दिया. धीरे धीरे मोटे लंड की आदत हो जाने के बाद आँचल मज़े से सेठी का लंड चूसने लगी. कुछ देर बाद उसने सेठी की गोलियों को भी चूसा. अब सेठी से कंट्रोल नही हो रहा था . आँचल ने इतनी अच्छी तरह से मज़े ले लेके उसका लंड चूसा की उसे लगा वो अब झड़ जाएगा.
सेठी ने आँचल के मुँह से लंड निकाल लिया और उसकी क्लिट और चूत के फूले होठों को चूसने लगा. आँचल मज़े से सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल की डर और घबराहट से सूख चुकी चूत फिर से गीली होने लगी थी. सेठी को अपनी जीभ में चूत रस का स्वाद आया. उसने आँचल की टांगों को उठा कर अपने कंधों में रख लिया और आँचल की टाइट चूत के छेद में लंड का सूपाड़ा घुसाया.
“आआआअहह …ओइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई….म्म्म्माआआआआआआ…” मोटे लंड के टाइट चूत में घुसते ही आँचल चिल्लाई.
सेठी बड़ी मुश्किल से आँचल की चूत में आधा लंड ही घुसा पाया , अब आगे को लंड घुस ही नही पा रहा था. वो धीरे धीरे और ज़्यादा लंड अंदर घुसाने की कोशिश करता रहा.
आँचल दर्द से चिल्लाई,” मिस्टर सेठी…….ओइईई…माआआ….तुम मेरी फाड़ दोगे…….ओइईई..”
फिर सेठी ने पूरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर धीरे से अंदर घुसाना शुरू किया. ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो अपना पूरा लंड जड़ तक चूत के अंदर घुसाने में सफल हो गया. उसके बाद उसने अपने दोनो हाथ आँचल की चूचियों पर रख दिए और धीरे धीरे चूत पर धक्के मारने लगा. उसकी गोलियाँ आँचल के नितंबों से टकरा रही थी. लंड के चूत की दीवारों में रगड़ खाने से आँचल की चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी.
“मज़ा आ रहा है ना ? तेरी चूत तो बहुत टाइट और मस्त है आँचल जोशी ” , आँचल की टाइट चूत के मज़े लेते हुए सेठी बोला. मादक आँचल को अपने से चुदते हुए देखकर और सिसकारियाँ लेते हुए देखकर बुड्ढा अपने पहलवान लंड की ही तरह जवान महसूस कर रहा था.
“ आआहाआंन्न…..बहुत मज़ा आ रहा है…..चोदो …चोदो …उईईई माआ..और चोदो …” उत्तेजना में अपने नितंबों को ऊपर उछालती हुई आँचल बोली.
आँचल को मज़े में अपनी गांड ऊपर उछालते देखकर सेठी भी जोश में आ गया और उसने आँचल की चूत में ताबड़तोड़ स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए. उसकी गोलियों के तेज़ी से आँचल की गांड से टकराने से ठप ठप ठप की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी.
“ऊऊउीईईई…ओह…आआअहह…..उईईई..म्म्माआ….” सेठी के मोटे लंड के तेज तेज धक्कों से आँचल चिल्ला पड़ी.
थोड़ी ही देर में उसको ओर्गास्म आ गया और वो दूसरी बार झड़ गयी.
आँचल को झड़ते देखकर सेठी ने धक्के लगाने की स्पीड कम कर दी. और वो ओर्गास्म का आनंद लेती आँचल के चेहरे के बदलते भावों को देखते हुए मज़े लेने लगा. फिर कुछ देर वो आँचल की टाइट चूत में जकड़े हुए अपने लंड को रोके हुए ही रहा. कुछ देर बाद उसने फिर से स्ट्रोक लगाने शुरू किए और फिर से कमरे में ठप ठप ठप की आवाज़ गूंजने लगी.
आँचल ने मदहोशी में देखा , बुड्ढा पसीने से भीगा हुआ धक्के पर धक्के लगाए जा रहा है. सेठी आँचल की बड़ी बड़ी दूध जैसी गोरी गोरी चूचियों को दोनो हाथ से बुरी तरह से मसलते हुए धक्के लगाते रहा. आँचल झड़ती रही …और झड़ती रही……
कुछ देर बाद सेठी ने अपने गरम वीर्य से आँचल की चूत को पूरा भर दिया. फिर आँचल की चूत से लंड बाहर निकालकर सेठी ने आँचल के मुँह में डाल दिया. आँचल के मुँह में भी थोड़ा वीर्य चला गया जो उसने गटक लिया. फिर वो आँचल के बगल में लेट गया. दोनो के बदन पसीने से भीग गये थे और साँसे रुक रुक कर चल रही थी.
कुछ समय बाद सेठी बेड से उठा और बाथरूम में नहाने चला गया. नहाने के बाद उसने आँचल से भी नहाने को कहा. आँचल फटाफट नहा के आई और कपड़े पहनने लगी. उसका ब्लाउज सेठी की लार से गीला था और ज़ोर से खींचने से फट भी गया था. जब उसने ब्लाउज पहना तो उसकी चूचियां और निपल ब्लाउज के पतले गीले कपड़े से साफ दिखाई दे रहे थे. आँचल ने जैसे तैसे अपने पल्लू से छाती को ढका और सीढ़ियों से नीचे आ गयी.
वहाँ रेस्टोरेंट मैनेजर और कुछ वेटर्स खड़े थे. वो सब आँचल को ललचाई आँखो से देखने लगे. उसके सूज़े होंठ और बदन को देखकर लग रहा था की वो बुरी तरह से चुदी है. सेठी ने मैनेजर को कमरे की चाबी दी.
मैनेजर ने आँचल को ऊपर से नीचे घूरते हुए सेठी की पीठ ठोकी, “ साला बहुत मज़ा किया , क्या माल ठोका है तुमने आज.”
सेठी ने आँचल की कमर में हाथ डाला और उसे बाहर कार की तरफ ले जाने लगा. जाते जाते उसने मैनेजर और वेटर्स को आँख मारी.
कार में बैठने के बाद सेठी ने आँचल से कहा की फोटोग्राफ्स मैं खुद ही ले लूँगा. और ड्राइवर से कहा की तुम मुझे बैंक में उतार दो और उसके बाद आँचल को घर छोड़ देना.
“मज़ा आया इस बुड्ढे के साथ ?” सेठी ज़ोर से आँचल से बोला, बिना इस बात की परवाह किए हुए की ड्राइवर भी सब सुन रहा है.
आँचल को चुप देखकर फिर बोला,” बोलो, मिसेज जोशी , मज़ा आया कि नही ?”
आँचल ने उसके बार बार पूछने पर धीमे से कहा , “ हाँ …”
आँचल की धीमी आवाज़ सुनकर सेठी ज़ोर से हंसा और बोला,” मुझे फोन मारना , और भी मज़ा दूँगा.”
फिर अपने बैंक में सेठी उतर गया और ड्राइवर से आँचल को उसके घर तक छोड़ आने को कहा.
Manager ne Aanchal ki badi badi chuchiyan dekhi , phir use ghoorte hue Sethi se pucha,” kitne mein sauda hua ?”
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