RE: vasna kahani आँचल की अय्याशियां
उधर किमी का काम लगाने वाला कोई नही था बेचारी खुद ही अपनी क्लाइटॉरिस को रगड़कर ओर्गास्म लाने की कोशिश कर रही थी. समीर और आँचल की चुदाई ख़त्म होते ही वो झट से आँचल के फूले हुए चूत के होठों पर मुँह लगाकर चूतरस पीने लगी. चूत के अंदर जीभ डालकर उसने चूतरस के साथ साथ समीर का वीर्य भी चाट लिया. फिर वो आँचल की क्लाइटॉरिस को जीभ से टीज़ करने लगी जिससे आँचल की सिसकारियाँ निकल गयी.
आँचल की चूत को इससे पहले कभी किसी ने नही चाटा था. वो उत्तेजना से अपने नितंबों को किमी के मुँह पर उछालने लगी. उधर किमी को भी मज़ा चाहिए था उसने आँचल के मुँह पर अपनी चूत रख दी और 69 की पोज़ में आ गयी. आँचल समझदार थी जल्दी ही 69 का मज़ा भी सीख गयी और कुछ ही देर में दोनो औरतों को जबरदस्त ओर्गास्म आया.
दोनो सेक्सी औरतों की कामुकता देखकर समीर का लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने आँचल को किमी से अलग कर दिया . फिर पास में पड़ी कुर्सी में बैठ गया और आँचल से अपनी गोद में बैठने को कहा. आँचल ने उसके लंड को अपनी चूत पर लगाया और धीरे धीरे नीचे को बैठ गयी. जब लंड पूरा अंदर घुस गया उसके बाद समीर , आँचल की गोरी गोरी चूचियों को चूमने , चूसने और उन पर हल्का दाँत से काटने लगा.
“आँचल अच्छा लग रहा है ? ” समीर ने पूछा.
हालाँकि समीर हल्के हल्के से धक्के लगा रहा था लेकिन आँचल एक और ओर्गास्म के करीब थी . उसके मुँह से निकला , “अहह…..तुम …….उम्म्म..…तुमने….ओह…..तुम्हारे लंड ने मेरी चूत को पूरा भर दिया है …….उउम्म्म्ममम……” और उसको जल्दी ही ओर्गास्म आ गया.
फिर समीर ने किमी से पीछे से आँचल के कंधे पकड़ने को कहा और खुद उसने आँचल के नितंब पकड़ लिए . अब वो खड़ा हो गया , लंड अभी भी आँचल की चूत में ही था. अब आँचल हवा में लटकी हुई थी. कंधे किमी ने पकड़े हुए थे और नितंबों से समीर ने पकड़ा हुआ था. समीर ने धीरे धीरे चूत में धक्के लगाने शुरू किए. आँचल को हवा में लटके हुए ही झटके लगने लगे.
समीर ने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी , उसके साथ ही आँचल की सिसकारियाँ भी बढ़ती चली गयी ……..ह…………अन्णन्न्……….…उगगगगगगग…..कुछ देर बाद उसको एक जबरदस्त ओर्गास्म आया और पूरा कमरा उसकी चीखों से गूंजने लगा. तभी समीर ने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और किमी की सहायता से आँचल को बेड पर लिटा दिया. आँचल अभी भी सिसकारियाँ लेने में थी. उसकी ऐसी जबरदस्त चुदाई पहले कभी नही हुई थी.
समीर ने किमी की गर्दन के नीचे दो तकिये लगाए और खुद उसके पेट के दोनो तरफ पैर डालकर बैठ गया और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों के बीच अपना लंड घुसाकर चूची-चुदाई करने लगा . वो किमी की चूचियों से होते हुए उसके मुँह में भी लंड घुसा दे रहा था. आँचल ने पहले कभी ऐसी चूची-चुदाई नही देखी थी. समीर को किमी की बड़ी चूचियों को निचोड़ते मसलते देखकर वो रोमांचित हो उठी.
अब समीर ने आँचल और किमी को पास पास लिटा दिया और उनकी गांड के नीचे एक एक तकिया लगाकर चूत को थोड़ा उठा दिया. आँचल की बायीं और किमी की दाहिनी टांग हवा में उपर उठा दी. फिर उसने आँचल की चूत में लंड घुसाकर तगड़े स्ट्रोक्स लगाने शुरू किए. फिर आँचल की चूत से लंड निकालकर बगल में लेटी किमी की चूत में लंड घुसेड दिया. समीर बारी बारी से दोनो को चोदते रहा.
आँचल और किमी को दुगना मज़ा आ रहा था क्योंकि अगल बगल लेटे होने से जब एक चुद रही थी तो दूसरी को भी उसी लय में धक्के लग रहे थे. दोनो सिसकारियाँ लेने लगी और समीर उन्हे चोदते रहा. जल्दी ही दोनो औरतों को एक और ओर्गास्म आया . जब समीर को लगा की अब वो झड़ने वाला है तो उसने उनकी टाँगे नीचे कर दी और अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया.
फिर वो आँचल की चूचियों के उपर बैठ गया और उसके मुँह में लंड घुसा दिया. आँचल के सुंदर चेहरे को अपना लंड चूसते देखकर उसे बहुत आनंद मिला. जब उसने पहली बार आँचल को देखा था तब से ही उसकी आँचल के मुँह में लंड घुसाने की इच्छा थी. कुछ देर बाद उसने आँचल के मुँह में अपना वीर्य भर दिया और इस बार अपना लंड मुँह से बाहर नही निकाला . आँचल का दम घुटने लगा पर समीर वीर्य की धार उसके मुँह में छोड़ते रहा. कुछ पलों के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और लंड को उसके सेक्सी चेहरे और बालों पर रगड़ने लगा . फिर उन दोनो के साथ वो भी बेड पर ही लेट गया लेकिन उन दोनो के बदन को चूमते और दांतो से काटते रहा.
थोड़ी देर बाद आँचल उठ गयी और पेशाब करने के लिए टॉयलेट चली गयी. उसकी चूत से अभी भी वीर्य टपक रहा था. उसने टॉयलेट के मिरर में देखा की उसके बालों , चेहरे और बदन में काफ़ी जगह पर वीर्य लगा हुआ है . उसने अपना मुँह धोया और सर के बालों से वीर्य निकालने की कोशिश की पर जहाँ तहाँ चिपका होने से अच्छी तरह से साफ़ नही हो पाया और बाल सब उलझ गये.
अब मैं इस हालत में घर कैसे जाऊँगी , इस बास्टर्ड ने बुरी गत बना दी है , आँचल ये सब सोचने लगी. अपने बालों का वो बहुत ख़याल रखती थी और दिन में बहुत वक़्त उनकी देखभाल में लगा देती थी अब उनकी ये हालत देखकर वो रुआंसी हो गयी. उसकी गर्दन, गालों , चूचियों और बदन में कई जगह पर चूसने, काटने से लाल रंग के निशान पड़ गये थे और होंठ भी सूज़ गये थे. ("उपर - नीचे" दोनो जगह के )
आँचल ने सोचा , जब तक ये निशान मिट नही जाते मुझे कोई बहाना बनाकर सुनील से दूर ही रहना पड़ेगा. जब उसने घड़ी में देखा तो शाम के 5 बज चुके थे. उसका पति सुनील शाम 7 बजे के बाद ही घर वापस आता था तब तक उसको घर पहुँचकर नहा धो लेना था. वो लोग लगभग पिछले 3 घंटे से चुदाई कर रहे थे. इतना टाइम कब बीत गया उनको पता ही नही चला.
आँचल जल्दी से टॉयलेट से बाहर आई और घर जाने के लिए अपने कपड़े ढूंढने लगी. कपड़े फर्श पर पड़े थे वो झुककर उन्हे उठाने लगी , जिससे उसकी बड़ी नंगी गांड हवा में ऊपर को उठ गयी.
जब समीर ने उसे झुके हुए देखा तो जल्दी से बेड से उठा और उसकी बड़ी गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला , “ साली तेरी बड़ी गांड को चोदने का तो चान्स ही नही मिला .”
आँचल ने देखा की समीर का लंड फिर खड़ा हो गया है. समीर की गंदी बातें सुनकर और अपनी गांड पर थप्पड़ मारने और उसे मसलने से आँचल फिर से उत्तेजित होने लगी.
लेकिन बोली, “ नही समीर प्लीज़, सुनील घर आता ही होगा . अभी मुझे जाने दो . मैं प्रॉमिस करती हूँ फिर किसी दिन तुम अपनी इच्छा पूरी कर लेना, प्लीज़ अभी जाने दो.”
फिर वो अपने कपड़े उठाने लगी. लेकिन जब उसने साड़ी उठाई तो वो कुछ जगह पर फटी हुई थी और वीर्य के धब्बे भी लगे हुए थे. ब्लाउज और पैंटी के भी दो टुकडे हो गये थे. उसे रोना आ गया.
किमी ने उसे अपने कपड़े देने चाहे पर वो साड़ी नही पहनती थी . उसके पास सिर्फ़ मॉडर्न ड्रेस थी. वही वाली ब्लैक ड्रेस जो उसने पार्टी में पहनी हुई थी.
आँचल के पास कोई चारा नही बचा था. उसे वही छोटी सी ड्रेस पहननी पड़ी वो भी विदाउट पैंटी. उसके सूज़े हुए निप्पल साफ दिख रहे थे और वो ड्रेस उसकी गांड पर बिल्कुल टाइट हो रही थी. उसे लग रहा था की इस ड्रेस से ढक तो कुछ रहा नही है ऊपर से पैंटी ना होने से कहीं चूत ना दिख रही हो. फिर वो कार ड्राइव कर के घर को चली गयी पर रास्ते में रेड सिग्नल पर रुकते समय उसको लग रहा था सब उसके खुले जिस्म को ही घूर रहे हैं.
घर पहुँचकर उसने मन ही मन प्रार्थना की, “ हे भगवान , सब अपने कमरे में ही हो. कोई मुझे ना देखे.”
लेकिन उसकी नौकरानी रेखा उसके ही कमरे में सफाई कर रही थी और वो दोनो एकदम से आमने सामने हो गये. आँचल शरमा गयी और उसने रेखा को वहाँ से जाने को कहा.
रेखा ने देख लिया मेमसाब की क्या हालत है. साड़ी पहन के गयी थी और ऐसे छोटे कपड़ों में वापस आई है. दिखने से ही बहुत चुदी हुई लग रही है. वो आँचल को ऊपर से नीचे तक घूरने लगी और फिर मुस्कुराते हुए बाहर चली गयी. बेचारी आँचल !!!
लेकिन कोई और भी था जिसने ये सब देखा था. कौन था भाई ?
आँचल का ठरकी ससुर और कौन .
आँचल को पता नही चला पर उसके ससुर ने भी उसको अंदर आते हुए देख लिया था . वो अपने बेडरूम से ताकाझाँकी कर रहा था हमेशा की तरह. जब उसने भी आँचल की हालत और छोटे कपड़े देखे तो वो भी समझ गया बहू आज किसी से चुदाकर आई है . अब वो अपना दिमाग़ भिड़ाने लगा की इस जानकारी का फायदा मैं कैसे उठाऊ.
एक और बात थी जो आँचल को पता नही थी. उसकी समीर के साथ चुदाई और लंड चूसते समय लिए गये फोटोस , जिनका उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता था.
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