RE: Desi Chudai Kahani हरामी मौलवी
मौलवी रुखसाना की तरफ देखते हुये-“जी कौन सी बेटी का?”
काशिफ-निदा और मिशा दोनों प्यारी हैं।
मौलवी-निदा तो कहती है कि मैंने कभी शादी नहीं करनी, मिशा से करवा देता हूँ।
काशिफ-जैसा आपकी मर्ज़ी लेकिन ये काम जल्दी होना चाहिए।
मौलवी-ठीक है। मैं रात तक फ़ोन करके बातें बता दूँगा।
उसके बाद मौलवी और रुखसाना अपने घर चले जाते हैं। शाम को वो मिशा से बात करते हैं। वो तो खुश हो जाती है कि एक अमीर इंसान से उसकी शादी हो रही है और ऊपर से काशिफ है भी बहुत हैंडसम। फिर मौलवी ने सबसे बात करके काशिफ को फ़ोन करके बता दिया कि मिशा राजी है और मेरे ख्याल में परसों निकाह करके ले जाओ अपनी अमानत।
काशिफ ने कहा-“ठीक है। परसों असर के बाद का टाइम बेहतर है…”
इसी तरह दो दिन के गुजरने का पता नहीं चला। आयशा भी घर में आई होती है।
काशिफ के साथ कुछ लोग आए और मिशा का निकाह करके अपने बड़े बंगलों में ले गये।
इस तरह दोस्तो मौलवी को शहर में घर भी मिल गया बेटियों की भी शादी हो गई बेटियाँ भी चोदने के लिए मिल गईं
दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताएँ
समाप्त
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