RE: Desi Chudai Kahani हरामी मौलवी
रुखसाना जब गाड़ी में बैठी तो उसने कहा-“बेटा, जब पहले आई थी उस टाइम कोई गंध नहीं आ रही थी अब गंध आ रही है गाड़ी में। पर काशिफ कुछ न बोला और गाड़ी चलाता रहा। काशिफ फ्रंट मिरर से देखता रहा रुखसाना को और सोचता रहा कि औरत तो प्यारी है। उसने एक जगह देखी और वहाँ जाकर गाड़ी को ब्रेक मारी और गाड़ी से निकलकर चेक किया और फिर उसके बाद रुखसाना को कहा-“इंजन गरम हो गया है, इसलिए कुछ देर इंतजार करना पड़ेगा…”
रुखसाना-ओह्ह… ये तो बहुत बुरा है। यहाँ सुनसान जगह पर कोई जानवर भी आ सकता है।
काशिफ-नहीं आता आप क्यों घबरा रही हैं? मैं हूँ आपके साथ।
रुखसाना-तुम अच्छे लग रहे हो, प्यारे हो, कितनी लकी है तुम्हारी बीवी।
काशिफ-मैं अभी तक कुँवारा हूँ, मैंने अभी शादी नहीं की।
रुखसाना-क्यों?
काशिफ-कोई अच्छी लगी नहीं, आप जैसी कोई मिल जाएगी तो आज ही कर लूँ शादी।
रुखसाना-बेटा, मैं तो शादीशुदा हूँ मुझसे शादी करके क्या मिलेगा?
काशिफ-क्या मैं आपके साथ गाड़ी में बैठ सकता हूँ?
रुखसाना-बेटा तुम्हारी गाड़ी है, तुम बैठ जाओ।
काशिफ बैठ गया और रोमाँटिक बातें करता रहा।
धीरे-धीरे रुखसाना पागल होती गई अपनी खूबसूरती पे। उसके बाद रुखसाना ने कहा-“बेटा, मेरी बेटी की शादी है 3 दिन के बाद आना…”
काशिफ ने कह दिया-“जी जरूर आउन्गा…” उसका बाद काशिफ उठ गया। गाड़ी को चलाया और दो घंटे के बाद रुखसाना को उसका घर छोड़ दिया और शादी में आने के वादा कर लिया।
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रात को रुखसाना ने अपने शौहर को सारी बातें बता दी कि एक लड़का मिला, बहुत अच्छा था। उसने ऐसे उसकी हेल्प की और उसको छोड़ के गया।
मौलवी खुश हुआ कि चलो इस दुनियाँ में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो कि हेल्प कर सकते हैं। इसी तरह टाइम गुजरता गया और शादी का दिन आ गया। जिस दिन आयशा और नदीम की शादी थी, जब काशिफ इनके घर आया तो कोई भी उसे नहीं जनता था। फ़रदीन ने जब काशिफ को देखा कि ये तो बहुत बड़े हॉस्पिटल का मालिक हैं और हार्ट -सर्जन भी है। ये यहाँ कहाँ आ गये हमारी शादी में।
जब काशिफ अपनी गाड़ी से उतरा उसने कहा के जी मुझे रुखसाना से मिलना है।
फ़रदीन ने कहा-वो मेरी अम्मी हैं…” उसका बाद फ़रदीन रुखसाना को बुलाकर लाया।
रुखसाना के साथ मौलवी भी था। वो काशिफ से मिलकर खुश हुआ। काशिफ ने शादी के लिए एक गोल्ड का छोटा सा सेट रुखसाना को दिया कि ये मेरी तरफ से है। जब रुखसाना ने सेट देखा तो कहा-“बेटा, इसकी क्या जरूरत थी?
काशिफ ने कहा-“ये मेरा अधिकार था लाना…”
उसके बाद मौलवी ने अपनी बेटी का निकाह अपने भतीजे से कर दिया और बारात कुछ देर बाद रुखसत हो गई। बारात और वालिमा कम्बाइन रखा गया था। उसके बाद काशिफ भी चला गया। काशिफ को सहरीश देख चुकी थी, सहरीश जिसकी शादी फ़रदीन से होनी थी। वो काशिफ के हॉस्पिटल में मेडिकल ओफीसर थी काशिफ ने सहरीश को 3 बार चोदा हुआ था। काशिफ को उसने बहुत नखरे दिखाए थे लेकिन फिर भी काशिफ ने सहरीश को नहीं छोड़ा।
रात को मौलवी ने अपनी बीवी से कहा-“लगता है काशिफ काफ़ी अमीर आदमी है। जिस गाड़ी में आया था वो गाड़ी कम से कम 50 लाख की थी और जो सेट लाया है वो भी एक लाख से कम का नहीं…” मौलवी ने फिर अपनी बीवी से कहा-“काशिफ से कहो कि हमें शहर में कोई अच्छा से घर दे दे…”
जिस पर रुखसाना ने कहा-“कोई ऐसे थोड़े ही दे देता है…”
मौलवी-“जब एक लाख वाला सेट दे सकता है तो घर भी दे देगा।
रुखसाना-मुझे नहीं लगता।
मौलवी-एक काम करो, काशिफ को तुम फँसा लो।
रुखसाना-“ये आप क्या कह रहे हैं? अपनी ही बीवी को बोल रहे हैं…”
मौलवी-तो क्या हुआ? किसी को मत बताना सारी जिंदगी शराफ़त से गुजारी है, कुछ कर नहीं सके। वैसे भी आज तक तुमने मेरे अलावा किसी से कुछ प्यार नहीं किया, लेकिन मैंने अपनी ही दो बेटियों को चोद लिया।
रुखसाना-वो तो ठीक है, मगर वो मुझे ऐसा नहीं लगता। मेरा भी दिल करता है कि आपके अलावा एक बार तजुर्बा करूँ किसी से।
मौलवी-तो ठीक है, कर लो। मैं नहीं रोकता, उससे बात करो। क्या उसका कोई फ़ोन नंबर है तुम्हारे पास?
रुखसाना-जी है।
मौलवी-ठीक है, एक दो दिन में करना फ़ोन।
उधर दूसरी तरफ आयशा बेड पे लेटी हुई थी कि नदीम कब आएगा अंदर? पर नहीं आया। जब बहुत इंतजार के बाद आया तो वो नशे में था और आयशा से कुछ बातें करने के बाद सो गया। आज नदीम और आयशा की सुहागरात थी, पर नदीम ने शराब पी ली थी। आयशा अपनी किस्मत पे रोती हुई वहीं सो गई।
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