RE: Desi Chudai Kahani हरामी मौलवी
एक घंटे के बाद, सब बैठे हुये थे, फ़रदीन ने फ़ोन किया और ‘हाँ, जी हाँ’ कहता रहा 20 मिनट तक वैसे ही कान से सुनता रहा और कहता रहा।
बेचारा मौलवी और उसकी बीवी यही समझते रहे कि बाबा कोई बात बता रहा है हिसाब किताब की।
फ़ोन के बाद फ़रदीन ने वहीं बातें बता दी जो उसे बाबाजी ने बताई थी। जिस पर मौलवी ने कहा-“बेटा, उस बाबाजी ने भी यही कहा था, लेकिन इसका हल क्या है? वो बताओ…”
कुछ सोचने के बाद फ़रदीन ने कहा-“हल तो बहुत मुश्किल और अजीब है, पर अब्बू आप मेरी बात अलग से सुन लें…” रात का वक़्त था। फ़रदीन अपने बाप इकबाल को बाहर लेकर आ गया और फ़रदीन ने इकबाल से कहा-“काला जादू है लेकिन जिस्मानी जादू है। इसकी वजह और बुनियाद ही आप और अम्मी हैं। इसके लिए आपको कोशिस करनी है। आप हर वक़्त अम्मी के करीब रहें…”
जब ये सुना मौलवी ने तो बहुत अजीब लगा कि आज उसका बेटा उसे उसकी माँ के करीब रहने को बोल रहा है।
फ़रदीन-“बाबाजी ने कहा है कि आप अम्मी के पास जायें लगातार 3 दिन तक…”
मौलवी-“फ़रदीन, ये क्या बकवास कर रहे हो? तुम्हें ऐसा कहते हुये शरम नहीं आती, अपनी माँ और मेरे बारे में…”
फ़रदीन-अब्बू, जो हाल था वो बताया इसमें गुस्सा वाली कौन सी बात है?
मौलवी-तुम ऐसा करो मुझे नंबर दे दो, मैं खुद उस बाबाजी से सीधे बात कर लूँगा। ऐसा मुझे अजीब लग रहा है जो तुम बीच में मुझे बताते जाओ।
फ़रदीन-वो आपसे बात नहीं करेंगे क्योंकी ये हर किसी का इलाज नहीं करते, ना किसी औरत से मिलते हैं। मैंने इन्हें बहुत मुश्किल से मनाया है।
मौलवी-अच्छा फिर ठीक है, जब इस मुसीबत से निकलना है तो इलाज तो करना है।
फ़रदीन-आप आज से शुरू करें और बाबाजी ने कहा है कि जब आप अम्मी के पास जायें तो इस नंबर पे फ़ोन मिला दें और मोबाइल साइड पे रख दें। जब आप दोनों फ्री हो जायें तो लाइन बंद कर दें।
मौलवी सब सुनकर हैरान हो जाता है और कहता है-“बेटा, ऐसे कल को कोई ब्लैकमैल ना करे?”
फ़रदीन-मैं जो हूँ, कोई ब्लैक मेलिंग नहीं होगी आप परेशान ने हों।
मौलवी-ठीक है, अभी घर चलें और तुम्हारी अम्मी को सारी बातें बता देता हूँ।
फिर दोनों बाप बेटा घर आते हैं तो फ़रदीन मौलवी को कहता है-“अब्बू, अभी बाबाजी ने फ़ोन किया है कि वो अमल शुरू कर रहे हैं उन्होंने पूछा कि आखिरी बार आप अम्मी के करीब कब गये?
पहले तो मौलवी फ़रदीन की तरफ देखता रहा फिर कहा-कल रात को।
उसका बाद फ़रदीन ने वैसा ही कान से फ़ोन लगाकर कह दिया कि कल रात को।
मौलवी ने सारी बात रुखसाना, अपनी बीवी को बता दी। पहले वो हैरान हुई फिर उसने कहा-“हमारे बेटे को पता हो कि हम ये करते हैं, ये गलत हुआ…”
तो मौलवी ने कहा-“वो अब जवान है, बच्चा नहीं डॉक्टर बन चुका है। इलाज के लिए उसने हमारा बेहतर सोचा है और बताया है सारा हाल चलो रुखसाना आज तुम्हारी लेनी है…”
जवाब में रुखसाना ने कहा-“मौलवी साहब वो तो मैं रोज ही देती हूँ आज कोई स्पेशल नहीं है…”
रात को सब अपने रूम में चले जाते हैं और फ़रदीन ने जो नंबर दिया था अपने बाप को उसने एक सिम अलग से खरीदी थी, वो उसको ओन कर लेता है क्योंकी फ़रदीन ही अपने घर वालों को बेवकूफ़ बना रहा था कि कोई बाबा इलाज कर रहा है। इसी तरह काफ़ी टाइम गुजर गया रात को 12:30 बजे फ़रदीन के नंबर पे काल आती है, जो कि मौलवी साहब की थी और काल के बाद फ़रदीन को किसिंग की आवाजें आना शुरू हो जाती हैं और मौलवी ने कहा-“क्या बात है रुखसाना आज बड़ी गुम-सुम हो? दिल से नहीं कर रही हो…”
फिर रुखसाना ने कहा-“मौलवी साहब, ऐसी कोई बात नहीं…”
फ़रदीन को उसका बाद किसिंग पप्पियो की आवाजें आती रही फिर आवाज आई मौलवी की कि शलवार का नाड़ा खोलो। रुखसाना ने वो खोल दिया। उस के बाद फ़रदीन को फ़ोन में उसकी माँ की ओइईईईई… हाईईईई… की आवाजें आ रही थीं और दूसरी तरफ पुच-पुच की आवाजें आ रही थीं। फ़रदीन ने यही सोचा कि लगता यही है कि अब्बू का लण्ड काफ़ी बड़ा है जो अम्मी को दर्द दे रहा है। फ़रदीन 30 मिनट तक अपनी अम्मी अब्बू की चुदाई की बातें और आवाजें सुनता रहा और मौलवी ने अपनी बीवी को चोदने के बाद लाइन ड्रॉप कर दी और दूसरे रूम में फ़रदीन ने सोचा अब क्या आगे किया जाए जो सबका लिए बेहतर हो जाए।
दो दिन तक फ़रदीन बिजी रहा और वो सरगोधा के सिविल हॉस्पिटल में हाउस जाब शुरू कर चुका था। सुबह वो हॉस्पिटल चला जाता और शाम के 4:00 बजे आता। इसी तरह 3 दिन के बाद फ़रदीन ने अपने अब्बू को कहा कि बाबाजी ने आपसे भी बात करनी है और अम्मी से पर दोनों से अलग-अलग। आज रात को मैं आपको बता दूँगा। आप उस नंबर पे काल करना जब आप काल कर रहे हों तो अम्मी आपके पास ना हों। जब अम्मी करें तो आप अम्मी के पास ना हों।
रात के 8:00 बजे मौलवी को काल की फ़रदीन के दोस्त ने जैसा फ़रदीन ने उसे समझाया था और फ़रदीन ने अपने दोस्त से ये कहा था कि वो ये पूछे कि मौलवी का उसकी बीवी के अलावा भी किसी के साथ कोई चक्कर था और लण्ड का साइज भी पूछे।
फ़रदीन के दोस्त ने मौलवी से सब पूछा और मौलवी ने सब बता दिया। फ़रदीन के दोस्त ने इकबाल को फ़ोन करने के बाद फ़रदीन को काल की और कहा कि तेरा बाप यार बहुत शरीफ है उसने आज तक किसी को नहीं किया और लण्ड तो बड़ा ही है 7 इंच लंबा है और मोटा भी अच्छा खासा है।
फिर फ़रदीन ने कहा कि रुखसाना को करो।
उसके दोस्त ने फ़रदीन की अम्मी को फ़ोन किया। उससे भी यही पूछा और यहाँ तक रुखसाना से भी साबित हो गया कि उसने आज तक अपने शौहर के अलावा किसी से चुदाई नहीं करवाई।
फ़रदीन को खुशी हुई कि उसके माँ-बाप गलत नहीं हैं। फ़रदीन ने दोनों की चुदाई खुद सुनी थी मोबाइल पे। उसे इस बात पर यकीन था कि उसकी अम्मी की फुद्दी ही टाइट है जो की अम्मी को दर्द होती है। अमल की वजह से अब्बू डेली करते हैं अमल के अलावा भी 5 दिन अम्मी की डेली लेते हैं और उधर मेरी बहनें जवान होकर जिंदगी के मजे नहीं ले पा रही हैं। इसी तरह 15 दिन गुजर जाते हैं कोई असर ना हुआ तो फ़रदीन ने जो सोचा था उसपर अमल करना बाकी था।
फ़रदीन ने रात के खाने पे कहा कि सुबह मैं बाबाजी के पास जा रहा हूँ कि वो मेरे अंदरअमल डाल देंगे। जब तक ये इलाज ना हो जाए। जब जाऊं गा उनके पास फिर पता चलेगा कि वो भी मेरे साथ आते हैं या नहीं। सुबह फ़रदीन हॉस्पिटल चला गया लेकिन घर वाले समझे के फ़रदीन बाबा के पास गया है। शाम को फ़रदीन घर आया। उसने आकर अपने अब्बू को बताया कि अम्मी को साथ लेकर जाना पड़ेगा और वहाँ अंधेरा होगा, क्योंकी बाबाजी किसी औरत के सामने नहीं आते। इसलिए अम्मी को वहाँ डरना नहीं है, मैं भी वहीं होउँगा लेकिन अंधेरा होगा…”
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