RE: Desi Chudai Kahani हरामी मौलवी
मौलवी की बीवी सोचती रहती है कि मैं कैसी माँ हूँ, रोजाना अपने शौहर के साथ मस्ती करती हूँ और मेरी बेटियाँ इतनी जवान हैं, उनका भी तो दिल है उनका भी दिल करता होगा कि वो अपनी प्यास को अपने शौहर के लण्ड से बुझाएँ।
मौलवी साहब को फ़रदीन का फ़ोन आ जाता है कि उसका 4 साल कम्प्लीट हो गया हैं और वो हार्ट सर्जरी में जा रहा है और एक साल के बाद एम॰बी॰बी॰एस॰ पूरा हो जाएगा। जिस पर सब घर वाले बहुत खुश हो जाते हैं और कुछ दिनों के बाद फ़रदीन भी घर आता है। बेचारा जब घर आता है तो बहनों के रिश्ते ना होने की वजह से परेशान हो जाता है और कुछ दिन रहकर वापिस चला जाता है।
मौलवी साहब बाबाजी के घर जब गये तो पता चला कि वो तो किसी दूसरे शहर गये हुये हैं और अगले महीने आएँगे। जिसकी वजह से मौलवी साहब ने एक चिट्ठी लिखकर बाबाजी के आदमी को दे दी कि जब बाबाजी आएँ तो उन्हें ये दे देना, कि मौलवी इकबाल सरगोधा से आए थे, ये देकर गये हैं। वहाँ से वापिस मायूस होकर मौलवी साहब घर वापिस आ जाते हैं।
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टाइम गुजरता गया और मौलवी और उसका परिवार मुश्किल में घिरा रहा। लेकिन फ़रदीन अपनी पढ़ाई पे ध्यान देता रहा। एक महीने गुजरने के बाद मौलवी इकबाल को बाबाजी की काल आती है-“कि तुम आए थे, मैं काम से दूसरे शहर गया हुआ था। तो बताओ जो-जो मैंने कहा था वैसा हुआ है या नहीं? जब मैंने कहा था, मेरी बात मान लेते। लेकिन तुम मेरी बात नहीं माने। अब बताओ जो रिश्ते आए, जो मैंने कहा वहीं नाम के रिश्ते थे, जो तुम्हारी बेटियों के लिए आए लेकिन फ़ाईनल न हो सके…”
मौलवी साहब ने कहा-“बाबाजी मुझे बताएीं कि फिर मैं वो गलत काम कैसे कर सकता हूँ?”
बाबाजी की काल के बाद मौलवी और उसकी बीवी बहुत परेशान हो गये कि अब क्या किया जाए? जैसे-जैसे टाइम गुजर रहा था मौलवी की टेंशन में इज़ाफा हो रहा था।
फिर आखिर एक दिन वो आ गया जब फ़रदीन अपनी एम॰बी॰बी॰एस॰ की डिग्री लेकर घर आ गया। फ़रदीन ने अपने बाप से कहा-“मैं अब अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका हूँ लेकिन अभी तक आप एक रिश्ता न ढूँढ सके। अब मैं देखता हूँ कि मुझे क्या करना है?”
घर में सब खुश थे कि उनका बेटा और भाई डॉक्टर बन गया है। फ़रदीन ने अपने बाप को कहा-मेरी नजर में एक आदमी है काफ़ी पहुँचा हुआ है, मैं उससे पूछता हूँ कि क्या हिसाब किताब है…”
लेकिन मौलवी को ये नहीं पता था कि उसका बेटा शहर से डॉक्टर बनकर तो आ गया, लेकिन वो शहर में गलत सोसायटी में चला गया है, जिसकी वजह से जब उसको ये पता चला कि उस बाबाजी ने कहा है कि जिस्मानी जादू है तो अब फ़रदीन उसी बात का फ़ायदा उठाने लगा। फ़रदीन ने जानबूझ के अपने माँ-बाप के सामने फ़ोन कान से लगाकर बात की-“इस तरह के हालात हैं आप मुझे हिसाब किताब करके बताएीं…” फ़रदीन ने फ़ोन किसी को नहीं किया था सिर्फ़ कान से फ़ोन लगाकर शो किया कि किसी बाबाजी से बात कर रहा है।
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