RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
लड़की चाहे किसी भी उम्र की हो , उत्तेजित होने के बाद उसके नंगेपन में चार चाँद लग जाते है.
निशु के साथ भी इस वक़्त यही हो रहा था..
अपने बेड पर वो किसी नागिन की तरह मचल रही थी, उसकी चूत से गाड़े रस की धार निकल कर उसकी चादर पर एक गीली लकीर छोड़ रहा था..
जिसे चाट्ता हुआ कुणाल उसकी चूत तक पहुँचा और उसे जोरों से चूसने लगा...
''आआआआआआआआअहह..... ओह.... निखिल्ल.....आई एम् बर्निंग..... प्लीज़ अंदर डाल दो अब अपने लंड को.....अहह आज बर्दाश्त नही हो रहा है....''
एक कुँवारी लड़की जब ऐसा करने को बोले तो समझ लेना चाहिए की वही सही मौका है...
हालाँकि कुणाल भी यही चाहता था पर बाहर से किसी के आने का डर भी बना हुआ था...
उसने जल्दी से पास पड़ा हुआ टावल उठा कर नीचे बाँधा और उपर अपनी टी शर्ट पहन कर दूसरे कमरे का हाल देखने निकल पड़ा...
वो जरा भी टाइम वैस्ट नही करना चाहता था.
दबे पाँव जब वो कमरे से बाहर निकल कर दूसरे कमरे की खिड़की तक गया तो अंदर का नज़ारा देखकर उसके दिमाग़ के सारे फ्यूज़ ही उड़ गये..
अंदर उसकी मंगेतर कामिनी अपनी पायजामी उतार कर अपनी चूत और बाद में अपनी रसीली गांड को अंकल जी को दिखा रही थी जो ठरकी बना उसके रसीले बदन को देखकर अपना लंड मसल रहा था...
उसकी हालत इस वक़्त ठीक वैसे ही थी जैसे कुछ देर पहले तक अंकल जी की थी...
उन्हे भी अपनी बेटी को ऐसी हरकत करते देखकर काफ़ी गुस्सा आया था...
कुणाल का भी यही हाल था...
उसे पता तो था की कामिनी कुछ तो मज़े लेने की कोशिश करेगी क्योंकि जब उसने खुद ही कुणाल को उसकी गर्लफ्रेंड के साथ अकेला रहने का मौका दिया है और उसे चोदने के लिए भी उकसाया है तो बदले में कुछ मज़े तो वो ले ही सकती है...
कुणाल को लगा था की थोड़ी बहुत टीज़िंग कर लेगी अंकल के साथ ताकि उन्हे उलझा कर रख सके पर ये देखने के बाद तो लग रहा था की यहां भी जल्द चुदाई तक बात पहुँचने वाली है क्योंकि मर्द चाहे किसी भी उम्र का हो, एक बार नंगा बदन देखने के बाद अपने आप पर कंट्रोल रखना उसके लिए काफ़ी मुश्किल होता है...
और जो कशमकश पहले अंकल के दिमाग़ में चल रही थी वही इस वक्त कुणाल के दिमाग़ में भी चल रही थी की अंदर जाकर उनके खेल का पर्दाफाश कर दे या वापिस जाकर अपना खुद का खेल खेले...
और जैसा की एक बुद्धिमान व्यक्ति पहले ही कर चुका था, दूसरे ने भी वही किया...
कुणाल भी उन्हे बिना कुछ बोले वापिस निशु के पास आ गया...
निशु अब तक बेड पर नंगी होकर लेटी थी और होले - 2 अपनी चूत में उंगली डालकर आने वाले लंड का इंतजार कर रही थी...
कुणाल अंदर आया और उसे देखते ही उसने तड़पति हुई सी आवाज़ मे कहा : "जल्दी आओ ना....अब मुझसे सहन नही हो रहा ...''
कुणाल ने मन सोचा 'साली, मैने जो दूसरे कमरे देखा, वो मैने कैसे सहन किया ये पूछ ज़रा....'
लेकिन उसे इस बात को बताने का कोई मतलब ही नही था...
पर उसने सोचा ज़रूर की उसे कैसा फील होगा जब उसे पता चलेगा की उसका बाप दूसरे रूम में अपनी बेटी की उम्र की लड़की और कुणाल की जवान मंगेतर के साथ कैसे गुलचर्रे उड़ा रहा है...
उसके चेहरे के एक्सप्रेशन देखने वाले होंगे..
पर निशु के नंगे बदन के आगे वो इन बातो को ज़्यादा देर तक सोचना नही चाहता था...
इसलिए उसने अपना टावाल निकाला और टी शर्ट को भी किनारे फेंकते हुए वो बेड पर कूद पड़ा...
और एक ही मिनट में वो निशु के जवान जिस्म को चाटते हुए वो सब भूल गया जो वो दूसरे कमरे में देखकर आया था...
अब तो निशु को चोदने के लिए उसे बहाना भी मिल गया था .
वो निशु के पूरे जिस्म को चाटने के बाद उसके उपर आया और अपना कड़क लंड उसने उसकी चूत पर लगा दिया...
एक और कुँवारी चूत का उधघाटन करने जा रहा था वो,
ऐसी एक्साइटमेंट उसे आज तक नही हुई थी.
निशु ने सिर हिला कर अपनी स्वीकृति दे दी और वो धीरे-2 उसपर झुकता चला गया...
और उसकी चूत पहले से ही इतनी गीली थी की उसके लंड को अंदर घुसने में उतनी तकलीफ़ नही हुई जितना की वो सोच रहा था...
अंदर जाने के लिए जब उस अवरोध से उसका लंड टकराया जिसे कुंवारेपन की झिल्ली कहा जाता है तो उसे उसने थोड़ा आराम से ही पार करने की सोची ,पिछली बार जब उसने कामिनी की झिल्ली फाड़ी थी तो वो काफ़ी चिल्लाई थी, ऐसा वो आज नही चाहता था...
इसलिए वहां तक पहुँचकर उसने लंड को वापिस खींच लिया...
फिर धीरे-2 अंदर डाला और उस झिल्ली से टकराकर लंड को वापिस ले आया...
ऐसा करने मे एक फायदा तो हो रहा था की निशु अभी तक मज़े से भरी सिसकारियां ले रही थी,
दर्द नाम की कोई चीज़ ही नही थी उसके चेहरे पर...
बल्कि वो तो उसके लंड को और भी अंदर लेना चाहती थी क्योंकि उसे भी पता था की उसे मज़ा देने के लिए कुणाल को सरहद पार जाना ही पड़ेगा.....
इसलिए हर बार जब उसका लंड झिल्ली तक आता तो वो उसकी गांड पर टांगे लगाकर उसे और अंदर खींचने की कोशिश किया करती थी...
और ऐसा करते-2 उसकी कुंवारेपन की दीवार कब ढह गयी ये तो ना उसे पता चला और ना ही कुणाल को...
पर अब पहले से ज़्यादा अंदर जा रहा था उसका लंड ,
इस एहसास से कुणाल को पता चल गया की लोंडिया पूरी चुद गयी है...
एक और कुँवारी चूत का राजतिलक उसके लंड के माथे पर लग चुका था..
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