RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
वहां से वो सीधा अपने बेडरूम की तरफ भागते हुए से गये...
और वहां जाते ही जो उन्होने देखा, वो उनके दिल की धड़कने रोकने के लिए काफ़ी था...
कामिनी ने दरवाजा भी पूरा बंद नही किया था, और बाथरूम के मिरर में उसका अक्स सॉफ दिखाई दे रहा था...
अब अंकल जी को ये भला कैसे पता चलता की ये उसने जान बूझकर ही किया था...
उसे तो जैसे पक्का विश्वास था की वो बुड्ढा उसे देखने के लिए अंदर ज़रूर आएगा और उसने जब अंदर के वाश्बेसिन पर लगा बड़ा सा मिरर देखा तो उन्हे कुछ इनाम देने की सोची उसने...
कामिनी ने दरवाजा थोड़ा सा खोल दिया ताकि बाहर से आने पर उस खुले दरवाजे से अंदर के मिरर के सामने खड़ी कामिनी का अक्स उन्हे दिखाई दे जाए...
और जब उसने देखा की अंकल जी बाहर आकर खड़े हो गये है तो उसने बड़ी ही बेबाकी से अपनी कुरती उतार दी...
ब्रा तो पहले से ही खुली हुई थी, इसलिए वो भी कुरती के साथ ही उतर का बाहर आ गयी...
अब वो एक बड़े से शीशे के सामने एकदम टॉपलेस होकर खड़ी थी...
उसके मन में पता नही क्या आया की उसने अपना मोबाइल निकाला और अपनी टॉपलेस पिक खींच ली..
शायद वो बाद मे कुणाल को ये सब दिखाना चाहती थी.
वो तो अपने मज़े ले रही थी पर बाहर खड़े अंकल जी की हालत बुरी हो रही थी वो सब देखकर...
आज तक उन्होने किसी भी जवान लड़की को ऐसी हालत में नही देखा था...
उसके एकदम तने हुए मम्मे देखकर उनके मुँह में पानी आ गया और वो सोचने लगे की काश एक बार ये चूसने को मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए...
अंदर खड़ी हुई कामिनी ये सब देखकर हंस भी रही थी...
उसे अंदाज़ा था की उसकी ये हरकत उस बूढ़े इंसान पर क्या सितम ढा रही होगी...
पर उसे तो अपनी इस गेम को थोड़ा और आगे बदाना था...
इसलिए उसने अपनी ब्रा को उठाया और उसे उलट पलटकर देखने लगिकी आख़िर उसमे क्या दिक्कत है...
फिर उसने कुछ सोच समझकर अंकल जी को पुकारा...
''अंकल जी......अंकल जी...कहाँ हो आप....''
उसने आवाज़ इतनी ही ज़ोर से आगाई थी की वो अंकल जी तक ही जा सके...
ना की दूसरे बेडरूम में बैठे कुणाल और निशु तक...
अंकल जी तो उसी कमरे में थे...
इसलिए कुछ देर रुककर वो अंदर आने का नाटक करते हुए बोले : "हाँ कामिनी...बोलो ...क्या बात है...''
कामिनी ने अंदर से ही कहा : "अंकल जी...ये मेरी ब्रा का हुक ही है जो मुझे चुभ रहा था...तोड़ा सा टेडा हो गया है ये, इसलिए पीठ पर चुभ रहा है...आपके पास प्लास है क्या, उससे दबाकर ये ठीक हो जाएगा शायद...''
अंकल जी तो अभी तक कामिनी की बेवकूफी पर हंस रहे थे की उसे इतना भी अंदाज़ा नही है की अंदर आधी नंगी खड़ी होने के बाद उसका अक्स उन्हे बाहर दिख रहा है...
कैसी नासमझ है ये लड़की...
पर अंदर से वो खुश भी थे क्योंकि उसकी इसी नासमझी की वजह से वो उसे उपर से नंगा देख पा रहे थे.
वो भागकर उसके लिए प्लास ले आए और खुले हुए दरवाजे से उसे अंदर की तरफ दे दी...
उसने वो पकड़ी और कुछ देर तक उसे ठीक करने के बहाने से उसे और टेडा कर दिया...
फिर वो बोली : "अंकल जी...मुझसे तो हो नही रही ये...आप देखो, आपसे होगी या नही...''
इतना कहते हुए उसने ब्रा और प्लास बाहर की तरफ पकड़ा दी...
अंकल जी के हाथ में जब उसकी गर्म -2 ब्रा आई तो उनका लंड फटने जैसी हालत में हो गया...
उन्होने तुरंत वो ब्रा अपने चेहरे पर रगडी और कामिनी के गर्म मम्मों का एहसास उन्हे फील हुआ जो कुछ देर पहले तक उसी ब्रा में कसे हुए बैठे थे...
इस व्क़्त वो ये भी भूल चुके थे की जिस तरह बाहर से अंदर का उन्हे मिरर के थ्रू दिख रहा था, उसी तरह उन्हे भी कामिनी मिरर के ज़रिए अंदर से देख पा रही थी...कैसे वो किसी ठरकी की तरह उसकी ब्रा को अपने चेहरे पर रगड़ रहे थे.
और अपनी ब्रा को उन्हे अपने चेहरे पर रगड़ते देखकर वो खुद भी उत्तेजित हो गयी....
और सोचने लगी की काश वो उनके चेहरे पर अपने मम्मे भी रगड़ पाती ताकि वो जान पाती की उनके बूढ़े होंठो में अभी तक कितनी जान है...
पर एकदम से वो ये काम नही करना चाहती थी...
हालाँकि कुणाल की तरफ से उसे आश्वासन था की वो अंदर से ना तो खुद ही बाहर आएगा और ना ही निशु को आने देगा, पर फिर भी कामिनी को ये सब इस तरह से करना था ताकि अंकल जी उसकी प्लानिंग ना समझ सके..
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