RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
अपने कपड़े पहन कर और हुलिया ठीक करके वो जब घर पहुँचे तो 9 बजने वाले थे...
बारिश की वजह से वहां की बिजली जा चुकी थी जो शायद सुबह से पहले आने वाली नही थी.
दोनो ने खाना खाया और उपर छत्त पर आकर टहलने लगे...
बारिश के बाद की ठंडी हवा से वहां का वातावरण काफ़ी रोमांटिक सा हो चुका था...
ऐसे में कामिनी उसके करीब आई उसे मीठी सी पप्पी दे डाली.
कामिनी : "मुझे पता है की हमारी शादी के बाद भी तुम उसे भुला नही पाओगे...''
उसके इतना कहने के बाद कुणाल फिर से ठिठका ...
कार में उसे अच्छी तरह से आश्वासन देने के बाद भी वो ये बात क्यों कर रही थी ये उसकी समझ में नही आ रहा था.
कामिनी : "मैं एक लड़की हूँ और एक लड़की के दिल की बातें में अच्छे से समझती हूँ ...और जितना मैं लड़को के बारे में जानती हूँ , उनके दिल और नीयत को भी शायद उतना ही समझती हूँ ..इसलिए मुझे लगता है की तुम दोनो को एक बार आपस में सैक्स कर लेना चाहिए...''
उसकी ये बात सुनकर कुणाल हक्का बक्का सा रह गया....
ऐसी अटपटी बात करने का क्या मतलब था भला.
कामिनी ने उसके चेहरे पर आए प्रश्न शायद पढ़ लिए थे, इसलिए वो बोली : "मुझे पता है की ऐसा करना सही नही होगा और ये तुमसे तुम्हारी होने वाली वाइफ ही बोल रही है इसलिए भी शायद तुम्हे अजीब लग रहा है...पर मेरी बात ध्यान से सुनो, मैं एक मॉडर्न ख्यालात वाली लड़की हूँ और मैं जानती हूँ की प्यार में 50% लगाव जिस्मानी होता है, यानी तुम दोनो अगर सैक्स कर लेते हो तो तुम्हारे बीच का प्यार 50% तक कम हो जाएगा और शादी के बाद तुम उसे उतना मिस नही करोगे जितना करने वाले हो...''
ऐसा बचकाना सा लॉजिक तो कुणाल की समझ से परे था...
पर वो अभी तक कुछ इसलिए नही बोल रहा था क्योंकि बात उसी के भले की हो रही थी...
इसलिए वो कामिनी के सारे तर्क सुन लेना चाहता था...
ऐसे बीच में उसे टोकने का मतलब यानी अपना ही नुकसान कराना था.
कामिनी : "और मेरे हिसाब से अगर तुम दोनो का एक बार सैक्स कर लोगे तो शायद बाकी बची लाइफ में एक दूसरे को उतना मिस नही करोगे जितना की करते आ रहे हो और करने वाले हो और वो इसलिए की अपने प्यार के साथ अपने जिस्म को शेयर करने के बाद तुम्हे इतनी तस्सली तो रहेगी की उसे अपने हिस्से का प्यार दे चुके हो तुम...''
बात तो वो सही कह रही थी...
हालाँकि स्कूल टाइम में जब उसे कामिनी से प्यार हुआ था तो उनकी भावनाए कितनी सच्ची और पवित्र थी..
पर आख़िर में आकर उन्होने किस्स करके ही अपने प्यार का इज़हार किया था और किस्स भी तो सैक्स का ही एक हिस्सा है...
और आज भी जब इतने बरसो बाद कुणाल ने कामिनी को देखा तो उसके जिस्म को देखने के बाद उसके मन में एक ख़याल तो यही आया था की काश इसकी एक बार मिल जाए और शायद यही सोचकर उसे दुख भी हुआ था की ये मिली भी तो तब जब उसकी सगाई हो चुकी है वर्ना इसी से शादी करके इसकी पूरी लाइफ मारता...
यानी कुल मिलाकर उसे अब निशु का तर्क सही लग रहा था.
पर उसके कहने मात्र से ही वो सैक्स करने के लिए थोड़े ही मान जाएगी...
उसने जब कामिनी से पुछा की वो ये सब कैसे करेगी और वो भी उसके पापा के होते हुए तो उसने एक कुटीली हंसी हंसकर धीरे से कहा : "उसके पापा के सामने ही ये सब होगा, तुम देखना तो सही, उस अंकल को मैं इस तीन पट्टी के खेल में कैसे फंसाती हूँ , वो खुद ही उसे तुम्हारे हवाले कर देगा ''
कुणाल अब उसके दिमाग पूरा खेल समझ चूका था, वो उस खेल के माध्यम से कामिनी के पापा को फंसा कर उन्हें एक करवा देना चाहती थी. पर उसके हिसाब से ये सब करना इतना आसान नहीं था जितना निशु को लग रहा था, पर कामिनी के चेहरे पर आए कॉन्फिडेन्स को देखकर वो समझ गया की उसने अगर ये बात की है तो ज़रूर उसके दिमाग़ में कोई जबरदस्त प्लान है...
और जब वो खुद ही उसके लिए इतना आगे तक जाने के लिए तैयार है तो वो कौन होता है भला मना करने वाला..
इसलिए उसने भी हां कर दी,
कामिनी तो उसका जवाब पहले से ही जानती थी, इसलिए कुणाल की हां सुनकर वो भी मुस्कुरा दी.
कुछ ही देर में वो नीचे आ गये और अलग-2 कमरों में जाकर सो गये...
अगला दिन उसकी लाइफ का बहुत बड़ा दिन था,
जो उसके और कामिनी के बीच के रिश्तों की परिभाषा को हमेशा के लिए बदल देने वाला था.
अगले दिन कुणाल की माँ अपनी होने वाली बहु कामिनी को मार्केट ले गयी, उसकी पसंद के कुछ कपड़े दिलवाने के लिए...
कुणाल के पापा ऑफीस जा चुके थे, इसलिए घर पर कोई भी नही था, अपनी निशु से बात करने के इससे अच्छा समय कोई और नही हो सकता था, इसलिए उसने जल्दी से उसका मोबाइल नंबर मिलाया, जो उसने कल शाम ही लिया था उससे..
वो भी जैसे उसके ही फोन का इंतजार कर रही थी..
|