RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
कामिनी ने आगे बढ़कर कुणाल के चेहरे को पकड़ा और अपने होंठ उसके होंठो पर टीका दिए और उन्हे चूम लिया...
कुणाल का तो पूरा शरीर सुन्न सा पड़ गया ....
उसे लगा था की शायद उसे कुछ बोलने का या कोई ऐसी हरकत करने की डेयरिंग दी गयी होगी जो दूसरो की नज़रो में अनुचित है...
पर ये...
एक किस्स....
और वो भी एक अंजान इंसान के साथ...
ऐसी डेयरिंग का तो शायद ही कोई मुकाबला हो...
देने वाले को भी मानना पड़ेगा और उस डेयरिंग को पूरा करने वाले को भी..
करीब 10 सेकेंड की उस स्मूच में कुणाल ने उसके बदन की सारी खुश्बू को अपने अंदर उतार लिया...
और शायद ऐसा ही कुछ कामिनी के साथ भी हुआ था...
कुणाल ने अपनी बॉडी अच्छे से बना रखी थी, और हायजेनिक होने की वजह से उसके बदन से हमेशा एक मेस्कुलर टाइप की खुश्बू आती रहती थी...
जिसकी वजह से उसके ऑफीस की भी कई लड़कियां उसके आगे पीछे घूमती रहती थी,
पर उसने आज तक किसी को भी भाव नही दिया था..
कामिनी का तो पता नही पर कुणाल की लाइफ का ये पहला किस्स था...
पहला , यानी जवान होने के बाद..
आज से पहले उसने सिर्फ़ कामिनी को ही चूमा था..
और वो भी सिर्फ़ एक ही बार.
और इत्तेफ़ाक़ तो देखो,
आज भी जब वो किस्स कर रहा है तो वो भी कामिनी ही है..
और इस कामिनी का तो बुरा हाल हो गया कुणाल को स्मूच करके..
उसके नर्म मुलायम होंठ, उपर से उसकी छाती और बदन से आ रही भीनी खुश्बू उसे पागल सा कर रही थी..
आज से पहले भी उसने कई लड़को को किस्स किया था पर ऐसा उसे आज तक फील नही हुआ था..
हालाँकि उसने उन किस्सस को आगे नही बढ़ने दिया था पर आज ना जाने क्यो इस इंसान को किस्स करके वो उसके साथ सब कुछ करने को तैयार थी..
वो तो किस्स करती ही रहती अगर पीछे से उसके दोस्तो और क्लब में मौजूद दूसरे लोगो ने हू-हू करके उनका ध्यान ना आकर्षित किया होता..
बेचारी ने नज़रे चुराते हुए वो किस्स तोड़ दी...
और फिर अपने होंठो पर स्माइल लाते हुए उसने अपना हाथ कुणाल की तरफ बड़ा दिया और बोली : "हाय माई नेम इस कामिनी...एन्ड आई एम् सॉरी अबाउट ऑल दिस ... वैसे तो मुझे पता है की आपको इस बात का बुरा नही लगा होगा..पर ये मैंने मेरी एक सहेली के कहने पर किया था...यो नो वो हमारी गेम चल रही थी...थेटस वाई..''
कुणाल बेचारा क्या बोलता...
वो तो बेकार में माफी माँग रही थी...
उसे तो खुद ही कामिनी को थेंक्स बोलना चाहिए था..
पर उसने सिर्फ़ 'इट्स ओके' कहकर अपनी बात ख़त्म कर दी..
कामिनी की आँखो में एक अंनबूझी सी प्यास सॉफ देखी जा सकती थी..
पर कुणाल को इस वक़्त कुछ समझ में नही आ रहा था की वो क्या करे..
इसलिए उसने अपना चेहरा बार काउंटर की तरफ घुमा लिया और एक और बियर लेकर उसे पीने लगा..
इसी बीच उसका दोस्त जय भी वापिस आ गया..
और उसके कान में बोला : "अबे साले ...तेरी तो किस्मत ही तुझपर मेहरबान है...बैठे-2 हीरो बन गया तू तो...''
और अपनी ही बात पर वो खुद ही हँसने लगा..
थोड़ी देर में कुणाल की नज़रें जब दूसरी टेबल पर गयी तो कामिनी को अपनी ही तरफ देखते पाया..
एक अजीब सी कशिश थी उसकी आँखो में...
जैसे कुछ कहना चाह रही हो वो..
और ये बात कुणाल को परेशान कर रही थी...
क्योंकि एक बार फिर से उसके जहन में अपनी वाली कामिनी के साथ बिताए पल उजागर होने लगे थे..
और वो एक बार फिर से 10 साल पीछे पहुँच गया..
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