RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
तभी दरवाजा खुला और हमारे अब्बू अन्दर आ गए। उन्होंने जब देखा कि अन्दर सुबह की चुदाई की तैयारी चल रही है तो वो चुपचाप अन्दर आये और अपने कपड़े उतार कर वो भी ऊपर चढ़ गए। चाची जान की योनि तो वो कई बार मार चुके थे और कल रात उन्होंने शबाना की भी जम कर चुदाई करी थी।
इसलिए आज उनकी नजर रुखसाना के कमसिन जिस्म पर थी। रुखसाना जो मेरे मुंह में घुसी हुई कुछ ढूँढ रही थी, उसकी टांगें चौड़ी करके अब्बू ने अपना मुंह उसकी योनि पर रख दिया और उसे चूसने लगे।
रुखसाना ने जब अपनी योनि पर अपने ताऊ जी की गर्म जीभ को पाया तो उसकी रस बरसाती योनि से एक कंपकपी सी छूट गयी- आआ आआआ आअह्ह्ह्ह… म्म्मम्म म्म… हाआआ अन्न्न… ऐसे ही… जोर से…
और वो अब्बू को और जोर से अपनी योनि को चूसने के लिए प्रोत्साहित करने लगी।
जवान लड़की की योनि पाकर अब्बू भी दुगने जोश से अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए रुखसाना की योनि की तलाशी लेने लगे।
वहां फारुख चाचू की जब नींद खुली तो चाची जान को बगल में ना पाकर उन्होंने भाग कर आयने वाली जगह देखा और वहां का नजारा देखकर वो नंगे ही हमारे कमरे में दौड़ कर चले आये। उनकी पत्नी मेरा लंड चूस रही थी और उनके बड़े भाई उनकी बेटी की योनि चाट रहे थे और उनकी पत्नी की योनि को उनकी भतीजी साफ़ कर रही थी।
कमरे में अब सिर्फ शबाना की योनि ही बची थी जो खाली थी। चाचू झट से उसकी तरफ चल पड़े और वहां पहुंच कर अपनी लम्बी जीभ का इस्तेमाल करके शबाना की योनि और गांड बारी बारी से चाटने लगे, पूरे कमरे में सिसकारियां गूंज रही थी।
अब्बू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, वो रुखसाना को बेड पर लिटा कर खुद जमीन पर उठ खड़े हुए और रुखसाना की एक टांग को हवा में उठा कर अपना लंड उसकी छोटी सी योनि पर टिका दिया। उनका टोपा काफी बड़ा था, रुखसाना की छोटी सी योनि के सिरे पर वो फंस सा रहा था।
अब्बू ने थोड़ा जोर लगाया तो रुखसाना दर्द से बिलबिला उठी- आआ आआआ आआआह्ह्ह्ह… धीरे डालो… बड़े अब्बू… धीरे…
लंड का टोपा अन्दर जाते ही बाकी का काम उसकी योनि की चिकनाई ने कर दिया। अब्बू का लौड़ा उस पतली सुरंग में फिसलता चला गया.
“अयीईईई ईईईई ईईई… मर… गयी.. अह..अह.. अह..अह.. अह.. अह…”
और अब्बू ने तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए।
रुखसाना की छाती मेरे सीने पर रखी हुई थी, रुखसाना के मोटे चूचे मेरे सीने से टकरा रहे थे और उसके खुले मुंह से निकलती लार मेरी छाती पर टपक रही थी।
चाची जान भी उठ खड़ी हुई और मेरे दोनों तरफ टांगें करके अपनी योनि को मेरे लंड पर टिकाया और मेरी टाँगों पर बैठ गयी। अब उनके मोटे तरबूज भी मेरी आँखों के सामने झूल रहे थे। मैंने हाथ बढ़ा कर उन्हें भी सहलाना शुरू कर दिया। चाची जान थोड़ा और आगे हुई और मेरे सीने पर लेटी हुई अपनी बेटी रुखसाना के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसने लगी।
शबाना जो अब तक अपनी योनि चटवा कर काफी गर्म हो चुकी थी।, उसने चाचू के मुंह से बड़ी मुश्किल से अपनी योनि छुड़वाई और उनके लम्बे लंड को एक किस करके उनके ऊपर चढ़ बैठी। बाकी काम चाचू ने कर दिया अपना खड़ा हुआ लंड उसकी रस टपकाती योनि में डाल कर।
अब हमारे कमरे में तीन चुदाई चल रही थी और सभी बड़े जोरो से आवाजें निकाल निकाल कर चुदाई कर रहे थे।
शबाना चिल्लाई- आआआ आआआह्ह्ह… चाअचूऊऊऊऊऊ… चोदो मुझे… और जोर से… अह…
रुखसाना भी बोली- बड़े अब्बू… डालो अन्दर तक अपना मोटा लंड… आआआआह्ह… और तेज… चोदो… अपनी रुखसाना को बड़े अब्बू।
चाची जान भी कहाँ पीछे रहने वाली थी- आआआआअह्ह… समीर… डाल बेटा… अपनी चाची जान की योनि कैसी लगी… बता ना?
मैंने चाची जान की आँखों में देखा और कहा- भेनचोद… कुतिया… कितने लोगों से मरवा चुकी है… तेरी अम्मी की योनि… साली… कमीनी.. बता मुझे?
चाची जान ने उखड़ती साँसों से कहा- बड़े लंड लिए है अपनी योनि में… पर अपनों का लेने में जो मजा है वो कहीं नहीं है… चोदो मुझे… दुनिया की हर चाची जान को तेरे जैसा भतीजा मिले जिसका इतना मोटा लंड हो तो मजा ही आ जाए… बिना पूछे डाल दिया कर अपना लंड मेरी योनि में कभी भी… कहीं भी… आआआ आआआह्ह्ह्ह…
लगता है चाची जान मेरे लंड से कुछ ज्यादा ही इम्प्रेस हो गयी थी।
मैंने उनके होर्न अपने हाथों में पकड़े और अपने इंजिन की स्पीड बढ़ा दी।
तभी दरवाजा दुबारा खुला और अम्मी वहां खड़ी थी, अम्मी ने अन्दर आकर पूछा- तुम लोगों को कोई शर्म है या नहीं?
मैंने उनसे कहा- हाय मॉम… गुड मोर्निंग!
अम्मी ने अब्बू की तरफ देखा और कहा- आप तो कम से कम इन्हें रोकते, पर आप तो खुद ही यहाँ लगे हैं अपनी भतीजी की योनि मारने में!
अब्बू ने जवाब दिया- शाजिया, अब ये लोग हमारे कहने से रुकने वाले तो हैं नहीं और कल जब सब कुछ हो ही चुका है तो आज इन्कार करने से क्या फायदा… आओ तुम भी आ जाओ ऊपर और खा जाओ घर के लौड़े!
मैंने अपनी जीभ अपने होंठों पर फिराते हुए कहा- हाँ अम्मी , आप यहाँ आओ, मेरे मुंह के ऊपर मैं आपकी योनि चूसना चाहता हूँ… बड़ी प्यास लगी है मुझे…
चाचू ने भी जोर दिया- हाँ भाभी… आ जाओ ऊपर!
अम्मी ने सभी की बात सुनी और अपना सर हिलाते हुए उन्होंने अपनी हार मान ली और उन्होंने अपना गाउन वहीं जमीन पर गिरा दिया और नंगी ऊपर बेड पर चढ़ गयी और मेरे मुंह के ऊपर आकर बैठ गई।
मेरी लम्बी जीभ उनकी योनि का इन्तजार कर रही थी।
जैसे जैसे अम्मी नीचे हुई, मेरी पैनी जीभ उनकी योनि में उतरती चली गयी.
“आआ आआआ आअह्ह्ह्ह…” अम्मी ने एक लम्बी सिसकारी मारी और मैंने अपनी जीभ से उनकी क्लिट को दबाना और चुबलाना शुरू कर दिया।
अम्मी का मुंह मेरे लंड की तरफ था जहाँ चाची जान मेरे लंड की सवारी करने में लगी हुई थी। चाची जान ने आगे बढ़ कर अम्मी के मोटे चूचों को पकड़ा और उन्हें फ्रेंच किस करने लगी। अम्मी अपनी योनि मेरे मुंह पर बड़ी तेजी से रगड़ रही थी।
मैं जिस तरह से अम्मी की योनि चाट और चबा रहा था, उन्हें काफी मजा आ रहा था। आज अपने बीच तीनों बच्चो को शामिल करके सेक्स करने का मजा लेने में लगे थे सभी बड़े लोग।
अम्मी ने अपनी दायीं तरफ देखा जहाँ उनके पति अपनी भतीजी की योनि का तिया पांचा करने में लगे थे और बायीं तरफ उनकी लाड़ली बेटी अपने चाचू के लंड को आँखें बंद किये मजे से उछल उछल कर ले रही थी और उनके नीचे लेटा उनका बेटा उनकी योनि चाटने के साथ साथ अपनी चाची जान को भी चोद रहा था.
इतनी कामुकता फैली है इस छोटे से कमरे में।
तभी चाची जान ने एक तेज आवाज करते हुए झड़ना शुरू कर दिया और वो निढाल होकर नीचे लुढ़क गयी। मेरा लंड उनकी गीली योनि से निकल कर तन कर खड़ा हुआ था। अम्मी ने जब अपने सामने अपने बेटे का चमकता हुआ लंड देखा तो उनके मुंह में पानी आ गया।
अम्मी ने नीचे झुक कर मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और उसे चूस चूस कर साफ़ करने लगी। मैंने पलट कर अम्मी को नीचे किया और घूम कर उनकी योनि की तरफ आया और अपना साफ़ सुथरा लंड उनकी फूली हुई योनि पर टिका दिया। मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा- आई लव यू मॉम!
और अपना लंड उनकी लार टपकाती योनि में उतार दिया।
अम्मी ने लम्बी सिसकारी भरी- आआ आआआ आह्ह्ह्ह… म्म्म्म म्म…
अम्मी ने मेरा लंड पूरा निगल लिया और मेरी कमर पर अपनी टांगों का कसाव बना कर मुझे बाँध लिया और बोली- बस थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहो… मैं तुम्हारा लंड अपनी योनि में अन्दर तक महसूस करना चाहती हूँ।
मैं अम्मी की छाती पर लेटा रहा और उनके अधखुले होंठों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। धीरे धीरे उन्होंने नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। मैंने उनकी टांगों का जाल खोला और उन्हें अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उनकी टांगों को और भी चौड़ा कर दिया और लगा धक्के पे धक्के मारने अपनी अम्मी की योनि में।
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