RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
शबाना ने अपने अब्बू के सर के नीचे हाथ करके अपनी छाती पर दबा दिया और अपना चुचा उनके मुंह में ठूँसने की कोशिश करने लगी। अब्बू ने अपना मुंह पूरा खोल दिया और शबाना का आधे से ज्यादा स्तन उनके मुंह के अन्दर चला गया।
अब्बू का मुंह अपनी बेटी के चुचे से पूरा भर गया और फिर जब उन्होंने अपनी जीभ अन्दर से शबाना के चूचों पर घुमानी शुरू की तो शबाना तो जैसे पागल ही हो गयी। इतना मजा आज तक उसे नहीं आया था। नीचे से अब्बू का लम्बा लंड उसकी योनि की प्यास बुझा रहा था और ऊपर से अब्बू उसका दूध पीकर अपनी प्यास बुझा रहे थे।
चाची जान अपनी जगह से उठी और अपनी योनि को अम्मी के मुंह के ऊपर ले जाकर रगड़ने लगी। चाचू अम्मी के मुंह से नीचे उतर गए और उनके उतरते ही अपनी जवानी की आग में तड़पती हुई रुखसाना उन पर झपट पड़ी और चाचू के होंठ अपने मुंह में दबाकर नीचे चित लिटा दिया और चचा जान का मोटा लंड अपनी योनि पर टिका कर उसे अन्दर ले लिया।
मैंने अम्मी की योनि के ऊपर अपना मुंह रखा और उसे चाटने लगा। अम्मी को शायद पता चल गया था कि मैं उनकी योनि चूस रहा हूँ। उन्होंने उत्तेजना के मारे अपने योनिड़ ऊपर उठा दिये। मैंने नीचे हाथ करके उनके चौड़े पुट्ठे पकड़े और अपनी दो उँगलियाँ उनकी गांड के अन्दर डाल दी और अपनी लम्बी जीभ उनकी योनि के अन्दर।
अम्मी मचल उठी इस दोहरे हमले से…”आआआ आआआ आआआ आआआ आआह्ह्ह्ह..”
मैं उठा और अपना लंड उनकी योनि के छेद पर टिका दिया।
आज मैं अम्मी की योनि चुदाई कर रहा था, उसी छेद के अन्दर अपना लंड डाल रहा था जहाँ से मैं निकला था। मेरे लंड का स्पर्श अपनी योनि पर पाकर अम्मी तो बिफर ही पड़ी। उन्होंने अपने योनिड़ फिर से ऊपर उठा लिये और मेरा पूरा लंड उनकी योनि के अन्दर समाता चला गया।
“आआआ आअह…” अम्मी के मोअन की हल्की आवाजें चाची जान की योनि से छन कर मुझे सुनाई दे रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैं तेजी से अपनी अम्मी की योनि मारने लगा।
उधर शबाना अपने आखिरी पड़ाव पर थी, वो अब्बू के लंड के ऊपर उछलती हुई बडबडा रही थी- आआआअह्ह्ह… चोदो मुझे अब्बू… अपने प्यारे लंड से… फाड़ डालो अपनी बेटी की योनि इस डंडे से… चोदो न… जोर से… आआआह्ह्ह… बेटी चोद… सुनता नहीं क्या तेज मार… कुत्ते… बेटिचोद… चोद जल्दी जल्दी… आआआ आआह्ह… डाल अपना मुसल मेरी योनि के अन्दर तक… अह्ह्ह्ह ह्ह्ह… और तेज और तेज और तेज… आआआअह्ह्ह… हाँ… ऐसे..ही… भेन्चोद… चोद… अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह!
अब्बू से अपनी बेटी के ये प्यारे शब्द बर्दाश्त नहीं हुए और उन्होंने अपना रस अपनी छोटी सी बेटी की योनि के अन्दर उड़ेल दिया। शबाना भी अब्बू के साथ साथ झड़ने लगी।
शबाना को देखकर रुखसाना को भी जोश आ गया… वो भी चिल्लाने लगी चाचू के लंड पर कूद कर- हननं… डेडी…चोदो अपनी बेटी को… देखो शबाना को ताऊ जी कैसे चोद रहे है… वैसे ही चोदो अपनी लाडली को… डालो अपना लंड मेरी योनि के अन्दर तक… आआहहह… डाआल ऊऊऊऊओ…
और वो भी चाचू के साथ साथ झड़ने लगी।
शबाना अब्बू के लंड से नीचे उतरी और अब्बू के लण्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। चाची जान जो अपनी योनि अम्मी से चुसवा रही थी, उन्होंने अपना सर आगे किया और शबाना की योनि से टपकते अब्बू के रस को पीने लगी।
मेरे लिए भी अब सब्र करना कठिन हो गया था। मैंने भी एक दो तेज झटके मारे और अपना पानी अम्मी की योनि के अन्दर छोड़ दिया। अम्मी ने अपने अन्दर मेरे गर्म पानी के बहाव को महसूस किया और वो भी जोर से चिल्ला कर झड़ने लगी- आआह आआ आअह्ह्ह्ह… आआआ… अह.. अह.. अ..अ..हहा.. ह..अ..ह.. हा..हा.. हा…!
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और शबाना जो अब्बू के लंड से उतर चुकी थी, आगे आई और अम्मी की योनि से मेरा रस पीने लगी। अपनी योनि पर अपनी बेटी का मुंह पाकर अम्मी की योनि के अन्दर एक और हलचल होने लगी।
अम्मी ने शबाना के सर को पकड़ कर अपनी योनि पर दबा दिया और उसकी टाँगें खींच कर अपने मुंह के ऊपर कर ली और उसकी योनि से अपने पति का वीर्य चाटने लगी। शबाना की योनि को अम्मी बड़े चाव से खा रही थी। थोड़ी ही देर में उन दोनों की योनि में दबी वो आखिरी चिंगारी भी भड़क उठी और दोनों एक दूसरी के मुंह में अपना रस छोड़ने लगी।
चाची जान ने हम तीनों बच्चों की तरफ हाथ करके कहा- ये कितने अच्छे बच्चे हैं…
वो हमारी परफ़ोरमेन्स से काफी खुश थी।
अम्मी ने बेड से उठते हुए कहा- ये कुछ ज्यादा ही हो गया।
शबाना ने उनसे पूछा- क्या आपको ये सब अच्छा नहीं लगा अम्मी ?
अम्मी ने धीरे से कहा- हम्म्म्म हाँ अच्छा तो लगा… पर ये सब एकदम से हुआ… मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है.
शबाना ने उनसे सवाल किया- पर हमें तो बड़ा मजा आया, क्या आपको मेरी योनि को चूसना अच्छा नहीं लगा… मेरी तो इतने दिनों की इच्छा पूरी हो गयी अब्बू के लंड से अपनी योनि मरवा कर… कितना मजा आया उनका मोटा लंड लेने में… क्या आपको नहीं आया भैया का लंड अपनी योनि में लेने में… बोलो??
सब की नजरें अम्मी की तरफ उठ गयी।
शबाना ने अब्बू से पूछा- और अब्बू क्या आपको मेरी योनि पसंद नहीं आई??
उन दोनों को चुप देख कर चाची जान ने कहा- अरे… अब आप दोनों ऐसे क्यों शर्मा रहे हैं… आप दोनों को अपने बच्चों के साथ सेक्स करने में मजा आया है तो इस बात को कबूल करने में इतना झिझक क्यों रहे हो?? हमने भी तो अपनी बेटी रुखसाना को इस खेल में शामिल किया है और उसकी योनि चूसने में मुझे तो बड़ा मजा आता है, उसके अब्बू भी कल से अपनी बेटी की कसी हुई योनि की बार बार तारीफ़ कर रहे हैं.
अम्मी ने कहा- चलो ठीक है… अब हमें अपने कमरे में चलना चाहिए।
चाची जान ने कहा- अरे भाभी… मूड मत खराब करो… अभी तो मजा आना शुरू हुआ है… अभी तो पूरी रात पड़ी है।
मैंने मन ही मन सोचा- साली, इस चाची जान के बदन में आग लगी है, पूरी रात चुदवाने की तैयारी से आई थी हरामजादी।
अम्मी ने कहा- नहीं… अब और नहीं… चलो तुम दोनों अब चुपचाप सो जाओ… और निदा फारुख… प्लीज… आप भी चलो यहाँ से!
हम सबने उनकी बात को मानना उचित समझा और अपने बेड पर जाकर रजाई के अन्दर घुस गए।
चाची जान- चलो ठीक है… तुम कहती हो तो चलते हैं। चलो फारुख… अपने रूम में जाकर हम दोनों ही आपस में चुदाई करते हैं.
और चाची जान हमारे पास आकर हमें गुड नाईट बोली और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मसल दिया और बोली- काफी मजा आया… कल मिलते हैं।
सब के जाने के बाद हम तीनों अपने बेड पर नंगे रजाई में बैठे हंस रहे थे।
शबाना- मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हमने अपने अम्मी अब्बू के साथ भी चुदाई की. और इतना सब होने के बाद भी उन लोगों ने हमें फिर से इस कमरे में छोड़ दिया… हा हा हा!
रुखसाना ने अपनी योनि को मेरी टांगों पर दबाते हुए कहा- और मैं सच कहूं तो तुम्हारे अम्मी अब्बू को भी काफी मजा आया होगा। वो अभी खुल कर नहीं बता रहे हैं पर तुम दोनों से सेक्स करके वो भी कम खुश नहीं थे।
शबाना ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर कहा- तो तुम्हारा ये लंड अभी भी कुछ कर दिखाने के मूड में है क्या?
मैंने उन्हें उकसाया- मेरे लंड के कारनामे देखना चाहते हो तो उसे तैयार करो और फिर मैं तुम दोनों को दिखाता हूँ की चुदाई क्या होती है।
शबाना ने अपनी आँखें मटकाते हुए रुखसाना की तरफ देखा- ओह… माय माय… लगता है किसी को अपने लंड पर कुछ ज्यादा ही गुरुर हो गया है…
और फिर वो दोनों एक साथ बोली- लगता है गुरुर तोड़ना पड़ेगा… हा हा हा…
उसके बाद जो चुदाई का खेल शुरू हुआ तो उनकी योनि के परखचे ही उड़ गए। उस रात मैंने शबाना और रुखसाना की कितनी बार चुदाई की… मुझे खुद ही नहीं मालूम और वो दोनों बेचारी अपनी सूजी हुई योनि लेकर नंगी ही मुझ से लिपट कर सो गयी।
उधर अपने कमरे में पहुंचकर चाची जान ने आयने वाली जगह पर ही खड़े होकर दूसरे कमरे में अपनी बेटी और अपनी भतीजी को मुझसे चुदते हुए देखकर चाचू से लगभग तीन या चार बार अपनी योनि मरवाई।
अगली सुबह मैंने अपने लंड के चारो तरफ गीलेपन का एहसास पाया, कोई मेरा लंड चूस रहा था। मैंने अपने दोनों तरफ देखा शबाना और रुखसाना दोनों अपने मोटे मोटे चुचे मुझ में घुसेड़े आराम से सो रही थी।
मैंने नीचे देखा तो पाया कि निदा चाची जान मेरा लंड मुंह में लेकर चूस रही है। मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो मुस्कुरा दी और मुझे गुड मोर्निंग बोलकर फिर से मेरा लंड चाटने लगी।
मेरे शरीर की हलचल पाकर शबाना भी जाग गयी और जब उसने देखा कि चाची जान मेरे लंड से ब्रुश कर रही है तो उसकी योनि भी सुबह की खुमारी में रस से सराबोर हो गयी। उसने थोड़ी जगह बना कर चाची जान को बेड पर आने को कहा।
चाची जान ऊपर आई और अपनी टांगें शबाना के चेहरे के ऊपर करके वापिस मेरा लंड चाटने लगी।
रुखसाना भी अब जाग चुकी थी, अपनी अम्मी को सुबह सुबह नंगी लंड चूसते देख कर उसके बदन में भी आग लग गयी और उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैंने अपने हाथ रुखसाना के उभारों पर रख दिए और उन्हें दबा दबाकर उन्हें और बड़ा करने लगा।
रुखसाना के चुचों के बारे में एक बात कहना चाहता हूँ, वो बड़े ही मुलायम है पर उसके एरोला और निप्पल उतने ही कठोर, वो किसी कील की तरह मेरे हाथों में चुभ रहे थे। मैंने उन्हें और जोर से दबाना शुरू कर दिया और उतनी ही बेदर्दी से उसके नाजुक होंठों को भी चूसना जारी रखा।
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