RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
मैंने अपने रूम का दरवाजा खोला और अन्दर आ गया। शबाना का चेहरा देखते ही बनता था… जब उसने चाची जान को मेरे पीछे अपने रूम में घुसते हुए देखा… वो भी बिल्कुल नंगी।
शबाना उस समय बेड पर लेटी अपनी योनि में उंगलियाँ डाल कर मुठ मार रही थी।
मैंने शबाना से कहा- चाची जान मुझे बाथरूम में मिली थी, मैं इन्हें कुछ दिखने के लिए लाया हूँ।
चाची जान भी शबाना को नंगी बिस्तर पर लेटी देखकर हैरान रह गयी। मैं जल्दी से आयने वाली जगह पर गया और बोला- आप इधर आओ चाची जान… ये देखो।
चाची जान झिझकते हुए आगे आई। वो समझ तो गयी थी कि मैं उन्हें क्या दिखाने वाला हूँ। जब उन्होंने अन्दर देखा तो पाया कि अम्मी ने चाचू का लंड मुंह में ले रखा है और चूस रही है और पीछे से अब्बू उनकी योनि मार रहे हैं।
चाची जान ने थोड़ा कठोर होते हुए कहा- तो तुम लोग हमारी जासूसी कर रहे थे, हमें ये सब करते हुए देख रहे थे। इसका क्या मतलब है, ऐसा क्यों कर रहे थे तुम?
मैंने कहा- मुझे लगा आपको अच्छा लगेगा कि आपकी कोई औडिएंस है और इस से एक्साइटमेंट भी आएगी।
उन्होंने कहा- अब से हम तुम्हारे परेंट्स का रूम यूज़ करेंगे.
मैंने उन्हें डराते हुए कहा- फिर तो मैं उन्हें बता दूंगा कि आप बाथरूम में आई और मुझे आयने वाली जगह दिखाई और हमें अन्दर देखने के लिए भी कहा।
चाची जान का मुंह तो खुला का खुला रह गया मेरी इस धमकी से… उन्होंने हैरानी से शबाना की तरफ देखा जो अब उठ कर बैठ गयी थी, पर वो भी उतनी ही हैरान थी जितनी की चाची जान।
“तुम क्या चाहते हो समीर…?” चाची जान ने थोड़ा नर्म होते हुए कहा।
“मैं भी कुछ खेल खेलना चाहता हूँ.” मैंने कहा और आगे बढ़ कर चाची जान के मोटे चुचे पर हाथ रख दिया और उनके निप्पल को दबा दिया।
चाची जान ने गंभीरता से कहा- आआउच…
वो बिदकी और बोली- तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि इटनी छोटी सी उम्र में तुम ये खेल खेलने के लिए तैयार हो?
मैंने अपना अंडरवियर नीचे गिरा दिया और अपना पूरा खड़ा हुआ मोटा लंड उनके हाथों में दे दिया और कहा- मुझे ये इसकी वजह से लगता है।
“तुम्हारी उम्र के हिसाब से तो ये काफी बड़ा है…” चाची जान ने मेरे लंड से बिना हाथ और नजरें हटाये हुए कहा।
वो जैसे मेरे लंड को देखकर सम्मोहित सी हो गयी थी।
मैंने उनसे कहा- चाची जान, मेरा लंड चूसो…
उन्होंने झिझकते हुए कहा- पर शबाना… वो भी तो है यहाँ…
मैंने कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए कहा- आप उसकी चिंता न करो, वो ये सब होते हुए देखेगी… और उसके बाद आप उसकी योनि को भी चाट देना… वो शायद आपको भी पसंद आएगी।
मैंने चाची जान को घुमा कर बेड की तरफ धकेल दिया, बेड के पास पहुँच कर मैंने उन्हें धीरे से किनारे पर बिठा दिया मेरा खड़ा हुआ लण्ड उनकी आँखों के सामने था। उन्होंने शबाना की तरफ देखा, वो भी काफी उत्तेजित हो चुकी थी ये सब देख कर और उछल कर वो भी सामने आ कर बैठ गयी।
फिर चाची जान ने मेरा लंड पकड़ा और धीरे से अपनी जीभ मेरे लंड के सुपारे पर फिराई और फिर पूरे लंड पर अपनी जीभ को फिराते हुए उन्होंने एक एक इंच करके किसी अजगर की तरह मेरा लंड निगल लिया।
मैंने मन ही मन सोचा- एक्सपेरिएंस भी कोई चीज होती है…
उनका परिपक्व मुंह मेरे लंड को चूस भी रहा था, काट भी रहा था और अन्दर बाहर भी कर रहा था।
मेरे लंड का किसी अनुभवी मुंह में जाने का ये पहला अवसर था, मुझ से ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ, चाची जान के गर्म मुंह ने जल्दी ही मुझे झड़ने के कगार पर पहुंचा दिया। मेरे लंड से वीर्य की बारिश होने लगी चाची जान के मुंह के अन्दर… उन्होंने एक भी बूँद जाया नहीं जाने दी और सब पी गयी।
चाची जान ने मेरे लंड को आखिरी बार चूसा और छोड़ दिया- तुम यही चाहते थे न?
मैंने उनके कंधे पर दबाव डाला और उन्हें बेड पर लिटा दिया- हाँ बिल्कुल यही… तुम बिल्कुल परफेक्ट हो चाची जान… अब लेट जाओ।
पीछे से शबाना ने उन्हें कंधे से पकड़ा और चाची जान के मुंह के दोनों तरफ टाँगें करके उनके मुंह के ऊपर बैठ गयी.
“आआअह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… म्मम्म म्मम्म…” और अपनी गीली योनि उनके मुंह से रगड़ने लगी।
मैंने चाची जान की टाँगें पकड़ी और हवा में उठा ली और उनकी जांघो पर हाथ टिका कर अपना मुंह उनकी दहकती हुई योनि में दे मारा। मैंने जैसे ही अपनी जीभ उनकी योनि में डाली, उन्होंने एक झटका मारा…”आआअह्ह…यीईईईईईई…” और मेरी गर्दन के चारों तरफ अपनी टाँगें लपेट ली और अपने योनिड़ उछाल उछाल कर मेरा मुंह चोदने लगी।
चाची जान की योनि शबाना और उसकी सहेलियों की योनि से बिल्कुल अलग थी। वो एक पूरी औरत की योनि थी जिसकी एक जवान लड़की भी थी और मजे की बात ये थी कि मैं उनकी लड़की की योनि भी चाट और मार चुका था।
शबाना भी बड़ी तेजी से अपनी बिना बालों वाली योनि को उनके मुंह में घिस रही थी। मैंने चाची जान की योनि पर काटना और चुसना शुरू कर दिया। जल्दी ही उनकी योनि के अन्दर से एक सैलाब सा उमड़ा और मेरे पूरे मुंह को भिगो दिया।
उनका रस भी बड़ा मीठा था, मैंने जल्दी से सारा रस पी लिया।
उधर शबाना ने भी अपनी टोंटी चाची जान के मुंह में खोल दी और अपना अमृत उन्हें पिला दिया।
हम सभी धीरे से अलग हुए और थोड़ी देर तक सांस ली। चाची जान का चेहरा उत्तेजना के मारे तमतमा रहा था, उन्होंने उठने की कोशिश की पर उनके पैर लड़खड़ा रहे थे।
चाची जान बिस्तर से उठते हुए बोली- मुझे अब वापिस जाना चाहिए उस रूम में।
“प्लीज चाची जान दुबारा आना!” मैंने उन्हें कहा।
शबाना- और फारुख अंकल को भी लेकर आना और मॉम डैड को मत बताना।
चाची जान ने हँसते हुए कहा- ठीक है आऊँगी… और तुम्हारे अम्मी अब्बू को भी नहीं बताऊँगी.
और फिर चली गयी।
चाची जान के जाते ही मैंने आयना हटा कर देखा। वो अन्दर गयी और चुदाई समारोह में जाकर वापिस शरीक हो गयी। अब्बू ने अपना रस अम्मी की योनि में निकाल दिया था। चाची जान ने जाते ही अपनी डिश पर हमला बोल दिया और अम्मी की योनि में से सारी मलाई खा गयी।
चाची जान को झड़े अभी 5 मिनट ही हुए थे पर जैसे ही चाचू ने उनकी योनि में लौड़ा डाला वो फिर से मस्ता गयी और अपनी मोटी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी। जल्दी ही चाचू का लंड… जो अम्मी के चूसने की वजह से झड़ने के करीब था, चाची जान की गीली योनि में आग उगलने लगा।
सभी हाँफते हुए वहीं बेड पर लुढ़क गए।
थोड़ी देर में अम्मी और अब्बू उठे और अपने रूम में चले गए।
अम्मी अब्बू के जाते ही मैंने शबाना को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके गीले और लरजते हुए होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो भी दोबारा गर्म हो चुकी थी, उसके होंठ चूसते हुए मैंने उसके चुचे दबाने शुरू किये और जल्दी ही उसके निप्प्ल्स को अपने होंठों के बीच रख कर चबाने लगा।
शबाना पागल सी हो गयी मेरे इस हमले से… वो चिल्लाई- आआआ आअयीईईई ईईईइ… म्म्म्म म्म्म्मम… चुसो ऊऊऊ… इन्हें… अयीईईईईइ थोड़ा धीरेईईईए… अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह…
वो बुदबुदाती जा रही थी, जल्दी ही मैं उन्हें चूसता हुस नीचे की तरफ चल दिया और उसकी रस टपकाती योनि में अपने होंठ रख दिए। शबाना से भी बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, उसने पलट कर 69 की अवस्था ली और मेरा फड़कता हुआ लंड अपने मुंह में भर लिया और तेजी से चूसने लगी।
उधर दूसरे रूम में अम्मी अब्बू के जाते ही… थोड़ी देर लेटने के बाद चाची जान उठ कर आयने के पास आई और आयना हटा कर झाँकने के बाद देखा… तो मुझे और शबाना को 69 की अवस्था में देख कर मुस्कुरा दी।
उन्होंने इशारे से फारुख चाचू को अपने पास बुलाया। वो उठे और नंगे आकर चाची जान के पीछे खड़े हो गए। अन्दर झांकते ही वो सारा माजरा समझ गए और मुझे और शबाना को ऐसी अवस्था में देख कर आश्चर्य चकित रह गए। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि हम दोनों भाई बहन ऐसा कर सकते हैं पर फिर उन्होंने सोचा की जब वो अपने भाई और भाभी के साथ खुल कर अपनी पत्नी को शामिल कर के मजा ले सकते हैं तो ये भी मुमकिन है।
उनकी नजर जब शबाना की मोटी गांड पर गयी तो उन का मुरझाया हुआ लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा।
चाची जान ने फारुख को सारी बात बता दी कि कैसे हम दोनों उनके रूम में देखते हैं और शायद वो ही देख देख हम दोनों भाई बहन भी एक दूसरे की चुदाई करने लगे हैं।
मेरी एक उंगली शबाना की गांड के छेद में थी और मेरा मुंह उसकी योनि में। वो अपनी गांड को गोल गोल घुमा रही थी और मुंह से सिसकारियां ले लेकर मेरा लंड चूस रही थी।
चाचू ने जब शबाना की गोरी, मोटी घूमती गांड देखी तो वो पागल ही हो गए। उन्होंने पहले ऐसा कभी शबाना के बारे में सोचा नहीं था। चाची जान ने बताना चालू रखा कि कैसे वो बाथरूम में गयी और नंगी मुझ से मिली और वापिस उनके रूम में जा कर उन्होंने मेरा लंड चूसा और शबाना की योनि चाटी।
चाचू चकित हो कर सभी बातों को सुन रहे थे, उनकी नजर शबाना के नंगे बदन से हट ही नहीं रही थी और जब चाची जान ने ये बताया कि उन्होंने उन दोनों को अपने रूम में बुलाया है और खास कर शबाना ने बोला है कि ‘चाचू को भी लेकर आना…’ तो फारुख समझ गया कि उसकी भतीजी की योनि तो अब चुदी उस के लंड से।
चाचू ने झट से निदा को कहा- तो चलो न, देर किस बात की है, चलते हैं उनके रूम में…
चाची जान- अभी…? अभी चलना है क्या?
चाचू- और नहीं तो क्या… देख नहीं रही कैसे दोनों गर्म हुए पड़े हैं।
चाची जान- हाँ…! ठीक है, चलते हैं, मुझे वैसे भी समीर के लंड का स्वाद पसंद आया, देखती हूँ कि उसे इस्तेमाल करना भी आता है या नहीं।
दोनों धीरे से अपने कमरे से निकले और हमारे रूम में आ गए। हम दोनों एक दूसरे में इतने खो गए थे कि हमें उनके अन्दर आने का पता ही नहीं चला। चाचू बेड के सिरे की तरफ जा कर खड़े हो गए। वहां शबाना का चेहरा था जो मेरा लंड चूसने में लगा हुआ था।
शबाना ने जब महसूस किया कि कोई वहां खड़ा है तो उसने अपना सर उठा कर देखा और चाचू को पा कर वो सकपका गयी। नजरें घुमा कर जब चाची जान को देखा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए अपनी आँखों के इशारे से शबाना को चाचू की तरफ जाने को कहा।
वो समझ गयी और अपना हाथ ऊपर करके अपने सगे चचा जान का काला लंड अपने हाथों में पकड़ लिया।
चाचू के मोटे लंड पर नन्हे हाथ पड़ते ही वो सिहर उठे…”आआआ आअह्ह्ह…” और उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली।
शबाना थोड़ा उठी और अपने होंठों को चाचू के लंड के चारों तरफ लपेट दिया।
मैंने जब महसूस किया कि शबाना ने मेरा लंड चूसना बंद कर दिया है तो मैंने अपना सर उठा कर देखा और अपने सामने चाची जान को मुस्कुराते हुए पाया। मैं कुछ समझ पाता इससे पहले ही चाची जान ने अपनी टाँगें घुमाई और मेरे मुंह की सवारी करने लगी।
चाची जान की योनि काफी गीली थी, शायद दुसरे कमरे में चल रही चुदाई की वजह से और हमें देखने की वजह से भी।
“आआआ आआआ आआह्ह्ह” चाची जान ने लम्बी सिसकारी ली।
चाची जान ने भी झुक कर मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मैंने अपनी जीभ चाची जान की योनि में काफी गहरायी तक डाल दी। इतना गहरा आज तक मैं नहीं गया था। उनकी योनि और चूतों के मुकाबले थोड़ी बड़ी थी, शायद इस वजह से।
चाची जान मेरे ऊपर पड़ी हुई मचल रही थी, उन्होंने मेरा लंड एक दम से छोड़ दिया और घूम कर मेरी तरफ मुंह कर लिया और अपनी गीली योनि में मेरा लंड लगाया और नीचे होती चली गयी.
“म्मम्म म्मम… आआआ आआआह्ह्ह… मजा आ गया…” वो बुदबुदाई और अपने गीले होंठ मेरे होंठों पर रख दिए।
|