Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
12-07-2018, 01:25 PM,
#19
RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
टेबल पर मैंने देखा कि दो लड़कियां बैठी है एक ही उम्र की… वो शायद जुड़वाँ बहनें थी क्योंकि उनका चेहरा काफी हद तक एक दूसरे से मिलता था।
शबाना ने उनसे बात करनी शुरू की।
शबाना- हाय… मेरा नाम शबाना है… और ये है मेरा भाई समीर!
उनमें से एक लड़की बोली- हाय शबाना… मेरा नाम रुबीना है और ये मेरी जुड़वाँ बहन साजिदा।
वो दोनों बातें कर रहे थे और मैं अपनी आँखों से उन्हें चोदने में…दोनों ने जींस और टी शर्ट पहन रखी थी, दोनों काफी गोरी चिट्टी थीं। एक समान मोटी मोटी छातियाँ, पतली कमर, फैले हुए कूल्हे और स्किन टाइट जींस से उभरती उनकी मोटी-२ टांगें।
वो देखने से किसी बड़े घर की लग रही थी।
साजिदा जो चुपचाप बैठी हुई थी… मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दी। मैंने भी उसे स्माइल पास की। फिर हमने काफी देर तक एक दूसरे से बात की। उन्होंने बताया कि वो भी पहली बार यहाँ आई हैं और उनके अब्बू काफी बड़े बिज़नेसमैन हैं।
उनका रूम सामने ही था, मैंने कुछ सोच कर उनसे कहा- चलो, हमें भी अपना रूम दिखाओ!
और हम उनके साथ चल पड़े।
अन्दर जाकर देखा तो वो बिल्कुल हमारे जैसा रूम ही था। मैंने आयने के पास जाकर देखा और उसे थोडा हिलाया… दूसरी तरफ का नजारा मेरे सामने था। मैं समझ गया कि यहाँ हर रूम ऐसे ही बना हुआ है जिस में आयना हटाने से दूसरे रूम में देख सकते हैं।
हम ने थोड़ी देर बातें करी और वापिस लौट आये। मेरे दिमाग में अलग अलग तरह के विचार आ रहे थे। शाम को हम सभी बच्चों के लिए रंगारंग कार्यक्रम था। हम सब वहां जा कर बैठ गए।
थोड़ी देर में ही मैंने पेशाब का बहाना बनाया और वहां से बाहर आ गया और पास के ही एक रूम में जहाँ से रोशनी आ रही थी… चुपके से घुस गया। ड्राइंग रूम में कोई नहीं था। एक बेडरूम में से रोशनी आ रही थी, मैं उसके साथ वाले रूम में घुस गया, वहां भी कोई नहीं था।
मैंने जल्दी से दीवार पर लगे आयने को हटाया और दूसरी तरफ देखा। मेरा अंदाजा सही था… वहां भी ओर्गी चल रही थी… दो औरतें और दो मर्द एक ही पलंग पर चुदाई समारोह चला रहे थे।
दोनों औरतें काफी मोटी और भरी छाती वाली थी। एक की गांड तो इतनी बड़ी थी कि मैं भी हैरान रह गया। वो एक आदमी का लंड चूस रही थी और दूसरी उसकी योनि चाट रही थी और उसकी गांड दूसरा आदमी मार रहा था।
पूरे कमरे में सिसकारियां गूंज रही थी।
मैंने जींस से अपना लंड बाहर निकाला और मुठ मारना शुरू कर दिया। जो औरत लंड चूस रही थी.. वो उठी और मेरी तरफ अपनी मोटी सी गांड करके कुतिया वाले आसन में बैठ गयी। एक आदमी पीछे से आया और अपना थूक से भीगा हुआ लंड उसकी योनि में डाल दिया।
दूसरी औरत भी उठी और उसके साथ ही उसी आसन मैं बैठ गयी और दूसरे आदमी ने अपना मोटा काला लंड उसकी गांड में पेल दिया। दोनों ने एक दूसरे को देखा और ऊपर हाथ करके हाई फाइव किया और एक आदमी दूसरे से बोला- यार, तू सही कह रहा था.. तेरी बीवी राफिया की गांड काफी कसी है.. हा हा!
दूसरे ने जवाब दिया- और तेरी बीवी की योनि भी कम नहीं है। फिजा भाभी की मोटी गांड को मारने के बाद इनकी योनि में भी काफी मजा आ रहा है.
और दोनों हंसने लगे।
मैंने गौर किया कि उनकी बीवियाँ… राफिया और फिजा भी उनकी बातें सुनकर मुस्कुरा रही है.
मैंने ये सोचकर कि वो दोनों कितने मजे से एक दूसरे की बीवियों की गांड और योनि मार रहे हैं, अपने हाथ की स्पीड बढ़ा दी। वहां चर्म-सीमा पर पहुँच कर राफिया और फिजा की चीख निकली और यहाँ मेरे लंड से गाढ़ा गाढ़ा वीर्य उस दीवार पर जा गिरा।
मैंने अपना लंड अन्दर डाला और बाहर निकल गया। मैंने वापिस पहुँच कर शबाना को इशारे से बाहर बुलाया। उसे भी प्रोग्राम में मजा नहीं आ रहा था, बाहर आकर मैंने शबाना को सारी बात बताई। वो मेरी बात सुन कर हैरान हो गयी, उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं ऐसे किसी और रूम में घुस गया पर जब चुदाई की बात सुनी तो वो भी काफी उत्तेजित हो गयी।
मैंने उसे अपना प्लान बताया। मैंने कहा- यहाँ कुछ ही लोग अपने बच्चे साथ लाये है। बाकी फॅमिली अकेली हैं और रोज शाम को प्रोग्राम के बहाने से बच्चों को बाहर निकाल कर वो अपने रूम में ओर्गी कर सकते हैं।
मैंने शबाना से कहा- हम रोज किसी भी रूम में घुसकर देखेंगे कि वहां क्या हो रहा है. और अगर इस खेल को और भी मजेदार बनाना है तो कुछ और बच्चों को भी इसमें शामिल कर लेते हैं।
ये सब तय करने के बाद हम दोनों वापिस अपने रूम की तरफ आ गए। रुखसाना वहीं प्रोग्राम में बैठी थी। अन्दर आकर हमने नोट किया कि फारुख चाचू के रूम की लाइट जल रही है। मेरे चेहरे पर मुस्कान दौड़ गयी और हम चुपके से अपने रूम में घुस गए।
आयना हटा कर देखा तो अंदर वासना का वो ही नंगा नाच चल रहा था। निदा चाची जान और मेरी अम्मी शाजिया नंगी लेटी हुई एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रही थी। मेरी अम्मी की गांड हवा में थी जबकि चाची जान पीठ के बल लेटी हुई अपनी टाँगें ऊपर किये हुए मेरे अब्बू का मूसल अपनी योनि में पिलवा रही थी।
मैंने शबाना के कान में कहा- देखो तो साली निदा चाची जान कैसे चुदक्कड़ औरत की तरह अपनी योनि मरवा रही है… कमीनी कहीं की… कैसे हमारे बाप का लंड अपनी योनि में ले कर हमारी अम्मी के होंठ चूस रही है कुतिया…
शबाना भी हमारी चाची जान की कामुकता और अन्दर का नजारा देखकर गर्म हो चुकी थी, मेरी गन्दी भाषा सुन कर वो भी उत्तेजित होते हुए बोली- हाँ भाई देखो तो जरा, हमारी कुतिया अम्मी को, कैसे फारुख चाचू के घोड़े जैसे काले लंड को अपनी गांड में ले कर चीख रही है मजे से… अम्मी के चुचे कैसे झूल रहे हैं और निदा चाची जान कितने मजे से उन्हें दबा रही है और अब्बू का लंड तो देखो कितना शानदार और ताकतवर है, कैसे चाची जान की योनि में डुबकियां लगा रहा है… काश मैं होती चाची जान की जगह!
मैं समझ गया कि अगर शबाना को मौका मिला तो वो अपने बाप का लंड भी डकार जायेगी।
अब्बू ने अपनी स्पीड तेज कर दी, निदा चाची जान की आवाजें तेज हो गयी, वो लोग समझ रहे थे कि घर में वो अकेले हैं, बच्चे तो बाहर गए हैं इसलिए वो तेज चीखें भी मार रहे थे और तरह तरह की आवाजें भी निकाल रहे थे।
तभी चाची जान चिल्लाई- आआह्ह… माआआह… जेठ जी… चोदो मुझे… और जौरर सेईईई… आआहहह… फाड़ डालो मेरी योनि… बड़ा अच्छा लगता है आपका लंड मुझे… चोदो… आआअह्ह…
चाची जान ने एक हाथ से मेरी अम्मी के चुचे बुरी तरह नोच डाले।
मेरी अम्मी तड़प उठी और जोर से चिल्लायी- आआआ आआअह्ह कुतियाआअ… छोड़ मेरी छाती… साली हरामजादी… मेरे पति का लंड तुझे पसंद आ रहा है… हांन्न… और तेरा ये घोड़े जैसा पति जो मेरी गांड मार रहा है उसका क्या… बोल कमीनी… उसका लंड नहीं लेती क्या घर में… मेरा बस चले तो मैं अपने प्यारे देवर का लंड ही लूं…
मेरी अम्मी चिल्लाये जा रही थी और अपनी मोटी गांड हिलाए जा रही थी।
फारुख चाचू ने अपनी स्पीड बढ़ाई और मेरी अम्मी के कूल्हे पकड़ कर जोर से झटके देते हुए बोले- भाभी… ले अपने प्यारे देवर का लण्ड अपनी गांड में… सच में भाभी आपकी गांड मार कर वो मजा आता है कि क्या बोलूं… आआआह्ह्ह… तेरे जैसी हरामजादी भाभी की गांड किस्मत वालों को ही मिलती है… चल मेरी कुतिया… ले ले मेरा लंड अपनी गांड के अन्दर तक्क्क…
और चाचू ने अपना लावा मेरी अम्मी की गांड में उड़ेलना शुरू कर दिया।
मेरी अम्मी के मुंह से अजीब तरह की चीख निकली- आय्यय्य्य्यी… आआआह..
और उन्होंने आधे खड़े होकर अपनी गर्दन पीछे करी और फारुख चाचू के होंठ चूसने लगी। चाचू का हाथ अम्मी की योनि में गया और अम्मी वहीं झड़ गयी- आआआह्ह… म्मम्मम…
वहां मेरे अब्बू भी कहाँ पीछे रहने वाले थे- ले निदा… मेरी जान… मेरी कुतिया… अपने आशिक जेठ का लंड अपनी योनि में ले… तेरी योनि में अभी भी वो ही कशिश है जो सालों पहले थी… और तेरे ये मोटे मोटे चुचे… इन पर तो मैं फ़िदा हूँ…
यह कह कर अब्बू ने झुक कर निदा चाची जान के दायें चुचे को मुंह में भर लिया और जोर से काट खाया।
चाची जान चीखी- आआअह कुत्त्त्ते… छोड़ मुझे… आह्ह्ह्ह… म्म्म्म म्म्म्मम्म
और मेरे अब्बू का मुंह ऊपर कर के उनके होंठों से अपने होंठ जोड़ दिए और चूसने लगी किसी पागल बिल्ली की तरह।
अब्बू से सहन नहीं हुआ और अपना रस उन्होंने चाची जान के अन्दर छोड़ दिया। चाची जान भी झड़ने लगी और अपनी टाँगें अब्बू के चारों तरफ लपेट ली।
सभी हाँफते हुए वहीँ पलंग पर गिर गए।
शबाना ने घूम कर मुझे देखा, उसकी आँखें लाल हो चुकी थी, उसने अपने गीले होंठ मुझ से चिपका दिए और मेरे हाथ पकड़ कर अपने सीने पर रख दिए। मैंने उन्हें दबाया तो उसके मुंह से आह निकल गयी।
मैंने उसे उठा कर पलंग पर लिटाया और उसके कपड़े उतार दिए। शबाना की योनि रिस रही थी अपने रस से… मैंने अपना मुंह लगा दिया उसकी रस टपकाती योनि पर और पीने लगा.
वो मचल रही थी बेड पर नंगी पड़ी हुई, उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे ऊपर खींचा और अपनी योनि में भीगे मेरे होंठ चाटने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड को अपनी योनि पर टिकाया और “सुर्रर” करके मेरे मोटे लण्ड को निगल गयी।
शबाना ने किस तोड़ी और धीरे से चिल्लाई- आआआहहह…
आज वो काफी गीली थी। मैंने अपना मुंह उसके एक निप्पल पर रख दिया… वो सिहर उठी और प्यार से मेरी तरफ देखकर बोली- मेरा बच्चा…
ये सुनकर मैंने और तेजी से उसका “दूध” पीना शुरू कर दिया।
शबाना ने मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर आ गयी.. बिना अपनी योनि से मेरा लंड निकाले और अपने बाल बांध कर तेजी से मेरे ऊपर उछलने लगी। मैंने हाथ ऊपर करे और उसके चुचे दबाते हुए अपनी आँखें बंद कर ली।
जल्दी ही वो झड़ने लगी और उसकी स्पीड धीरे होती चली गयी और अंत में आकर उसने एक जोर से झटका दिया और हुंकार भरी और मेरे सीने पर गिर गयी।
अब मैंने उसे धीरे से नीचे लिटाया, वो अपने चार पायों पर कुतिया की तरह बैठ गयी और अपनी गांड हवा में उठा ली। मैंने अपना लंड उसकी योनि में डाला और झटके देने लगा। मेरी एक उंगली उसकी गांड में थी।
मैंने किसी कसाई की तरह उसे दबोचा और अपना घोड़ा दौड़ा दिया। वो मेरे नीचे मचल रही थी। मैंने हाथ आगे करे और उसके झूलते हुए सेब पर टिका दिए। मेरा लंड इस तरह काफी अन्दर तक घुस गया।
मेरे सामने आज शाम की घटना और दूसरे रूम में हुई शानदार चुदाई की तसवीरें घूम रही थी। ये सोचते सोचते जल्दी ही मेरे लंड ने जवाब दे दिया और मैंने भी अपने लंड का ताजा पानी अपनी बहन के गर्भ में छोड़ दिया।
बुरी तरह से चुदने के बाद शबाना उठी और बाथरूम में चली गयी।
मुझे भी बड़ी जोर से सुसु आया था, मैंने सिर्फ अपनी चड्डी पहनी और दरवाजा खोल कर बाहर बने कॉमन बाथरूम में चला गया। मैंने अपना लंड निकाला और मूत की धार मारनी शुरू कर दी।
मैंने मूतना बंद ही किया था कि बाथरूम का दरवाजा खुला और निदा चाची जान नंगी अन्दर आई और जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया, पर जैसे ही मुझे देखा तो वहीं दरवाजे पर ठिठक कर खड़ी हो गयी। मेरे हाथ में मेरा मोटा लंड था।
निदा चाची जान ने कहा- ओह्ह्ह… सॉरी…
मैंने वहीं खड़े हुए कहा- क्या आपको दरवाजा खड़काना नहीं आता?
मेरा लंड अभी भी मेरे हाथ में था।
निदा चाची जान ने शर्माते हुए कहा- सॉरी… मुझे माफ़ कर दो समीर… अन्दर अँधेरा था तो मैंने सोचा अन्दर कोई नहीं है… और वैसे भी तुम लोग तो बाहर प्रोग्राम देख रहे थे न?
वो अपने नंगे जिस्म को छुपाने की कोशिश कर रही थी।
मैंने उनकी आँखों में देखकर कहा- मेरा वहां मन नहीं लगा इसलिए वापिस आ गया… और…
निदा चाची जान ने सकुचाते हुए और मेरी बात काटते हुए कहा- और ये कि… मुझे शू शू आया है।
मैं- हाँ तो कर लो न…
चाची जान का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था- तुम बाहर जाओगे तभी करुँगी न!
मैं- तुमने मुझे देखा है सू सू करते हुए… तो मेरा भी हक बनता है तुम्हें सू सू करते हुए देखने का…
और मैं दीवार के सहारे खड़ा हो गया और अपना लम्बा लंड उनके सामने मसलने लगा।
चाची जान ने ज्यादा बहस करना उचित नहीं समझा और जल्दी से सीट पर आकर बैठ गयी। पेशाब की धार अन्दर छुटी और मैंने देखा कि उनके निप्पल कठोर होते चले जा रहे हैं।
सू सू करने के बाद उन्होंने पेपर से अपनी योनि साफ़ करी और खड़ी हो गयी।
निदा ने कहा- ठीक है… अब खुश हो?
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- हाँ… पर मैं तुम्हें कुछ दिखाना भी चाहता हूँ…
मैंने अपनी योजना के आधार पर उन्हें कहा।
“अभी…? तुम्हें नहीं लगता कि मुझे कुछ कपड़े पहन लेने चाहियें… और तुम्हें भी!” चाची जान ने अपनी नशीली आँखें मेरी आँखों में डाल कर कहा।
मैंने कहा- इसमें सिर्फ दो मिनट लगेंगे… आपको हमारे रूम में चलना होगा।
“चलो फिर जल्दी करो… देखूँ तो सही तुम मुझे क्या दिखाना चाहते हो?” चाची जान ने कहा और दरवाजा खोलकर मेरे साथ चल दी… नंगी।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान - by sexstories - 12-07-2018, 01:25 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,519,113 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,334 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,615 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,176 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,664,079 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,089,990 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,966,013 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,104,305 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,051,259 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,592 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)