RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
फातिमा ने शायद सोचा की इसका स्वाद शबाना के रस से थोड़ा अलग है पर टेस्टी है तो फिर उसने अपने चेहरे से बहते हुए रस को अपनी उँगलियों से समेटा और निगल गई. फातिमा ने देखा कि शबाना बड़े मजे से अपना मुंह खोलकर मेरी धारें अपने चेहरे और मुंह पर मरवा रही है और बड़े मजे से पी भी रही है.
मेरा लंड धीरे से मुरझाने लगा और शबाना ने फातिमा की तरफ देखा और उसे गले से लगा लिया और बोली- देखा कितना मजा आया… कितना उत्तेजक था.
यह बोल कर शबाना अपने चेहरे पर बचा हुआ रस चाटने लगी.
फातिमा- हाँ… बड़ा ही मजेदार था, मुझे भी देखने में काफी अच्छा लगा.
शबाना- क्या तुम्हें इसके रस का स्वाद पसंद आया?
फातिमा शर्माते हुए- हाँ… ठीक था.
शबाना- चलो फिर मेरे चेहरे से सारा रस चाट कर इसे साफ़ कर दो… जल्दी!
फातिमा ने सकुचाते हुए कहा- ठीक है.
और अपनी लम्बी जीभ निकालकर शबाना का चेहरा चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में वो बिल्कुल साफ़ हो गया और फातिमा चटखारे लेते हुए पीछे हो गई.
मैंने अपने मुरझाये हुए लंड को निचोड़ कर आगे किया और उसके सिरे पर बड़ी सी वीर्य की बूंद चमकने लगी तो मैंने दोनों से कहा- अब इसका क्या होगा?
शबाना- फातिमा तुम चाट लो इसे!
फातिमा घबराते हुए बोली- मैं… नहीं मैं कैसे!?!
मैं- जल्दी करो… नहीं तो मैं जा रहा हूँ.
शबाना- अरे चलो भी फातिमा, अब क्यों शरमा रही हो… चूस लो.
फातिमा- नहीं मैं नहीं कर सकती.
शबाना- बिल्कुल कर सकती हो!
और उसने फातिमा का चेहरा पकड़ कर आगे किया और दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर उसके मुंह में डाल दिया.
मैंने महसूस किया कि फातिमा के होंठ मेरा लंड मुंह में लेते ही बंद हो गए और उसकी जीभ मेरे लंड के सिरे को कुरेदने लगी. एक दो बार चाटने के बाद उसने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया.
शबाना ने पूछा- कैसा लगा?
फातिमा बोली- मजेदार… काफी नर्म और गर्म है ये तो… मुझे नहीं लगता ये जल्दी पहले जैसा कड़ा हो सकेगा.
मैंने कहा- थोड़ा और चूसो… तब बोलना!
शबाना ने भी उसे उकसाते हुए कहा- हाँ हाँ चलो थोड़ा और चूसो फातिमा… देखते हैं क्या होता है.
फातिमा ने अपना मुंह जल्दी से खोला और मैंने आगे बढ़कर उसका मुख अपने लंड से भर दिया. वो उसे अब पहले से ज्यादा तेजी से चूसने लगी और अपनी जीभ का भी इस्तेमाल कर रही थी और अपने दूसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर हलके से दबा भी रही थी.
मेरे लंड ने वसीम रूप लेना शुरू कर दिया. मैंने फातिमा को धक्का देकर बेड पर लिटा दिया. मेरा लंड अभी भी उसके मुंह में था और मैं उसके सख्त और गद्देदार चूचों पर हल्के भार से बैठ गया.
पीछे से शबाना ने बिना कोई वक़्त गवाएं झुक कर अपना चेहरा उसकी काली योनि पर टिका दिया और चूसने लगी.
मैं अपने लंड से फातिमा का मुंह चोद रहा था और शबाना अपनी जीभ से उसकी योनि.
फातिमा के लिए ये बहुत था, वो बेड पर लेटी हुई मचलने लगी और अपने एक हाथ से मुझे और दूसरे से शबाना को धक्का देने लगी पर शबाना ने उसकी दोनों टांगों को इस तरह से जकड़ रखा था कि वो छुड़ा ही नहीं पाई और मैं तो उसके चेहरे पर बैठा था और मेरे वजन को हटा पाना उसके बस का नहीं था.
फातिमा सिसकार उठी… उसके शरीर में तरंगें उठने लगी और फिर उसे ऐसा लगा कि पूरे शरीर में करंट लग गया है. वो अकड़ गई और उसकी योनि हवा में उठ गई और वो झड़ने लगी और उसकी योनि में से रस दनादन बहकर बाहर आने लगा.
शबाना ने उसे फिर भी नहीं छोड़ा और फातिमा के उठते हुए योनिड़ों के साथ वो भी उठ गई और रसपान जारी रखा. शबाना ने पीछे से एक हाथ आगे करके मेरी गांड में उंगली डाल दी. मेरे लिए यह काफी था, मेरा भी लंड अपना रस छोड़ने लगा और फातिमा ने भी कोई गलती नहीं की और वो भी मेरा सारा रस पी गई.
जब सब कुछ शांत हो गया तो मैं उसके ऊपर से हट गया. शबाना ने भी उसकी योनि से अपना मुंह हटा लिया और खड़ी हो गई.
शबाना का पूरा चेहरा फातिमा के रस से भीगा हुआ था. फातिमा का चेहरा भी लाल सुर्ख हुआ पड़ गया था पर उसकी आँखों में एक अलग ही चमक थी.
मैंने कहा- वाह… ये तो बहुत ही मजेदार था, मुझे तो काफी अच्छा लगा.
फातिमा ने भी खुश होते हुए कहा- मुझे तो ये विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हमने ये सब किया.
मैंने कहा- हाँ… बहुत मजेदार था.
और आगे बढ़ कर फातिमा के होंठों को चूम लिया.
मेरे चूमते ही फातिमा ने अपने हाथ मेरी गर्दन के चारों तरफ लपेट दिए और मुझे फ्रेंच किस करने लगी. उसके अधीर होठों ने मेरे होंठ पकड़ लिए और चूसने लगी. फातिमा के होंठ काफी गर्म थे और उसकी जीभ मेरे मुंह के अन्दर जाकर मेरी जीभ को चाटने लगी.
फातिमा के कठोर चूचे मेरे नंगे सीने से टकरा रहे थे. मेरा एक हाथ अपने आप उन पर चला गया. वो थोड़ा पीछे हुई और हम दोनों बेड पर गिर पड़े और उसका नाजुक सा शरीर मेरे नीचे मचलने लगा.
ये सब देखकर शबाना आगे आई और हमें अलग करते हुए कहा- चलो चलो, बहुत हो गया. आज के लिए इतना ही काफी है. और भैया तुम अपने रूम में जाओ अब!
मैंने अनमने मन से अपने कपड़े पहने और अपने रूम में आ गया और छेद से देखने लगा.
शबाना ने एक छलांग लगाकर अपना चेहरा फातिमा की योनि पर टिका दिया था और अपनी योनि उसके चेहरे पर और फिर दोनों 69 के आसन में एक दूसरे की योनि को चूसने लगी.
मैंने भी अपना लंड निकालकर हिलाना शुरू कर दिया और सोचने लगा कि काश मैं भी वहीं पर होता!
पर जल्दी ही सभी झड़ गए और सोने चले गए.
अगली सुबह जब मैं उठा तो मैंने भाग कर अपनी आँख छेद पर लगा दी. मैंने देखा कि वो दोनों उठ चुकी हैं और दोनों के मुंह एक दूसरी की योनि में चिपके हुए हैं.
मैं अपने रूम से निकला और चुपके से उनके रूम में दाखिल हो गया.
शबाना का चेहरा दरवाजे की तरफ था और वो फातिमा के ऊपर लेटी हुई थी. फातिमा का चेहरा शबाना की मांसल जांघों के बीच पिस रहा था. शबाना बड़ी बेरहमी से अपनी योनि फातिमा के मुंह पर रगड़ रही थी. फातिमा भी उसकी योनि चाटने में और अपनी चटवाने में व्यस्त थी.
मैं थोड़ा आगे आया और बेड के पास आकर खड़ा हो गया. शबाना को मेरे आने का आभास हो गया और उसने चेहरा उठाकर मुझे देखा और मुस्कुरा दी. मैंने भी मुस्कुराते हुए अपना पायजामा नीचे गिरा दिया और अपना खड़ा हुआ लंड उसे दिखाया.
मैं अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपना मुंह फातिमा की योनि पर टिका दिया. शबाना अपने एक हाथ से फातिमा की योनि का दाना मसल रही थी और मैं फातिमा की रसीली योनि को साफ़ करने में लग गया.
अपनी योनि पर हुए अलग तरह के हमले से फातिमा सिहर उठी और उसने भी शबाना की योनि पर दोगुने जोश से हमला बोल दिया और फिर दोनों झड़ने लगी.
मैंने अपने मुंह पर फातिमा के रस का सैलाब महसूस किया और उसे पीने में जुट गया. फातिमा भी शबाना के रस से नहा चुकी थी और अपने मुंह से उसकी योनि को चाटने में लगी हुई थी. शबाना झड़ कर साइड में हो गई पर मैंने फातिमा की योनि को नहीं छोड़ा.
फातिमा ने नोट किया कि शबाना तो उसके ऊपर से उतर चुकी है फिर भी उसकी योनि पर किसी का मुंह लगा हुआ है तो वो झटके से उठी और मुझे देखकर उछल पड़ी और बोली- अरे तुम… तुम्म कब आये? और ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- नाश्ता!
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